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15 मार्च: विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकरी

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उभोक्ताओं या ग्राहकों को उनके हितों के लिए बनाए गए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अंतर्गत आने वाले कानूनों की जानकारी देना है.

विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 का विषय ‘सदैव सक्षम उपभोक्‍ता’ (The Sustainable Consumer) है.

उपभोक्ता अधिकार दिवस का इतिहास

पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर ने उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन किया था. 15 मार्च, 1983 को पहली बार यह दिवस मनाया गया था.

भारत में उपभोक्ता आंदोलन

भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत 1966 में मुंबई से हुई थी. 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया और यह आंदोलन बढ़ता गया.

राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस

उल्लेखनीय है कि हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण दिवस भी मनाया जाता है. भारत में इसी दिन (24 दिसंबर) वर्ष 1986 में ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम’ लागू हुआ था. भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पहली बार 24 दिसंबर 2000 को मनाया गया था.

मौजूदा केन्द्र सरकार ने उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा एवं विवादों के समय पर निपटान के लिए ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 1986’ की जगह ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019’ लागू किया है. नए अधिनियम के तहत केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रावधान है. प्राधिकरण के पास उपभोक्ता अधिकार, अनुचित कारोबार और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों की जांच का अधिकार है.

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मार्च माह का दूसरा बृहस्पतिवार: विश्व किडनी दिवस

प्रत्येक वर्ष मार्च माह के दूसरे बृहस्पतिवार को ‘विश्व किडनी दिवस’ (World Kidney Day) मनाया जाता है. इस वर्ष (2020 में) 12 मार्च को यह दिवस मनाया गया. यह वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता अभियान है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य किडनी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है.

इस वर्ष विश्व किडनी दिवस का विषय (थीम) ‘Kidney Health for Everyone Everywhere–from Prevention to Detection and Equitable Access to Care’ है.

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8 मार्च: अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस, नारी शक्ति पुरस्‍कार 2020

प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस समाज में स्‍त्री-पुरुष समानता लाने, महिलाओं की उपलब्धियां उजागर करने और प्रत्येक क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्‍य से मनाया जाता है.

28 फरवरी 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में महिला दिवस का ऐलान किया था. संयुक्त राष्ट्र ने 1977 में 8 मार्च को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मंजूरी दी और तब से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है.

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 की थीम

अभियान (campaign) थीम: EachforEqual
थीम: स्‍त्री-पुरुष समानता की पीढ़ी: महिला अधिकारों का सम्‍मान (I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights).

राष्ट्रपति ने 15 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्‍कार प्रदान किए

अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्‍ट्रपति भवन में 15 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्‍कार प्रदान किए. यह भारत में महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार महिला सशक्तिकरण, विशेषकर निर्धन और सुविधा वंचित महिलाओं के स‍शक्तिकरण की दिशा में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले व्‍यक्तियों, समूहों और संस्‍थानों को प्रतिवर्ष दिया जाता है.

पुरस्‍कार पाने वालों में 103 वर्षीय एथलीट मान कौर, भारतीय वायुसेना की पहली तीन महिला पायलट मोहना सिंह, भावना कांत और अवनी चतुर्वेदी, कृषक पडाला भूदेवी और बीना देवी, शिल्‍पकार आरिफा जान तथा पर्यावरणविद चामी मुर्मू शामिल हैं. साक्षरता परीक्षा में शीर्ष स्‍थान पाने वाली 98 वर्षीय कार्थायिनी अम्‍मा को भी सम्‍मानित किया गया. 105 वर्ष की भागीरथी अम्‍मा पुरस्‍कार प्राप्‍त करने के लिए दिल्‍ली नहीं आ सकीं.

  • 93 साल की उम्र में अपना एथलेटिक करियर शुरू करने वाली 104 साल की एथलीट मान कौर को दौड़ में शानदार प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया.
  • उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली कलावती देवी महिला रानी मिस्त्री हैं. कानपुर और उसके आस-पास के इलाकों में कलावती देवी ने 4,000 से ज्यादा टॉयलेट्स बनाए हैं.
  • लेडी टार्जन नाम से मशहूर झारखंड के राजनगर की रहने वाली चामी मुर्मू भी नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हुई हैं. जंगलों और प्राकृतिक संपदा संरक्षित रखने के लिए किए गए प्रयासों के लिए चामी मुर्मू को यह सम्मान मिला है.
  • साल 2018 में एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट्स के रूप में तैनात हुईं मोहना जितरवाल, अवनी चतुर्वेदी और भावना कांत को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
  • मशरूम की खेती, जैविक खेती और जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए ‘मशरूम महिला’ नाम से मशहूर बिहार की बीना देवी को भी सम्मानित किया गया.

नारी शक्ति पुरस्कार: एक दृष्टि

प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा महिलाओं, संगठनों और संस्थानों को ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाता है. यह पुरस्कार 1991 में शुरू किया था. इसमें पुरस्कार स्वरुप 1 लाख रुपये और प्रमाण पत्र दिये जाते है. पुरस्कार की घोषणा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इया जाता है.

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प्रधानमंत्री ने महिला दिवस के अवसर पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट को इस्तेमाल करने का अवसर दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देशभर की 7 महिलाओं को सम्मान देते हुए उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट को इस्तेमाल करने का अवसर दिया.

  1. स्नेहा मोहनदासः स्नेहा मोहनदस ने फुडबैंक इंडिया नाम से पहल शुरू की है. गरीबों की भूख मिटाने के लिए वह भारत के बाहर के कई स्वयंसेवकों के साथ भी काम करती हैं.
  2. मालविका अय्यरः मालविका अय्यर 13 साल की उम्र में एक बम धमाके का शिकार बनीं जिसमें उन्होंने अपने हाथ खो दिए. अय्यर एक प्रेरक वक्ता, दिव्यांग कार्यकर्ता और मॉडल हैं.
  3. कल्पना रमेशः कल्पना रमेश जल संरक्षण कार्यकर्त्ता हैं. पानी के जिम्मेदारीपूर्वक खर्च, वर्षाजल संचयन, इस्तेमाल पानी का दोबारा उपयोग पर जागरूकता फैलाने का काम करती हैं.
  4. अरीफा जानः कश्मीर की अरीफा जान कश्मीर की पारंपरिक कला को फिर से जीवित करने के सपने देखती थीं, क्योंकि उनके मुताबिक इसका अर्थ स्थानीय महिलाओं को सशक्त करना होता.
  5. कलावती देवीः उत्तर प्रदेश के कानपुर की राजमिस्त्री कलावती देवी शौचालयों के निर्माण के लिए धन जुटाती हैं.
  6. विजया पवारः विजया पवार ग्रामीण महाराष्ट्र के बंजारा समुदाय की हस्तकला को बढ़ावा दे रही हैं.
  7. वीना देवीः बिहार के मुंगेर की रहने वाली वीना देवी ने मशरूम की खेती की योजना के लिए जगह की कमी को अपने आड़े नहीं आने दिया और अपने पलंग के नीचे मशरूम उगाया.
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7 मार्च: जन औषधि दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

7 मार्च 2020 को देशभर में जन औषधि दिवस के रूप में मनाया गया. प्रधानमंत्री जन-औषधि परियोजना की उपलब्धियों के प्रसार तथा इसे और गति देने के लिए पहली बार 7 मार्च 2019 को ‘जन औषधि दिवस’ मनाया गया था. योजना का मूल उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है. जेनेरिक दवाएं अनब्रांडेड दवाएं हैं जो समान रूप से सुरक्षित हैं. वे ब्रांडेड की तुलना में बहुत सस्ती होती हैं.

700 जिलों में लगभग 6200 केंद्रों के साथ प्रधानमंत्री जन-औषधि परियोजना दुनिया में सबसे बड़ी खुदरा फार्मा श्रृंखला है. इस परियोजना ने आम नागरिकों के 2200 करोड़ रुपयों की बचत की है. इन केंद्रों से कई लोगों को स्थाई और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का एक विश्वसनीय माध्यम भी प्रदान किया है.

भारतीय जन औषधि योजना (PMJAY): एक दृष्टि

  • प्रधानमंत्री ‪नरेन्द्र मोदी‬ ने 1 जुलाई 2015 को ‪प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की घोषणा की थी.
  • इस योजना में सरकार द्वारा ‘जन औषधि स्टोर’ बनाए गए हैं, जहां उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाईयां (Generic drug) उपलब्ध करवाई जाती है.
  • इन दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से 30-50 प्रतिशत कम होते हैं.

जेनेरिक दवा क्या होती है?
जेनेरिक दवा वह दवा है जो बिना किसी पेटेंट के बनायी और वितरित की जाती है. जेनेरिक दवा के फॉर्मुलेशन पर पेटेंट हो सकता है किन्तु उसके सक्रिय घटक (active ingradient) पर पेटेंट नहीं होता. जेनेरिक दवाओं का असर, डोज और इफेक्ट्स ब्रांडेड दवाओं की तरह ही होते हैं.

उदाहरण के तौर पर सामान्य बुखार को कम करने के लिए ‘कॉसिन’ टैब्लेट बहुत पॉपुलर है. कॉसिन टैब्लेट पेरासिटामोल नाम के घटक से बना होता है. कॉसिन की जेनेरिक दवा ‘पेरासिटामोल’ नाम से मौजूद है. लेकिन लोग कॉसिन लेना ही पसंद करते हैं क्योंकि ये बहुत पॉपुलर ब्रांड हो चुका है. इसकी खूब पब्लिसिटी इंटरनेशनल लेवल पर की गई है. वहीं जेनेरिक दवाइयों के प्रचार के लिए कंपनियां पब्लिसिटी नहीं करती.

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4 मार्च: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को देश में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस’ (National Safety Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जागरूकता न होने की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है. इस साल यानी 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर 49वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के साथ ही 4 से 10 मार्च तक ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह’ (National Safety Week) के रूप में मनाया जाने लगा है. इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीको से लोगों को अवगत कराया जाता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह को मनाने की पहल ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ (National Safety Council) ने की थी. 4 मार्च के ही दिन भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई थी.

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC): एक दृष्टि

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना 4 मार्च 1966 को मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत हुई थी. यह एक स्वशासी निकाय है जो सार्वजनिक सेवा के लिए गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है. 1972 में इस संगठन ने राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाने का निर्णय लिया था. बाद में इसे नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा.

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3 मार्च: विश्व वन्यजीव दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को पूरे विश्व में ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ (World Wildlife Day) मनाया जाता है. वर्ष 1973 में इसी दिन वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को अंगीकृत किया गया था.

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर विलुप्त संकटापन्न वन्य-जीवों तथा वनस्पतियों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता लाना है. वर्ष 2020 में इस दिवस का विषय (Theme)- ‘पृथ्वी पर सभी का जीवन बनाएं रखना है’ (Sustaining all life on Earth) है.

20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने अपनी 68वीं महासभा में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी.

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3 मार्च: विश्व श्रवण दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को ‘विश्व श्रवण दिवस’ (World Hearing Day) मनाया जाता है. इस दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जागरूकता अभियान चलाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य कान की सुरक्षा और बधीरता से बचाव के लिए जागरूकता फैलाना है.

इस वर्ष यानी 2020 में विश्व श्रवण दिवस का विषय ‘Hearing for life. Don’t let hearing loss limit you’ है.

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1 मार्च: शून्य भेदभाव दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकरी

प्रत्येक वर्ष 1 मार्च को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा ‘शून्य भेदभाव दिवस’ (Zero Discrimination Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य कानून के समक्ष समानता और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों में व्यवहार को बढ़ावा देना है.

यह दिवस बीजिंग में एक प्रमुख कार्यक्रम के साथ UNAIDS के कार्यकारी निदेशक मिशेल सिदीबे द्वारा शुरू किया गया था. पहली बार 1 मार्च 2014 को मनाया गया था.

इस वर्ष यानी 2020 में शून्य भेदभाव दिवस का विषय (थीम)- महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ शून्य भेद-भाव (Zero discrimination against women and girls) है.

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