नई दिल्‍ली में क्‍वाड थिंक टैंक फोरम की बैठक आयोजित की गई

क्‍वाड थिंक टैंक फोरम (Quad Think Tank Forum) की बैठक 26 फ़रवरी को नई दिल्‍ली में आयोजित की गई थी. इस फ़ोरम में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, और अमेरिका के विदेश मंत्री शामिल हुए थे.

मुख्य बिन्दु

  • भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि क्वाड दुनिया को पांच संदेश देता है. इनमें से सबसे अहम संदेश यह है कि आज के दौर में कोई भी हमारी मर्जी, हमारी इच्छा पर वीटो नहीं लगा सकता.
  • जयशंकर ने कहा कि क्वाड वैश्विक ज़रूरतों से फिर से उभरा है. उन्होंने कहा कि क्वाड के चार देश- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, और अमेरिका का समूचे विश्व के लिए एक साथ आना बहुत अच्छा है.
  • विदेश मंत्री सुब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने कहा है कि क्‍वाड चार बड़े जीवंत लोकतंत्रों के लिए एक महत्‍वपूर्ण और स्‍थायी मंच बन गया है. ये चारों लोकतंत्र मुक्त और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र के पक्षधर हैं.

‘क्वाड’ क्या है?

  • ‘क्वाड’ (QUAD) का पूरा नाम Quadrilateral Security Dialogue (QSD) है. यह ‘भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान’ का चतुष्कोणीय गठबंधन है. यह चीन के साथ भू-रणनीतिक चिंताओं के मद्देनजर गठित की गयी है.
  • जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत के परामर्श से 2007 में ‘क्वाड’ की शुरुआत की थी. 2008 में ऑस्ट्रेलिया द्वारा इस ग्रुप से बाहर आने के कारण यह संगठन शिथिल पड़ गया था, लेकिन बाद में वह पुन: इस वार्ता में शामिल हो गया.
  • 2017 में, इस अनौपचारिक समूह को पुनर्जीवित किया गया ताकि एशिया में चीन के आक्रामक उदय को संतुलित किया जा सके.
  • क्‍वाड संगठन का उद्देश्य इस क्षेत्र में वैध और महत्वपूर्ण हित रखने वाले सभी देशों की सुरक्षा और उनके आर्थिक सरोकारों का ध्यान रखना है.
  • क्वाड का विजन ‘free and open Indo-Pacific (FOIP)’ और पूर्व और दक्षिण चीन समुद्र में एक नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था है.

प्रधानमंत्री ने देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज ‘सुदर्शन सेतु’ का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फ़रवरी को सुदर्शन सेतु (Sudarshan Setu) का लोकार्पण किया था. इस सेतु को ओखा-बेयट द्वारका सिग्नेचर ब्रिज भी कहा जाता है जो देश का सबसे लंबा केबल पुल (ब्रिज) है.

मुख्य बिन्दु

  • सुदर्शन सेतु, ओखा मुख्य भूमि और गुजरात में बेयट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाला, भारत का सबसे लंबा केबल-आधारित पुल है.
  • यह पुल तकनीकी रूप से एक समुद्री लिंक है, जो गुजरात के लिये पहला पुल है, जिसकी कुल लंबाई 4,772 मीटर है, जिसमें 900 मीटर लंबा केबल-आधारित पुल है.
  • 980 करोड़ रुपये की लागत से बना यह ब्रिज देवभूमि द्वारका आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक पर्यटन का केंद्र भी बनेगा.
  • इसमें फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है.
  • बेट द्वारका, केंद्रशासित प्रदेश दीव के बाद गुजरात तट पर दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है.
  • ‘अटल सेतु’ भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है और साथ ही यह देश का सबसे लंबा पुल भी है.

नई दिल्‍ली में नौवां रायसीना संवाद आयोजित किया गया

नौवें रायसीना संवाद (9th Raisina Dialogue) का आयोजन दिल्‍ली में 21 से 23 फ़रवरी तक नई दिल्ली में किया गया था. इस संस्करण का विषय था- “चतुरंगा: संघर्ष, प्रतियोगिता, सहयोग और निर्माण”. इस संवाद का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्‍सोताकिस उद्घाटन सत्र में मुख्‍य अतिथि के रूप में शाामिल हुए थे.

मुख्य बिन्दु

  • सम्मेलन में, दुनिया के नीति निर्माता और विचारक, छह विषयों पर बातचीत किए. इनमें टेक फ्रंटियर्स: विनियम और वास्तविकताएं, ग्रह के साथ शांति: निवेश और नवाचार, युद्ध तथा शांति: शस्त्रागार और विषमताएं शामिल थे. ​
  • लगभग 115 देशों के 2500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से संवाद में भाग लिए. यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्‍सोताकिस मुख्‍य अतिथि के रुप में शामिल हुए और मुख्‍य भाषण दिए.
  • इस संवाद में मंत्री, पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष, सैन्य कमांडर, उद्योगपति, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, शिक्षाविद, पत्रकार और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ सहित सौ से अधिक देशों के प्रतिनिधि ने भागीदारी की.
  • विदेश मंत्री सु्ब्रह्मण्‍यम जयशंकर ने रायसीना संवाद से अलग रोमानिया, मॉरिशस, नेपाल, भूटान और डेनमार्क के विदेश मंत्री के साथ वार्ता की.
  • वर्ष 2024 भारत और डेनमार्क के बीच राजनयिक संबंधों के 75वें वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम ने डेनमार्क के विदेश मंत्री लार्स लोके रासमुसेन ने एक संयुक्‍त प्रतीक चिन्‍ह का अनावरण भी किया.

रायसीना संवाद: एक दृष्टि

  • रायसीना संवाद भौगोलिक-राजनीति और भौगोलिक अर्थशास्‍त्र पर भारत का महत्‍वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन है. इसकी शुरूआत वर्ष 2016 में हुई थी.
  • यह सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष अत्‍यधिक चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • यह सम्‍मेलन संवाद के द्वारा बेहतर समन्वय स्थापित करने की भारत की पहचान को दर्शाता है.
  • भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसी के नाम पर इसे रायसीना डायलॉग के रूप में जाना जाता है.
  • इसका आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है.

एफडीआई नीति में संशोधन: अंतरिक्ष क्षेत्र में शत-प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन को मंजूरी दी है. संशोधित FDI नीति के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दी गई है. मौजूदा FDI नीति के मुताबिक, स्वचालित मार्ग के तहत 49 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति है.

मुख्य बिन्दु

  • इस संशोधन के तहत, उपग्रहों, ग्राउंड सेगमेंट, और उपयोगकर्ता सेगमेंट के लिए घटकों और प्रणालियों/उप-प्रणालियों के निर्माण के लिए 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दी गई है.
  • उपग्रहों की एंड टू एंड मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई और ऑपरेशन सैटेलाइट डाटा प्रोडक्ट्स ग्राउंड सेगमेंट और यूजर सेगमेंट एक्‍टीवी‍टीज में अब 74 प्रतिशत तक FDI की अनुमति होगी. लॉन्च व्हीकल और स्‍पेस पोर्टल में 39 प्रतिशत तक FDI की अनुमति रहेगी.
  • संशोधित नीति के तहत दी गई अनुमति का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय कंपनियों में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करना है.
  • FDI नीति में सुधार देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाएगा, जिससे FDI प्रवाह बढ़ेगा और इस प्रकार यह निवेश, आय और रोजगार में वृद्धि में योगदान देगा.
  • इससे कंपनियां सरकार की ‘मेक इन इंडिया (एमआईआई)’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को विधिवत प्रोत्साहित करते हुए देश के भीतर अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में सक्षम होंगी.

‘महिला सुरक्षा छत्र’ योजना को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला

केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए चलाई जा रही महत्वाकांक्षी योजना ‘महिला सुरक्षा छत्र’ (Umbrella Scheme on Safety of Women) को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 21 फ़रवरी को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

मुख्य बिन्दु

  • यह योजना 2021-22 से चल रही है. इस योजना पर होने वाले कुल व्यय 1,179.72 करोड़ रुपये में से 885.49 करोड़ रुपये गृह मंत्रालय अपने बजट से प्रदान करेगा जबकि 294.23 करोड़ रुपये निर्भया फंड से दिए जाएंगे.
  • इस योजना का मकसद भारत में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की घटनाओं को रोकना है. साल 2022 में महिलाओं के ख़िलाफ़ 4,45,256 मामले दर्ज किए गए थे.
  • देश के 13557 पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क और 827 मानव तस्करी रोधी इकाइयां स्थापित की गई हैं. शेष 3329 पुलिस थानों में भी महिला हेल्प डेस्क स्थापित किये जाएंगे.

इसरो ने GSLV-F14 रॉकेट के माध्यम से मौसम उपग्रह ‘INSAT-3DS’ को प्रक्षेपित किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 17 फ़रवरी, 2024 को मौसम उपग्रह ‘INSAT-3DS’ को प्रक्षेपित किया था. इसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC-SHAR) से GSLV-F14 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेज गया.

मुख्य बिन्दु

  • उपग्रह INSAT-3DS का वजन 2,274 किलोग्राम है. यह तीसरी पीढ़ी का मौसम पूर्वानुमान संबंधी अत्याधुनिक उपग्रह है. इसे भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किया गया है. यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है.
  • यह उपग्रह मौसम के साथ-साथ आपदा को लेकर भी अलर्ट जारी करेगी. खास तौर पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा.
  • INSAT-3DS में छह चैनल इमेजर, 19 चैनल साउंडर पेलोड, डेटा रिले ट्रांसपोंडर (DRT) और सैटेलाइट सहायता प्राप्त खोज और बचाव (SA & SR) ट्रांसपोंडर हैं.
  • उपग्रह INSAT-3DS का प्रक्षेपण GSLV-F14 रॉकेट से किया गया था. इस रॉकेट का नाम ‘नॉटी बॉय’ दिया गया है. GSLV-F14, 51.7 मीटर लंबा और 420 टन वजन वाला तीन फेज का जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) है.
  • बहरहाल, उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इसरो मुख्य रूप से तीन रॉकेटों का प्रयोग करता है. GSLV, PSLV और LVM3. PSLV की तुलना में GSLV कहीं अधिक शक्तिशाली रॉकेट है. यह  PSLV से ज्यादा भारी उपग्रहों को कैरी कर सकता है.
  • चूंकि सफल प्रक्षेपणों के मामले में GSLV का ट्रैक रिकॉर्ड PSLV जितना अच्छा नहीं रहा है, इसलिए इसरो के एक पूर्व अध्यक्ष ने इसे ‘नॉटी बॉय’ का उपनाम दिया है.
  • यह GSLV रॉकेट का कुल मिलाकर 16वां मिशन था और स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग करके इसकी 10वीं उड़ान थी.

सार्वजनिक परीक्षा कदाचार रोकथाम विधेयक 2024 को मंजूरी

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सार्वजनिक परीक्षा कदाचार रोकथाम विधेयक (Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill) 2024 को 13 फ़रवरी को मंजूरी दे दी. संसद ने हाल में बजट सत्र में यह विधेयक पारित किया था.

मुख्य बिन्दु

  • विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में धांधली और अनुचित तरीकों का इस्तेमाल रोकना है.
  • विधेयक में अपराध साबित होने पर तीन से 10 वर्ष तक के कारावास और 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है.
  • इस विधेयक के तहत आने वाले सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समाधेय होंगे.

जल प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण संशोधन विधेयक 2024 संसद में पारित

संसद ने हाल ही में जल प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण संशोधन विधेयक 2024 पारित किया था. लोकसभा ने इसे 8 फ़रवरी को स्‍वीकृति दी, राज्यसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी थी.

मुख्य बिन्दु

  • जल प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण संशोधन विधेयक, 2024 के माध्यम से जल प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण अधिनियक, 1974 को संशोधित किया गया है.
  • अधिनियम के अंतर्गत जल प्रदूषण पर रोक लगाने और नियंत्रण के लिए केन्द्र और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है.
  • नए विधेयक के अंतर्गत कई उल्लंघनों को अपराधमुक्त किया गया है और जुर्माने लगाएं गए हैं. विधेयक के अनुसार प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 10 हजार रुपये से 15 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा.
  • शुरुआत में यह हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा.

सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर संसद में एक श्वेत पत्र प्रस्तुत किया

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 8 फरवरी को संसद में भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक ‘श्वेत पत्र’ जारी किया था. वित्त मंत्रालय की ओर से तैयार ये श्वेत-पत्र 2004 से 2014 के बीच यूपीए सरकार और 2014 से 2024 के बीच एनडीए सरकार के आर्थिक प्रदर्शन की तुलना करता है.

2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह ने यूपीए सरकार का नेतृत्व किया था. वहीं 2014 से एनडीए सरकार का नेतृत्व नरेंद्र मोदी कर रहे हैं.

श्वेत-पत्र के मुख्य बिन्दु

  • यूपीए सरकार को विरासत में अच्छी अर्थव्यवस्था मिली थी, जो और ज़्यादा सुधारों को लिए तैयार थी. लेकिन उसने दस साल के दौरान आर्थिक सुधारों को पूरी तरह छोड़ दिया.
  • 2008 के ग्लोबल वित्तीय संकट के बाद यूपीए सरकार किसी भी तरह ऊंची विकास दर को बनाए रखना चाहती थी. लेकिन इसके लिए उसने मैक्रो इकोनॉमिक बुनियादों की परवाह नहीं की. जैसे इस दौरान महंगाई दर काफी ज़्यादा हो गई.
  • राजकोषीय घाटा काफी बढ़ गया. बैंकों का एनपीए संकट भी काफी ज़्यादा हो गया, जिससे देश में आर्थिक गतिविधियों को झटका लगा.
  • यूपीए सरकार का दशक गलत नीतियों और घोटालों से भरा पड़ा था. यूपीए सरकार ने बाज़ार से भारी मात्रा में कर्ज़ लिया और इसे गैर उत्पादक खर्चों में लगाया. सरकार ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ में फंसी रही.
  • इसमें आईएमएफ के आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि मोदी सरकार की तुलना में मनमोहन सरकार में महंगाई किस कदर ज़्यादा रही.
  • मोदी सरकार के कार्यकाल में स्वच्छता अभियान के तहत बड़ी संख्या में शौचालय बनाए गए समावेशी बैंकिंग की दिशा में बड़े कदम उठाए गए. बहुत बड़ी आबादी का बैंक में खाता खुला और सीधे उनके खातों में कल्याणकारी योजनाओं का पैसा पहुंचा.
  • 2004 से 2008 (यूपीए-1 सरकार का कार्यकाल) तक अर्थव्यवस्था ने तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की लेकिन ये अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के आर्थिक सुधारों और अनुकूल ग्लोबल हालात का नतीजा थी.

क्या होता है श्वेत पत्र?

‘श्वेत पत्र’ किसी ख़ास मुद्दे पर जानकारी देने के लिए जारी किया जाता है. इसकी शुरुआत सन् 1922 में ब्रिटेन में हुई थी. सरकार के अलावा किसी भी संस्था, कंपनी, ऑर्गेनाइजेशन द्वारा श्वेत पत्र जारी किया जा सकता है.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने लोकसभा में अंतरिम बजट 2024 प्रस्तुत किया

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने वर्ष 2024 का अं‍तरिम बजट 1 फ़रवरी को लोकसभा में प्रस्तुत किया था. वित्त मंत्री के रूप में श्रीमती सीतारामन का यह छठ बजट था.
यह मौजूदा लोकसभा का आखिरी बजट था. पिछले तीन पूर्ण केन्‍द्रीय बजट की तरह यह अंतरिम बजट भी पेपर रहित था.

यह अं‍तरिम बजट था, इस वर्ष आम चुनाव होने के बाद नई सरकार पूर्ण केन्‍द्रीय बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट का उद्देश्य नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद पूर्ण बजट पेश करने तक सरकारी व्यय तथा आवश्यक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करना है.

रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया
सरकार की आमदनीसरकार का खर्च
  • ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 1%
  • कर से इतर राजस्व: 7%
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 18%
  • केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 5%
  • सीमा शुल्क: 4%
  • आय कर: 19%
  • निगम कर: 17%
  • उधार और अन्य देयताएं: 28%
  • ब्याज: 20%
  • रक्षा: 8%
  • सब्सिडी: 6%
  • वित्त आयोग और अन्य खर्च: 8%
  • करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 20%
  • पेंशन: 4%
  • केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 8%
  • केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 16%
  • अन्य खर्च: 9%

अंतरिम बजट 2024-25: मुख्य बिन्दु

  • इस बजट में सर्वांगीण, सर्वव्यापी तथा सर्व-समावेशी विकास के साथ वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना की गई है.
  • वर्ष 2024-2025 के लिये पूंजीगत व्यय में 11.1% की वृद्धि की घोषणा की गई. पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया गया जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा.
  • वित्त वर्ष 2023-24 के लिये वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान है, जो RBI के संशोधित विकास अनुमान के अनुरूप है.
  • ऋण ग्रहण के अतिरिक्त 30.80 लाख करोड़ रुपए की कुल प्राप्तियाँ होने का अनुमान है. कुल व्यय का अनुमान 47.66 लाख करोड़ रुपए है. कर प्राप्ति का अनुमान 26.02 लाख करोड़ रुपए है.
  • वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा GDP का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो वर्ष 2025-26 तक इसे 4.5% से कम करने (बजट 2021-22 में घोषित) के लक्ष्य के अनुरूप है.
  • सरकार मध्यम वर्ग के व्यक्तियों को अपना घर खरीदने या निर्माण करने के लिए “मध्यम वर्ग के लिए आवास” योजना शुरू करेगी.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 3 करोड़ घरों के अपने लक्ष्य के करीब है, अगले पांच वर्षों के लिए 2 करोड़ घरों का अतिरिक्त लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • वित्त वर्ष 2010 तक के मुद्दों के लिए 25,000 रुपये तक की सीमा और वित्त वर्ष 2011-15 के लिए 10,000 रुपये तक की सीमा के साथ बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लेने से लगभग 1 करोड़ कर दाताओं को लाभ होगा.
  • 1 करोड़ घरों को छत पर सौर ऊर्जा लगाने में सक्षम बनाना, प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना.

28 जनवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय की हीरक जयंती मनाई गई

28 जनवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय की हीरक जयंती (75वीं वर्षगांठ) मनाई गई थी. इस अवसर पर दिल्‍ली स्थित न्यायालय सभागार में हीरक जयंती (Diamond Jubilee) समारोह आयोजित किया गया था.

मुख्य बिन्दु

  • इस समारोह का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. प्रधानमंत्री ने इस समारोह में न्यायिक पहुँच तथा पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से कई नागरिक-केंद्रित सूचना तथा प्रौद्योगिकी पहलों का शुभारंभ किया गया. इन पहलों में डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (SCR), डिजिटल कोर्ट 2.0 और सर्वोच्‍च न्‍यायालय की नई वेबसाइट की शुरूआत शामिल है.
  • डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट (SCR) में वर्ष 1950 के बाद से सर्वोच्च न्यायालय की रिपोर्ट के सभी 519 खंड उपलब्ध होंगे. इनमें 36 हजार से अधिक मुकदमों का ब्‍यौरा दिया गया है. SCR से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय नागरिकों को निशुल्‍क डिजिटल रूप में उपलब्ध हो सकेंगे.
  • डिजिटल कोर्ट 2.0, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से न्यायालय की कार्रवाई का वास्तविक समय प्रतिलेखन करने में सहायता करेगा जो कुशल रिकॉर्ड-कीपिंग और न्यायिक प्रक्रियाओं की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण सफलता है.
  • सर्वोच्च न्यायालय की नई वेबसाइट अब द्विभाषी प्रारूप (अंग्रेज़ी व हिंदी) में उपलब्ध है जो न्यायिक जानकारी तक निर्बाध पहुँच के लिये एक उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफेस प्रदान करती है.

सर्वोच्च न्यायालय: एक दृष्टि

  • सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना 28 जनवरी 1950 को की गई थी. इसने भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत स्थापित भारत के संघीय न्यायालय का स्थान लिया था.
  • भारतीय संविधान के (भाग V में) अनुच्छेद 124 से 147 तक सर्वोच्च न्यायालय के संगठन, स्वतंत्रता, क्षेत्राधिकार, शक्तियों, प्रक्रियाओं आदि से संबंधित हैं.
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय में भारत के मुख्य न्यायाधीश और 34 अन्य न्यायाधीश शामिल हैं जिनकी नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त किसी भी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिये भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श अनिवार्य है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष की भारत यात्रा

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के निमंत्रण पर 22-26 जनवरी तक भारत की यात्रा पर थे. श्री फ्रांसिस की यात्रा के दौरान, आपसी हित के महत्वपूर्ण बहुपक्षीय मुद्दों पर विदेश मंत्री के साथ बातचीत हुई थी.

मुख्य बिन्दु

  • भारत यात्रा के दौरान उन्होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात कही. उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक वास्‍तविकता को नहीं दर्शाती है.
  • नई दिल्‍ली में श्री फ्रांसिस ने कहा कि संयुक्‍त राष्‍ट्र भू-राजनीतिक अस्थिरताओं से निपटने में संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के प्रदर्शन से संतुष्‍ट नहीं है. यह परिषद अब तक शांति और सुरक्षा संबंधी निर्णय लेने में असमर्थ रही है.
  • संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के अध्‍यक्ष ने अफ्रीकी संघ को जी-20 का पूर्ण सदस्‍य बनाने में भारत की भूमिका की भी सराहना की.
  • इससे पहले श्री फ्रांसिस ने विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस जयशंकर के साथ बातचीत की. डॉक्‍टर जयशंकर ने अंतर्राष्‍ट्रीय संस्‍थानों विशेषकर संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर श्री फ्रांसिस के विचार की सराहना की.