आसिफ अली ज़रदारी को पाकिस्तान का नया राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया है. उन्होंने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली.
मुख्य बिन्दु
आसिफ अली ज़रदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने हैं. इसके पहले साल 2008 से 2013 के बीच पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति थे.
ज़रदारी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष हैं. वे पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति है.
श्री जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के संयुक्त उम्मीदवार थे और उनका मुकाबला सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के महमूद खान अचकजई से था.
श्री ज़रदारी को नेशनल असेम्बली और सीनेट में 255 वोट मिले जबकि श्री अचकजई 119 वोट ही जुटा सके.
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अपनी बेटी आसिफा भुट्टो जरदारी को प्रथम महिला बनाने का फैसला किया है. आसिफा भुट्टो बिलावल भुट्टो जरदारी की छोटी बहन हैं.
आमतौर पर प्रथम महिला का दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को मिलता है. आसिफा भुट्टो पाकिस्तान की पहली प्रथम महिला होंगी जो राष्ट्रपति की बेटी हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-12 08:46:332024-03-13 10:01:24आसिफ अली ज़रदारी पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति निर्वाचित
फ्रांस विश्व का ऐसा पहला देश बन गया है जिसने गर्भपात के अधिकार को अपने संविधान में शामिल किया है. फ्रांस में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों ने विशेष सत्र में संविधान में संशोधन के लिए मतदान किया. उनमें से 780 ने पक्ष में और 72 ने विपक्ष में मत दिया. संविधान में संशोधन से फ्रांस में गर्भपात की स्वतंत्रता सुनिश्चित हो गई है.
मुख्य बिन्दु
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि सरकार इस संशोधन को पारित किए जाने के संबंध में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित करेगी.
फ्रांस में गर्भपात के अधिकार को समर्थन देने का लंबा इतिहास रहा है. वहां गर्भ धारण को स्वेच्छा से समाप्त करने की व्यवस्था को वैधानिक बनाने के लिए सन् 1975 में कानून बनाया गया था.
यह कानून तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सिमोन वेल के नाम पर बना था जिन्होंने इसका समर्थन किया था. इस कानून में दस सप्ताह तक के गर्भपात की अनुमति दी गई थी. बाद में वर्ष 2001 में इसे बढ़ाकर 12 सप्ताह कर दिया गया और 2022 में इसे 14 सप्ताह कर दिया गया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-03-06 19:11:342024-03-06 19:11:34गर्भपात के अधिकार को संविधान में शामिल कराने वाला पहला देश बना फ़्रांस
तुर्किये की संसद ने स्वीडन के नाटो की सदस्यता से संबंधित प्रस्ताव की पुष्टि 23 जनवरी को कर दी. तुर्किये के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन के सत्तारूढ गठबंधन के बहुमत वाली आम सभा ने 55 के मुकाबले 287 मतों से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. स्वीडन ने नाटो में शामिल होने के लिए 2022 में प्रस्ताव रखा था.
मुख्य बिन्दु
नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉलटेनबर्ग ने भी तुर्किये के इस कदम का स्वागत करते हुए हंगरी से भी स्वीडन के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया है.
अमेरिका ने स्वीडन और फिनलैंड को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) मे शामिल करने के लिए 9 अगस्त 2022 को अनुमोदन किया था.
यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की प्रतिक्रिया में स्वीडन और फिनलैंड ने नैटो की सदस्यता के लिए आवेदन किया था. जबकि, रूस इसके खिलाफ दोनों देशों को लगातार चेतावनी देता आ रहा है.
तुर्की ने शुरू में नैटो संगठन में इन नॉर्डिक देशों के प्रवेश का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि दोनों देश कुर्द अलगाववादियों को आश्रय दे रहे हैं.
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?
नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.
नाटो के सदस्य देश
मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं.
नाटो के अन्य सदस्य देश: ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, अल्बानिया, क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो, उत्तर मैसेडोनिया (2020 मे शामिल), स्वीडन (2022 प्रस्तावित) और फिनलैंड (2022 प्रस्तावित).
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-24 23:54:252024-02-09 07:39:30तुर्किये ने स्वीडन के नाटो की सदस्यता से संबंधित प्रस्ताव की पुष्टि की
जापान ने 19 जनवरी को ‘मून स्नाइपर’ नामक प्रोब की सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी. स्नाइपर प्रोब को जापान द्वारा प्रक्षेपित अंतरिक्ष यान ‘SLIM’ के माध्यम से चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतारा गया था. इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला विश्व का पांचवां देश बन गया.
मुख्य बिन्दु
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) ने अपने अंतरिक्ष यान SLIM को 7 सितंबर 2023 को चंद्रमा के लिए प्रक्षेपित किया था. SLIM का मतलब स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन है.
हालांकि, बिजली की खराबी के कारण अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर केवल कुछ घंटों तक ही टिक सका. इसके सौर पैनल बिजली उत्पन्न करने में सक्षम नहीं थे.
चंद्रमा पर पहुंचने के मामले में जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, चीन और भारत के बाद पांचवां देश है.
JAXA ने लक्ष्य के 100 मीटर के भीतर स्नाइपर प्रोब की लैंडिंग की है. यह प्रोब 25 दिसंबर 2023 को चांद के ऑर्बिट में दाखिल हुआ था. इसे बाद से ही ये चांद के चक्कर काट रहा था और धीरे-धीरे सतह की तरफ बढ़ रहा था.
मून स्नाइपर चांद पर मिनरल्स की जांच कर उसके ढांचे और अंदरूनी हिस्सों के बारे में जानकारी जुटाएगा. जापान स्पेस एजेंसी के इस मिशन में करीब 102 मिलियन डॉलर खर्च आने की बात बताई जा रही है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-20 17:20:062024-02-06 17:38:18जापान अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह पर उतारने वाला का विश्व का पांचवां देश बना
अमरीका और ब्रिटेन ने यमन में हूती आतंकी गुट के खिलाफ व्यापक हमले शुरू कर दिए हैं. यह कार्रवाई लाल सागर से होकर गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर हूती आतंकी गुट के लगातार हमलों के बाद की गई है.
मुख्य बिन्दु
अमरीकी राष्ट्रपति जो. बाइडन ने एक वक्तव्य में हमलों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हमले अमरीकी रक्षा बलों ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के सहयोग से किए हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी कहा कि आत्मरक्षा के लिए ये हमले जरूरी हैं.
अमरीका ने लाल सागर में हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए दस देशों के एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया है. इस कार्यबल का नाम ऑपरेशन प्रोस्पर्टी गार्जेन (Operation Prosperty Guardian) रखा गया है. इस कार्यबल में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, सिशिल्स, स्पेन और ब्रिटेन की नौसेनाएं शामिल हैं.
ईरान ने हूती विद्रोही समूहों का समर्थन किया है. हूती विद्रोही समूह इस्राइल-हमास संघर्ष के विरोध में लाल सागर में व्यापारियों के जहाजों पर हमले कर रहा है.
कौन हैं हूती?
हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है. इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था. उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है.
2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक़ पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, ‘’ईश्वर महान है. अमेरिका का ख़ात्मा हो, इसराइल का ख़ात्मा हो. यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम का विजय हो.’’
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-12 09:16:062024-01-28 09:35:06अमरीका और ब्रिटेन ने हूती आतंकी गुट के खिलाफ व्यापक हमले शुरू किए
बांग्लादेश में हाल ही में 12वां संसदीय चुनाव संपन्न हुआ था. इस चुनाव में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी ने बहुमत प्राप्त किया. अवामी लीग ने इन चुनावों में लगातार चौथी बार संसद में बहुमत हासिल किया. इन चुनावों के लिए मतदान 7 जनवरी को हुआ था जिसमें लगभग 12 करोड़ लोग पात्र मतदाता थे.
मुख्य बिन्दु
बहिष्कार और हिंसा की आशंका के बीच इस चुनाव में 28 राजनीतिक दलों ने भाग लिया था. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगी ने चुनावों का बहिष्कार किया था. उनका आरोप था कि मौजूदा सरकार के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है.
शेख हसीना ने देश में लगातार चौथी बार जीत हासिल की है. हालांकि, उनकी यह पांचवी बार सरकार होगी. बीच में एक बार देश में खलीदा जिया की सरकार रही थी.
खालिदा जिया के पति जिया-उर-रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति रह चुके हैं. वे एक सैन्य शासक से राजनेता बने थे. जिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति के नाम पर बने एक अनाथालय में धन का गबन किया है. भ्रष्टाचार के दो आरोपों में 2020 में 17 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
बाद में जिया को सशर्त रिहाई दे दी गई थी. वे इस समय घर में नजरबंद हैं. उन्होंने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) बनाई है. बांग्लादेश में खालिद जिया की सरकार का कार्यकाल 1991 से 1996 तक और 2001 से 2006 तक रहा था.
शेख हसीना, बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं. इस जीत के साथ शेख हसीना बांग्लादेश में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली नेता बन गई हैं. हसीना की पार्टी ने 300 सीटों वाली संसद में 223 सीटें जीतीं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-09 11:11:472024-01-23 11:21:23बांग्लादेश राष्ट्रीय चुनाव: शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग ने बहुमत प्राप्त किया
अंगोला ने उत्पादन लक्ष्यों पर मतभेद के मुद्दे पर तेल उत्पादक देशों के संगठन ‘ओपेक’ छोड़ दिया है. अंगोला अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है. मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया और राष्ट्रपति जोआंओ लौरेन्सो ने इसे स्वीकृति दे दी.
अंगोला 2007 में ओपेक में शामिल हुआ था, लेकिन तेल उत्पादन घटने के प्रयासों पर हाल की बैठकों में सऊदी अरब से उसका विवाद बढ़ गया था.
ओपेक (OPEC): एक दृष्टि
ओपेक या OPEC, Organization of the Petroleum Exporting Countries का संक्षिप्त रूप है. यह पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन है. इस संगठन का मुख्यालय ऑस्ट्रिया के विएना में है.
OPEC की स्थापना सितम्बर 1960 में हुई थी तथा 1961 से इस संगठन ने अपना काम करना शुरू कर दिया था. इसका वर्तमान अध्यक्ष सऊदी अरब है.
इसके सदस्य हैं: अल्जीरिया, अंगोला, ईक्वाडोर, इरान, ईराक, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नाइजीरिया, लीबिया तथा वेनेजुएला, गबोन, इक्वेटोरियल गिनी.
OPEC देश विश्व के कुल 43% तेल का उत्पादन करते हैं, विश्व के तेल भंडार का 73% हिस्सा OPEC देशों में स्थित है.
OPEC का उद्देश्य पेट्रोलियम नीति पर सदस्य देशों के साथ समन्वय करना तथा पेट्रोलियम की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करना है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-12-24 18:13:112023-12-28 18:35:08अंगोला उत्पादन लक्ष्यों पर मतभेद के मुद्दे पर ओपेक से बाहर हुआ
अमरीका ने लाल सागर में हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए दस देशों के एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया है. इस कार्यबल का नाम ऑपरेशन प्रोस्पर्टी गार्जेन (Operation Prosperty Guardian) रखा गया है.
मुख्य बिन्दु
इस कार्यबल में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, सिशिल्स, स्पेन और ब्रिटेन की नौसेनाएं शामिल हैं. नई सुरक्षा पहल दक्षिणी लाल सागर में सुरक्षा चुनौतियों का समाधान निकालेगी.
अमरीका के रक्षामंत्री लॉएड ऑस्ट्रिन ने जानकारी देते हुए बताया कि हूसी ने लाल सागर में जहाजों को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.
दक्षिणी लाल सागर में यमन और अदन की खाड़ी के निकट बॉब अल-मानदेब जल क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी देशों के जहाजों के आवागमन और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा समृद्धि को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा.
ईरान ने हूती विद्रोही समूहों का समर्थन किया है, जो कि लगातार व्यापारियों के जहाजों पर हमले कर रहा है और उसने विभिन्न कंपनियों पर दबाव डाला था कि वे पिछले सप्ताहों में क्षेत्र में जहाजों के मार्गों को बंद करे.
कौन हैं हूती?
हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है. इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था. उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है.
2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक़ पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, ‘‘ईश्वर महान है. अमेरिका का ख़ात्मा हो, इसराइल का ख़ात्मा हो. यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम का विजय हो.’’
घटनाक्रम
नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. उनका कहना था कि ये इसराइल का है.
तीन दिसंबर के बाद से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज़ इनकी चपेट में आ गए.
हूती विद्रोहियों ने 18 दिसंबर को भारत के वेरावल से सिर्फ 200 समुद्री मील दूर एक तेल टैंकर पर ड्रोन हमला किया था. लाइबेरियाई झंडे वाला यह टैंकर शिप इजरायल से संबंधित था और भारत आ रहा था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-12-21 22:05:412023-12-25 14:17:29अमरीका ने हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया
संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन का 28वां संस्करण ‘कॉप28’ दुबई में 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के अंतर्गत कॉप-28 का यह सम्मेलन संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में आयोजित किया गया.
मुख्य बिन्दु
इस सम्मेलन के दौरान पेरिस समझौते के अंतर्गत कई दौर की बातचीत हुई और इसके निष्कर्षों और निर्णयों का मसौदा जारी किया गया.
इसमें जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के वैश्विक प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया गया है और विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया गया है.
ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए संबंधित पक्षों से कई तरह की कार्रवाई पर विचार की अपील की गई. इसमें वैश्विक स्तर पर नविकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढाकर तीन गुना करना और 2030 तक संपूर्ण विश्व में ऊर्जा के कम उपयोग संबंधी सुधारों को बढाकर दो गुना करना शामिल है.
पहली ग्लोबल स्टॉकटेक डील में देशों से आग्रह किया गया है कि कोयले के निरंकुश उपयोग को कम करने के प्रयासों में तेजी लाई जाए. इसे भारत और चीन की ओर से कोयले के उपयोग पर पहले के रुख में नर्मी के तौर पर देखा जा रहा है. यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात की पहल पर किया गया है.
कॉप28 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया
कॉप28 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. प्रधानमंत्री मोदी इस प्रयोजन से 30 नवंबर से 1 दिसम्बर तक दुबई की यात्रा पर थे. प्रधानमंत्री की यह संयुक्त अरब अमीरात की छठी यात्रा थी.
उन्होंने कॉप-28 की एक उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित किया. श्री मोदी ने कहा कि भारत जलवायु न्याय, जलवायु वित्त और ग्रीन क्रेडिट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का निरंतर समर्थन करता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-12-13 10:07:092023-12-18 20:45:46दुबई में विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन का 28वां संस्करण आयोजित किया गया
मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू का शपथ ग्रहण समारोह 17 नवंबर 2023 को आयोजित किया गया था. इस समारोह में 46 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे.
मुख्य बिन्दु
मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने किया था.
मुइज्जू की छवि भारत विरोधी और चीन समर्थक की है. उन्होंने अपने हर चुनावी रैली के दौरान मालदीव से भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का वादा किया.
2018 में जब इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को राष्ट्रपति चुनाव में जीत मिली थी, तब पीएम मोदी खुद उनके शपथग्रहण में शामिल होने के लिए मालदीव पहुंचे थे.
अरुणाचल प्रदेश राज्य के रहने वाले रिजिजू को भेजना भारत की ओर से चीन को एक सूक्ष्म संदेश देता है. चीन अरुणाचल प्रदेश राज्य को अपना क्षेत्र बताता है.
अरुणाचल पर चीन के निराधार दावे दलाई लामा से जुड़े हुए हैं, जो 1950 के दशक के अंत में चीनी अधिकारियों के उत्पीड़न से बचने के लिए अरुणाचल के जिले तवांग के माध्यम से तिब्बत से भारत में आ गए थे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-11-18 20:01:432023-11-19 20:13:37मालदीव के राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह: किरेन रिजिजू ने भाग लिया
फ्रांस ने इस्लामिक स्टेट का मुकाबला कर रहे अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन को गजा में फलीस्तीनी आतंकी गुट हमास के खिलाफ कार्यवाही करने का प्रस्ताव दिया है. यह अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट का मुकाबला कर रहा है.
यह प्रस्ताव फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो ने दिया है. लेकिन, उन्होंने यह नही बताया कि अमरीका के नेतृत्व वाले लगभग एक दर्जन देशों के इस गठबंधन की क्या भूमिका होगी.
इस्रायल इस गठबंधन का सदस्य नही है. मैक्रो के सलाहकारों ने बताया कि गठबंधन की भागीदारी का मतलब यह नही है कि वहां सैनिक भेजे जाएंगे लेकिन खुफिया सूचनाओं को साझा किया जा सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-10-25 19:40:372023-11-01 19:45:39अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन को हमास के खिलाफ कार्यवाही का फ्रांस का प्रस्ताव
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन 18 अकतूबर को इस्राइल के दौरे पर थे. इससे ठीक पहले अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस्राइल और फलिस्तीन की यात्रा की थी.
मुख्य बिन्दु
राष्ट्रपति बाइडेन इस यात्रा के दौरान तेल अवीव में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और जॉर्डन में अरब देशों के नेताओं से मिलने का कार्यक्रम था. लेकिन गाजा के अस्पताल पर हुए हमले के विरोध में जॉर्डन ने इस मीटिंग को रद्द कर दिया.
लेकिन जॉर्डन की मीटिंग का कैंसिल होना दिखाता है कि मिडिल ईस्ट के नेताओं को बाइडेन पर भरोसा नहीं है.
अमेरिका चाहता है कि इजरायल गाजा के लिए मदद को अनुमति दे. इसके अलावा फंसे हुए अमेरिकी लोगों के लिए सुरक्षित रास्ता दे.
अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आतंकी संगठन हमास फलिस्तीन के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. श्री बाइडेन ने कहा कि हमास को पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए.
7 अक्टूबर को फलिस्तीन के आतंकी समूह हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था. इसमें 1300 से ज्यादा इजरायली मारे गए थे. इस घटना के बाद इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2023-10-18 21:21:432023-10-20 09:41:52अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की इस्राइल यात्रा