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5 दिसंबर: विश्व मृदा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है. उल्लेखनीय हैं कि हमारे भोजन का 95 प्रतिशत भाग मृदा से ही आता है.

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) द्वारा ने प्रति वर्ष 5 दिसंबर को ‘विश्व मिट्टी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला 20 दिसंबर 2013 को किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2015 को ‘अन्तर्राष्ट्रीय मृदा वर्ष’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी.

इस वर्ष यानी 2019 के विश्व मृदा दिवस का मुख्य विषय (Theme) ‘Stop soil erosion, Save our future’ (बंद करो मृदा क्षरण, सहेजें हमारा भविष्य) है.

थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन पर मनाया जाता है

5 दिसंबर को थाइलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज (Bhumibol Adulyadej) के जन्मदिन को विश्व मृदा दिवस के रूप में मनाया जाता है. भूमिबोल 70 सालों तक थाइलैंड थे. इस दौरान वह अपने क्षेत्र के हर गरीब से लेकर हर किसान की जिंदगी को सुझारने और खेती को नए आयाम देने के लिए 4 हजार प्रॉजेक्ट्स की शुरुआत की थी. इन सभी योजनाओं का मुख्य केंद्र मिट्टी ही थी. उन्होंने मिट्टी की समस्या पर ‘Sufficiency Economy Philosphy’ नाम की किताब भी लिखी थी.

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5 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस (International Volunteer Day) मनाया जाता है. यह दिवस स्थानीय, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय सभी स्तरों पर परिवर्तन करने में लोगों की भागीदारी के सम्मान के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामुदायिक स्तर पर स्वयंसेवकों की बढ़ती भागीदारी को रेखांकित करना है. ऐसे में दुनिया के सभी देशों को स्वयंसेवकों के योगदान के बारे में याद दिलाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 5 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला 17 दिसंबर 1985 को किया था.

इस वर्ष यानी 2019 के ‘अन्तर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस’ का विषय (थीम) ‘वालंटियर फॉर एन इंक्लूसिव फ्यूचर’ (Volunteer for an inclusive future) है.

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3 दिसंबर: अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons With Disabilities) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य दिव्‍यांगों के हितों की रक्षा करना और समाज में हर वर्ग के दिव्‍यांगों की बेहतरी के लिए जागरूकता पैदा करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1992 के बाद 3 दिसंबर को अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाने का निर्णय लिया था.

इस वर्ष यानी 2019 के ‘अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस’ के विषय ‘विकास एजेंडा 2030 से सम्बंधित कार्यवाही में दिव्‍यांगजनों की सहभागिता और उनके नेतृत्‍व को बढ़ावा देना’ है.

उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अंतरराष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस के अवसर पर उनके सशक्‍तिकरण के लिए कार्य करने वाले संगठनों और उल्‍लेखनीय योगदान करने वाले 65 दिव्‍यांगजनों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किये.

सुगम्य भारत अभियान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसंबर 2015 में सुगम्य भारत अभियान की शुरूआत की थी. इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांग जनों के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है. दिव्यांगों के लिए सुगम और बाधामुक्त वातावरण तैयार करने के अलावा सार्वजनिक परिवहन और भवनों को उनके अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

दिव्यांग से तात्पर्य
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिसम्बर 2015 में विकलांगों को दिव्यांग कहने की अपील की थी. जो विशेष रूप से सक्षम लोगों की विशेष क्षमताओं की ओर इशारा करता है साथ ही समाज के हर वर्ग से अपील करता है कि वो अपने नज़रिए को सकारात्मक की ओर ले जाएं.

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2 दिसंबर: अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 2 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस (International Day for the Abolition of Slavery) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मानव तस्करी, बाल श्रम और आधुनिक गुलामी के अन्य रूपों के उन्मूलन के प्रति लोगों में जागरुकता लाना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतरराष्ट्रीय गुलामी उन्मूलन दिवस को मनाने की शुरुआत 2 दिसंबर 1929 को की थी. इन दिन गुलामी के परंपरागत रूपों जैसे मानव तस्करी, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरदस्ती शादी और सशस्त्र संघर्ष के दौरान बच्चों की सेना में जबरन भर्ती के उन्मूलन पर जोर दिया जाता है.

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1 दिसम्बर 2019: नगालैंड ने अपना 57वां स्‍थापना दिवस मनाया

प्रत्येक वर्ष 1 दिसम्बर को नगालैंड अपना स्‍थापना दिवस (Nagaland Foundation Day) मनाता है. इस वर्ष यानी 2019 में इस राज्य ने 57वां स्‍थापना दिवस मनाया. 1963 में इसी दिन नगालैंड देश का 16वां राज्‍य बना था. भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन ने नगालैंड को भारत संघ के 16वें राज्य के रूप में उद्घाटन किया था.

नागालेंड राज्य: मुख्य तथ्य

  • भारत की आजादी के दौरान नागालेंड असम के अंतर्गत था. 1957 में यह क्षेत्र केंद्रशासित प्रदेश बन गया और असम के राज्‍यपाल द्वारा इसका प्रशासन देखा जाने लगा. उस समय यह ‘नगा हिल्‍स तुएनसांग’ क्षेत्र कहलाता था. 1961 में इसका नाम बदलकर ‘नगालैंड’ रखा गया.
  • नगालैंड भारत का उत्तर-पूर्वी राज्य है जिसकी राजधानी कोहिमा है. यहां आदिवासी संस्कृति अहम है जिसमें स्थानीय त्योहार और लोक गायन काफी महत्वपूर्ण हैं. 2012 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी 22.8 लाख है. नेफ्यू रियो नगालैंड के वर्तमान मुख्यमंत्री का नाम है.
  • नगालैंड के पूर्व में म्यांमार, उत्‍तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर है. इसे ‘पूरब का स्विजरलैंड’ भी कहा जाता है. नागालैंड राज्‍य का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किमी है.
  • असम घाटी की सीमा से लगे क्षेत्र के अलावा इस राज्‍य का अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी है. इसकी सबसे ऊंची पहाड़ी का नाम सरमती है जिसकी ऊंचाई 3,840 मीटर है. यह पर्वत शृंखला नागालैंड और म्‍यांमार के मध्य स्थित है.
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1 दिसम्बर: विश्व एड्स दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है. यह दिवस इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मानाया जाता है. दुनियाभर में कुल 3.8 करोड़ लोग एचआईवी की चपेट में हैं. HIB एड्स एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती है जिसे 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत अगस्त 1987 में WHO के एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के दो व्यक्तियों ने की थी. 1988 से यह दिवस प्रत्येक वर्ष मानया जा रहा है.

इस वर्ष यानी 2019 के विश्व एड्स दिवस का विषय (थीम) ‘सामुदायिक पहल से आने वाले बदलाव’ (Communities make the difference) है.

एड्स, मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (HIV) से फैलने वाली बीमारी है. इसका इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है, लेकिन इससे बचाव संभव है. असुरक्षित यौन संबंध इसकी सबसे बड़ी वजह है. कुछ सावधानियां बरती जाए तो इसे रोका जा सकता है.

इस बीमारी में HIV वायरस व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को प्रभावित करता है. HIV संक्रमण बढ़ता चला जाए तो यह एड्स में बदल जाता है.

पिछले एक दशक में भारत में HIB एड्स के नये संक्रमण के मामलों में करीब सत्तर फीसद की कमी आई है. भारत में इस वक्त करीब 21 लाख लोग HIB से संक्रमित है.

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1 दिसम्बर 2019: सीमा सुरक्षा बल का 55वां स्‍थापना दिवस

सीमा सुरक्षाबल (BSF) ने 1 दिसम्बर को अपना 55वां स्‍थापना दिवस मनाया. लगभग ढाई लाख कर्मियों वाले इस बल की स्‍थापना 1965 में आज ही के दिन की गई थी. BSF, पाकिस्‍तान और बंगलादेश के साथ लगती भारतीय सीमा का प्रहरी है.

BSF देश की पांच केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है. यह केन्द्रीय गृह मंत्रालय के नियंत्रण में आता है. BSF विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है. BSF को पाकिस्‍तान और बंगलादेश के साथ लगती भारतीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा में भारतीय सेना के साथ तैनात किया जाता है.

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