27 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 27 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस (International Holocaust Remembrance Day) के तौर पर मनाया जाता है. यह दिवस होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद में मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2024 के अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस की थीम ‘धर्म की स्वतंत्रता और आत्म-पहचान की स्वतंत्रता’ (Freedom of religion and freedom to self-identify) है.

संयुक्त राष्ट्र ने होलोकॉस्ट में मारे गए 6 मिलियन यहूदियों को सम्मानित करने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस’ ​​​​चिह्नित किया था.

इस दिन का इतिहास

  • 1933-1945 के दौरान नाजी जर्मनी द्वारा प्रलय के परिणामस्वरूप एक तिहाई यहूदी (लगभग 6 मिलियन) और अन्य अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र ने 27 जनवरी को इस दिन को मनाने के लिए चुना था, क्योंकि इसी तारीख को रेड आर्मी ने 1945 में ऑशविट्ज़ उत्पीडन शिविर को मुक्त कराया था.
  • नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी (NSDAP) को नाज़ी कहा जाता था. यह एक राजनीतिक पार्टी थी जो 1919 के पहले विश्व युद्ध के बाद स्थापित की गई थी.
  • जर्मनी में यहूदी धर्म (Judaism) विश्व के प्राचीनतम धर्मों में से है, तथा दुनिया का प्रथम एकेश्वरवादी धर्म माना जाता है. यह इस्राइल और हिब्रू भाषियों का राजधर्म है.
  • होलोकॉस्ट को शोह (Shoah) के नाम से भी जाना जाता है. यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय यहूदियों का नरसंहार था. 1941 और 1945 के दौरान, नाजी जर्मनी ने जर्मनी के कब्जे वाले यूरोप में लगभग 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी थी.
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