दुबई में विश्व जलवायु शिखर सम्मेलन का 28वां संस्करण आयोजित किया गया

संयुक्‍त राष्‍ट्र के वार्षिक जलवायु शिखर सम्मेलन का 28वां संस्करण ‘कॉप28’ दुबई में 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के अंतर्गत कॉप-28 का यह सम्मेलन संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में आयोजित किया गया.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन के दौरान पेरिस समझौते के अंतर्गत कई दौर की बातचीत हुई और इसके निष्कर्षों और निर्णयों का मसौदा जारी किया गया.
  • इसमें जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के वैश्विक प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया गया है और विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं का उल्लेख किया गया है.
  • ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए संबंधित पक्षों से कई तरह की कार्रवाई पर विचार की अपील की गई. इसमें वैश्विक स्तर पर नविकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढाकर तीन गुना करना और 2030 तक संपूर्ण विश्व में ऊर्जा के कम उपयोग संबंधी सुधारों को बढाकर दो गुना करना शामिल है.
  •  पहली ग्लोबल स्टॉकटेक डील में देशों से आग्रह किया गया है कि कोयले के निरंकुश उपयोग को कम करने के प्रयासों में तेजी लाई जाए. इसे भारत और चीन की ओर से कोयले के उपयोग पर पहले के रुख में नर्मी के तौर पर देखा जा रहा है. यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात की पहल पर किया गया है.

कॉप28 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया

  • कॉप28 में भारत का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. प्रधानमंत्री मोदी इस प्रयोजन से 30 नवंबर से 1 दिसम्बर तक दुबई की यात्रा पर थे. प्रधानमंत्री की यह संयुक्‍त अरब अमीरात की छठी यात्रा थी.
  • उन्होंने कॉप-28 की एक उच्‍चस्‍तरीय बैठक को संबोधित किया. श्री मोदी ने कहा कि भारत जलवायु न्‍याय, जलवायु वित्त और ग्रीन क्रेडिट जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों का निरंतर समर्थन करता है.

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