2 फरवरी: विश्व आर्द्र भूमि दिवस

प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्र भूमि दिवस (World Wetlands Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस प्रत्‍येक वर्ष पृथ्‍वी के लिए आर्द्र भूमि की महत्‍वपूर्ण भूमिका पर वैश्विक जागरुकता बढाने के उद्देश्‍य से मनाया जाता है.

विश्व आर्द्र भूमि दिवस 2024 का विषय ‘आर्द्रभूमियाँ और मानव कल्याण’ (Wetlands and Human Wellbeing) है.

1971 में इसी दिन ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर आर्द्रभूमि पर एक अभिसमय (Convention on Wetlands) को अपनाया गया था. पहली बार ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ 2 फरवरी, 1997 को रामसर सम्मलेन के 16 वर्ष पूरे होने पर मनाया गया था.

आर्द्रभूमि क्या होता है?

आर्द्रभूमि (wetland) ऐसा भूभाग होता है जिसका बड़ा हिस्सा किसी जल से संतृप्त हो या उसमें डूबा रहे. आर्द्रभूमि के कई लाभ हैं. यह जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है. भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है.

आर्द्रभूमि कार्बन के भंडारण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े चरम मौसम की घटनाओं के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. वे बाढ़ को कम करती हैं, पीने के पानी की भरपाई करती हैं, कचरे को छानती हैं, शहरी हरे स्थान प्रदान करते हैं और आजीविका का स्रोत हैं.