अमेरिका और कनाडा के बीच सीमा समझौता

अमेरिका और कनाडा ने हाल ही में एक सीमा समझौता किया था जो 25 मार्च 2023 से प्रभावी हो गया. इस समझौते के उद्देश्य सीमा पार अनाधिकृत शरण चाहने वालों के प्रवाह को रोकना है. यह ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की ओर से कनाडा में प्रवासी क्रॉसिंग में वृद्धि हुई है.

मुख्य बिन्दु

  • नए समझौते के तहत 3,145 मील (5,060 किलोमीटर) की सीमा के साथ कहीं भी पार करते हुए पकड़े गए प्रवासियों को अब वापस भेजा जा सकता है.
  • नया समझौता सुरक्षित तीसरे देश अधिनियम (Safe Third Country Act) को आंतरिक जलमार्गों सहित पूरी सीमा तक विस्तारित करता है.
  • पिछले साल लगभग 40,000 प्रवासी,  कनाडा में प्रवेश कर गए जिनमें से अधिकांश रोक्सहैम रोड के माध्यम से प्रवेश कर रहे थे.
  • नया सौदा न्यूयॉर्क राज्य और क्यूबेक प्रांत के बीच एक अनौपचारिक क्रॉसिंग, रोक्सहैम रोड पर प्रवासियों की आवाजाही को सीमित करने के प्रयासों का हिस्सा है.

IMF ने श्रीलंका को तीन अरब डॉलर की वित्तीय सहायता की स्वीकृति दी

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कर्ज में डूबे श्रीलंका को आर्थिक संकट से तत्काल उबारने में मदद के लिए लगभग तीन अरब डॉलर की वित्तीय सहायता को स्वीकृति दी है. IMF के कार्यकारी बोर्ड ने यह यह स्वीकृति विस्तारित निधि सुविधा के अंतर्गत दी है.

मुख्य बिन्दु

  • IMF मंजूरी के साथ विदेशी मुद्रा की कमी से प्रभावित श्रीलंका अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने की उम्मीद में लगा है. श्रीलंका के इतिहास में आईएमएफ की ओर से 17वां राहत पैकेज है.
  • बहुप्रतीक्षित आर्थिक राहत पैकेज की स्‍वीकृति के साथ, श्रीलंका वित्तीय स्थिरता की रक्षा करते हुए और अपनी विकास क्षमता और संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाते हुए व्यापक आर्थिक और ऋण स्थिरता को बहाल करेगा.
  • आर्थिक संकट के दौरान भारत की उदार सहायता और वित्तीय आश्वासनों के रूप में सक्रिय प्रयास श्रीलंका की आर्थिक सुधार की राह में उल्‍लेखनीय रहे हैं.
  • श्रीलंका ने सितंबर 2022 में आईएमएफ के साथ एक स्‍टाफ स्तर का समझौता किया था. जिसमें कुछ शर्तें जरूरी थी. इसके लिए श्रीलंका ने सब्सिडी में कटौती और करों को बढ़ाने सहित कई कड़े कदम उठाए हैं.

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूस की बाल अधिकार आयुक्त, मारिया लावोवा-बेलोवा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

मुख्य बिन्दु

  • ICC ने यह गिरफ्तारी वारंट गैरकानूनी रूप से यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से बच्चों को रूस स्थानांतरित करने के कथित युद्ध अपराध के लिए जारी किया गया है. यह कदम रोम संविधि के अनुच्छेद 8(2)(A)(vii) और 8(2)(B)(viii) के तहत उठाया गया है.
  • ICC ने पुतिन पर रोम संविधि के अनुच्छेद 28 (B) के तहत इस तरह के कृत्यों को करने या अनुमति देने के लिए अपने प्रभावी अधिकार के तहत नागरिक और सैन्य अधीनस्थों पर ठीक से नियंत्रण करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया है.

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC): एक दृष्टि

  • ICC का मुख्यालय हेग, नीदरलैंड में है, और इसकी स्थापना 1998 की संधि के तहत हुई थी जिसे “रोम संविधि” (Rome Statute) कहा जाता है.
  • यह नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता के अपराध इत्यादि पर जांच करता है.
  • वर्तमान में, ब्रिटेन, जापान, अफगानिस्तान और जर्मनी सहित 123 देश रोम संविधि के पक्षकार हैं. हालाँकि अमेरिका, भारत और चीन ने इस संधि की पुष्टि नहीं की है.
  • रूस ने अदालत के फैसले को “अमान्य और शून्य” पाया क्योंकि रूस ICC का सदस्य नहीं है. यह पहली बार है जब ICC ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

FATF ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की सदस्यता को निलंबित किया

धन के अवैध लेनदेन पर निगरानी संस्था – फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस की सदस्यता को निलंबित कर दिया है.

FATF ने कहा है कि रूसी संघ की कार्रवाई FATF के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. यह 200 से अधिक देशों और न्यायालयों के लिए मानक निर्धारित करता है और अधिकारियों को नशीली दवाओं की तस्करी, मानव तस्करी और आतंकवाद सहित गंभीर अपराधों से निपटने में मदद करता है. FATF मानकों को लागू करने के अपने दायित्व के लिए रूस अभी भी जवाबदेह है.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब FATF की पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • भारतीय मूल के सिंगापुर के टी राजा कुमार FATF के वर्तमान अध्यक्ष हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब.

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

संयुक्त राष्ट्र ने यूक्रेन में स्थायी शांति की आवश्यकता पर एक प्रस्ताव पारित किया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति तक पहुंचने की आवश्यकता पर एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें रूस से दुश्मनी समाप्त करने और यूक्रेन से अपनी सेना वापस लेने का आह्वान किया गया है.

141 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि सात सदस्यों ने इसका विरोध किया. भारत सहित 32 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया. 75 से अधिक देशों के विदेश मंत्रियों और राजनयिकों ने यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने वाले प्रस्ताव के समर्थन का आग्रह किया.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का पालन करता है और वह हमेशा बातचीत और कूटनीति को ही एकमात्र रास्ता मानता है.

रूस, अमरीका के साथ परमाणु संधि से बाहर हुआ

रूस ने अमरीका के साथ परमाणु संधि से अलग होने का फैसला किया है. यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन दौरे के बाद लिया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के यूक्रेन दौरे के बाद सख्त कदम उठाते हुए अमेरिका के साथ बची एकमात्र परमाणु संधि को भी निलंबित दिया.
  • इस संधि को ‘न्यू स्टार्ट न्यूक्लियर ट्रीटी’ के नाम से जाना जाता था. पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका परमाणु हथियार परीक्षण करता है, तो रूस भी ऐसा करने के लिए तैयार है.
  • दोनों देशों के बीच 2010 में इस परमाणु संधि पर सहमति बनी थी. यह संधि दोनों पक्षों के सामरिक परमाणु हथियारों (Nuclear arsenals) को सीमित करने को लेकर की गई थी.
  • 2010 में प्राग में नई START संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे. 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पांच साल के लिए बढ़ा दी गई.
  • यह संधि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस द्वारा तैनात किए जा सकने वाले रणनीतिक परमाणु हथियारों की संख्या को सीमित करती है. इसके जरिए भूमि और पनडुब्बी आधारित मिसाइलों और बमवर्षकों की तैनाती को सीमित किया जाता है.

रूस और एस्टोनिया ने एक दूसरे के राजदूतों को निष्कासित किया

रूस और एस्टोनिया ने एक दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया है. दोनों देशों ने कहा है कि अब उनके राजनयिक मिशनों का नेतृत्व प्रभारी दूत करेंगे.

मुख्य बिन्दु

  • रूसी विदेश मंत्रालय ने एस्टोनिया के राजदूत मार्गस लेद्रे को 7 फरवरी तक देश छोड़ने का आदेश दिया है. मंत्रालय ने कहा कि एस्टोनिया के राजनयिक मिशन का प्रतिनिधित्व अब मॉस्को में उनके प्रभारी दूत को करना होगा.
  • रूस ने कहा है कि तालिन में रूसी दूतावास का आकार घटाने के एस्टोनिया के फैल्लो के जवाब में यह कदम उठाया गया है.
  • इसके जवाब में, एस्टोनिया ने रूसी राजदूत को 7 फरवरी तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया है. एस्टोनिया के विदेश मंत्री उर्मस रिंसालु ने कहा कि बराबरी के सिद्धातों के अनुसार रूसी राजदूत को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है.

ब्राजील में लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया

ब्राजील में वामपंथी नेता लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने 2 जनवरी को राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया. वह तीसरी बार ब्राजील की बने हैं.

77 वर्षीय लूला डा सिल्वा ने अक्तूबर 2021 में जाईर बोल्सोनारो को कड़े संघर्ष में हराकर तीसरी बार राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था. इससे पहले उन्‍हें भ्रष्‍टाचार के आरोप में डेढ़ वर्ष की सज़ा मिली थी.

वर्ष 2003 से 2010 तक वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष के रूप में पूर्व यूनियन नेता डिसिल्वा ने कमोडिटी बूम के दौरान लाखों लोगों के आर्थिक स्तर में सुधार किया था.

यूक्रेन ने युद्ध समाप्त करने के लिए 10 सूत्री शांति योजना तैयार की

यूक्रेन ने युद्ध समाप्त करने के लिए 10 सूत्री शांति योजना तैयार की

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए 10 सूत्री शांति योजना की रूपरेखा तैयार की है.

जेलेंस्की फिलहाल बाइडन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित नेताओं के सामने अपनी योजना पेश करने की कूटनीतिक में हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि हाल ही में भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली है.

यूक्रेन की सेना के लिए पश्चिमी दुनिया का समर्थन जारी है जिसमें वाशिंगटन के नेतृत्व में अरबों डॉलर की सहायता उसे मिल चुकी है.

10 सूत्री शांति योजना: मुख्य बिन्दु

  1. रेडिएशन और न्यूक्लियर सुरक्षा: यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र जापोरिज्जिया यूक्रेन में है. फिलहाल यह संयंत्र अभी रूस के कब्जे में है. यूक्रेन इसके आसपास सुरक्षा बहाल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
  2. खाद्य सुरक्षा: यूक्रेन चाहता है कि दुनिया के सबसे गरीब देशों को यूक्रेन के अनाज निर्यात की सुरक्षा और सुनिश्चित होनी चाहिए.
  3. ऊर्जा सुरक्षा: रूसी ऊर्जा संसाधनों पर प्राइस रिस्ट्रिक्शन लगाने के साथ-साथ यूक्रेन को अपने बिजली के बुनियादी ढांचे को बहाल करने में सहायता करना. यूक्रेन के आधे बिजली संयंत्र रूसी हमलों से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
  4. युद्ध बंदियों की रिहाई: युद्ध बंदियों और रूस भेजे गए बच्चों सहित सभी बंदियों और निर्वासितों लोगों की रिहाई.
  5. यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करना: रूस खुद संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार इसकी पुष्टि करे. जेलेंस्की ने कहा कि वे इसमें "कोई समझौता नहीं करेंगे.
  6. रूसी सैनिकों की वापसी और लड़ाई की समाप्ति: रूस के साथ लगती यूक्रेन की सभी सीमाओं को बहाल किया जाए.
  7. न्याय: यूक्रेन को न्याय दिलाने के वास्ते रूसी युद्ध अपराधों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाए और इसके लिए एक विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना हो.
  8. जानबूझकर प्राकृतिक पर्यावरण के विनाश (ईकोसाइड) पर रोक: पर्यावरण की सुरक्षा की आवश्यकता पर ध्यान दिया जाए. इसके लिए जल संसाधन सुविधाओं को बहाल करने पर ध्यान दिया जाए.
  9. संघर्ष को रोकने के लिए उपाय अपनाए जाएं जिनमें यूक्रेन के लिए गारंटी सहित यूरो-अटलांटिक क्षेत्र में सुरक्षा संरचना का निर्माण जाए.
  10. युद्ध की समाप्ति की पुष्टि: इसके लिए इसमें (युद्ध) शामिल सभी पक्षों द्वारा एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जाएं.

रूस की प्रतिक्रिया

रूस ने जेलेंस्की के शांति प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. रूस ने दोहराया कि वह यूक्रेन के कब्जे में लिए गए किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ेगा.

पुष्प कमल दहल प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए

पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने 26 दिसम्बर को पद और गोपनीयता की शपथ ली. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 25 दिसम्बर को उनकी नियुक्ति की घोषणा की थी.

मुख्य बिन्दु

  • प्रचंड तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं. पहली बार वे 2008 से 2009 और दूसरी बार 2016 से 2017 में इस पद पर रह चुके हैं.
  • पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ समझौते के तहत शुरुआती ढाई साल तक प्रचंड PM रहेंगे. इसके बाद ओली की पार्टी CPN-UML सत्ता संभालेगी.
  • हाल ही में हुए आम चुनाव के बाद नेपाली संसद में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.
  • पुष्प कमल दहल प्रचंड और केपी शर्मा ओली दोनों कम्युनिस्ट पार्टी से हैं और चीन के बेहद करीब माने जाते हैं.

जापान ने 863 अरब डॉलर के रक्षा महाबजट का ऐलान किया

जापान ने रक्षा क्षेत्र के लिए 863 अरब डॉलर महाबजट की घोषणा की है. इस महाबजट की घोषणा जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किश‍िदा की कैबिनेट ने की.

मुख्य बिन्दु

  • जापान ने यह अरबों डॉलर का बजट ऐसे समय पर घोषित किया है जब चीन और उत्तर कोरिया के साथ जंग का खतरा मंडरा रहा है.
  • जापान सैन्‍य अड्डों, युद्धपोतों और अन्‍य जंगी जहाजों के लिए जमकर रक्षा खर्च करना शुरू किया है. इसके लिए सरकार बांड भी जारी करने जा रही है जो अपने आप में एक अप्रत्याशित कदम माना जा रहा है.
  • इस रक्षा बजट में तब बढ़ोत्‍तरी हुई है जब किशिदा सरकार ने अपने रक्षा खर्च को साल 2027 तक दोगुना करके 2 प्रतिशत तक पहुंचाने की विवादित योजना पेश की है.
  • जापानी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए अच्‍छी बात यह है कि उसे रेकॉर्ड टैक्‍स राजस्‍व प्राप्‍त होने जा रहा है. इससे पता चलता है कि जापानी कंपनियों का लाभ बढ़ रहा है.
  • जापान दूसरे विश्‍वयुद्ध के समय से ही एक रक्षात्मक रवैया अपनाता रहा है लेकिन अब चीन के खतरे को देखते हुए लगातार अपनी रक्षा तैयारी को मजबूत कर रहा है.
  • जापान को डर है कि चीन ताइवान पर कब्‍जा करने के बाद उसे निशाना बना सकता है. यही वजह है कि जापान जवाबी हमला करने की ताकत हासिल करना चाहता है. पिछले दिनों उत्‍तर कोरिया ने जापान के पास मिसाइल दागकर अपने खतरनाक इरादे साफ कर दिए थे.

लियो वराडकर दूसरी बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री बने

भारतीय मूल के लियो वराडकर दूसरी बार आयरलैंड के प्रधानमंत्री बन गए हैं. देश की मध्यमार्गी गठबंधन सरकार के साथ बारी-बारी से सत्ता संभालने के समझौते के अंतर्गत वराडकर ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है.

43 साल के लियो आयरलैंड के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं. ये उनका दूसरा कार्यकाल है. 2017 में 38 साल की उम्र में वो पहली बार प्रधानमंत्री बने थे. उनका ये कार्यकाल 2020 तक चला था.

लियो वराडकर का जन्म 18 जनवरी 1979 को आयरलैंड की राजधानी डबलिन में हुआ था. भारत के मुंबई में रहने वाले उनके पिता अशोक 1973 में आयरलैंड शिफ्ट हो गए थे. उनकी मां मरियम का संबंध आयरलैंड से ही था.