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23 दिसम्बर: राष्ट्रीय किसान दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 दिसम्बर को भारत में राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों के योगदान को सराहना, सम्मान देना और देश में इस अवसर पर किसान जागरूकता को लेकर कार्यक्रम आयोजित करना है. इस अवसर पर देश में किसानों के कल्याण के लिए उनके योगदान का स्मरण किया जाता है.

चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन

यह दिवस देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर मनाया जाता है. उनका जन्म इसी दिन 1902 में हुआ था. वह खुद एक किसान परिवार से थे. भारतीय किसानों की स्थिति में सुधार लाने का श्रेय उन्हें जाता है. भारत सरकार ने 2001 में किसान दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया था.

चौधरी चरण सिंह, जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की थी. इससे पहले 3 अप्रैल 1967 से 25 फरवरी 1968 के बीच वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे.

22 दिसंबर: राष्ट्रीय गणित दिवस, महान गणितज्ञ रामानुजन का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य गणित के शिक्षकों और छात्रों को इस विषय को आसान बनाना और लोगों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ाना है.

वर्ष 2012 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने महान गणितज्ञ रामानुजन की 125वीं वर्षगाठ के मौके पर उनके जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ के रूप में घोषित किया था. पहला ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ 22 दिसंबर 2012 को मनाया गया था.

श्रीनिवास रामानुजन का जन्मदिन

यह दिवस महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. इसी दिन 1887 में श्रीनिवास रामानुजन का जन्म ईरोड नगर (तमिलनाडु) में हुआ था.

श्रीनिवास रामानुजन ने किसी भी तरह की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी लेकिन उन्होंने अपने जीवन में ऐसी-ऐसी खोजें कीं कि बड़े-बड़े गणितज्ञ हतप्रभ रह गए. रामानुजन ने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली थी और बिना किसी की सहायता के खुद से कई प्रमेय (Theorems) भी विकसित किए. उन्होंने संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण, अनंत श्रृंखला और निरंतर अंशों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

रामानुजन धर्म और आध्यात्म में केवल विश्वास ही नहीं रखते थे बल्कि उसे तार्किक रूप से प्रस्तुत भी करते थे. वे कहते थे कि “मेरे लिए गणित के उस सूत्र का कोई मतलब नहीं है जिससे मुझे आध्यात्मिक विचार न मिलते हों.”

20 दिसम्बर: अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 20 दिसम्बर को विश्व अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस (International Human Solidarity Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को विविधता में एकता का महत्व बताते हुए जागरूकता फैलाना है.

संयुक्त राष्ट्र ने एकता का संदेश देने के लिए 20 दिसम्बर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानव एकता दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा 22 दिसंबर 2005 को की थी. इस दिवस को विविधता में एकता के सम्मान में मनाया जाता है.

19 दिसंबर: गोवा मुक्ति दिवस, गोवा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष 19 दिसंबर को गोवा अपना मुक्ति दिवस (Annexation of Goa) मनाता है. 1961 में इसी दिन को गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराया गया था. 19 दिसंबर 2022 को 61वां मुक्ति दिवस मनाया गया. यह दिवस गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्‍त कराने के लिए भारतीय सशस्‍त्र सेना के ऑपरेशन विजय की सफलता के उपलक्ष्‍य में मनाया जाता है.

भारत के आजाद होने के 14 साल बाद तक भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा था. भारतीय संसद ने 1963 में 12वें संविधान संशोधन पारित कर गोवा को भारत में आधिकारिक रूप से शामिल किया था. इस संविधान संशोधन के द्वारा गोवा, दमन व दिउ तथा दादरा व नगर हवेली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. 1987 में गोवा को दमन व दिउ से अलग करके एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया.

गोवा स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मई को गोवा अपना स्थापना दिवस मनाता है. यह दिवस गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 30 मई 1987 में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.

गोवा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सबसे छोटा राज्य है.
  • गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश था. पुर्तगालियों ने गोवा पर लगभग 450 सालों तक शासन किया.
  • इस शहर पर मार्च 1510 में अलफांसो-द-अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों का आक्रमण हुआ.
  • 1815 से 1947 तक गोवा में अंग्रेजों का शासन रहा.
  • आजादी के समय अंग्रेजों की दोहरी नीति व पुर्तगाल के दबाव के कारण गोवा पुर्तगाल को हस्तांतरित कर दिया गया.
  • भारतीय सेना ने 2 दिसंबर को ‘गोवा मुक्ति’ अभियान शुरू कर दिया. वायु सेना ने 8 और 9 दिसंबर को पुर्तगालियों के ठिकाने पर अचूक बमबारी की.
  • इस तरह 19 दिसंबर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने समर्पण समझौते पर दस्तखत कर दिए.
  • गोवा में चुनाव हुए और 20 दिसंबर, 1962 को श्री दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.
  • वर्ष 1967 में वहां जनमत संग्रह हुआ और गोवा के लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया.
  • बाद में 30 मई, 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया और इस प्रकार गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना.

18 दिसम्बर: अल्पसंख्यक अधिकार दिवस

प्रत्येक वर्ष 18 दिसंबर को विश्व में अल्पसंख्यक अधिकार दिवस (Minorities Rights Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य अल्पसंख्यक लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है.

संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाये जाने की घोषणा 1992 में की थी. अल्पसंखयकों के साथ धर्म, भाषा, राष्ट्रीय तथा नस्ल के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 18 दिसम्बर, 1992 को “राष्ट्र, नस्ल, धर्म तथा भाषा के आधार पर लोगों के अधिकारों की घोषणा” को जारी किया था.

संयुक्त राष्ट्र ने तब कहा था कि देशों को अल्पसंख्यकों की संस्कृति, धर्म आदि की रक्षा करने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि उनका अस्तित्व खतरे में न आए. अल्पसंख्यक धर्म, भाषा, राष्ट्रीयता या जाति के आधार पर होते हैं.

18 दिसम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस

प्रत्येक वर्ष 18 दिसम्बर को दुनियाभर में ‘अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ (International Migrants Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य प्रवासी कामगारों से जुड़े आजादी के साथ काम और मानवाधिकार जैसे मुद्दे पर लोगों के विचार साझा करना है.

इस वर्ष यानी 2022 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘प्रवासियों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में एकीकृत करना’ (Integrating migrants into primary health care) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक सम्मलेन में अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस को मनाये जाने से संबंधित प्रस्ताव को 1990 में स्वीकार किया था. यह सम्मेलन प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के सदस्यों के अधिकार और सुरक्षा के लिए आयोजित की गई थी.

16 दिसम्बर: विजय दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 16 दिसम्बर भारत और बांग्लादेश में विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है. यह दिवस वर्ष 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में मिली जीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है. इस वर्ष 16 दिसम्बर 2022 को विजय दिवस की 51वीं वर्षगांठ है.

बंगलादेश भी इस दिन विजय दिवस के रूप में मनाती

भारत की पाकिस्तान पर इस जीत के बाद ही पूर्वी पाकिस्तान को अलग कर बांग्लादेश बनाया गया था. बंगलादेश भी इस दिन विजय दिवस (बिजॉय दिबॉश) के रूप में मनाती है.

पाकिस्‍तानी सेना के आत्‍मसमर्पण के साथ ही मुक्ति संग्राम का अंत और बंगलादेश का निर्माण हुआ था. 13 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े. आज़ादी की ये लड़ाई इतिहास में मुक्ति संग्राम के नाम से दर्ज है.

1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी. इस युद्ध में पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था. इस युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान स्वतंत्र हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है.

14 दिसम्बर: राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस, विश्‍व ऊर्जा संरक्षण दिवस

प्रत्येक वर्ष 14 दिसम्बर को विद्युत मंत्रालय के अधीनस्‍थ ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो (Bureau of Energy Efficiency- BEE) द्वारा ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ (National Energy Conservation Day) मनाया जाता है.

उर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना उर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत की गयी थी, यह एक वैधानिक संस्था है. उर्जा दक्षता ब्यूरो विद्युत् के उचित उपयोग के लिए सरकार की सहायता करता है.

इसी दिन विश्‍व ऊर्जा संरक्षण दिवस (World Energy Conservation Day) भी मनाया जाता है. जलवायु परिवर्तन, ग्‍लोबल वार्मिंग और ऊर्जा स्रोतों की बचत करने के प्रयासों के बारे में जागरूक करने तथा प्रोत्‍साहित करने पर ध्‍यान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

ऊर्जा संरक्षण क्या है?

ऊर्जा संरक्षण से तात्पर्य, ऊर्जा का उपयोग कुशलता पूर्वक करना और अनावश्यक उपयोग को बंद करना है. कुशलता से ऊर्जा का उपयोग भविष्य के लिए बहुत आवश्यक है.

12 दिसम्बर: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस

प्रत्येक वर्ष 12 दिसम्बर को ‘सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस’ (International Universal Health Coverage Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस सारे विश्व में प्रत्येक व्यक्ति को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए सभी देशों को बुलाने की संयुक्त राष्ट्र की सर्वसम्मत संकल्प के उद्देश्य से मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2022 के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘उस दुनिया का निर्माण करें जो हम चाहते हैं: सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य’ (Build the world we want: A healthy future for all) है.

‘सार्वभौमिक कवरेज’ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 1948 के मज़बूत संविधान पर आधारित है, जो यह उद्घोषणा करता है, कि स्वास्थ्य मनुष्य का आधारभूत अधिकार हैं तथा यह सभी को स्वास्थ्य के उच्चतम स्तर की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. संयुक्त राष्ट्र ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस की शुरुआत 2017 में की थी.

11 दिसम्बर: अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस

प्रतिवर्ष 11 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य पर्वत के संरक्षण के लिए प्रेरित करना तथा पर्वतों के महत्व को बताना है.

इस वर्ष यानी 2022 में अन्तर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘Women move mountains’ है.

इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2003 में प्रस्ताव पारित करके की थी. इस दिवस के लिए संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन द्वारा समन्वय किया जाता है.

10 दिसंबर: विश्व मानवाधिकार दिवस





प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्वभर के युवाओं को मानवाधिकारों के प्रति कार्रवाई के लिए जागरूक करना है.

इस वर्ष यानी 2022 के विश्व मानवाधिकार दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘गरिमा, स्वतंत्रता और सभी के लिए न्याय’ (Dignity, Freedom, and Justice for All) है.

संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 1948 में की थी.

1993 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन

भारत में 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार कानून बनाया गया था. इसके बाद भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया था.

क्या है मानवाधिकार?

मानवाधिकार वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता. इसके अनुसार सभी को स्वतंत्रता और समानता का अधिकार जन्मजात ही प्राप्त है और उसे छीनना या बाधा पहुंचाना मानवाधिकारों का हनन होता है.

8 दिसम्बर: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन का घोषणा-पत्र दिवस

8 दिसम्बर 2022 को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) का 38वां घोषणा-पत्र दिवस (38th SAARC Founding Day) मनाया गया. इसी दिन सार्क समूह के घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किये गए थे.

पिछला सार्क शिखर सम्‍मेलन वर्ष 2014 में काठमांडू में हुआ था. 2016 का शिखर सम्‍मेलन पाकिस्‍तान के इस्‍लामाबाद में होना था लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था. बंगलादेश, भूटान और अफगानिस्‍तान के भी इंकार के बाद सम्‍मेलन रद्द कर दिया गया था.

सार्क (SAARC): एक दृष्टि

  • SAARC, South Asian Association for Regional Cooperation (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस) का संक्षिप रूप है.
  • इसकी स्थापना 8 दिसम्बर 1985 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव और भूटान द्वारा मिलकर की गई थी. भारत के प्रयास से अप्रैल 2007 में सार्क के 14वें शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान इसका आठवा सदस्य बना था.
  • सार्क दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है. संगठन के सदस्य देशों में दुनिया की कुल जनसंख्या का 20 फीसदी (लगभग 1.7 अरब) निवास करता है.
  • सार्क का मुख्यालय नेपाल की राजधानी काठमांडू में है. इसका राजभाषा अंग्रेजी है.
  • संगठन का संचालन सदस्य देशों के मंत्रिपरिषद द्वारा नियुक्त महासचिव करते हैं, जिसकी नियुक्ति तीन साल के लिए सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार की जाती है.
  • सार्क के प्रथम महासचिव बांग्लादेश के अब्दुल अहसान और वर्तमान महासचिव पाकिस्तान के अमजद हुसैन बी सियाल हैं.

वर्तमान सदस्य देश

भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफ़ग़ानिस्तान

वर्तमान पर्यवेक्षक देश

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ईरान, चीन, ऑस्ट्रेलिया. म्यान्मार, मॉरिशस और जापान

सार्क चार्टर में परिभाषित किए गए संगठन के उद्देश्य:

  • दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना.
  • क्षेत्र में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाना.
  • दक्षिण एशिया के देशों के बीच सामूहिक आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देना और मजबूती प्रदान करना.
  • आपसी विश्वास, एक दूसरे समस्याओं के प्रति समझ बढ़ाना.
  • आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना.
  • अन्य विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करना.