WHO ने मंकीपॉक्स संक्रमण को वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स संक्रमण को वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति (हेल्थ इमरजेंसी) घोषित किया है. 23 जुलाई को मंकीपॉक्स पर संगठन की आपात समिति की दूसरी बैठक में यह निर्णय लिया गया.

  • WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस एडानॉम गैब्रेयासिस ने बताया कि 75 देशों में 16 हजार से अधिक लोग मंकीपॉक्स से संक्रमित हो चुके हैं. अब तक पांच लोगों की इससे मौत हुई है.
  • वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति की घोषणा का मतलब है कि WHO मंकीपॉक्स को दुनियाभर के लिए बड़ा खतरा मानता है और इसे फैलने से रोकने और महामारी में बदलने की आशंका से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पहल की तुरंत जरूरत है. यह घोषणा दुनियाभर की सरकारों के लिए तुरंत कार्रवाई की अपील का काम करती है.
  • WHO ने पिछले दो दशक में सात वैश्विक स्वास्थ्य आपात-स्थिति घोषित की हैं. 2009 में स्‍वाइन फ्लू, 2014 में पोलियो और इबोला, 2015 में जीका, 2018 में के. इबोला और 2019 में कोविड-19 को ग्‍लोबल हेल्‍थ इमजरेंसी घोषित किया गया था.
  • विश्व में इस समय केवल दो अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियां हैं- पहली कोरोना महामारी और दूसरी पोलियो उन्मूलन के लिए जारी प्रयास.

मंकीपॉक्स क्या है?

यह वायरल इंफेक्शन है. मंकीपॉक्स वायरस, वायरस से संबंधित एक जूनोटिक ऑर्थोपॉक्स डीएनए वायरस है जो चेचक का कारण बनता है, पहली बार 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (पूर्व में ज़ैरे) में मनुष्यों में इस वायरस पाए गए थे. यह नया वायरस नहीं है और इसके लिए वैक्‍सीन उपलब्‍ध हैं.

अमेरिका में वर्ष 2013 के बाद पोलियो संक्रमण का मामला

अमेरिका में वर्ष 2013 के बाद पोलियो संक्रमण का मामला आया है. इस अमेरिकी नागरिक का टीकाकरण नहीं किया गया था. यह व्यक्ति कथित तौर पर उस प्रकार के पोलियो वायरस के संपर्क में आया जो जिसका इस्तेमाल पोलियो रोधी टीका में किया गया.

अमेरिका में इस प्रकार के टीके का इस्तेमाल वर्ष 2000 के बाद से नहीं किया गया है. संभवतः पोलियो वायरस का यह संक्रमण किसी बाहरी देश में उत्पन्न हुआ होगा, जहां अब भी टीके पिलाए जाते हैं.

पोलियो टीके के प्रकार

  • पोलियो टीके दो प्रकार के हैं. पहला पिलाया जाने वाला टीका ओर दूसरा इंजेक्शन की मदद से लगाया जाने वाला टीका.
  • पिलाया जाने वाला पोलियो टीका, मूल रूप से अल्बर्ट सेबिन ने विकसित किया था. इसे टीके को बनाने में एक कमजोर जीवित पोलियो वायरस का इस्तेमाल किया जाता है.
  • दूसरी तरह के पोलियो टीके को मूल रूप से जोनास साल्क द्वारा विकसित किया गया था. इस टीके में निष्क्रिय और मृत वायरस का इस्तेमाल किया जाता है, और इसे इंजेक्शन की मदद से लगाया जाता है.
  • पिलाये जाने वाले पोलियो टीके में वायरस के कमजोर रूप की मौजूदगी बीमारी को जन्म नहीं दे सकती. लेकिन यह टीका मुंह के जरिये दिया जाता है, इसलिए कमजोर वायरस मल के जरिये निकलकर फैल जाते हैं.
  • यदि यह कमजोर वायरस लंबे समय तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचकर उत्परिवर्तित (म्युटेट) होता रहा, तो यह लकवा देने यानी लोगों को विकलांग बनाने की अपनी क्षमता को दोबारा हासिल कर सकता है.
  • मुंह के जरिये दिये जाने वाले पोलियो टीके का एक सकारात्मक पहलू यह है कि, कमजोर वायरस पूरे समुदाय में फैल सकता है. इससे उन लोगों में भी प्रतिरक्षा उत्पन्न हो जाती है, जिनका प्रत्यक्ष रूप से टीकाकरण नहीं किया गया है.

रानिल विक्रमसिंघ श्रीलंका के राष्ट्रपति निर्वाचित

रानिल विक्रमसिंघ श्रीलंका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं. उन्होंने 21 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उन्होंने न्यायमूर्ति जयंत जयसूर्या की उपस्थिति में राष्ट्रपति पद की शपथ ली.

  • श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति पद से गोताबाया राजपक्ष के इस्‍तीफे के बाद 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति के लिए मतदान हुआ था.
  • 225 सांसदों में से रानिल विक्रमसिंघ को 134 सांसदों का समर्थन मिला. पोडुजन पेरामुना पार्टी के डलास अलपेरूमा को 82 सांसदों का और नेशनल पीपुल्‍स पावर के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ 3 सांसदों का समर्थन मिला.
  • 225 सदस्यों की संसद में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघ को शेष कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुना गया है. राष्ट्रपति का वर्तमान कार्यकाल नवंबर में 2024 में समाप्त होना है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्‍तीफा दिया

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्‍होंने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में अपने इस्‍तीफे की घोषणा 7 जुलाई को की. श्री जॉनसन ने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी के उनका उत्‍तराधिकारी चुनने तक वे प्रधानमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे.

  • जॉनसन का इस्तीफा तीन साल की सत्ता में एक उथल-पुथल के दौरान कई घोटालों के बाद  आया  है. सरकार के कई विवादों से घिरे होने के बाद उनके निकट सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया था.
  • श्री जॉनसन के इस्‍तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी में नेतृत्‍व संघर्ष शुरू हो गया है. कई सांसद प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आने का प्रयास कर रहे हैं. ब्रिटेन के पूर्व वित्‍त मंत्री ऋषि सुनक ने बोरिस जॉनसन के इस्‍तीफे के बाद अगला प्रधानमंत्री बनने की दावेदारी पेश की है.
  • यदि ऋषि सुनक जीत जाते हैं तो वे ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्‍यक्ति होंगे. श्री सुनक इन्‍फोसिस के सह-संस्‍थापक नारायणमूर्ति के दामाद हैं.

स्वीडन और फिनलैंड को NATO में शामिल करने पर सहमति बनी

स्वीडन और फिनलैंड को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल करने पर सहमति बन गई है. यह सहमति फिनलैंड के विदेश मंत्री पेक्का हाविस्टो और स्वीडन की विदेश मंत्रि एन लिंडे की उपस्थिति में बेल्जियम के ब्रसेल्स में स्थित नैटो मुख्यालय में बनी.

मुख्य बिन्दु

तुर्की, फिनलैंड और स्वीडन के बीच त्रिपक्षीय समझौते के बाद यह सहमति बनी. तुर्की ने शुरू में नैटो संगठन में इन नॉर्डिक देशों के प्रवेश का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि दोनों देश कुर्द अलगाववादियों को आश्रय दे रहे हैं.

मैड्रिड में त्रिपक्षीय बैठक में तुर्की ने कुछ शर्तों के बाद विरोध समाप्त कर दिया था.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं. सबसे हालिया सदस्य उत्तर मैसेडोनिया है जिसे 2020 में संगठन में जोड़ा गया था.

नाटो के अन्य सदस्य देश: ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया, अल्बानिया और क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो और उत्तर मैसेडोनिया.

अमरीका में सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के अधिकार को समाप्त किया

अमरीका में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के गर्भपात के अधिकार को समाप्त करने का निर्देश दिया है. 50 वर्ष पुराने एक फैसले में अमरीका में गर्भपात को महिलाओं का संवैधानिक अधिकार माना गया था.

मुख्य बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट ने 3 के मुकाबले 6 के बहुमत से रिपब्लिकन समर्थित मिसिसिपी कानून को लागू किया, जो 15 सप्ताह के बाद गर्भपात को प्रतिबंधित करता है. इस फैसले से अमरीका में गर्भपात कानूनों में बदलाव आएगा.
  • सुप्रीम कोर्ट ने 50 साल पहले के रो वर्सेज वेड फैसले को पलट दिया है और गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म कर दिया है.
  • 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए महिलाओं को अपनी मर्जी से गर्भपात का अधिकार दिया था.

वामपंथी नेता गुस्तावो पेट्रो कोलंबिया के नए राष्ट्रपति निर्वाचित

कोलंबिया में हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता गुस्तावो पेट्रो निर्वाचित हुए हैं. इस चुनाव में पेट्रो को 50.48 प्रतिशत वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रोडोल्फो हर्नांडेज को 47.26 प्रतिशत वोट मिले.

मुख्य बिंदु

  • यह पहली बार है जब कोलंबिया के राष्ट्रपति पद के लिए किसी वामपंथी नेता को चुना गया है.
  • यह चुनाव ऐसे वक्त में हुआ है जब कोलंबिया बढ़ती असमानता, मुद्रास्फीति और हिंसा से जूझ रहा है.
  • नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अब विघटित हो चुके ‘एम-19’ आंदोलन में शामिल थे और समूह के साथ भागीदारी के आरोप में जेल की सजा के बाद उन्हें माफी दी गई थी.
  • गुस्तावो पेट्रो कोलंबिया गणराज्य के राष्ट्रपति के रूप में इवान डुके मर्केज़ का स्थान लेंगे. जिन्होंने अगस्त 2018 को पदभार संभाला था.

चीन ने अत्याधुनिक विमानवाहक पोत फुजियान का जलावारण किया

चीन ने 17 जून को अपना तीसरा और सबसे आधुनिक विमानवाहक पोत फुजियान (Fujian) का जलावतरण किया था. इसे शंघाई में एक समारोह में पानी में उतारा गया. इसका नाम फुजियान प्रांत के नाम पर रखा गया है. अब यह निर्धारित समय के अनुसार समुद्री परीक्षण करेगा.

यह चीन का पहला घरेलू निर्मित वाहक है जो विद्युत चुम्बकीय कैटापोल्ट्स का उपयोग करता है. चीन का पहला पूरी तरह से घरेलू रूप से विकसित और निर्मित विमानवाहक पोत है. फ़ुज़ियान में 80,000 टन से अधिक की विस्थापन क्षमता है.

फुजियान चीन का तीसरा विमानवाहक पोत है. चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग सोवियत युग के जहाज का एक उन्नत रूप है, जिसका जलावतरण 2012 में किया गया था और उसके बाद 2019 में दूसरे विमानवाहक पोत ‘शेडोंग’ का जलावतरण किया गया था. चीन की पांच विमानवाहक पोत बनाने की योजना है.

FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का वर्चुअल सत्र 14-17 जून को बर्लिन में आयोजित की गयी थी. सत्र की अध्यक्षता जर्मनी के डॉक्‍टर मार्कस प्लीयर ने की थी. बैठक में विभिन्न देशों के सरकारों तथा संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधियों ने प्रमुख धन-शोधन और आतंकी वित्त पोषण मुद्दों पर चर्चा की.

बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. नौ बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

FATF ने कहा कि उसे ग्रे-लिस्ट से हटाने का अंतिम निर्णय पाकिस्तान में जांच पड़ताल के बाद ही किया जाएगा.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोज़ाम्बिक और स्विटज़रलैंड को UNSC का अस्थायी सदस्य चुना गया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अस्थायी सदस्य के रूप में इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजंबिक और स्विटजरलैंड चुने गए हैं. ये देश 2023-24 के कार्यकाल के लिए चुने गये हैं जो 1 जनवरी 2023 से भारत, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नार्वे की जगह लेंगे.

अस्थाई सदस्यों का चुनाव: मुख्य बिंदु

  • 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दो साल के कार्यकाल 2023-24 के लिए पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव करने के लिए 9 जून को चुनाव कराया था.
  • अस्थाई सदस्यों के चुनाव में भौगोलिक प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखा जाता है. इस वर्ष, तीन क्षेत्रीय समूहों से पांच सीटों के लिए चुनाव हुआ. अफ़्रीकी और एशिया-प्रशांत देशों के लिए दो, लैटिन अमेरिका व कैरीबियाई के लिए एक और पश्चिमी यूरोप व अन्य देशों के लिए दो सीटें.
  • पश्चिमी यूरोप और अन्य देशों की श्रेणी में दो सीटों के लिए स्विट्जरलैंड (187 वोट) और माल्टा (185 वोट) चुने गए.
  • अफ्रीकी और एशिया-प्रशांत के देशों में दो सीटों के लिए मोजाम्बिक (192 वोट) और जापान (184 वोट) चुने गए. मोजाम्बीक पहली बार सुरक्षा परिषद का सदस्य बनेगा.
  • लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों की श्रेणी में एक सीट के लिए इक्वाडोर (190 वोट) निर्वाचित हुआ.

मतदान प्रक्रिया

संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 सदस्य देश हैं, जो कि हर साल, दो वर्षीय कार्यकाल के लिए 10 अस्थाई सदस्यों का चुनाव करते हैं. परिषद का सदस्य बनने के लिए  हर देश को दो-तिहाई बहुमत, यानी 128 मतों, की आवश्यकता होती है.

संयुक्त राष्ट्र संघ: एक दृष्टि

  • संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर हस्ताक्षर कर किया था. भारत शुरुआती दिनों से ही इसका सदस्य है.
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग हैं- 1. सुरक्षा परिषद्, 2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, 3. महासभा, 4. सचिवालय, 5. आर्थिक और सामाजिक परिषद् और 6. न्यायसिता परिषद्.
  • संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं- अरबी, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन और स्पैनिश. आधिकारिक भाषाएं छह हैं, लेकिन यहां पर संचालन भाषा केवल अंग्रेजी और फ्रेंच हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है. अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए इसका गठन किया गया है.
  • सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य हैं- पांच स्थाई और दस अस्‍थायी (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके स्थाई सदस्य हैं. दस अस्‍थायी सदस्य क्षेत्रीय आधार पर सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है.
  • सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों को वीटो पॉवर मिली हुई है, जबकि अस्थायी सदस्य के पास वीटो का अधिकार नहीं होता.

वीटो क्या है?

वीटो (veto) का शाब्दिक अर्थ है- ‘मैं अनुमति नहीं देता हूं’. मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका के पास वीटो पावर है. स्थायी सदस्यों के फैसले से अगर कोई भी सदस्य सहमत नहीं है तो वह वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है.

तुर्की ने अपना आधिकारिक नाम परिवर्तित कर ‘तुर्किये’ किया

तुर्की ने अपना आधिकारिक नाम बदलने का निर्णय लिया है. इस देश का नया परिवर्तित नाम ‘तुर्किये’ (Turkiye) होगा. संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की के नाम को तुर्किये में बदलने के अनुरोध को 3 जून को मंजूरी दे दी.

मुख्य बिंदु

  • तुर्की का कहना है कि टर्की (इंग्लिश में) का मतलब पक्षी या मूर्ख व्यक्ति से होता है, जिस कारण नाम में परिवर्तन किया गया है.
  • राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने तुर्किये शब्द तुर्की लोगों की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व और अभिव्यक्ति वाला कहा था.
  • अधिकांश तुर्की लोग पहले से ही अपने देश को तुर्किये के नाम से जानते हैं, लेकिन अंग्रेजी तुर्की का व्यापक रूप से देश के भीतर भी उपयोग किया जाता है.

ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस अगले प्रधानमंत्री निर्वाचित

ऑस्ट्रेलिया में एंथनी अल्बानीस को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. उन्हें 23 मई को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. वे ऑस्ट्रेलिया के 31वें प्रधानमंत्री होंगे. 59 वर्षीय अल्बनीज़ी ने एक संक्षिप्त समारोह में कैनबरा में सरकारी भवन में शपथ ली. शपथ ग्रहन समारोह में रिचर्ड मार्ल्स ने उप-प्रधानमंत्री और पेनी वॉन्ग ने विदेश मंत्री पद की शपथ ली.

ऑस्ट्रेलिया में हाल ही में हुए संसदीय चुनावों में विपक्षी नेता एंथनी अल्बानीस की लेबर पार्टी ने पर्याप्त बहुमत प्राप्त किया था.  एंथनी अल्बानीस ने पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (लिबरल-नेशनल गठबंधन) का स्थान लिया है.

श्री अल्बानीस ने अपने विजयी भाषण में देश को एकजुट बनाए रखने, जलवायु परिवर्तन से निपटने, वृद्ध लोगों की देखभाल से जुड़े संकट को दूर करने का वादा किया. उन्होंने संघीय अखंडता आयोग बनाने की भी प्रतिबद्धता व्यक्त की.