इब्राहिम रईसी ने ईरान के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली

इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ने 05 अगस्त 2021 को ईरान के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. रायसी ने मौजूदा प्रधानमंत्री हसन रूहानी का स्थान लिया है. 19 जून को ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में रईसी को विजेता घोषित किया गया था. उनका कार्यकाल चार वर्ष का होगा.

इब्राहिम रईसी वह मार्च 2019 से ईरान के मुख्य न्यायाधीश भी हैं. वो राजनीतिक क़ैदियों को मौत की सज़ा दिए जाने के फ़ैसलों से जुड़े रहे हैं और उन पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू है.

ईरान और इसराइल

इसराइल के विदेश मंत्रालय ने रईसी को ईरान का सबसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति कहा हैं. ईरान और इसराइल के बीच लंबे समय से छद्म युद्ध चल रहा है. दोनों देशों के बीच परिस्थिति बेहद जटिल है लेकिन तनाव की एक बड़ी वजह ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी है.

ईरान ने पिछले साल हुई अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञनिक की हत्या और इस साल अप्रैल में परमाणु संयंत्र पर हुए हादसे के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार माना है. वहीं इसराइल का मानना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए नहीं है. इसराइल मानता है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मक़सद परमाणु हथियार बनाना है.

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु समझौता

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच 2015 में एक परमाणु समझौता हुआ था, जिसके बाद ईरान पर लगे सख़्त प्रतिबंध हटा लिए गए थे. हालांकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को इस सौदे से बाहर कर लिया था और ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. नए राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार अब फिर से समझौते में शामिल होने का रास्ता निकाल रही है.

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संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफ्रीकी मूल के लोगों के एक स्थायी मंच की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफ्रीकी मूल के लोगों के लिए एक स्थायी मंच की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य नस्लवाद, नस्ली भेदभाव, विदेशियों से नफरत और असहिष्णुता जैसी चुनौतियों को कम करना है.

  • 193 सदस्यीय महासभा ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी. इस प्रस्ताव में एक ऐसे मंच की मांग की गई है जो अफ्रीकी मूल के लोगों की सुरक्षा और उनके जीवन की गुणवत्ता तथा आजीविका में सुधार के लिए काम करे और जिस समाज में वे रहते हैं उसमें उनका पूर्ण समावेश सुनिश्चित करे.
  • नए फोरम में 10 सदस्य होंगे, जिनमें से 5 सभी क्षेत्रों से महासभा द्वारा चुने जाएंगे और 5 को मानवाधिकार परिषद द्वारा क्षेत्रीय समूहों के साथ-साथ अफ्रीकी मूल के लोगों के संगठनों के परामर्श से नियुक्त किया जाएगा.
  • महासभा ने कहा, सभी मनुष्य स्वतंत्र हैं, उनके अधिकार तथा गरिमा समान है और उनमें समाज के विकास तथा कल्याण में रचनात्मक योगदान देने की क्षमता है. नस्ली श्रेष्ठता का कोई भी सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत, नैतिक रूप से निंदनीय, सामाजिक रूप से अन्यायपूर्ण तथा खतरनाक है और इन्हें खारिज किया जाना चाहिए.
  • महासभा द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव में कहा गया है कि नस्लवाद, नस्ली भेदभाव, विदेशियों से नफरत और असहिष्णुता से निपटने की कोशिशों के बाद भी ये व्यापक रूप से जारी हैं और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
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म्यांमार के सैन्य तानाशाह मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया

म्यांमार के सैन्य तानाशाह मिन आंग हलिंग (Min Aung Hlaing) ने खुद को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया है. म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 आंग सांग सू की के नेतृत्व वाली देश के लोकतांत्रित सरकार को अपदस्थ कर दिया था. इतना ही नहीं, सेना ने सु की को नजरबंद कर दिया, जबकि बाकी नेताओं में से कई को जेल में डाल दिया था. तब से ही म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ लगातार हिंसक विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है.

तख्तापलट के बाद सैन्य शासन ने सू की के ऊपर कई तरह के आरोप लगाए हैं. अवैध रूप से वॉकी-टॉकी रेडियो रखने और कोरोना वायरस प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप में आंग सांग सू की के खिलाफ कोर्ट का ट्रायल शुरू किया गया है.

2023 तक म्यांमार से आपातकाल हटाने का वादा

1 अगस्त को टेलिविजन पर दिए गए संदेश में जनरल मिन आंग हलिंग ने अपने वादे को दोहराया कि दो साल के भीतर 2023 तक देश में चुनाव कराए जाएंगे और संकट के राजनीतिक समाधान के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ सहयोग करेंगे. उन्होंने इस अवधि में बहुदलीय चुनाव कराने का वादा किया.

म्यांमार सेना ने किया था तख्तापलट

एक फरवरी 2021 को आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट करने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई थी. सैन्य अधिकारियों ने अपनी इस कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा था कि सैन्य प्रमुखता वाले 2008 के संविधान में ऐसा करने की अनुमति है. सेना का दावा है कि सू की की पार्टी को पिछले साल आम चुनाव में भारी जीत फर्जीवाड़े से मिली. हालांकि, सेना ने अपने दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है.

परिषद की जगह लेगी कार्यवाहक सरकार

मिन आंग हलिंग ने राज्य प्रशासन परिषद (SAC) की अध्यक्षता की जो तख्तापलट के ठीक बाद बनाई गई थी. यही परिषद 1 फरवरी से म्यांमार का शासन चला रही थी. अब कार्यवाहक सरकार इस परिषद की जगह लेगी और देश की बागडोर संभालेगी. मिन आंग हलिंग ने यह भी कहा कि उनका प्रशासन एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) द्वारा नामित किसी भी विशेष दूत के साथ काम करेगा.

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फ़िलीपीन्स ने आनुवंशिक रूप से संशोधित ‘गोल्डन राइस’ के व्यावसायिक उत्पादन को अनुमति दी

फ़िलीपीन्स ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (genetically modified) ‘गोल्डन राइस’ (golden rice) के व्यावसायिक उत्पादन को अनुमति दी है. वह इसके व्यावसायिक उत्पादन के लिए अनुमोदन प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.

गोल्डन राइस

‘गोल्डन राइस’ बचपन के कुपोषण (malnutrition) को कम करने में मदद करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर चावल की एक किस्म है. इस चावल को फिलीपीन के चावल अनुसंधान संस्थान (Philippine Rice Research Institute) ने अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (International Rice Research Institute – IRRI) के साथ साझेदारी में विकसित किया है. इसके चमकीले पीले रंग के कारण इसे गोल्डन राइस नाम दिया गया है.

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रूस ने S-500 वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया

रूस ने S-500 वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम (air defence missile systems) का हाल ही में परीक्षण कर इसका लाइव वीडियो जारी किया था. यह वीडियो दक्षिणी रूस में अस्त्रखान के पास कपुस्टिन यार (Kapustin Yar) में शूट किया गया है. इस दौरान एस-500 वायु रक्षा प्रणाली की मिसाइल ने अपने लक्ष्य एक दूसरी बैलिस्टिक मिसाइल को पलक झपकते मार गिराया.

एस-500 मिसाइल सिस्टम के लगभग सभी टेस्ट पूरे किए जा चुके हैं और इसे जल्द ही रूसी सेना में कमीशन करने की प्लानिंग की जा रही है.

S-500: मुख्य बिंदु

  • एस-500 मिसाइल सिस्टम की अधिकमत रेंज 595 किलोमीटर होगी. एस-500 सिस्टम की मिसाइलें फिक्स्ड साइलो में पैक रहती हैं.
  • इस सिस्टम के मिसाइलों को BAZ ट्रक की चेसिस पर 10 x10 ट्रांसपोर्टर-ईरेक्टर-लॉन्चर पर लगाया गया है. इससे इन मिसाइलों को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से और कम समय में तैनात किया जा सकता है.
  • एस-500 मिसाइल प्रणाली में वोरोनिश लॉन्ग रेंज अर्ली वॉर्निंग रडार लगाया गया है. लंबी दूरी तक नजर रखने वाला यह अर्ली वॉर्निंग रडार इस मिसाइल रक्षा प्रणाली की रीढ़ है जिनका प्रमुख लक्ष्य दुश्मन के टॉरगेट को सटीकता से मापना और उसकी जानकारी ऑपरेटर तक पहुंचाना है.
  • S-500 डिफेंस सिस्टम को S-400 के आधार पर ही विकसित किया गया है. S-500 डिफेंस सिस्टम में 77N6 मिसाइल सीरीज के अलावा कई अन्य मिसाइलें भी तैनात हैं.
  • इस मिसाइल सिस्टम को दुश्मन के किसी भी तरह से हथियार, हाइपरसोनिक एयरक्राफ्ट और मिसाइलों को मार गिराने के लिए बनाया गया है. S-500 को शुरू से ही बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ दुश्मनों के लड़ाकू विमानों,  क्रूज मिसाइलों सहित सभी प्रकार के हवाई खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है.
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चीन में मैग्लेव ट्रेन परिवहन प्रणाली की सार्वजनिक तौर पर शुरुआत

चीन ने नई मैग्लेव ट्रेन परिवहन प्रणाली की सार्वजनिक तौर पर शुरुआत की है. यह शुरुआत चीन के तटीय शहर किंगदाओ से हुई है. चीन में द्रुत गति की मैग्लेव ट्रेन परियोजना की शुरुआत अक्टूबर, 2016 में हुई थी. 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की इस ट्रेन का प्रोटोटाइप 2019 में बनाया गया था. इसका सफल परीक्षण जून, 2020 में हुआ था.

मैग्लेव ट्रेन: मुख्य बिंदु

  • इस ट्रेन की चाल 600 किलोमीटर प्रति है जिसमें 10 डिब्बे लगाए जा सकते हैं. प्रत्येक की क्षमता 100 यात्रियों की होगी.
  • इस ट्रेन के जरिए बीजिंग से शंघाई पहुंचने में केवल 2.5 घंटे लगेंगे. दोनों शहरों के बीच 1,000 किमी की दूरी है. अभी प्लेन से इसमें 3 घंटे और हाई-स्पीड रेल से 5.5 घंटे लगते हैं.
  • देश की सबसे तेज स्पीड की ट्रेन मैग्लेव 2003 में चलनी शुरू हो गई थी. इसकी अधिकतम स्पीड 431 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह शंघाई पुडोन्ग एयरपोर्ट को शंघाई के पूर्वी सिरे पर लॉन्गयाग रोड से जोड़ती है.

क्या है यह टेक्नोलॉजी

मैग्लेव यानी मैगनेटिक लेविटेशन. इन तेज रफ्तार रेलगाड़ियों में पहिए चाहिए, एक्सल, बियरिंग आदि नहीं होते हैं. परंपरागत ट्रेनों की तरह मैग्लेव रेल के पहिये रेल ट्रैक के संपर्क में नहीं आते हैं.

यह उच्च तापमान सुपरकंडक्टिंग (HTS) पावर पर चलती है जिससे लगता है कि यह चुंबकीय ट्रैक्स पर तैर रही हो. जापान और जर्मनी जैसे देश भी मैग्लेव नेटवर्क बनाने में जुटे हैं.

यह पटरियों के बजाय हवा में चलती है. इस वजह से इसमें ऊर्जा की बहुत कम खपत होती है और परिचालन लागत भी बहुत कम होती है.

भारत में मैग्लेव ट्रेन

भारत में मैग्लेव ट्रेन का के लिए सरकारी इंजीनियरिंग कंपनी बीएचईएल ने स्विटजरलैंड की कंपनी SwissRapide AG के साथ समझौता किया है. SwissRapide AG को Maglev Rail परियोजनाओं में विशेषज्ञता हासिल है. बीएचईएल पिछले पांच दशकों से रेलवे के विकास में साझेदार है.

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अफगान शांति के लिए अमेरिका, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान व पाकिस्तान का नया समूह

अफगान शांति प्रक्रिया के लिए अमेरिका, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान व पाकिस्तान का एक नया क्वॉड समूह बनाने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी है.

हिंद-प्रशांत में चीन की चुनौती से मुकाबला करने के लिए इससे पहले भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच क्वाड गठबंधन बनाया गया था.

मुख्य बिंदु

  • अफगानिस्तान की सीमा पूर्व और दक्षिण में पाकिस्तान से, पश्चिम में ईरान से, उत्तर में तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और ताजिकिस्तान तथा उत्तर पूर्व में चीन से मिलती है.
  • ऐतिहासिक सिल्क मार्ग के मध्य में स्थित अफगानिस्तान लंबे समय तक व्यापार के लिए एशियाई देशों को यूरोप से जोड़ने का माध्यम और सांस्कृतिक, धार्मिक एवं वाणिज्यिक संपर्कों को बढ़ावा देने वाला रहा है.
  • चीन की बेल्ट रोड इनिशिएटिव (BRI) योजना का विस्तार अफगानिस्तान तक करने की हत्वाकांक्षा के बीच नए क्वाड समूह का गठन अहम है. BRI चीन की कई अरब डॉलर की योजना है, जिसका मकसद दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्रों, अफ्रीका व यूरोप को समुद्र-सड़क मार्ग से जोड़ना है.
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संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राइल में अपना पहला दूतावास खोला

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इस्राइल में अपना पहला दूतावास खोला है. UAE के राजदूत मोहम्मद अल खाजा ने अपने देश का झंडा इमारत पर फहराकर इसकी शुरुआत की. दूतावास के उद्घाटन समारोह में इस्राइल के राष्ट्रपति इसाक हर्गोज भी मौजूद थे.

मुख्य बिंदु

  • खाड़ी के किसी भी देश का इस्राइल में यह पहला दूतावास है. इससे पहले जून में इस्राइल ने UAE में अपना दूतावास खोला था. अमेरिका के प्रयासों से पिछले साल UAE और बहरीन ने अब्राहम समझौते के तहत इस्राइल के साथ संबंधों के सामान्य करने की शुरुआत की थी.
  • UAE का दूतावास तेल अवीव स्थित इस्राइल स्टॉक एक्सचेंज टावर में है. ज्यादातर देश तेल अवीव में ही अपने दूतावास खोलते हैं क्योंकि यरुशलम की स्थिति विवादित है. अमेरिका ने भी 2018 में अपना दूतावास यरुशलम में स्थापित किया था.
  • इस्राइल ने 1967 के युद्ध के समय पूर्वी यरुशलम को अपने नियंत्रण में ले लिया था. यरूशलम में इस्राइल की संसद, सुप्रीम कोर्ट और कई सरकारी कार्यालय हैं. जबकि फलस्तीनी इसे भविष्य के स्वतंत्र देश की राजधानी बताते हैं.
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नेपाल में नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने मंत्रिमंडल का गठन किया

नेपाल में नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पांच सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया है. श्री देउबा ने 13 जुलाई को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी. राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी.

शेर बहादुर देउबा नेपाली कांग्रेस के नेता हैं. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अगले प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया है. नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा भंग की गई प्रतिनिधि सभा को बहाल करते हुए श्री देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था.

देउबा पांचवीं बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं. इससे पहले, देउबा ने जून 2017 से फरवरी 2018, जून 2004 से फरवरी 2005, जुलाई 2001 से अक्टूबर 2002 और सितंबर 1995 से मार्च 1997 तक चार बार नेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया था.

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WHO ने चीन को मलेरिया मुक्‍त घोषित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन को मलेरिया से मुक्त देश घोषित कर दिया है. चीन में पिछले 70 सालों से इस जानलेवा बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के प्रयास किए जा रहे थे. इसकी अधिकारिक घोषणा WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने 30 जून को की.

पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीन पहला देश है जिसे तीन दशकों से ज्यादा समय में मलेरिया मुक्त प्रमाणन से सम्मानित किया गया है. इस स्थिति को हासिल करने वाले क्षेत्र के अन्य देशों में ऑस्ट्रेलिया (1981), सिंगापुर (1982) और ब्रुनेई दारुस्सलाम (1987) शामिल हैं.

1967 में, चीनी सरकार ने 523 प्रॉजेक्ट शुरू किया जो एक राष्ट्रव्यापी शोध कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य मलेरिया के लिए नया इलाज खोजना था. इस प्रयास में, 60 संस्थानों के 500 से ज्यादा वैज्ञानिकों को शामिल करते हुए, 1970 के दशक में आर्टीमिसिनिन की खोज की गई, जो आर्टीमिसिनिन-आधारित संयोजन चिकित्सा (एसीटी) का मुख्य यौगिक है, जो आज उपलब्ध सबसे प्रभावी मलेरिया की दवाएं हैं.

1990 के अंत तक, चीन में मलेरिया के मामलों की संख्या 117,000 तक गिर गई थी और मौतों में 95 प्रतिशत की कमी आई थी. 2003 के बाद से 10 वर्षों के भीतर, मामलों की संख्या सालाना लगभग 5,000 तक गिर गई थी. विश्व स्तर पर, 40 देशों और क्षेत्रों को WHO से मलेरिया मुक्त प्रमाणन प्रदान किया गया है, जिसमें हाल ही में, अल सल्वाडोर (2021), अल्जीरिया (2019), अर्जेंटीना (2019), पराग्वे (2018) और उज्बेकिस्तान (2018) शामिल हैं.

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FATF की बैठक: पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने का फैसला

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) का वर्चुअल सत्र 21-25 जून को पेरिस में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता जर्मनी ने की थी. बैठक में FATF ने एक बार फिर पाकिस्तान को संदिग्ध देशों की सूची (ग्रे-लिस्ट) में रखने का निर्णय लिया. छह बार दी गई आखिरी समय-सीमाओं के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू करने में नाकाम रहा है.

FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलने में कठिनाई होगी.

फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF): एक दृष्टि

  • FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है. इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद (आतंकी फाइनैंसिंग) को रोकने के लिए नियम बनाना है. इसका गठन 1989 में किया गया था.
  • वर्तमान में FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देशों की संख्या 39 है. सउदी अरब को 21 जून 2019 को फ्लोरिडा के ऑरलैंडो में समूह की वार्षिक आम बैठक में FATF की सदस्यता दी गयी. वह पूर्ण सदस्‍यता पाने वाला 39वां देश बना है.
  • FATF की ग्रे-लिस्ट या ब्लैक-लिस्ट में डाले जाने पर देश को अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है.
  • FATF नियमों के मुताबिक, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक-लिस्ट के बीच डार्क ग्रे-लिस्ट की भी कैटिगरी होती है. ‘डार्क ग्रे-लिस्ट’ का अर्थ है सख्त चेतावनी, ताकि संबंधित देश को सुधार का एक अंतिम मौका मिल सके.
  • FATF ने पाकिस्तान को फरवरी 2018 में इसे ग्रे-लिस्ट के डाला था. इससे पहले पाकिस्तान साल 2012 से 2015 तक FATF की ग्रे लिस्ट में रहा था.
  • FATF की वर्तमान ब्लैक-लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं.

FATF की पूर्ण सदस्‍यता वाले देश

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, डेनमार्क, यूरोपीय आयोग, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल, हांगकांग, चीन, आइसलैंड, भारत, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, लक्समबर्ग, मलेशिया, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, रूसी संघ, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और सऊदी अरब

FATF का पर्यवेक्षक देश

इंडोनेशिया

FATF का वर्तमान अध्यक्ष देश

जर्मनी: Dr. Marcus Pleyer

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इब्राहिम रईसी ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गये

इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ईरान के नए राष्ट्रपति चुने गये हैं. उन्हें 19 जून को ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित किया गया था. 60 वर्षीय रईसी ईरान के राष्ट्रपति के चार साल के कार्यकाल को अगस्त में संभालेंगे. वह हसन रूहानी (Hassan Rouhani) का स्थान लेंगे.

इब्राहिम रईसी वह मार्च 2019 से ईरान के मुख्य न्यायाधीश भी हैं. वो राजनीतिक क़ैदियों को मौत की सज़ा दिए जाने के फ़ैसलों से जुड़े रहे हैं और उन पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू है.

ईरान और इसराइल

इसराइल के विदेश मंत्रालय ने रईसी को ईरान का सबसे कट्टरपंथी राष्ट्रपति कहा हैं. ईरान और इसराइल के बीच लंबे समय से छद्म युद्ध चल रहा है. दोनों देशों के बीच परिस्थिति बेहद जटिल है लेकिन तनाव की एक बड़ी वजह ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी है.

ईरान ने पिछले साल हुई अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञनिक की हत्या और इस साल अप्रैल में परमाणु संयंत्र पर हुए हादसे के लिए इसराइल को ज़िम्मेदार माना है. वहीं इसराइल का मानना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए नहीं है. इसराइल मानता है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मक़सद परमाणु हथियार बनाना है.

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु समझौता

ईरान और पश्चिमी देशों के बीच 2015 में एक परमाणु समझौता हुआ था, जिसके बाद ईरान पर लगे सख़्त प्रतिबंध हटा लिए गए थे. हालांकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अमेरिका को इस सौदे से बाहर कर लिया था और ईरान पर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे. नए राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार अब फिर से समझौते में शामिल होने का रास्ता निकाल रही है.

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