एक देश- एक चुनाव (One Nation, One Election) के लिए गठित कोविंद समिति ने 14 मार्च को अपनी रिपो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी. इस रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है.
रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु
18626 पेज की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 2029 से देश में पहले चरण लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं. इसके बाद 100 दिनों के भीतर दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं.
केवल 15 राजनीतिक दलों को छोड़कर शेष 32 दलों ने न केवल साथ-साथ चुनाव प्रणाली का समर्थन किया बल्कि सीमित संसाधनों की बचत, सामाजिक तालमेल बनाए रखने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए ये विकल्प अपनाने की ज़ोरदार वकालत की.
‘एक देश एक चुनाव’ का जिस जिस ने विरोध किया, उसमें 15 राजनीतिक दलों के अलावा हाईकोर्ट के तीन रिटायर्ड जज और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त भी शामिल थे.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार रिटायर न्यायमूर्ति जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस शरद अरविंद बोबडे एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में थे.
‘एक देश एक चुनाव’ का विरोध करने वालों की दलील है कि ‘इसे अपनाना संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन होगा. ये अलोकतांत्रिक, संघीय ढांचे के विपरीत, क्षेत्रीय दलों को अलग-अलग करने वाला और राष्ट्रीय दलों का वर्चस्व बढ़ाने वाला होगा’.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा. साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे. मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए. उसके बाद सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव हो सकेंगे.
त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में नए सदन के गठन के लिए फिर से चुनाव कराए जा सकते हैं. इस स्थिति में नए लोकसभा (या विधानसभा) का कार्यकाल, पहले की लोकसभा (या विधानसभा) की बाकी बची अवधि के लिए ही होगा.
रिपोर्ट में एक नए संवैधानिक प्रावधान, अनुच्छेद 324 A का सुझाव दिया गया है, जो संसद को यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने का अधिकार देगा कि नगरपालिका और पंचायत चुनाव आम चुनावों के साथ-साथ आयोजित किए जाएं.
संविधान के अनुच्छेद 325 में संशोधन करने की भी सिफारिश की है ताकि भारत के चुनाव आयोग को राज्य चुनाव आयोगों के परामर्श से एक सामान्य मतदाता सूची तैयार करने और सभी चुनावों के लिए एक एकल मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) जारी करने की अनुमति मिल सके.
कोविंद की अगुवाई में सितंबर 2023 में बनी थी समिति
एक देश- एक चुनाव (One Nation, One Election) की संभावनाओं के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में सितंबर 2023 में एक समिति का गठन किया गया था.
इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और चीफ़ विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी शामिल थे. इसके अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर क़ानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल और डॉ. नितेन चंद्रा समिति में शामिल थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-15 16:33:462024-03-18 19:17:59एक देश- एक चुनाव पर गठित कोविंद समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी
हरियाणा में 13 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नायब सिंह सैनी ने नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. सैनी के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे.
मुख्य बिन्दु
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीतिक घटनाक्रम में मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर का दूसरा कार्यकाल अक्टूबर 2024 में खत्म होना था.
इससे पहले, भाजपा विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया था. नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
सैनी साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए थे.
हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-14 16:26:592024-03-15 16:31:05नायब सैनी ने हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
भारत ने 11 मार्च को अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. इस परीक्षण को ‘मिशन दिव्यास्त्र’ नाम दिया गया था. यह परीक्षण ओडिशा स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड से किया गया था. अग्नि-5 मिसाइल कई वॉरहेड को ले जाने और कई ठिकानों पर निशाना लगाने में सक्षम है.
अग्नि-5 मिसाइल: मुख्य बिन्दु
अग्नि-5 मिसाइल भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 5000 किमी है. स्वदेश विकसित इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है.
यह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत विकसित सतह-से-सतह पर मार करने वाली लंबी दूरी की एक अत्याधुनिक बैलिस्टिक मिसाइल है.
यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस है. यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है. इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में MIRV के बिना हुआ था.
यह 1.5 टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा.
मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास MIRV क्षमता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-12 09:46:292024-03-13 09:56:47भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया
नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship (Amendment) Act) 11 मार्च को देश में लागू हो गया. इसकी घोषणा गृह मंत्रालय ने की. यह अधिनियम, नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन कर लाया गया था.
इस अधिनियम में 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई समुदाय के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है.
नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA): मुख्य बिन्दु
नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था. राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद यह विधेयक ने अधिनियम का रूप ले लिया.
इस अधिनियम में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है.
CAA 2019 के मुताबिक़ 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता मिल पाएगी.
CAA भारत के तीन पड़ोसी देशों से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का कानून है. इससे किसी भी भारतीय नागरिक के नागरिकता नहीं जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें वर्षों से उत्पीड़न सहना पड़ा और जिनके पास दुनिया में भारत के अलावा और कोई जगह नहीं है.
CAA 2019 से पहले किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था, लेकिन अब पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह समय अवधि 6 साल कर दी गई है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-12 09:46:262024-03-13 10:00:00नागरिकता (संशोधन) अधिनियम देश में लागू हुआ
भारत और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) देशों ने 10 मार्च 2024 को एक व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता (TEPA) पर हस्ताक्षर किया था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने EFTA देशों के साथ TEPA पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी.
मुख्य बिन्दु
EFTA अपने चार सदस्य देशों के लाभ के लिए मुक्त व्यापार एवं आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए 1960 में गठित एक अंतर – सरकारी संगठन है. EFTA (European Free Trade Association) देशों में स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन शामिल हैं.
पहली बार, भारत यूरोप के चार विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) किया है. FTA के इतिहास में पहली बार 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार की बाध्यकारी प्रतिबद्धता की गई है.
यह समझौता मेक इन इंडिया को बढ़ावा देगा तथा युवा एवं प्रतिभाशाली श्रमबल को अवसर प्रदान करेगा. यह एफटीए बड़े यूरोपीय तथा वैश्विक बाजारों तक भारतीय निर्यातकों को पहुंच प्रदान करेगा.
ईएफटीए देशों में से स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है जिके बाद नॉर्वे का स्थान आता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-11 09:46:302024-03-13 09:54:56भारत ने EFTA देशों के साथ व्यापार एवं आर्थिक साझीदारी समझौता किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 मार्च को अरूणाचल प्रदेश में सेला सुरंग (टनल) का उद्घाटन किया था. यह सुरंग न सिर्फ दुनिया की सबसे लंबी डबल-लेन टनल है बल्कि रणनीतिक लिहाज से भी इसको काफी महत्वपूर्ण है.
सेला सुरंग: मुख्य बिन्दु
सेला सुरंग 13,700 फीट की ऊंचाई पर बनी है और ये तेजपुर से अरुणाचल प्रदेश के तवांग को जोड़ती है. तवांग वही जगह है जहां साल 2022 के दिसंबर महीने में भारतीय जवानों की चीनी सैनिकों से भिड़ंत हुई थी.
इस सुरंग की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में रखी थी. इसका पूरा डिजाइन और इन्फ्रास्ट्रक्चर भारतीय सेना की स्पेशल विंग बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने तैयार किया है.
इस सुरंग के बनाने से पहले तक तवांग जाने का एक मात्र रास्ता 14 हजार फीट ऊंचे पहाड़ों से होकर था. बर्फबारी के कारण इस रास्ते को कई महीनों तक बंद रखा जाता था.
अरुणाचल प्रदेश की 1,080 किमी लंबी सीमा चीन से 520 किमी लंबी सीमा म्यांमार और 217 किमी लंबी सीमा भूटान से भी लगी हुई है. चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताते हुए अपना दावा करता रहा है. इसमें तवांग शामिल है. पिछले कुछ सालों में चीन ने सीमावर्ती इलाको में अपनी गतिविधियों भी काफी बढ़ा दी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-11 09:46:272024-03-13 09:59:00अरूणाचल प्रदेश में दुनिया की सबसे लंबी डबल-लेन सुरंग ‘सेला सुरंग’ का उद्घाटन
निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने 9 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा जिन्होंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
अरुण गोयल के इस्तीफे से पहले फरवरी 2024 में एक अन्य निर्वाचन आयुक्त अनूप पांडे सेवनिवृत हो गए थे. तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं.
अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह नवंबर 2022 में भारत निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे.
चुनाव आयुक्त चयन प्रक्रिया
संसद ने दिसंबर 2023 में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की शर्तें) अधिनियम-2023 पारित किया था.
इस अधिनियम के अनुसार मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त चयन प्रक्रिया में दो समितियां शामिल होगीं.
पहला कानून मंत्री के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय खोज समिति, जिसमें दो सचिव स्तरीय अधिकारी भी शामिल रहेंगे. इसके बाद इनके सुझाए नामों में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय चयन समिति फैसला करेगी. इस समिति में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के अलावा एक केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे.
खोज समिति चयन समिति को पांच नामों की सिफारिश करेगी, हालांकि चयन समिति को इस सूची के बाहर से भी आयुक्तों का चयन करने का अधिकार है. इसके बाद चयन समिति द्वारा सुझाए व्यक्ति को राष्ट्रपति बतौर चुनाव आयुक्त नियुक्त करेंगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-10 09:46:322024-03-13 09:53:36निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दिया
सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2024 को अपने ऐतिहासिक फैसले में रिश्वत लेकर वोट देने वाले सांसदों और विधायकों को कानूनी संरक्षण से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में पीवी नरसिम्हा राव के मामले में दिए अपने पिछले फैसले को पलट दिया.
मुख्य बिन्दु
सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने कहा कि अनुच्छेद-105 या 194, सांसदों या विधायकों को संसदीय विशेषाधिकार के तहत रिश्वतखोरी की छूट नहीं देता.
भारतीय संविधान में अनुच्छेद-105 संसद के (अनुच्छेद-194 राज्य विधानमंडलों के) विशेषाधिकारों को निर्दिष्ट करता है. इसके तहत संसद का कोई भी सदस्य, संसद या उसकी किसी समिति में कही गई किसी भी बात या दिए गए वोट के संबंध में किसी भी अदालत में किसी भी कार्यवाही के लिए उत्तरदायी नहीं होता है.
यह फैसला CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सहमति से सुनाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विधायिका के किसी सदस्य द्वारा किया गया भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को खत्म कर देती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-06 19:19:332024-03-06 19:19:33जन प्रतिनिधियों द्वारा वोट डालने के लिए रिश्वत मामले में फैसला
नई दिल्ली में संसद भवन में 5-6 मार्च को ‘राष्ट्रीय युवा संसद उत्सव’ के अंतिम कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसका आयोजन युवा मामले और खेल मंत्रालय ने किया था.
मुख्य बिन्दु
इस वर्ष राष्ट्रीय युवा संसद का विषय ‘युवाओं की आवाज – राष्ट्र में बदलाव के लिए उन्हें शामिल और सशक्त करना’ था.
देश के 785 जिलों में तीन स्तरों पर युवा संसद का आयोजन किया गया था. जिला स्तर पर इसका आयोजन 9 फरवरी से 14 फरवरी तक किया गया.
जिला स्तर के विजेताओं ने 19 से 24 फरवरी के बीच राज्य स्तरीय युवा संसद में भाग लिया.
राज्य स्तर के 87 विजेता नई दिल्ली में राष्ट्रीय युवा संसद के अंतिम कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-06 19:09:252024-03-06 19:09:25संसद भवन में राष्ट्रीय युवा संसद उत्सव के अंतिम कार्यक्रम का आयोजन किया गया
नई दिल्ली के मानेकशा सेंटर में 4-5 मार्च को डेफकनेक्ट (DefConnect) 2024 का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था.
मुख्य बिन्दु
रक्षा उत्पादन में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसका आयोजन इनोवेशन फ़ॉर डिफ़ेंस एक्सीलेंस-डिफ़ेंस इनोवेशन ऑर्गनाइज़ेशन (iDEX-DIO) ने किया था. यह सशस्त्र बलों, रक्षा उद्योग, स्टार्टअप, शिक्षाविदों और नीति-निर्माताओं सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा.
रक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण और रणनीतिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए 11वें डिफ़ेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज का अनावरण किया.
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे ले जाने के उद्देश्य से अदिति और आईडेक्स जैसी योजनाएं शुरू की हैं. अदिति योजना युवाओं में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देगी और देश को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे ले जाएगी.
2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया iDEX, अनिवार्य रूप से रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में विभिन्न हितधारकों के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-06 19:06:552024-03-06 19:06:55स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली में डेफकनेक्ट 2024 का आयोजन
केन्द्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा तथा अन्य हितधारकों के बीच राज्य के मूल निवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए 2 मार्च को त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था. यह समझौता राज्य के स्वदेशी लोगों की समस्याओं का स्थायी समाधान लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हुआ था.
मुख्य बिन्दु
टिपरा (TIPRA) मोथा को टिपराहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन के रूप में भी जाना जाता है. यह एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है और पहले भारत के त्रिपुरा में एक सामाजिक संगठन था.
TIPRA (द इंडीजिनीयस प्रोग्रेसिव रिजनल एलासंय) का नेतृत्व प्रद्योत देबबर्मा कर रहे हैं. यह वर्तमान में त्रिपुरा विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है.
समझौते के तहत त्रिपुरा के मूल निवासियों के इतिहास, भूमि और राजनीतिक अधिकारों, आर्थिक विकास, पहचान, संस्कृति और भाषा से संबंधित सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमति बनी.
इसके साथ ही सम्माननीय समाधान सुनश्चिति करने के लिए, समझौते के तहत इन मुद्दों से संबंधित पारस्परिक सहमति वाले बिंदुओं पर नर्धिारित समयसीमा में अमल के लिए एक संयुक्त कार्य समूह के गठन पर भी सहमति बनी
टिपरा मोथा सुप्रीमो प्रद्योत देबबर्मा मूल निवासियों की समस्याओं के स्थायी समाधान की मांग को लेकर आमरण अनशन पर थे.
केंद्र सरकार के वार्ताकारों के आश्वासन के बाद वह राष्ट्रीय राजधानी आये और समझौते के लिए राजी हो गए थे. देबबर्मा ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक शाह भी उपस्थित थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-03 21:09:402024-03-06 08:52:25भारत सरकार त्रिपुरा सरकार और टिपरा मोथा के बीच त्रिपक्षीय समझौता हुआ
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी तिमाही (अकतूबर-दिसंबर) के जीडीपी आंकड़े (Indian Economy Growth Data) 29 फ़रवरी को जारी किए थे. इस तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 8.4% की दर से बढ़ी है.
मुख्य बिन्दु
आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.4% रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3% थी.
तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस दौरान कृषि क्षेत्र में 0.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई.
इस अवधि में निजी उपभोग वृद्धि भी धीमी पड़कर 3.6 प्रतिशत रही. कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि निजी उपभोग में सुस्ती उच्च जीडीपी वृद्धि के लिए चिंता की बात है.
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल मूल्य-वर्धन (जीवीए) के हिसाब से विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 11.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
सामान अवधि में खनन और उत्खनन में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी. निर्माण क्षेत्र ने अपनी वृद्धि दर को एक साल पहले की तरह 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर भी बीती तिमाही में 7 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.7 प्रतिशत रही थी.
सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं ने पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 3.5 प्रतिशत के मुकाबले 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 और 2022-23 में देश की प्रति व्यक्ति आय क्रमशः 1,50,906 रुपये और 1,69,496 रुपये रहने का अनुमान है.
एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया जो पहले 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. वहीं 2023-24 में मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 293.90 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2022-23 के 269.50 लाख करोड़ रुपये से 9.1 प्रतिशत अधिक है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-29 22:54:552024-03-04 09:59:04चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 8.4% की दर से बढ़ी