प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश अपना स्थापना दिवस (Uttar Pradesh Diwas) मनाता है. 1950 में इसी दिन उत्तर प्रदेश को यह नाम मिला था. 24 जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश ने अपना 75वाँ स्थापना दिवस मनाया.
उत्तरप्रदेश: एक दृष्टि
उत्तरप्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या (लगभग 20 करोड़) वाला राज्य है. यह 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के रूप में स्थापित किया गया था. ब्रिटिश शासनकाल में इसे यूनाइटेड प्रोविंस कहा जाता था जो कि 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश हो गया. 9 नवंबर 2000 को, उत्तरप्रदेश से अलग कर एक नया राज्य उत्तराखंड बनाया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-24 20:42:312024-02-08 20:46:2824 जनवरी: उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज में लोगों के बीच बेटियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और बेटियों को सामाजिक व आर्थिक विकास के नए अवसर मुहैया कराना है.
यह दिन केन्द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 से प्रति वर्ष मनाया जाता है. राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अलग-अलग तरह के अभियान चलाए जाते हैं.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत
सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के जरिए लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता है. महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या अब कम हो गए हैं.
प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ (International Day of Education) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शांति और विकास में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित करना है.
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 का मुख्य विषय (theme) ‘स्थायी शांति के लिए सीखना’ (learning for lasting peace) है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ मनाने के लिए एक प्रस्ताव 3 दिसंबर 2018 को पारित किया था. 24 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का तीसरा संस्करण था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-24 20:34:132024-02-08 20:36:5824 जनवरी: अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस
प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा अपना स्थापना दिवस मनाया जाता है. वर्ष 1972 में इसी दिन तीनों राज्यों को उत्तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के अन्तर्गत पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था.
भारत की आजादी (15 अगस्त, 1947) से पहले, भारत की सीमाओं से लगे हुए लगभग सभी राज्यों को शांतिपूर्ण वार्ताओं के ज़रिये, भारतीय संघ में मिलाने का प्रयास किया गया. अधिकांश राज्यों के शासकों ने भारत में विलय के दस्तावेज (Instrument of Accession) दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये.
स्वतंत्रता के समय भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित किया गया था- ब्रिटिश भारत का असम प्रांत, मणिपुर और त्रिपुरा के देशी रियासतें और उत्तर-पूर्व सीमान्त प्रांत (NEFA).
मणिपुर: सितंबर 1949 में भारत सरकार ने मणिपुर को भारत में शामिल करने के लिये विलय समझौते पर हस्ताक्षर करवाने में सफलता प्राप्त की थी.
त्रिपुरा: भारत संघ में त्रिपुरा रियासत का विलय 15 नवंबर 1949 को हुआ था. रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा रियासत के भारतीय संघ के साथ विलय में अहम भूमिका निभाई थी.
मेघालय: मेघालय, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटा पहाड़ी राज्य है जो 2 अप्रैल 1970 को असम राज्य के भीतर एक स्वायत्त राज्य के रूप में अस्तित्व में आया.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-21 17:08:152024-02-06 17:11:0221 जनवरी: मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्थापना दिवस
प्रत्येक वर्ष 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस (National Startup Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के युवाओं के लिए नवाचार और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान पर चर्चा करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों को एक मंच प्रदान करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 में देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सेलिब्रेट करने के लक्ष्य से इसकी शुरुआत की थी. देश में स्टार्टअप्स का कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुचाने के लिए इसे दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2016 में भारत में स्टार्टअप्स की संख्या 471 थी, जोकि 2022 में बढ़कर 72,993 हो गई. यानी इस दौरान स्टार्टअप की संख्या में रिकॉर्ड 15,400% की ग्रोथ दर्ज की गई.
प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करना है. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘service before self’ है.
इस अवसर पर थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की और सेना की आठ मार्चिंग टुकडि़यों का निरीक्षण किया.
15 जनवरी 2024 को इस अवसर पर लखनऊ में पहली बार भारतीय सेना की केन्द्रीय कमान 76वीं सेना दिवस परेड आयोजित किया था. सूर्या कमान के नाम से जाने वाली इस कमान की परेड 11 गोरखा राइफल रेजिमेंटल केन्द्र में आयोजित हुई.
आजादी के बाद यह दूसरी बार है जब सेना दिवस दिल्ली के बाहर आयोजित किया गया. 75वां सेना दिवस का आयोजन बेंगलुरु में हुआ था.
केएम करियप्पा के सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता
यह दिवस फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1949 में इसी दिन देश के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ एफआरआर बुशर से सैन्य कमान अपने हाथों में ली थी. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.
इस वर्ष यानी 2024 में 76वां सेना दिवस है. इस अवसर पर थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडिमरल करमबीर सिंह ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-15 19:44:012024-01-30 19:52:4415 जनवरी 2024: 76वां सेना दिवस मनाया गया
फसल कटाई का त्योहार मकर संक्रांति 14 जनवरी को देश के विभिन्न भागों में मनाया जाता है. यह पर्व ठंड की समाप्ति और जाड़े की फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के उत्तरायण होने के अवसर पर मनाया जाता है. यह त्योहार देश के विभिन्न क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है.
मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम
तमिलनाडु — पोंगल
गुजरात — उत्तरायण
असम — भोगाली बीहू
पश्चिम बंगाल — पौष संक्रांति
इस दिन से सूर्य के उतरी गोलार्द्ध की ओर जाने के कारण ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता है. सूर्य के प्रकाश में गर्मी और तपन बढ़ने लगती है. इसके फलस्वरुप प्राणियों में चेतना और कार्यशक्ति का विकास होता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-14 19:34:402024-01-30 19:41:50फसल कटाई का त्योहार: मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम
प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को ‘भूतपूर्व सैनिक दिवस’ (Ex-servicemen’s Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में भूतपूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान पैदा करना है.
देश के पहले सेना प्रमुख फील्ड मार्शल एवं आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर केएम करियप्पा की उल्लेखनीय सेवाओं के स्मरण में यह दिवस मनाया जाता है. वे इसी दिन 1953 में भारतीय सेना में अपनी सेवा के बाद औपचारिक रूप से सेवानिवृत हुए थे.
उन्होंने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व किया था. पहला सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस 14 जनवरी, 2017 को मनाया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-14 19:18:192024-01-30 19:29:0614 जनवरी: भूतपूर्व सैनिक दिवस
12 जनवरी 2024 को भारत के महान आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती थी. इस दिन को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (National Youth Day) के रुप में मनाता जाता है. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसम्बर, 1999 में की गयी थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र के नाशिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया था.
स्वामी विवेकानंद ने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से अवगत कराया था. उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत… स्वामी विवेकानंद का ये संदेश सदा सर्वदा देश और दुनिया के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा.
स्वामी विवेकानंद: एक दृष्टि
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. विवेकानंद को भारत में हिन्दू धर्म के पुनर्जागरण व राष्ट्रवाद का प्रेरणा-श्रोत माना जाता है. वे प्रसिद्ध संत रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था.
स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था और विश्व को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-12 18:14:262024-01-27 18:30:2912 जनवरी 2024: स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस
प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है. विदेशों में हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल यह दिवस मनाया जाता है.
2006 में इसी दिन पहली बार नागपुर में प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस सम्मेलन की स्मृति में भारत सरकार ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था.
विश्व में हिंदी की स्थिति
हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. भारत के करीब 77 प्रतिशत लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं. देश में हिंदी को राजकीय भाषा बनाने वाला पहला राज्य बिहार था.
अमेरिका के 45 विश्वविद्यालयों सहित पूरी दुनिया के करीब 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई जारी है.
हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने की पहल
भारत सरकार ने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए एक पहल शुरू की है. इस पहल में संयुक्त राष्ट्र के उस नियम में बदलाव की मुहिम शुरू की गयी है जिसमें इस प्रस्ताव का अनुमोदन करने वाले देशों पर खर्च वहन करने का जिम्मा डाला गया है.
संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा के लिए नियम व शर्तें
संयुक्त राष्ट्र में किसी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए दो-तिहाई देशों द्वारा अनुमोदन जरूरी होता है. अनुमोदन करने वाले देशों को इसके लिए होने वाले व्यय में हिस्सेदारी वहन करनी होती है.
भारत पूरा खर्च वहन करने के लिए तैयार है लेकिन नियम के कारण ऐसा संभव नहीं है. इसी वजह से जर्मन एवं जापानी भाषा को भी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है.
14 सितम्बर: हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस के अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है. इसी दिन हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गयी थी. 14 सितम्बर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी भाषा को भारत की अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था. पढ़ें पूरा आलेख…»
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-10 18:03:262024-01-27 18:12:4410 जनवरी: विश्व हिंदी दिवस
प्रत्येक वर्ष 4 जनवरी को लुई ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है. यह दिन दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों को मानवाधिकार प्रदान करने और संचार के माध्यम के रूप में ब्रेल लिपि के बारे में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में लगभग 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है.
लुई ब्रेल का जन्मदिन
यह दिन ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. लुई ब्रेल का जन्म इसी दिन 1809 में फ्रांस में हुआ था. सिर्फ तीन साल की उम्र में, उन्होंने एक दुर्घटना में अपनी दोनों आँखें खो दी थीं. लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था. लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला. उनके सम्मान में 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विश्व ब्रेल दिवस अनुमोदित किया गया था.
ब्रेल लिपि: एक दृष्टि
ब्रेल लिपि (स्क्रिप्ट) एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है.
इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था.
यह 6 बिंदुओं के उपयोग से 64 अक्षर और चिह्न वाली लिपि है.
दृष्टि बाधित समाचार वाचक द्वारा ब्रेल लिपि से लाइव समाचार पढ़ने का प्रारम्भ देश में सबसे पहले क्षेत्रीय समाचार एकांश अहमदाबाद द्वारा 2004 में शुरू किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-01-04 19:33:292024-01-15 19:37:004 जनवरी: लुई ब्रेल दिवस, ब्रेल लिपि से संबंधित जानकारी
3 जनवरी को समाज सुधारिका सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती (Savitribai Phule Jayanti) है. उनका जन्म 1831 में इसी दिन महाराष्ट्र स्थित सतारा के नायगांव में हुआ था. ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है.
सावित्रीबाई फुले: मुख्य तथ्य
सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए.
वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी.
सावित्रीबाई फुले को देश के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रधानाचार्या बनने और पहले किसान स्कूल की स्थापना करने का श्रेय जाता है. लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी.
सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना.