प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के अंतिम दिन को ‘विश्व दुर्लभ रोग दिवस’ (World Rare Disease Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुर्लभ बीमारी के प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना जिनके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये बीमारियां बहुत कम लोगों को होती हैं.
विश्व दुर्लभ रोग दिवस 2024 का थीम- ‘बदलाव के लिए एकजुट हों! समानता के लिए एकजुट हों!’ (Unite for Change! Unite for Equity!) है.
दुर्लभ रोग दिवस को पहली बार यूरोपीय आर्गेनाईजेशन फॉर रेयर डिसीज (EURORDIS) और इसकी काउंसिल ऑफ नेशनल अलायन्स द्वारा 2008 में लॉन्च किया गया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार इस समय दुनिया में लगभग 7000 ऐसे रोग हैं जिन्हें दुर्लभ माना जाता है. इनमें कुछ जाने-माने नाम हैं: सिस्टिक फाइब्रोसिस, जो श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है. हटिन्गटन्स डिजीज, जो ब्रेन और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी, जो मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं.
इंडियन सोसायटी फॉर क्लीनिकल रिसर्च (ISCR) के मुताबिक, भारत में 70 मिलियन और दुनिया भर में 350 मिलियन लोग दुर्लभ बीमारियों के शिकार हैं. 6,000 से ज्यादा अलग-अलग तरह के दुर्लभ और आनुवंशिक रोग (Genetic Diseases) हैं.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-29 09:36:172024-03-04 09:42:40फरवरी माह का अंतिम दिन: विश्व दुर्लभ रोग दिवस
प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों के जीवन में विज्ञान के महत्व के प्रति जागरुकता फैलाना और विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाना है.
यह दिवस रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में मनाया जाता है. सर सीवी रमन ने 1928 में इसी दिन रमन प्रभाव की खोज की घोषणा की थी
इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य विषय- ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक’ (Indigenous Technologies for Viksit Bharat) है.
भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी. पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था.
रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में मनाया जाता है
यह दिवस रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में मनाया जाता है. भारतीय वैज्ञानिक सर चन्द्रशेखर वेंकटारमन ने 1928 में इसी दिन रमन प्रभाव की खोज की घोषणा की थी.
सीवी रमन ने फोटॉन कणों के लचीले वितरण के अद्वीतीय घटना की खोज की थी जिसे बाद में ‘रमन प्रभाव’ के नाम से जाना गया. इस खोज के दो वर्ष बाद ही 1930 में सीवी रमन को उनकी इस बेहतरीन खोज के लिए नोबल पुरस्कार दिया गया था. विज्ञान के क्षेत्र में किसी भारतीय को दिया जाने वाला ये पहला नोबल पुरस्कार था.
सीवी रमन का जन्म तमिलनाडु में 7 नवंबर 1888 में हुआ था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-28 09:16:272024-03-04 09:26:2928 फरवरी: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में मनाया जाता है
प्रत्येक वर्ष 27 फरवरी को ‘विश्व NGO दिवस’ (World NGO Day) मनाया जाता है. NGO, Non-Governmental Organisation का संक्षिप्त रूप है. NGO एक ऐसा संगठन होता है, जो सरकार और व्यवसायी के लाभ के लिए कार्य नहीं करता, बल्कि जनसेवा ही इसका उद्देश्य होता है.
इस साल एनजीओ दिवस 2024 की थीम ‘सतत भविष्य का निर्माण: सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका’ (Building a Sustainable Future: The Role of NGOs in Achieving the Sustainable Development Goals) है.
विश्व NGO दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को NGO के अंदर सक्रिय रूप से शामिल होने और NGO तथा सार्वजनिक व निजी क्षेत्र दोनों के बीच अधिक सहजीवन को प्रोत्साहित करना है.
2010 में बाल्टिक सागर के राज्यों की काउंसिल के ‘NGO फोरम’ के 12 सदस्य राष्ट्रों द्वारा आधिकारिक रूप से इस दिवस को मान्यता दी थी. बाल्टिक सागर के NGO फोरम के सदस्य राष्ट्र बेलारूस, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, जर्मनी, आइसलैंड, लटविया, लिथूनिया, पोलैंड, रूस, नॉर्वे और स्वीडन थे.
संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय संघ के नेताओं और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने 2014 में पहली बार इसे दिवस के रूप में चिह्नित किया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-27 19:48:072024-03-01 19:53:3127 फरवरी: विश्व NGO दिवस
27 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस (National Protein Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य प्रोटीन की कमी के बारे में जागरूकता पैदा करना है.
इस वर्ष यानी 2024 के प्रोटीन दिवस की थीम ‘#प्रोटीन से समाधान’ (#SolveWithProtein) है.
राष्ट्रीय स्तर की सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल, ‘राइट टू प्रोटीन’ ने 27 फरवरी, 2020 को भारत में पहला ‘प्रोटीन दिवस’ मनाया था.
भारत में प्रोटीन की कमी कई लोगों को प्रभावित कर रहा है. प्रोटीन की आवश्यकता मांसपेशियों के निर्माण के लिए होती है. प्रोटीन त्वचा, बालों और नाखूनों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में भी मदद करता है. कई अध्ययनों ने साबित किया है कि उच्च प्रोटीन आहार से स्थायी वजन कम हो सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-27 19:42:262024-03-01 19:46:1227 फरवरी: राष्ट्रीय प्रोटीन दिवस
प्रत्येक वर्ष 24 फरवरी को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (Central Excise Day) मनाया जाता है. यह दिवस केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग द्वारा मनाया जाता है. यह दिवस 24 फ़रवरी, 1944 को केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक क़ानून लागू किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य आम लोगों में उत्पाद शुल्क और सेवा शुल्क की अहमियत बताना है. देश का औद्योगिक विकास तभी संभव है जब देशवासी उत्पाद शुल्क उत्पाद कर भरते हैं, इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत को समझते हुए यह दिन मनाया जाता है.
उत्पाद शुल्क या आबकारी एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में विनिर्माण की जाने वाली उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जो घरेलू खपत के लिए होती हैं. कर ‘विनिर्माण’ पर लगाया जाता है और जैसे ही वस्तुओं का विनिर्माण हो जाता है केन्द्रीय उत्पाद शुल्क देय हो जाता है.
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग 1855 में अंग्रेज़ों द्वारा स्थापित भारत के सबसे पुराने विभाग में से एक है. वर्ष 1996 से पहले ‘केंन्द्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम’ को ‘केन्द्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम’ के रूप में जाना जाता था. मार्च 2017 में इसका नाम परिवर्तित करके सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (CBEC) रख दिया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-24 19:09:312024-02-27 19:21:4124 फरवरी: केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
प्रत्येक वर्ष माघ माह की पूर्णिमा को संत गुरु रविदास की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष यानि 2024 में उनकी जयंती 24 फरवरी को मनाई गयी. उनका जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 1398 में उत्तर प्रदेश के काशी में हुआ था. जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन रविवार था. इसी के चलते इनका नाम रविदास पड़ा.
संत गुरु रविदास: एक दृष्टि
संत रविदास बहुत ही सरल हृदय के थे और दुनिया का आडंबर छोड़कर हृदय की पवित्रता पर बल देते थे. इस बारे में उनकी एक कहावत – “जो मन चंगा तो कठौती में गंगा” काफी प्रचलित है.
भगवान कृष्ण की परमभक्त मीराबाई के गुरु संत रविदास थे. मीराबाई संत रविदास से ही प्रेरणा ली थी और भक्तिमार्ग अपनाया था.
संत रविदास जात-पात के विरोधी थे. इस सन्दर्भ में उनकी दोहा “जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात.” प्रचलित है.
सिख धर्म पर भी संत रविदास का विशेष प्रभाव है. उनकी चालीस कविताओं को सिख धर्म के आदि ग्रंथ में शामिल किया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-24 15:42:132024-02-27 19:26:2324 फरवरी 2024: संत गुरु रविदास की जयंती
प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भाषायी और सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करना है.
इस वर्ष यानी 2024 के अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘बहुभाषी शिक्षा अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है’ (Multilingual education is a pillar of intergenerational learning) है.
संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाये जाने की स्वीकृति 17 नवम्बर 1999 को दी थी.
21 फरवरी, 1952 को ढाका में कई छात्रों ने ‘बांग्ला’ को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग को लेकर आंदोलन में पुलिस की गोलियों से शहादत हासिल की थी. संयुक्त राष्ट्र ने इसकी स्मृति में प्रतिवर्ष इस दिन दिवस मनाने का निर्णय किया. बांग्लादेश में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है.
प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को विश्व भर में ‘सामाजिक न्याय दिवस’ (World Day of Social Justice) मनाया जाता है. इस अवसर पर विभिन्न संगठनों, जैसे- संयुक्त राष्ट्र एवं अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा लोगों से सामाजिक न्याय हेतु अपील जारी की जाती है.
इस वर्ष 2024 में विश्व सामाजिक न्याय दिवस की थीम ‘सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए असमानताओं की खाई को पाटना’ (Closing the Inequalities Gap to Achieve Social Justice) है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2007 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गयी थी. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सामाजिक न्याय का अर्थ है लिंग, आयु, धर्म, अक्षमता तथा संस्कृति की भावना को भूलकर समान समाज की स्थापना करना.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-20 09:38:112024-02-26 09:46:1620 फरवरी: विश्व सामाजिक न्याय दिवस
प्रत्येक वर्ष 20 फरवरी को अरूणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्थापना दिवस (Arunachal Pradesh and Mizoram Statehood Day) मनाया जाता है. अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को 1987 में आज ही के दिन राज्य का दर्जा मिला था. इस वर्ष यानी 2024 में 38वां स्थापना दिवस मनाया गया.
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश 20 फ़रवरी, 1987 को भारतीय संघ का 24वां राज्य बना था. 1972 तक, इसे नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (NEFA) के नाम से जाना जाता था.
सन 1972 में इसे प्रदेश को केंद्र शासित राज्य बनाया गया था और इसका नाम ‘अरुणाचल प्रदेश’ किया गया था. केंद्रशासित प्रदेश अरुणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए 55वां संविधान संशोधन किया गया था.
अरुणाचल प्रदेश भारत गणराज्य का एक उत्तर पूर्वी राज्य है. ‘अरुणाचल’ का अर्थ हिन्दी में शाब्दिक अर्थ है ‘उगते सूर्य की भूमि’ (अरुण+अचल). ईटानगर राज्य की राजधानी है. अरुणाचल प्रदेश की मुख्य भाषा हिन्दी और असमिया है.
प्रदेश की सीमाएँ दक्षिण में असम दक्षिण-पूर्व मे नागालैंड पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत से मिलती हैं. भौगोलिक दृष्टि से पूर्वोत्तर के राज्यों में यह सबसे बड़ा राज्य है.
मिज़ोरम
मिज़ोरम 1987 को भारत का 23वां राज्य बना था. 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिजोरम केंद्रशासित प्रदेश बना था. केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले तक यह असम का एक जिला था.
भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फरवरी, 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. इसके लिए 53वां संविधान संशोधन किया गया था.
मिज़ोरम भारत का एक उत्तर-पूर्वी राज्य है. मिजोरम में साक्षरता का दर भारत में सबसे अधिक 91.03% है. यहाँ की राजधानी आईजोल है.
पूर्व और दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बांग्लादेश के बीच स्थित होने के कारण भारत के पूर्वोत्तर कोने में मिजोरम सामरिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण राज्य है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-20 09:22:262024-02-26 09:33:3820 फरवरी: अरूणाचल प्रदेश और मिजोरम का स्थापना दिवस
19 फरवरी को देशभर में ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिवस’ (Soil Health Card Day) मनाया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2015 को राजस्थान के हनुमानगढ से ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना‘ का शुभारंभ किया था. इस योजना में मिट्टी में कम हो रहे पोषक तत्वों की समस्या पर फोकस किया जाता है.
मृदा स्वास्थ्य कार्ड: एक दृष्टि
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का उद्देश्य प्रत्येक दो वर्ष में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करना है ताकि मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी दूर करने के उपाय किये जा सकें.
देश में अब तक, किसानों को 24 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. देश भर में 11.5 हजार से अधिक नई मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को चालू किया गया है.
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार देश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) के उपयोग से उर्वरक के उपयोग में 10% की कमी आई है. इस अध्ययन से यह भी ज्ञात हुआ है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड के कारण उत्पादकता में 5-6% की वृद्धि हुई है.
19 फरवरी 2024 को छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती मनाई गयी. 1630 में इसी दिन शिवनेरी दुर्ग में उन्का जन्म हुआ था. छत्रपति शिवाजी को एक कुशल रणनीतिकार और निपुण प्रशासक के रूप में याद किया जाता है.
छत्रपति शिवाजी: एक दृष्टि
छत्रपति शिवाजी महाराज ने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी.
उन्होंने शक्तिशाली आदिलशाही, निजामशाही और मुगल सरदारों को पराजित करके अपना साम्राज्य बनाया.
उन्होंने दक्कन में हिंदू राज्य की स्थापना की थी, जो कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया.
1674 ई. में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वे छत्रपति बन गये.
शिवाजी ने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये और गुरिल्ला वॉर की नयी शैली विकसित की.
उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया.
3 अप्रैल 1680 को महज 50 साल की उम्र में वीर छत्रपति शिवाजी महाराज ने लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-19 09:15:112024-02-26 09:19:1319 फरवरी 2024: छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वीं जयंती मनाई गयी
12 से 18 फरवरी को ‘राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह’ (National Productivity Week) मनाया गया था. इसका उद्देश्य भारत के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता जागरूकता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है. यह सप्ताह राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) द्वारा अपने स्थापना दिवस के अवसर पर मनाया जाता है. 2024 के राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह का थीम ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) – आर्थिक विकास के लिए उत्पादकता इंजन’ (Artificial Intelligence (AI) – Productivity Engine for Economic Growth) है.
12 फरवरी: उत्पादकता दिवस इस वर्ष 12 फरवरी, 2024 को NPC का 66वां स्थापना दिवस था. NPC अपने स्थापना दिवस को ‘उत्पादकता दिवस’ के रूप में मनाती है.
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद: एक दृष्टि
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (DIPP) के अधीन एक राष्ट्रीय स्वायत्त संगठन है.
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का गठन भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता को प्रोत्साहन देने के लिये किया गया था. इसके अलावा NPC सरकार की उत्पादकता संवर्द्धन योजनाओं को भी कार्यान्वित करता है.
भारत सरकार ने वर्ष 1958 में एक पंजीकृत सोसाइटी के तौर पर इसकी स्थापना की थी. यह एक बहुपक्षीय, गैर-लाभकारी संगठन है.
NPC टोक्यो स्थित ‘एशियन प्रोडक्टिविटी आर्गेनाईज़ेशन’ (APO) के एक घटक के रुप में इसके कार्यक्रमों को भी कार्यान्वित करता है. APO एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसका भारत एक संस्थापक सदस्य है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2024-02-18 18:05:332024-02-23 18:11:4612-18 फरवरी: राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह, राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का 66वां स्थापना दिवस