गोवा में भारत ऊर्जा सप्ताह 2024 आयोजित किया गया

गोवा में 6 से 9 फ़रवरी तक भारत ऊर्जा सप्ताह (India Energy Week) 2024 का आयोजन किया गया था. यह भारत की एकमात्र ऊर्जा प्रदर्शनी और सम्मेलन है, जो संपूर्ण ऊर्जा मूल्य श्रृंखला को एक मंच प्रदान करती है. यह भारत के ऊर्जा पारगमन लक्ष्यों के लिए उत्प्रेरक का काम करती है.

मुख्य बिन्दु

  • भारत ऊर्जा सप्ताह आयोजन में 120 से ज़्यादा देशों के 4,000 से ज़्यादा प्रतिनिधि और विभिन्न देशों के 17 ऊर्जा मंत्रियों ने हिस्सा लिया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
  • प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भारत ऊर्जा सप्‍ताह के दौरान ऊर्जा क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से बातचीत की. उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि को और प्रोत्साहन देने के लिए सुधारों की प्रक्रिया तेज करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.
  • इससे पहले कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अगले पांच से छह वर्ष में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश होगा.
  • प्रधानमंत्री गोवा में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में 1330 करोड रुपये की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास भी किया.

13 फरवरी: विश्व रेडियो दिवस

प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य जनता और मीडिया में रेडियो के महत्‍व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

यह दिन रेडियो की अनोखी क्षमता को याद करने के लिए भी मनाया जाता है, यह आम लोगों के जीवन से सीधा जुड़ा है और दुनिया के सभी भागों के लोगों को जोड़ता है.

विश्व रेडियो दिवस 2024 का मुख्य विषय (थीम) ‘रेडियो एक सदी की सूचना, मनोरंजन और शिक्षा’ (Radio: A century informing, entertaining and educating) है.

यूनेस्को ने साल 2011 में विश्व-स्तर पर रेडियो दिवस मनाने का फैसला लिया था. 13 फरवरी का दिन विश्व रेडियो दिवस के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि 13 फ़रवरी 1946 से ही रेडियो संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) द्वारा अपने रेडियो प्रसारण की शुरुआत की गई थी.

13 फरवरी: राष्ट्रीय महिला दिवस, सरोजिनी नायडू का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ (National Women’s Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस भारत के स्वतंत्रता सेनानी और कवि सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है. सरोजिनी नायडू का जन्म इसी दिन 1879 में हुआ था. इस वर्ष यानी 2024 में उनकी 145वीं जयंती मनाई गयी.

सरोजिनी नायडू: एक दृष्टि

  • सरोजिनी नायडू ने देश की आजादी के लिए भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था. वह कांग्रेस पार्टी की पहली महिला अध्यक्ष थी.
  • उनकी कविताओं के कारण उन्हें ‘नाइटिंगेल ऑफ इंडिया (भारत कोकिला’)’ के उपनाम से भी जाना जाता है.
  • सरोजिनी नायडू संयुक्त प्रांत (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की पहली महिला राज्यपाल भी बनीं थीं.
  • उन्हें 1928 के दौरान भारत में प्लेग महामारी के दौरान उनके काम के लिए ‘कैसर-ए-हिंद’ पदक से सम्मानित किया गया था.
  • उन्होंने महिला सशक्तीकरण की भी वकालत करते हुए 1917 में महिला भारतीय संघ (WIA) की स्थापना में मदद की.
  • उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन का प्रमुखता से नेतृत्व किया था.

सरोजिनी नायडू के मुख्य कोट्स

  1. हम अपनी बीमारी से भारत को साफ करने से पहले पुरुषों की एक नई नस्ल चाहते हैं.
  2. एक देश की महानता, बलिदान और प्रेम उस देश के आदर्शों पर निहित करता है.
  3. हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं, भाषण में अधिक से अधिक साहस और कार्यवाही में ईमानदारी.
  4. श्रम करते हैं हम कि समुद्र हो तुम्हारी जागृति का क्षण, हो चुका जागरण अब देखो, निकला दिन कितना उज्ज्वल.

10 फरवरी: विश्व दलहन दिवस

प्रत्येक वर्ष 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस (World Pulses Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दाल में विद्यमान पोषक तत्वों और उसकी उपयोगिता के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. पहला विश्व दाल दिवस 10 फरवरी 2019 को मनाया गया था.

दाल पोषण तथा खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं. इसको ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2016 को अन्तर्राष्ट्रीय दालों का वर्ष घोषित किया गया था.

इस वर्ष यानी 2024 में विश्व दलहन दिवस का मुख्य विषय (theme) ‘दालें: पौष्टिक मिट्टी और लोग’ (Pulses: Nourishing Soils and People) है.

दलों का महत्व

दालें खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण हैं. यह विश्व की एक बड़ी जनसँख्या का प्रमुख भोजन हैं. दालों से जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है. दालों के कारण संश्लेषित उर्वरकों के उपयोग में कमी आती है. इससे ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में भी कमी होती है.

4 फरवरी: विश्व कैंसर दिवस, विश्व कैंसर दिवस 2024 की थीम

प्रत्येक वर्ष 4 फ़रवरी को विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) मनाया जाता है. यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इस रोग के प्रति लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से दुनिया भर में मनाया जाता है.

विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) के द्वारा की गयी थी. 4 फरवरी 2000 को कैंसर के खिलाफ पेरिस में विश्व कैंसर सम्मेलन हुआ जहां यह तय हुआ कि हर साल चार फरवरी को कैंसर के खिलाफ जागरुकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाएगा.

विश्व कैंसर दिवस 2024 की थीम

विश्व कैंसर दिवस को एक थीम, अभियान के साथ मनाया जाता है. 2016 से हर तीन साल एक ही थीम रखने का फैसला लिया गया. वर्ष (2022-2024) अभियान का थीम ‘केयर गैप बंद करें’ (Close the Care Gap) है. वर्ष (2019-2021) अभियान का थीम ‘मैं हूं और मैं रहूंगी/रहूंगा’ (I Am and I Will) था.

विश्‍व में सबसे ज्‍यादा मृत्‍यु कैंसर से होती है

कैंसर बेहद खतरनाक एवं जानलेवा बीमारी है. दुनियाभर में इस बीमारी से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. वर्तमान में, विश्व में हर साल लगभग 76 लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है. इनमें से लगभग 40 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है. वर्ष 2025 तक, कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों की संख्या बढ़कर प्रति वर्ष 60 लाख होने का अनुमान है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2025 तक कैंसर के कारण समय से पहले होने वाली मौतों में 25 प्रतिशत कमी का लक्ष्य रखा है. WHO ने चेतावनी दी है कि 2040 तक कम और मध्‍यम आय वाले देशों में कैंसर के मामले 81 प्रतिशत तक बढ़ जायेंगे क्‍योंकि वहां रोकथाम और देखभाल के लिए निवेश का अभाव है.

भारत में हर साल 7 लाख लोगों की मौत कैंसर से होती है. यहाँ 40 फीसद कैंसर सिर्फ तंबाकू के सेवन से होता है. पुरुषों में सबसे ज्यादा फेफड़े के कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर का जोखिम रहता है.

कैंसर से बचाव

कैंसर से बचाव संतुलित भोजन, साफ-सफाई, नियमित व्यायाम और ध्रुमपान से दूर रहकर किया जा सकता है. कैंसर के मामलों में मौत की सबसे बड़ी वजह देर से ईलाज शुरु करना माना जाता है.

2 फरवरी: विश्व आर्द्र भूमि दिवस

प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस (World Wetlands Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस प्रत्‍येक वर्ष पृथ्‍वी के लिए आर्द्र भूमि की महत्‍वपूर्ण भूमिका पर वैश्विक जागरुकता बढाने के उद्देश्‍य से मनाया जाता है.

विश्व आर्द्र भूमि दिवस 2024 का विषय ‘आर्द्रभूमियाँ और मानव कल्याण’ (Wetlands and Human Wellbeing) है.

1971 में इसी दिन ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक अभिसमय (Convention on Wetlands) को अपनाया गया था. पहली बार ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ 2 फरवरी, 1997 को रामसर सम्मलेन के 16 वर्ष पूरे होने पर मनाया गया था.

आर्द्रभूमि क्या होता है?

आर्द्रभूमि (wetland) ऐसा भूभाग होता है जिसका बड़ा हिस्सा किसी जल से संतृप्त हो या उसमें डूबा रहे. आर्द्रभूमि के कई लाभ हैं. यह जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है. भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है.

आर्द्रभूमि कार्बन के भंडारण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े चरम मौसम की घटनाओं के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वे बाढ़ को कम करती हैं, पीने के पानी की भरपाई करती हैं, कचरे को छानती हैं, शहरी हरे स्थान प्रदान करते हैं और आजीविका का स्रोत हैं.

30 जनवरी 2024: शहीद दिवस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि

30 जनवरी 2024 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 76वीं पुण्य तिथि (Mahatma Gandhi 76th Death Anniversary) पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दिन को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. 30 जनवरी 1948 को उनकी हत्या कर दी गई थी.

देश के स्वतंत्रता, कल्याण और प्रगति के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में यह दिन शहीद दिवस (शहादत दिवस) मनाया जाता है.

भारत में 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी.

शहीद दिवस पर महात्मा गांधी और उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को कृतज्ञता के साथ याद किया जाता है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था.

महात्मा गांधी: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था.
  • गांधीजी ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात से उच्च शिक्षा बॉम्बे यूनिवर्सिटी से ली थी. उन्होंने वकालत की पढ़ाई लंदन में की थी.
  • 1893 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गए थे. वहां वह भेद-भाव के शिकार हुए.
  • 1915 में भारत लौटे और अपना पूरा जीवन भारत के स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया.
  • 1918 में शुरू किया गया चंपारण आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी पहली उपलब्धि थी.
  • 1920 में उन्होंने असहयोग आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन के दौरान हिंसा की कुछ घटना के कारण इसे असफल माना गया.
  • 1930 में गांधीजी ने सिविल अवज्ञा आंदोलन चलाया जिसे दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है.
  • 1942 में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन चलाया और जिसे उनके जीवन का सबसे सफल और सबसे बड़ा आंदोलन कहा जाता है.

जनवरी माह का अंतिम रविवार: विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस

प्रत्येक वर्ष जनवरी के अंतिम रविवार को विश्व कुष्ठ उन्मूलन दिवस (World Leprosy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सहायता तथा इस रोग से पीड़ित लोगों की देखभाल करने वाले व्यक्तियों को प्रशिक्षित करने के बारे में जागरूकता पैदा करना हैं.

वर्ष 2024 के World Leprosy Day का विषय (थीम) ‘कुष्ठ रोग को हराएं’ (Beat Leprosy) है.

कुष्ठरोग क्या है?

कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री (बैक्टीरिया) के कारण होने वाला एक रोग है. इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर घाव हो जाते हैं तथा हाथों और पैरों की तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इस रोग को हैन्सेन का रोग (इस रोग के बैक्टीरिया की खोज़ करने वाले चिकित्सक डॉ. आर्मोर हैन्सेन के नाम रखा गया है) के रूप में भी जाना जाता है. कुष्ठ रोग को मल्टी ड्रग थेरेपी (MTD) द्वारा उपचारित किया जा सकता हैं.

27 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 27 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस (International Holocaust Remembrance Day) के तौर पर मनाया जाता है. यह दिवस होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद में मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2024 के अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस की थीम ‘धर्म की स्वतंत्रता और आत्म-पहचान की स्वतंत्रता’ (Freedom of religion and freedom to self-identify) है.

संयुक्त राष्ट्र ने होलोकॉस्ट में मारे गए 6 मिलियन यहूदियों को सम्मानित करने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस’ ​​​​चिह्नित किया था.

इस दिन का इतिहास

  • 1933-1945 के दौरान नाजी जर्मनी द्वारा प्रलय के परिणामस्वरूप एक तिहाई यहूदी (लगभग 6 मिलियन) और अन्य अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र ने 27 जनवरी को इस दिन को मनाने के लिए चुना था, क्योंकि इसी तारीख को रेड आर्मी ने 1945 में ऑशविट्ज़ उत्पीडन शिविर को मुक्त कराया था.
  • नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (NSDAP) को नाज़ी कहा जाता था. यह एक राजनीतिक पार्टी थी जो 1919 के पहले विश्व युद्ध के बाद स्थापित की गई थी.
  • जर्मनी में यहूदी धर्म (Judaism) विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से है, तथा दुनिया का प्रथम एकेश्वरवादी धर्म माना जाता है. यह इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है.
  • होलोकॉस्ट को शोह (Shoah) के नाम से भी जाना जाता है. यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार था. 1941 और 1945 के दौरान, नाजी जर्मनी ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप में लगभग 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी थी.

26 जनवरी 2024: भारत का 75वां गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्‍य पथ (राजपथ) पर आयोजित किया गया था. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया.

75वां गणतंत्र दिवस: मुख्य बिन्दु

  • राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्‍ली में कर्तव्‍य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में समग्र राष्ट्र का नेतृत्व किया.
  • फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमैनुअल मैक्रों गणतंत्र दिवस परेड समारोह में मुख्य अतिथि थे.
  • 75वीं गणतंत्र दिवस परेड ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ विषय के साथ, महिला नेतृत्‍व पर केंद्रित थी.
  • गणतंत्र दिवस समारोह में यह पहली बार था जब परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकार भारतीय संगीत वाद्य यंत्र बजाते हुए किया.
  • सोलह राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और विरासत की झलक देखने को मिली.
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया था.

गणतन्त्र दिवस क्या है?

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिवस 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के आधिकारिक रूप से लागू होने की याद में मनाया जाता है. इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था.

किसी देश को गणतंत्र तब माना जाता है जब उस देश के प्रमुख का निर्वाचन जनता द्वारा किया जाए. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान-सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.

गणतन्त्र दिवस समारोह का इतिहास

पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में दिल्‍ली के इ‍रविन एम्‍पीथियेटर में मनाया गया था. जिसे वर्तमान में मेजर ध्‍यानचंद नेशनल स्‍टेडियम के रूप में जाना जाता है. बाद के वर्षों में यह समारोह परेड़ किंग्‍जवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की गई.

1955 में कर्तव्‍य पथ (राजपथ) परेड़ के लिए स्‍थायी स्‍थल बन गया. उस समय राजपथ को किंग्‍जवे नाम से जाना जाता था. 1955 में जब राजपथ पर परेड़ हुई तब पाकिस्‍तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्‍मद को मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.

बीटिंग रीट्रिट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन

हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह ‘बीटिंग रीट्रिट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. यह 1950 के दशक की शुरूआत में उस समय शुरू हुआ जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बैंड द्वारा प्रदर्शन का अनूठा तरीका विकसित किया था.

25 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस

प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ (National Voters’ Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य लोगों को अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है.

राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 का मुख्य विषय (theme) – Nothing Like Voting, I Vote for Sure है.

इस अवसर पर राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्‍ली में वर्ष 2023 का सर्वोत्तम चुनावी पद्धति पुरस्‍कार प्रदान किए. यह पुरस्‍कार राज्‍य और जिला स्‍तर के अधिकारियों को पिछले वर्ष चुनाव संचालन में उनके उत्‍कृष्‍ट कार्यों के लिए दिया गया.

भारतीय चुनाव आयोग का स्थापना दिवस

राष्ट्रीय मतदाता दिवस, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के स्थापना दिवस के दिन मनाया जाता है. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था. पहली बार यह दिवस 2011 में मनाया गया था.

देश का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया. लेकिन भारत निर्वाचन आयोग को एक संवैधानिक संस्‍था के रूप में स्‍थापित करने वाला संविधान का अनुच्‍छेद 324 उन गिने-चुने प्रावधानों में से है जिन्‍हें पूरे दो महीने पहले 26 नवम्‍बर 1949 को लागू कर दिया गया था. भारत निर्वाचन आयोग का गठन भारत के गणतंत्र बनने के एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हो गया था.

25 जनवरी: राष्ट्रीय पर्यटन दिवस

25 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day) मनाया जाता है. देश की विविधता को रेखांकित करने के लिए प्रत्‍येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है.

25 जनवरी 2024: हिमाचल प्रदेश ने अपना 53वां स्थापना दिवस मनाया

25 जनवरी 2024 को हिमाचल प्रदेश ने अपना 53वां स्थापना दिवस (Himachal Pradesh 53rd Foundation Day) मनाया. ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का 18वाँ राज्य बनाया गया था.

हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि

1948 में लगभग 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का गठन मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में किया गया था. 1 नवम्बर, 1956 को इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था.

यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.

आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, हिमाचल प्रदेश ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया था. सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा था.