26 जुलाई: करगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाई गयी

प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन वर्ष 1999 में करगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय और देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों की याद में मनाया जाता है. इस वर्ष 2021 में करगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ मनाई गयी.

26 जुलाई, 1999 को भारत ने ऊंचे इलाकों की उन सभी चैकियों की कमान सफलतापूर्वक हासिल कर ली थी जिन पर पाकिस्तानी आक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया था. यह युद्ध 60 दिन से अधिक समय तक चला.

करगिल विजय दिवस: मुख्य तथ्य

  • साल 1999 में करगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना ने कब्जा जमा लिया था. करगिल को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त कराने के भारतीय सेना के अभियान को ‘ऑपरेशन विजय’ नाम दिया गया था.
  • भारतीय सेना को कारगिल के युद्ध में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर बैठे थे और हमारे सैनिकों को गहरी खाई में रहकर उनसे मुकाबला करना था.
  • भारतीय नौसेना ने तेल और ईंधन की आपूर्ति को रोकने के लिए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बंदरगाहों, विशेष रूप से कराची में नाकाबंदी करने के लिए ऑपरेशन तलवार शुरू किया था.
  • ऑपरेशन विजय 8 मई को शुरू हुआ था और 26 जुलाई को खत्म. ‘ऑपरेशन विजय’ में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए थे. इस लड़ाई में पाकिस्तान के करीब तीन हजार जवान मारे गए.
  • कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे.

आषाढ़ पूर्णिमा: धम्म चक्र दिवस, महात्मा बुद्ध से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष आषाढ़ पूर्णिमा को धम्म चक्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के बाद, धम्म चक्र दिवस बौद्ध धर्म में दूसरा सबसे पवित्र दिन है. इस वर्ष यानी 2021 में यह दिवस 24 जुलाई को मनाया गया था.

धम्म चक्र दिवस क्या है?

गौतम बुद्ध द्वारा अपने पांच शिष्यों को पहला उपदेश देने की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है. गौतम बुद्ध ने आषाढ़ पूर्णिमा के दिन अपना पहला उपदेश दिया था. गौतम बुद्ध द्वारा पहला उपदेश बौद्ध ग्रन्थ- धम्मचक्क पवत्तन सुत्त में दर्ज है.

महात्मा बुद्ध के बुद्धत्व की प्राप्ति: बुद्ध पूर्णिमा

वैशाख पूर्णिमा को महात्मा बुद्ध के बुद्धत्व की प्राप्ति दिन (बुद्ध पूर्णिमा) के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था.

महात्मा बुद्ध: महत्वपूर्ण तथ्य

  • महारानी माया देवी ने 563 ईसा पूर्व मे सिद्धार्थ गौतम (महात्मा बुद्ध) को नेपाल के लुंबिनी में जन्म दिया था.
  • विश्व प्रसिद्ध माया देवी मंदिर उसी जगह पर स्थित है जहां गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था.
  • सम्राट अशोक 249 ईसा पूर्व में लुंबिनी आए थे और उनकी इस यात्रा के प्रतीक के रूप में एक स्तंभ लगाया गया था. बलुआ पत्थर और अवसादी शैल से बना यह स्तंभ शाक्यमुनी बुद्ध के जन्म से जुडा पहला पुरालेख प्रमाण है.
  • माया देवी मंदिर के पास ही ईसा पूर्व पहली शताब्दी से 5 वीं शताब्दी के बीच कुषाण से लेकर गुप्त काल के बीच बने कई स्तूप भी हैं.
  • महात्मा को बोध गया, बिहार में पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया था.

23 जुलाई: बाल गंगाधर तिलक और चन्द्रशेखर आजाद की जयंती

बाल गंगाधर तिलक

लोकमान्य तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे. बाल गंगाधर तिलक ने ही सबसे पहले ब्रिटिश राज के दौरान पूर्ण स्वराज की मांग उठाई थी.

23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक ब्राह्मण परिवार में जन्में तिलक ने अंग्रेजों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी थी. अंग्रेजों ने तिलक को 1906 में विद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर 6 साल की सजा सुनाई और बर्मा के एक जेल में डाल दिया था.

उन्होंने बर्मा के जेल में रहते हुए महान किताब ‘गीता रहस्य’ लिखी थी. भारत का यह महान सपूत 1 अगस्त 1920 को हमें अलविदा कह गया.

चन्द्रशेखर आजाद

महान क्रान्तिकारी चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 के दिन अलीराजपुर जिला के भाबरा गांव में पिता पण्डित सीताराम तिवारी और माता जगरानी देवी के यहां हुआ था. महज 14 साल के थे जब गांधीजी जी के सन् 1921 में असहयोग आन्दोलन में भाग लेने पर वे पहली बार गिरफ़्तार हुए थे. यही से चन्द्रशेखर के साथ आजाद नाम जुड गया.

9 अगस्त 1925 में काकोरी काण्ड को अंजाम दिया. चन्द्रशेखर आज़ाद ने 8 सितम्बर 1928 को दिल्ली के फीरोजशाह कोटला मैदान में हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसियेशन की स्थापना की. 27 फ़रवरी 1931 को अल्फ्रेड पार्क में चन्द्रशेखर आजाद और पुलिस बल के बीच भयंकर गोलीबारी हुई आखीरी गोली बचने पर चन्द्रशेखर आजाद ने खूद को गोली मार ली और इस तरह देश का सच्चा सपूत शहीद हो गया.

23 जुलाई: राष्ट्रीय प्रसारण दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस (National Broadcasting Day) मनाया जाता है.

1927 में आज के ही दिन देश का पहला रेडियो प्रसारण एक निजी कंपनी- इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (IBC) के तहत बॉम्बे केंद्र से किया गया था. 1930 में सरकार ने इस कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया और ‘भारतीय प्रसारण सेवा’ के नाम से उन्‍हें परिचालित करना शुरू कर दिया.

8 जून 1936 को भारतीय प्रसारण सेवा को ‘ऑल इंडिया रेडियो’ नाम दिया गया. 1956 में इसे ‘आकाशवाणी’ नाम दिया गया. वर्तमान में आकाशवाणी के 414 केन्‍द्र हैं, जो 23 भाषाओं और 179 बोलियों में प्रसारण उपलब्‍ध कराते हैं. आकाशवाणी का आदर्श वाक्य – ‘बहुजन हिताय : बहुजन सुखाय’ है.

22 जुलाई: राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस, राष्ट्रीय झण्डा से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय झण्डा अंगीकरण दिवस (National Flag Adoption Day) मनाया जाता है. इसी दिन 1947 में भारतीय संविधान सभा की बैठक में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था.

राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

  • स्‍वतंत्रता के राष्‍ट्रीय संग्राम के दौरान कई अलग-अलग ध्वजों का प्रयोग किया गया. प्रथम राष्‍ट्रीय ध्‍वज 7 अगस्‍त 1906 को पारसी बागान चौक कलकत्ता में फहराया गया था. इस ध्‍वज को लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों से बनाया गया था. पीली पट्टी पर कमल बना हुआ था
  • दूसरे ध्‍वज को पेरिस में मैडम कामा और 1907 में उनके साथ निर्वासित किए गए कुछ क्रांतिकारियों द्वारा फहराया गया था. यह भी पहले ध्‍वज के समान था, लेकिन इसके सबसे ऊपरी की पट्टी पर सात तारे सप्‍तऋषि को दर्शाते थे. यह ध्‍वज बर्लिन में हुए समाजवादी सम्‍मेलन में भी प्रदर्शित किया गया था.
  • तीसरा ध्‍वज 1917 में आया जब हमारे राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड लिया. डॉ. एनी बीसेंट और लोकमान्‍य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया.
  • कांग्रेस के बेजवाड़ा (वर्तमान विजयवाड़ा) सत्र में आंध्र प्रदेश के एक युवक पिंगली वेंकैया ने एक झंडा बनाया. यह दो रंगों लाल और हरा रंग जो दो प्रमुख समुदायों अर्थात हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता है. गांधी जी ने सुझाव दिया कि भारत के शेष समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र की प्रगति का संकेत देने के लिए एक चलता हुआ चरखा होना चाहिए.
  • 1931 ध्‍वज के इतिहास में एक यादगार वर्ष रहा. तिरंगे ध्‍वज को राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाने के लिए एक प्रस्‍ताव पारित किया गया . यह ध्‍वज केसरिया, सफेद और मध्‍य में चलते हुए चरखे के साथ था.  22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे मुक्‍त भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया. स्स्वतंत्रता मिलने के बाद इसके रंग और उनका महत्‍व बना रहा. केवल ध्‍वज में चलते हुए चरखे के स्‍थान पर सम्राट अशोक के धर्म चक्र को दिखाया गया.
  • वर्तमान में भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है. बीच में स्थित सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्‍य का प्रतीक है. निचली हरी पट्टी हरियाली, उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है.
  • 2002 से पहले, भारत की आम जनता के लोग केवल गिने चुने राष्ट्रीय त्योहारों को छोड़ सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहरा नहीं सकते थे. लेकिन एक याचिका पर 26 जनवरी 2002 को भारतीय ध्‍वज संहिता में संशोधन किया गया और स्‍वतंत्रता के कई वर्ष बाद भारत के नागरिकों को अपने घरों, कार्यालयों और फैक्‍ट‍री में न केवल राष्‍ट्रीय दिवसों पर, बल्कि किसी भी दिन बिना किसी रुकावट के फहराने की अनुमति मिल गई.
  • सुविधा की दृष्टि से भारतीय ध्‍वज संहिता, 2002 को तीन भागों में बांटा गया है. संहिता के पहले भाग में राष्‍ट्रीय ध्‍वज का सामान्‍य विवरण है. संहिता के दूसरे भाग में जनता, निजी संगठनों, शैक्षिक संस्‍थानों आदि के सदस्‍यों द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज के प्रदर्शन के विषय में बताया गया है. संहिता का तीसरा भाग केन्‍द्रीय और राज्‍य सरकारों तथा उनके संगठनों और अभिकरणों द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज के प्रदर्शन के विषय में जानकारी देता है.

20 जुलाई: अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस (International Chess Day) मनाया जाता है. शतरंज, खेलों के इतिहास में सबसे प्राचीन और सबसे लोकप्रिय होने के कारण यह राष्ट्रों के बीच निष्पक्षता, समानता, आपसी सम्मान और समझ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

1924 में इसी दिन इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) की स्थापना हुई थी. इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस के रूप में मनाने का विचार यूनेस्को (UNESCO) द्वारा प्रस्तावित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर एक दिवस के रूप में मनाने की मान्यता 2019 में दी थी.

शतरंज: एक दृष्टि

  • शतरंज का आविष्कार भारत में पांचवीं शताब्दी में किया गया था.  इसे मूल रूप से ‘चतुरंग’ नाम दिया गया था.
  • पहला आधुनिक शतरंज टूर्नामेंट 1851 में लंदन में आयोजित किया गया था और जर्मन एडॉल्फ एंडरसन ने जीता था.
  • विश्व शतरंज संघ (FIDE) की स्थापना 20 जुलाई, 1924 को हुई थी.

18 जुलाई: नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस

प्रत्येक वर्ष दुनियाभर में नेल्सन मंडेला के जन्मदिवस 18 जुलाई को ‘नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस’ (Nelson Mandela International Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस लोकतंत्र के लिए संघर्ष और दुनिया भर में शांति को बढ़ावा देने में नेल्सन मंडेला के योगदान की स्मृति में मनाया जाता है.

इस वर्ष यानि 2021 में नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस ‘One Hand Can Feed Another’ थीम पर मनाया गया.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस को मनाये जाने का निर्णय नवंबर 2009 में लिया था. पहला नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस 18 जुलाई 2010 को मनाया गया था.

नेल्सन मंडेला: एक दृष्टि

नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति थे. मंडेला को 1962 में नस्लभेद शासन के तहत जेल में डाल दिया गया था और उन्हें 1990 में रिहा किया गया. जब उनकी पार्टी नेशनल कांग्रेस पार्टी 1994 में पहला बहु-जातीय चुनाव जीती, वह राष्ट्रपति बने और 1999 में अपना कार्यकाल पूरा कर पद छोड़ा. मंडेला 2013 में चल बसे.

15 जुलाई: विश्व युवा कौशल दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस (World Youth Skills Day) मनाया जाता है. युवाओं को अधिक से अधिक कौशल विकास के प्रति जागरुक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व युवा कौशल दिवस 2021 की थीम

इस वर्ष यानी 2021 के विश्व युवा कौशल दिवस की थीम (विषय)- ‘युवा कौशल पोस्ट-महामारी का पुनर्मूल्यांकन’ (Reimagining Youth Skills Post Pandemic) है.

इतिहास

विश्व युवा कौशल दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 नवंबर 2014 को की गयी थी. पहली बार 15 जुलाई 2015 को यह दिवस मनाया गया था.

11 जुलाई: विश्व जनसंख्या दिवस

प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) के रूप में मनाया जाता है. बढ़ती आबादी से जुड़ी समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की थीम

इस वर्ष यानी 2021 के विश्व जनसंख्या दिवस का मुख्य विषय (थीम)- Rights and Choices are the Answer: Whether baby boom or bust, the solution to shifting fertility rates lies in prioritising all people’s reproductive health and rights है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा 1989 में की थी. पहली बार 11 जुलाई 1990 को यह दिवस मनाया गया था. उस समय विश्व की जनसंख्या लगभग 5 अरब थी. विश्व बैंक में कार्यरत डॉ के सी ज़कारिया ने विश्व की आबादी 5 अरब होने की स्थिति में यह दिवस मनाने का सुझाव दिया था. वर्तमान में विश्व की जनसंख्या लगभग 7.8 अरब है.

4 जुलाई 2021: अमेरिका का 245वां स्वतंत्रता दिवस

अमेरिका प्रत्येक वर्ष 4 जुलाई को अपना स्वतंत्रता दिवस (Independent Day) मनाता है. इस वर्ष अमेरिका का 245वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. 1776 में इसी दिन संयुक्त राज्य अमेरिका (United State Of America) के राष्‍ट्र निर्माताओं ने स्‍वतंत्रता संबंधी घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर किए थे. इसमें 13 अमरीकी उपनिवेशों के ब्रिटिश साम्राज्‍य से मुक्‍त हो जाने की घोषणा की गई. घोषणा-पत्र पर हस्‍ताक्षर करने वालों में थॉमस जैफर्सन और बेंजामिन फ्रैंकलिन शामिल थे.

ब्रिटिश साम्राज्‍य का हिस्सा था

भारत की ही तरह अमेरिका भी ब्रिटिश साम्राज्‍य का एक हिस्सा था. 4 जुलाई 1776 को अमेरिका को ब्रिटिश साम्राज्य से पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी. जॉर्ज वॉशिंगटन देश के पहले राष्ट्रपति बने थे. इसके बाद 1789 में यहाँ दुनिया का पहला लिखित संविधान लागू हुआ था. अमेरिका विश्‍व का पहला देश बना, जिसने व्यक्ति की समानता और मौलिक अधिकारों की घोषणा की.

अमेरिकी स्‍वतंत्रता संग्राम का आंदोलन 1765 से 1783 तक चला था. तत्कालीन ब्रिटिश-अमेरिका के 13 उपनिवेशों ने 4 जुलाई 1776 को स्वयं को स्वतंत्र घोषित कर दिया था. इन उपनिवेशों ने यूनाइटेड स्‍टेट्स ऑफ अमेरिका की स्‍थापना की. जिसके बाद से ही हर साल 4 जुलाई को अमेरिका में राष्ट्रीय अवकाश रहता है.

1 जुलाई: राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस, डॉ बिधान चंद्र रॉय का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को भारत में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) मनाया जाता है. डॉक्टर्स की उपलब्धियों और चिकित्सा के क्षेत्र में नए आयाम हासिल करने वाले डॉक्टर्स के सम्मान के लिए यह दिवस मनाया जाता है. पहला राष्‍ट्रीय डॉक्‍टर दिवस जुलाई 1991 में मनाया गया था.

डॉ बिधान चंद्र रॉय का जन्मदिन

भारत के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय के जन्मदिन पर यह दिवस मनाया जाता है. उनका जन्म 1882 में आज के दिन ही हुआ था. वह पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं. उन्होंने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद और भारतीय चिकित्‍सा संघ की स्‍थापना में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायी थी. डॉ बिधान चंद्र रॉय को 1961 में देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था.

डॉक्‍टर्स दिवस 2021 की थीम

इस वर्ष यानी 2021 के डॉक्‍टर्स दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘रक्षकों को बचाओ’ (Save The Saviours) है.

1 जुलाई: सनदी लेखाकार दिवस (चार्टर्ड अकाउंटेंट डे)

प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को सनदी लेखाकार दिवस (Chartered Accountants Day) मनाया जाता है. चार्टर्ड अकाउंटेंट को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) की स्थापना के अवसर पर यह दिवस मनाया जाता है. ICAI की स्थापना 1949 में आज के दिन ही हुई थी.

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI): एक दृष्टि

  • ICAI को संसद में पास एक एक्ट के तहत स्थापित किया गया था. ICAI भारत की राष्ट्रीय प्रोफेशनल अकाउंटिंग बॉडी है.
  • अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक अकाउंटेंट्स के बाद ICAI दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पेशेवर लेखा संस्थान है.
  • ICAI के आधिकारिक चिन्ह पर गरुड़ बना हुआ है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है.
  • ICAI चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) बनने की योग्यता को निर्धारित करता है, परीक्षा लेता है तथा लेखांकन की प्रेक्टिस करने का लाइसेंस देता है.