26 जनवरी 2024: भारत का 75वां गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. इस अवसर पर मुख्य समारोह राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्‍य पथ (राजपथ) पर आयोजित किया गया था. यहां हर साल की तरह देश की संस्कृति को दिखाने वाली झाकियों के साथ भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया.

75वां गणतंत्र दिवस: मुख्य बिन्दु

  • राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नई दिल्‍ली में कर्तव्‍य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में समग्र राष्ट्र का नेतृत्व किया.
  • फ्रांस के राष्‍ट्रपति एमैनुअल मैक्रों गणतंत्र दिवस परेड समारोह में मुख्य अतिथि थे.
  • 75वीं गणतंत्र दिवस परेड ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ विषय के साथ, महिला नेतृत्‍व पर केंद्रित थी.
  • गणतंत्र दिवस समारोह में यह पहली बार था जब परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकार भारतीय संगीत वाद्य यंत्र बजाते हुए किया.
  • सोलह राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और विरासत की झलक देखने को मिली.
  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया था.

गणतन्त्र दिवस क्या है?

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिवस 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के आधिकारिक रूप से लागू होने की याद में मनाया जाता है. इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था.

किसी देश को गणतंत्र तब माना जाता है जब उस देश के प्रमुख का निर्वाचन जनता द्वारा किया जाए. एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान-सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे एक लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था.

गणतन्त्र दिवस समारोह का इतिहास

पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में दिल्‍ली के इ‍रविन एम्‍पीथियेटर में मनाया गया था. जिसे वर्तमान में मेजर ध्‍यानचंद नेशनल स्‍टेडियम के रूप में जाना जाता है. बाद के वर्षों में यह समारोह परेड़ किंग्‍जवे, लाल किला और रामलीला मैदान में आयोजित की गई.

1955 में कर्तव्‍य पथ (राजपथ) परेड़ के लिए स्‍थायी स्‍थल बन गया. उस समय राजपथ को किंग्‍जवे नाम से जाना जाता था. 1955 में जब राजपथ पर परेड़ हुई तब पाकिस्‍तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्‍मद को मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था.

बीटिंग रीट्रिट के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन

हर साल 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाले समारोह ‘बीटिंग रीट्रिट’ के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है. यह 1950 के दशक की शुरूआत में उस समय शुरू हुआ जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बैंड द्वारा प्रदर्शन का अनूठा तरीका विकसित किया था.

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