केन्द्रीय वित्त मंत्री ने लोकसभा में अंतरिम बजट 2024 प्रस्तुत किया

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने वर्ष 2024 का अं‍तरिम बजट 1 फ़रवरी को लोकसभा में प्रस्तुत किया था. वित्त मंत्री के रूप में श्रीमती सीतारामन का यह छठ बजट था.
यह मौजूदा लोकसभा का आखिरी बजट था. पिछले तीन पूर्ण केन्‍द्रीय बजट की तरह यह अंतरिम बजट भी पेपर रहित था.

यह अं‍तरिम बजट था, इस वर्ष आम चुनाव होने के बाद नई सरकार पूर्ण केन्‍द्रीय बजट पेश करेगी. अंतरिम बजट का उद्देश्य नई सरकार के कार्यभार संभालने के बाद पूर्ण बजट पेश करने तक सरकारी व्यय तथा आवश्यक सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करना है.

रुपया कहाँ से आया और कहाँ गया
सरकार की आमदनीसरकार का खर्च
  • ऋण से इतर पूंजी प्राप्तियां: 1%
  • कर से इतर राजस्व: 7%
  • वस्तु एवं सेवा कर (GST) : 18%
  • केन्द्रीय उत्पाद शुल्क: 5%
  • सीमा शुल्क: 4%
  • आय कर: 19%
  • निगम कर: 17%
  • उधार और अन्य देयताएं: 28%
  • ब्याज: 20%
  • रक्षा: 8%
  • सब्सिडी: 6%
  • वित्त आयोग और अन्य खर्च: 8%
  • करों और शुल्कों में राज्यों का हिस्सा: 20%
  • पेंशन: 4%
  • केन्द्रीय प्रायोजित योजनाएं: 8%
  • केन्द्रीय क्षेत्र की योजना: 16%
  • अन्य खर्च: 9%

अंतरिम बजट 2024-25: मुख्य बिन्दु

  • इस बजट में सर्वांगीण, सर्वव्यापी तथा सर्व-समावेशी विकास के साथ वर्ष 2047 तक ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना की गई है.
  • वर्ष 2024-2025 के लिये पूंजीगत व्यय में 11.1% की वृद्धि की घोषणा की गई. पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर 11,11,111 करोड़ रुपए किया गया जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा.
  • वित्त वर्ष 2023-24 के लिये वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.3% रहने का अनुमान है, जो RBI के संशोधित विकास अनुमान के अनुरूप है.
  • ऋण ग्रहण के अतिरिक्त 30.80 लाख करोड़ रुपए की कुल प्राप्तियाँ होने का अनुमान है. कुल व्यय का अनुमान 47.66 लाख करोड़ रुपए है. कर प्राप्ति का अनुमान 26.02 लाख करोड़ रुपए है.
  • वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा GDP का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो वर्ष 2025-26 तक इसे 4.5% से कम करने (बजट 2021-22 में घोषित) के लक्ष्य के अनुरूप है.
  • सरकार मध्यम वर्ग के व्यक्तियों को अपना घर खरीदने या निर्माण करने के लिए “मध्यम वर्ग के लिए आवास” योजना शुरू करेगी.
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 3 करोड़ घरों के अपने लक्ष्य के करीब है, अगले पांच वर्षों के लिए 2 करोड़ घरों का अतिरिक्त लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
  • वित्त वर्ष 2010 तक के मुद्दों के लिए 25,000 रुपये तक की सीमा और वित्त वर्ष 2011-15 के लिए 10,000 रुपये तक की सीमा के साथ बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लेने से लगभग 1 करोड़ कर दाताओं को लाभ होगा.
  • 1 करोड़ घरों को छत पर सौर ऊर्जा लगाने में सक्षम बनाना, प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान करना.
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