म्यांमार के सैन्य तानाशाह मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया

म्यांमार के सैन्य तानाशाह मिन आंग हलिंग (Min Aung Hlaing) ने खुद को देश का नया प्रधानमंत्री घोषित किया है. म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 आंग सांग सू की के नेतृत्व वाली देश के लोकतांत्रित सरकार को अपदस्थ कर दिया था. इतना ही नहीं, सेना ने सु की को नजरबंद कर दिया, जबकि बाकी नेताओं में से कई को जेल में डाल दिया था. तब से ही म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ लगातार हिंसक विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है.

तख्तापलट के बाद सैन्य शासन ने सू की के ऊपर कई तरह के आरोप लगाए हैं. अवैध रूप से वॉकी-टॉकी रेडियो रखने और कोरोना वायरस प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप में आंग सांग सू की के खिलाफ कोर्ट का ट्रायल शुरू किया गया है.

2023 तक म्यांमार से आपातकाल हटाने का वादा

1 अगस्त को टेलिविजन पर दिए गए संदेश में जनरल मिन आंग हलिंग ने अपने वादे को दोहराया कि दो साल के भीतर 2023 तक देश में चुनाव कराए जाएंगे और संकट के राजनीतिक समाधान के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ सहयोग करेंगे. उन्होंने इस अवधि में बहुदलीय चुनाव कराने का वादा किया.

म्यांमार सेना ने किया था तख्तापलट

एक फरवरी 2021 को आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार का तख्ता पलट करने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई थी. सैन्य अधिकारियों ने अपनी इस कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा था कि सैन्य प्रमुखता वाले 2008 के संविधान में ऐसा करने की अनुमति है. सेना का दावा है कि सू की की पार्टी को पिछले साल आम चुनाव में भारी जीत फर्जीवाड़े से मिली. हालांकि, सेना ने अपने दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है.

परिषद की जगह लेगी कार्यवाहक सरकार

मिन आंग हलिंग ने राज्य प्रशासन परिषद (SAC) की अध्यक्षता की जो तख्तापलट के ठीक बाद बनाई गई थी. यही परिषद 1 फरवरी से म्यांमार का शासन चला रही थी. अब कार्यवाहक सरकार इस परिषद की जगह लेगी और देश की बागडोर संभालेगी. मिन आंग हलिंग ने यह भी कहा कि उनका प्रशासन एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) द्वारा नामित किसी भी विशेष दूत के साथ काम करेगा.

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