अमरीका ने हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया

अमरीका ने लाल सागर में हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए दस देशों के एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया है. इस कार्यबल का नाम ऑपरेशन प्रोस्‍पर्टी गार्जेन (Operation Prosperty Guardian) रखा गया है.

मुख्य बिन्दु

  • इस कार्यबल में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, सिशिल्‍स, स्‍पेन और ब्रिटेन की नौसेनाएं शामिल हैं. नई सुरक्षा पहल दक्षिणी लाल सागर में सुरक्षा चुनौतियों का समाधान निकालेगी.
  • अमरीका के रक्षामंत्री लॉएड ऑस्ट्रिन ने जानकारी देते हुए बताया कि हूसी ने लाल सागर में जहाजों को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.
  • दक्षिणी लाल सागर में यमन और अदन की खाड़ी के निकट बॉब अल-मानदेब जल क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी देशों के जहाजों के आवागमन और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा समृद्धि को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा.
  • ईरान ने हूती विद्रोही समूहों का समर्थन किया है, जो कि लगातार व्यापारियों के जहाजों पर हमले कर रहा है और उसने विभिन्न कंपनियों पर दबाव डाला था कि वे पिछले सप्ताहों में क्षेत्र में जहाजों के मार्गों को बंद करे.

कौन हैं हूती?

  • हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है. इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था. उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है.
  • 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक़ पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, ‘‘ईश्वर महान है. अमेरिका का ख़ात्मा हो, इसराइल का ख़ात्मा हो. यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम का विजय हो.’’

घटनाक्रम

  • नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. उनका कहना था कि ये इसराइल का है.
  • तीन दिसंबर के बाद से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज़ इनकी चपेट में आ गए.
  • हूती विद्रोहियों ने 18 दिसंबर को भारत के वेरावल से सिर्फ 200 समुद्री मील दूर एक तेल टैंकर पर ड्रोन हमला किया था. लाइबेरियाई झंडे वाला यह टैंकर शिप इजरायल से संबंधित था और भारत आ रहा था.