केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन को मंजूरी दी है. संशोधित FDI नीति के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दी गई है. मौजूदा FDI नीति के मुताबिक, स्वचालित मार्ग के तहत 49 प्रतिशत तक विदेशी निवेश की अनुमति है.
मुख्य बिन्दु
इस संशोधन के तहत, उपग्रहों, ग्राउंड सेगमेंट, और उपयोगकर्ता सेगमेंट के लिए घटकों और प्रणालियों/उप-प्रणालियों के निर्माण के लिए 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दी गई है.
उपग्रहों की एंड टू एंड मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई और ऑपरेशन सैटेलाइट डाटा प्रोडक्ट्स ग्राउंड सेगमेंट और यूजर सेगमेंट एक्टीवीटीज में अब 74 प्रतिशत तक FDI की अनुमति होगी. लॉन्च व्हीकल और स्पेस पोर्टल में 39 प्रतिशत तक FDI की अनुमति रहेगी.
संशोधित नीति के तहत दी गई अनुमति का उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र में भारतीय कंपनियों में निवेश के लिए निवेशकों को आकर्षित करना है.
FDI नीति में सुधार देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाएगा, जिससे FDI प्रवाह बढ़ेगा और इस प्रकार यह निवेश, आय और रोजगार में वृद्धि में योगदान देगा.
इससे कंपनियां सरकार की ‘मेक इन इंडिया (एमआईआई)’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को विधिवत प्रोत्साहित करते हुए देश के भीतर अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने में सक्षम होंगी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-24 19:39:062024-02-27 20:14:48एफडीआई नीति में संशोधन: अंतरिक्ष क्षेत्र में शत-प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति