चालू वित्त वर्ष  की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था 8.4% की दर से बढ़ी

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी तिमाही (अकतूबर-दिसंबर) के जीडीपी आंकड़े (Indian Economy Growth Data) 29 फ़रवरी को जारी किए थे. इस तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 8.4% की दर से बढ़ी है.

मुख्य बिन्दु

  • आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.4% रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3% थी.
  • तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस दौरान कृषि क्षेत्र में 0.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई.
  • इस अवधि में निजी उपभोग वृद्धि भी धीमी पड़कर 3.6 प्रतिशत रही. कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि निजी उपभोग में सुस्ती उच्च जीडीपी वृद्धि के लिए चिंता की बात है.
  • चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल मूल्य-वर्धन (जीवीए) के हिसाब से विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 11.6 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसमें 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी.
  • सामान अवधि में खनन और उत्खनन में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक साल पहले सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी. निर्माण क्षेत्र ने अपनी वृद्धि दर को एक साल पहले की तरह 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
  • वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर भी बीती तिमाही में 7 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 7.7 प्रतिशत रही थी.
  • सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं ने पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 3.5 प्रतिशत के मुकाबले 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.
  • आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 और 2022-23 में देश की प्रति व्यक्ति आय क्रमशः 1,50,906 रुपये और 1,69,496 रुपये रहने का अनुमान है.
  • एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए में आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 7.6 प्रतिशत कर दिया गया जो पहले 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. वहीं 2023-24 में मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 293.90 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो 2022-23 के 269.50 लाख करोड़ रुपये से 9.1 प्रतिशत अधिक है.