एशियाई विकास परिदृश्य 2019: भारतीय GDP की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रहने का अनुमान

एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank- ADB) ने अपनी वार्षिक आर्थिक रिपोर्ट ‘एशियाई विकास परिदृश्य 2019’ (Asian Development Outlook) 3 अप्रैल को जारी की.

ADB ने इस रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष (2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था (GDP) की वृद्धि दर के अनुमान को 5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है. भारतीय GDP में कमी का मुख्य कारण वैश्विक मांग और सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को बताया गया है.

ADB ने अगले वित्त वर्ष (2021-22) के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था (GDP) की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

इस रिपोर्ट में ADB ने वित्त वर्ष 2020-2021 में दक्षिण एशिया में विकास दर घटकर 4.1 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2021-2022 में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

एशियाई विकास बैंक: एक दृष्टि

  • एशियाई विकास बैंक (ADB) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है जिसकी स्थापना 19 दिसंबर 1966 को की गयी थी.
  • इस बैंक की स्थापना का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को गति प्रदान करना था.
  • इस बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ हुई थी, अब ADB के पास अब 68 सदस्य हैं, जिसमें से 48 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं.
  • ADB का मुख्यालय मनीला, फिलिपिन्स में है और इसके प्रतिनिधि कार्यालय पूरे विश्व में हैं. इसकी अध्यक्षता जापान द्वारा की जाती है. मात्सुगु असकवा ADB के वर्तमान अध्यक्ष हैं.
  • ADB का प्रारूप वर्ल्ड बैंक के आधार पर बनाया गया था और वर्ल्ड बैंक के समान यहां भी भारित वोट प्रणाली की व्यवस्था है जिसमें वोटों का वितरण सदस्यों के पूंजी अभिदान अनुपात के आधार पर किया जाता है.
  • वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान दोनों के ही पास शेयरों का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो कुल शेयर का 12.756 प्रतिशत है.
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वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट 2020 जारी: फिनलैंड पहले और भारत 144वें स्थान पर

संयुक्त राष्ट्र ने 20 मार्च को वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट (World Happiness Report) 2020 जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची में फिनलैंड ने तीसरी बार पहला स्थान हासिल किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार विश्व के शीर्ष 10 खुशहाल देशों में से 9 यूरोप के हैं. जबकि विश्व के शीर्ष 20 खुशहाल देशों में एशिया का एक भी देश नहीं है.

2020 के इस रिपोर्ट में 156 देशों को शामिल कर सूची जारी की गयी है. की इस सूची में शीर्ष में फिनलैंड के बाद डेनमार्क, स्वीट्जरलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे शामिल हैं. इस रिपोर्ट में अमेरिका को 18वां और यूनाइटेड किंगडम को 13वें स्थान पर है. इस सूची में सबसे निचले पायदान पर अफगानिस्तान, दक्षिणी सूडान, जिम्बाब्वे और रवांडा हैं.

भारत 144वें स्थान पर

भारत इस रिपोर्ट में 144वें स्थान पर है. वर्ष 2019 के रिपोर्ट में भारत को 140वां स्थान प्राप्त हुआ था. वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान 66वें, चीन 94वें, बांग्लादेश 107वें, नेपाल 92वें, मालदीव 87वें स्थान पर है. पाकिस्तान पिछली बार 67वें और चीन 93वें स्थान पर था.

वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट: एक दृष्टि

किसी देश की खुशहाली मापने के लिए 6 मानकों पर सवाल तैयार किए जाते हैं. इनमें संबंधित देश के प्रति व्यक्ति की GDP, सामाजिक सहयोग, उदारता और भ्रष्टाचार, सामाजिक स्वतंत्रता, स्वस्थ जीवन के जवाब के आधार पर रैंकिंग की जाती है.

विश्व में सबसे खुशहाल देशों को सूचीबद्ध करने के लिए भूटान ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव रखा था. इसे मंजूरी मिलने के बाद से हर साल 20 मार्च को ‘वर्ल्ड हैप्पीनेस डे’ मनाया जाता है.

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BBC सर्वेक्षण में महाराजा रणजीत सिंह को ‘अब तक का सबसे महान नेता’ चुना गया

BBC वर्ल्ड हिस्ट्री मैगजीन द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में भारत में सिख साम्राज्य के 19वीं सदी के शासक महाराजा रणजीत सिंह को ‘ग्रेटेस्ट लीडर ऑफ ऑल टाइम’ (अब तक का सबसे महानतम नेता) चुना गया है.

  1. रणजीत सिंह: BBC के इस सर्वेक्षण में 38 प्रतिशत से अधिक वोटों के साथ एक नया सहिष्णु साम्राज्य बनाने के लिए रणजीत सिंह की सराहना की गई. उनके शासनकाल को पंजाब और उत्तर-पश्चिम भारत में स्वर्ण युग कहा जाता है तथा जिसे सहिष्णुता, स्वाधीनता और सहयोग का आदर्श माना जाता था.
  2. अमलकर कैब्राल: 25 फीसदी वोट के साथ दूसरे स्थान पर अफ्रीकी स्वतंत्रता सेनानी अमलकर कैब्राल रहे. उन्होंने पुर्तगाली कब्जे से देश को मुक्त करने के लिए दस लाख से अधिक गिनियन को एकजुट किया और बदले में कई अन्य उपनिवेशी अफ्रीकी देशों को स्वतंत्रता के लिए उठने और लड़ने के लिए प्रेरित किया.
  3. विंस्टन चर्चिल: ब्रिटेन के युद्ध के समय के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल अपने त्वरित निर्णय और तेज राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए 7 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे.

इस सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन चौथे स्थान पर और ब्रिटिश साम्राज्ञी एलिजाबेथ प्रथम पांचवें स्थान पर हैं. शीर्ष 20 नेताओं में यूके, यूएस, एशिया और अफ्रीका से दुनिया भर के इतिहास के कुछ सबसे प्रसिद्ध नेता शामिल हैं, जिनमें मुगल सम्राट अकबर, फ्रेंच सैन्य नेता जोन ऑफ आर्क और रूसी महारानी कैथरीन द ग्रेट शामिल हैं.

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SIPRI की वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट जारी: भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश

हथियारों की निगरानी करने वाली संस्‍था SIPRI (Stockholm International Peace Research Institute) ने हाल ही में हथियार आयातक और निर्यातक देशों की वर्ष 2015-19 की रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है. SIPRI के पिछले रिपोर्ट में भारत पहले स्थान पर था. रिपोर्ट के अनुसार हथियारों की खरीद में खाड़ी देश सऊदी पहले स्थान पर है.

इस सूची में तीसरे स्थान पर मिस्र, चौथे स्‍थान पर आस्‍ट्रेलिया और पांचवें स्‍थान पर चीन है. ये शीर्ष 5 देश दुनिया के कुल हथियारों का 36 फीसदी आयात करते हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्‍यादा हथियार पश्चिम एशिया के देश खरीद रहे हैं. सऊदी अरब ने दुनिया के कुल हथियारों की बिक्री का 12 प्रतिशत हथियार खरीदा है. भारत ने इस दौरान 9.2 प्रतिशत खरीदे. हथियारों की खरीद में पाकिस्‍तान 11वें स्‍थान पर रहा.

अमेरिका दुनिया में सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश

SIPRI की इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्‍यादा हथियारों का निर्यात अमेरिका कर रहा है. इसके बाद रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन है.

हथियारों के निर्यात के मामले में अमेरिका और फ्रांस दोनों ने काफी बढ़त हासिल की है. अमेरिका का कुल हथियार निर्यात 23 प्रतिशत बढ़ गया है. दुनिया के कुल हथियार निर्यात में अमेरिका का हिस्‍सा बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया है. 2015-19 के बीच अमेरिका का कुल हथियार निर्यात रूस से 76 प्रतिशत ज्‍यादा है.

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ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स में भारत 77वें स्थान पर

संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूनिसेफ (UNICEF) और मेडिकल जर्नल लैंसेट ने हाल ही में ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स और फ्लोरिशिंग इंडेक्स पर रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत ‘ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स’ में भारत 77वें स्थान पर और फ्लोरिशिंग इंडेक्स में दुनिया के 180 देशों में 131वें नंबर पर है. इसे दुनिया भर के 40 से ज्यादा बाल एवं किशोर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के आयोग ने तैयार किया है.

सस्टेनेबल इंडेक्स

सस्टेनेबल इंडेक्स या सतत सूचकांक (Sustainable Index) प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन से जुड़ा है. इस सूची में 2030 लक्ष्य के हिसाब से कार्बन उत्सर्जन के आधार पर देशों को रैंक दी गई है.

प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के मामले में चाड को छोड़कर बाकी देश बहुत पीछे हैं. जो देश 2030 के प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के मुताबिक चल रहे हैं वे हैं- अल्बानिया, आर्मेनिया, ग्रेंडा, जॉर्डन, मोलदोवा, श्रीलंका, टूनीशिया, उरुग्वे तथा वियतनाम.

ग्लोबल फ्लोरिशिंग इंडेक्स

ग्लोबल फ्लोरिशिंग इंडेक्स या खुशहाली सूचकांक (Global Flourishing Index) मां-बच्चे का स्वास्थ्य पालन-पोषण और उसके कल्याण से जुड़ा है. रिपोर्ट में 180 देशों की क्षमता का आकलन किया गया है कि वे यह सुनिश्चित कर पाते हैं या नहीं कि उनके यहां के बच्चे पलें-बढ़ें और खुशहाल रहें.

नॉर्वे, फ्लोरिशिंग इंडेक्स इंडेक्स में पहले स्थान पर है. दक्षिण कोरिया और नीदरलैंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इस इंडेक्स में मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड और सोमालिया सबसे नीचे हैं.

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हिन्‍दी, विश्‍व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा; बंगाली भाषा सातवें पायदान पर

विश्‍व भाषा डेटाबेस (वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस) ने हाल ही में अपना रिपोर्ट (एथनोलॉग का 22वां संस्करण) जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार हिन्‍दी विश्‍व में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है. विश्व में 61 करोड़ 50 लाख लोग विश्‍व में हिंदी बोलते हैं.

अंग्रेजी ने सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा

इस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में पहला स्थान अंग्रेजी का है. पूरी दुनिया में 113.2 करोड़ लोग अंग्रेजी बोलते हैं. दूसरे स्थान पर चीन में बोली जाने वाली मैंड्रेन भाषा है, जिसे 111.7 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं. जबकि चौथे नंबर पर 53.4 करोड़ लोगों के साथ स्पेनिस और 28 करोड़ लोगों के साथ पांचवें नंबर पर फ्रेंच भाषा है.

20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय

22वें संस्करण एथनोलॉग के मुताबिक दुनियाभर की 20 सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में 6 भारतीय भाषाएं शामिल हैं, जिनमें हिंदी तीसरे स्थान पर है. हिंदी के बाद बंगाली भाषा सातवें पायदान पर है, जिसे 26.5 करोड़ लोग बोलते है. इसके अलावा 17 करोड़ लोगों के साथ 11वें नंबर पर उर्दू, 9.5 करोड़ लोगों के साथ 15वें स्थान पर मराठी, 9.3 करोड़ के साथ 16वें नंबर पर तेलगू और 8.1 करोड़ लोगों के साथ तमिल भाषा 19वें पायदान पर है.

एथनोलॉग: एक दृष्टि

एथनोलॉग दुनिया में इस्‍तेमाल की जा रही भाषाओं का एक वार्षिक डेटाबेस तैयार करता है. इसकी स्थापन 1951 में हुई थी. मौजूदा डेटाबेस में विश्‍व में प्रयोग की जा रही सात हजार एक सौ ग्‍यारह भाषाओं को शामिल किया गया है.

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अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक 2020 में भारत को 40वें स्थान पर

अमेरिकी चैंबर आफ कॉमर्स के नियंत्रण नवोन्मेषण नीति केंद्र (GIPC) ने 5 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (IP) सूचकांक 2020 जारी किया. इस सूचकांक में भारत को 40वें स्थान पर रखा गया है. 2019 के इस सूचकांक में भारत 36वें स्थान पर था. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मजबूत आईपी संरक्षण की दिशा में अच्छी प्रगति की है लेकिन अभी काम पूरा नहीं हुआ है.

इस सूचकांक में इस साल 53 नियंत्रण अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा की स्थिति का विश्लेषण किया गया है. इस सूचकांक में अमेरिका पहले, ब्रिटेन दूसरे, स्वीडन तीसरे, फ्रांस चौथे और जर्मनी पांचवें स्थान पर रहा है. पिछले साल भी ये देश इन्हीं स्थानों पर थे.

GIPC ने यह सूचकांक 45 संकेतकों पर तैयार किया है. इनमें पेटेंट, कॉपीराइट और व्यापार गोपनीयता का संरक्षण आदि शामिल हैं. भारत की स्थिति में यह सुधार भारतीय नीति निर्माताओं द्वारा घरेलू उद्यमियों और विदेशी निवेशकों के लिए समान रूप से एक सतत नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के प्रयासों को दर्शाता है.

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ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट: झरिया देश का सबसे प्रदूषित शहर, लुंगलेई देश का सबसे कम प्रदूषित शहर

ग्रीनपीस इंडिया ने भारत में प्रदूषण पर हाल ही में रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में देश में प्रदूषित शहरों की सूची जारी की गयी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड का झरिया शहर देश का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है. अपने कोयले रिजर्व के लिए मशहूर झारखंड का धनबाद देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है.

रिपोर्ट में भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 6 शहर सिर्फ उत्तरप्रदेश के हैं. उत्तरप्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, बरेली, इलाहाबाद, मुरादाबाद, फिरोजाबाद देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं. दिल्ली देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में 10वें नंबर पर है, जबकि एक साल पहले यह आठवें नंबर पर था. रिपोर्ट के अनुसार, मिजोरम का लुंगलेई शहर देश का सबसे कम प्रदूषित शहर बताया गया है.

इस रिपोर्ट में वायु की गुणवत्ता को आधार बनाया गया है. इस रिपोर्ट के लिए 52 दिनों तक देश के विभिन्न शहरों में डाटा इकट्ठा किया गया.

भारत के 10 सबसे प्रदूषित शहर

  1. झरिया (झारखण्ड)
  2. धनबाद (झारखण्ड)
  3. नोएडा (उत्तर प्रदेश)
  4. गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
  5. अहमदाबाद (गुजरात)
  6. बरेली (उत्तर प्रदेश)
  7. इलाहबाद (उत्तर प्रदेश)
  8. मोरादाबाद (उत्तर प्रदेश)
  9. फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश)
  10. दिल्ली (दिल्ली)
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WEF के सामाजिक बदलाव सूचकांक में भारत 76वें पायदान पर

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने हाल ही में वैश्विक सामाजिक बदलाव सूचकांक (Global Social Mobility Index) 2020 रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में भारत 82 देशों में से 76वें स्थान पर है. WEF की 50वीं वार्षिक बैठक से पहले यह सूचकांक जारी किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी देश के सामाजिक बदलाव में 10 प्रतिशत की भी बढ़ोतरी होती है, तो इससे उस देश की सामाजिक एकता मजबूत होगी. यही नहीं वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी 2030 तक करीब पांच फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है. मगर रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ कुछ अर्थव्यवस्थाओं में ही ऐसी सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए सही परिस्थितियां हैं. अगर सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा दिया जाए तो सबसे ज्यादा लाभ चीन, अमेरिका, भारत, जापान और जर्मनी को हो सकता है.

रैंकिंग के लिए आधार स्तंभ

रैंकिंग के लिए देशों को पांच आधार स्तंभ पर परखा गया है. ये हैं- स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कामकाज और संरक्षण एवं संस्थान हैं. यह दर्शाता है कि उचित वेतन, सामाजिक सुरक्षा और आजीवन शिक्षा का सामाजिक बदलाव में सबसे बड़ा योगदान है.

शिक्षा के मामले में भारत 41वें पायदान पर

शिक्षा के मामले में भारत 41वें और कामकाज की परिस्थिति के स्तर पर वह 53वें पायदान पर है. भारत को जिन क्षेत्र में बहुत सुधार करने की जरूरत है, उनमें सामाजिक सुरक्षा (76वें) और उचित वेतन वितरण (79वें) शामिल हैं.

शीर्ष 10 देश

इस सूची में डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और आइसलैंड क्रमशः शीर्ष पांच देश हैं. शीर्ष दस देशों की सूची में नीदरलैंड (6वें), स्विट्जरलैंड (7वें), ऑस्ट्रिया (8वें), बेल्जियम (9वें) और लक्जमबर्ग (10वें) हैं.

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हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स-2020: भारत 84वें स्थान पर, जापान शीर्ष पर

हेनले पासपोर्ट इंडेक्‍स-2020 की ताजा रैंकिंग हाल ही में जारी की गयी है. 199 देशों की इस पासपोर्ट रैंकिंग भारत इस रैंकिंग में 84वें स्थान पर है. भारत वर्ष 2019 की रैंकिंग में 86वें स्थान पर था

जापान और सिंगापुर इस रैंकिंग में क्रमशः पहले और दुसरे स्थान पर है जबकि जर्मनी और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया. इस पासपोर्ट रैंकिंग में सबसे नीचे अफगानिस्तान रहा है.

क्या है हेनले पासपोर्ट रैंकिंग?

  • यह रैंकिंग देशों के पासपोर्ट की ताकत पर निर्भर करती है. इस रैंकिंग में स्कोर का मतलब है कि कितने देशों में उस पासपोर्ट के जरिए वीजा मुक्त या वीजा आन-अराइवल प्रवेश मिल सकता है. जिस देश के पासपोर्ट के जरिए बगैर वीजा या वीजा ऑन अराइवल सबसे अधिक देशों में आने-जाने की छूट होती है, उसकी रैंकिंग सबसे अच्छी होती है.
  • रैंकिंग के अनुसार जापान और सिंगापुर के पासपोर्ट से बगैर वीजा क्रमशः 191 और 190 देश आने की अनुमति देते हैं. भारत के पासपोर्ट से 58 देशों में बगैर वीजा आने-जाने की अनुमति है. हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2020 में अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, और पाकिस्तान क्रमशः सबसे खराब रैंकिंग वाले देश हैं.
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यूनिसेफ रिपोर्ट: 1 जनवरी 2020 को दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चे भारत में जन्म लिए

नववर्ष (2020) के पहले दिन दुनिया में सबसे ज्यादा बच्चे भारत में जन्म लिए. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के अनुसार, नए साल के पहले दिन दुनियाभर में करीब 3,92,078 बच्चों ने जन्म लिया और इनमें से करीब 67,385 बच्चे भारत में पैदा हुए. इसके बाद दूसरे स्थान पर चीन है, जहां इस दिन 46,299 बच्चे पैदा हुए. यूनिसेफ हर साल जनवरी में विश्वभर में नववर्ष पर पैदा हुए बच्चों के जन्म का जश्न मनाता है.

2020 में सबसे पहले फिजी में बच्चे का जन्म हुआ, जबकि सबसे आखिरी नंबर अमेरिका का रहा. वैश्विक स्तर पर इनमें से आधे बच्चों का जन्म आठ देशों में हुआ है, जिसमें भारत (67,385), चीन (46,299), नाइजीरिया (46,299), पाकिस्तान (16,787), इंडोनेशिया (13,020), अमेरिका (10,452), कांगो (10,247) और इथियोपिया (8,493) शामिल है.

2027 तक भारत आबादी के मामले में सबसे बड़ा देश होगा

साल 2027 तक भारत आबादी के मामले में चीन को पीछे कर देगा. संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, 2019 से 2050 के बीच भारत की आबादी 27.3 करोड़ बढ़ने का अनुमान है. इसी अवधि में नाइजीरिया की आबादी में 20 करोड़ की वृद्धि होने का अनुमान है. ऐसा होने पर इन दोनों देशों की कुल आबादी 2050 में वैश्विक आबादी में वृद्धि का 23 फीसदी होगी.

वर्ष 2019 में चीन की आबादी 1.43 अरब और भारत की आबादी 1.37 अरब रही. सर्वाधिक आबादी वाले इन दोनों देशों ने 2019 में वैश्विक जनसंख्या में क्रमश: 19 और 18 फीसदी की हिस्सेदारी रखी.

यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रत्येक दिन 69 हजार बच्चे जन्म लेते हैं. भारत में प्रत्येक साल करीब 50 लाख बच्चों का जन्म घर में ही होता है.

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CEBR की रिपोर्ट के अनुसार भारत की GDP 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी

ब्रिटेन ‘बेस्ड सेंटर फॉर इकनॉमिक्स ऐंड बिजनस रिसर्च’ (CEBR) ने हाल ही में ‘वर्ल्ड इकनॉमिक लीग टेबल 2020’ रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत 2026 में जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. रिपोर्ट में यह भी उम्मीद जताई गई है कि भारत 2034 में जापान से आगे निकल जाएगा और अमेरिका, चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.

CEBR ने इस रिपोर्ट में कहा है कि भारत की GDP 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी. हालांकि, वर्तमान सरकार ने यह लक्ष्य 2024 निर्धारित किया है, यानी सरकार 2 साल की देरी से यह लक्ष्य हासिल कर पाएगी.

इस रिपोर्ट में कहा गया है, भारत ने 2019 में फ्रांस और यूके को पीछे छोड़कर पांचवें स्थान पर कब्जा कर लिया. यह 2026 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथे और जापान को 2034 में पछाड़कर तीसरे नंबर पर काबिज हो सकता है. CEBR के मुताबिक, अगले 15 सालों तक तीसरे स्थान के लिए जापान, जर्मनी और भारत के बीच प्रतियोगिता होगी.

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