25 जनवरी 2023: हिमाचल प्रदेश स्थापना की 52वीं जयंती

25 जनवरी 2023 को हिमाचल प्रदेश राज्य स्थापना की 52वीं जयंती (Himachal Pradesh Foundation Day) मनाई गयी. ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का 18वाँ राज्य बनाया गया था.

हिमाचल प्रदेश: एक दृष्टि

1948 में लगभग 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का गठन मुख्य आयुक्त के प्रांत के रूप में किया गया था. 1 नवम्बर, 1956 को इस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था.

यह प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है. इस प्रदेश को देव भूमि भी कहा जाता है. यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है.

आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, हिमाचल प्रदेश ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया था. सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा था.

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25 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस

प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ (National Voters’ Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य लोगों को अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है.

मतदाता दिवस का विषय: राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 का मुख्य विषय (theme) – Nothing Like Voting, I Vote for Sure है.

भारतीय चुनाव आयोग का स्थापना दिवस

राष्ट्रीय मतदाता दिवस, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के स्थापना दिवस के दिन मनाया जाता है. भारतीय चुनाव आयोग (Election Commission of India) का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था. पहली बार यह दिवस 2011 में मनाया गया था.

देश का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू किया गया. लेकिन भारत निर्वाचन आयोग को एक संवैधानिक संस्‍था के रूप में स्‍थापित करने वाला संविधान का अनुच्‍छेद 324 उन गिने-चुने प्रावधानों में से है जिन्‍हें पूरे दो महीने पहले 26 नवम्‍बर 1949 को लागू कर दिया गया था. भारत निर्वाचन आयोग का गठन भारत के गणतंत्र बनने के एक दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हो गया था.

25 जनवरी: राष्ट्रीय पर्यटन दिवस

25 जनवरी को भारतीय राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day) मनाया जाता है. देश की विविधता को रेखांकित करने के लिए प्रत्‍येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है.

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24 जनवरी: उत्तर प्रदेश स्‍थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को उत्‍तर प्रदेश अपना स्‍थापना दिवस (Uttar Pradesh Diwas) मनाता है. 1950 में इसी दिन उत्तर प्रदेश को यह नाम मिला था. इस वर्ष यानी 2023 में उत्तर प्रदेश दिवस की थीम ‘निवेश और रोजगार’ (Investment and Employment) है.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में राज्‍य में सरकार बनने के बाद ही उत्‍तर प्रदेश दिवस मनाने का कार्यक्रम शुरू हुआ था. इस वर्ष यानि 24 जनवरी 2023 को उत्‍तरप्रदेश दिवस का यह छठा संस्‍करण था.

उत्तरप्रदेश: एक दृष्टि

उत्तरप्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या (लगभग 20 करोड़) वाला राज्य है. यह 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के रूप में स्थापित किया गया था. ब्रिटिश शासनकाल में इसे यूनाइटेड प्रोविंस कहा जाता था जो कि 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश हो गया. 9 नवंबर 2000 को, उत्तरप्रदेश से अलग कर एक नया राज्य उत्तराखंड बनाया गया था.

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24 जनवरी: अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ (International Day of Education) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शांति और विकास में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित करना है.

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 का मुख्य विषय (theme) ‘लोगों में निवेश करने के लिए, शिक्षा को प्राथमिकता दें’ (To invest in people, prioritise education) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ मनाने के लिए एक प्रस्ताव 3 दिसंबर 2018 को पारित किया था. 24 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का तीसरा संस्करण था.

भारत में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है…»

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24 जनवरी: राष्‍ट्रीय बालिका दिवस





प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्‍ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. य‍ह दिन केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 से प्रति वर्ष मनाया जा रहा है. इस बार 14वां राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा गया.

राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्‍य समाज में लोगों के बीच बेटियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और बेटियों को सामाजिक व आर्थिक विकास के नए अवसर मुहैया कराना है.

राष्‍ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अलग-अलग तरह के अभियान चलाए जाते हैं.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत

सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के जरिए लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता है. महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या अब कम हो गए हैं.

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23 जनवरी 2023: नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जयंती, पराक्रम दिवस

23 जनवरी 2023 को महान स्‍वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जयंती थी.  सन् 1897 में आज ही के दिन ओडिसा के कटक में नेताजी का जन्‍म हुआ था. उनकी जयंती हर वर्ष पराक्रम दिवस के रूप में मनायी जाती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी 2023 को पराक्रम दिवस के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अंडमान निकोबार के 21 अज्ञात द्वीपों का नामकरण परम वीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया. उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र द्वीप पर बनने वाले नेताजी के राष्ट्रीय स्मारक के प्रतिरूप का भी उद्धघाटन किया.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस: एक दृष्टि

  • नेताजी ने सिविल सर्विस परिक्षा पास की थी. लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. 1938-39 के दौरान वे कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. बाद में मतभेद के कारण उन्होंने कांग्रेस से त्याग-पत्र दे दिया तथा फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की.
  • 1941 में वे अफगानिस्तान और सोवियत संघ के रास्ते जर्मनी चले गये थे. उन्होंने 4,500 भारतीय सैनिकों के साथ ‘Indian Legion’ की स्थापना की. इन सैनिकों को उत्तरी अफ्रीका से जर्मनों द्वारा कैद किया गया था. 1943 में उन्होंने जापान में ‘इंडियन नेशनल आर्मी’ को पुनर्जीवित किया.
  • सुभाष चन्द्र बोस ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में ‘आज़ाद हिन्द फौज’ की स्थापना की थी. इसकी स्थापना में रास बिहारी बोस की भूमिका महत्वपूर्ण थी.
  • ‘आज़ाद हिन्द फौज’ एक सशस्त्र सेना थी. सुभाष चन्द्र बोस इस फ़ौज के सर्वोच्च कमांडर थे. 1943 में नेता जी तथा उनकी आज़ाद हिंद फौज ने भारत भूमि पर पहली बार आज़ादी का झंडा फहराया था.
  • नेताजी के कई प्रसिद्ध नारों ने स्वाधीनता की लड़ाई में लोगों के अंदर उत्साह का संचार किया. उनमें से एक प्रसिद्ध नारा था, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”.
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21 जनवरी: मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्‍थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा अपना स्‍थापना दिवस मनाते हैं. वर्ष 1972 में इसी दिन तीनों राज्‍यों को उत्‍तर-पूर्व क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के अन्‍तर्गत पूर्ण राज्‍य का दर्जा मिला था.

भारत की आजादी (15 अगस्त, 1947) से पहले, भारत की सीमाओं से लगे हुए लगभग सभी राज्यों को शांतिपूर्ण वार्ताओं के जरिये, भारतीय संघ में मिलाने का प्रयास किया गया. अधिकांश राज्यों के शासकों ने भारत में विलय के दस्तावेज (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर किये.

स्वतंत्रता के समय भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को तीन भागों में विभाजित किया गया था– ब्रिटिश भारत का असम प्रांत, मणिपुर और त्रिपुरा के देशी रियासतें और उत्तर-पूर्व सीमान्त प्रांत (NEFA).

मणिपुर: सितंबर 1949 में भारत सरकार ने मणिपुर को भारत में शामिल करने के लिये विलय समझौते पर हस्ताक्षर करवाने में सफलता प्राप्त की थी.

त्रिपुरा: भारत संघ में त्रिपुरा रियासत का विलय 15 नवंबर 1949 को हुआ था. रानी कंचन प्रभा ने त्रिपुरा रियासत के भारतीय संघ के साथ विलय में अहम भूमिका निभाई थी.

मेघालय: मेघालय, भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक छोटा पहाड़ी राज्य है जो 2 अप्रैल 1970 को असम राज्य के भीतर एक स्वायत्त राज्य के रूप में अस्तित्व में आया.

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15 जनवरी 2023: 75वां सेना दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करना है. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘service before self’ है.

इस अवसर पर थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप मेमोरियल पर पुष्‍पांजलि अर्पित की और सेना की आठ मार्चिंग टुकडि़यों का निरीक्षण किया.

केएम करियप्पा के सेना प्रमुख का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता

  • यह दिवस फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. 1949 में इसी दिन देश के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ एफआरआर बुशर से सैन्य कमान अपने हाथों में ली थी. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.
  • इस वर्ष यानी 2023 में 75वां सेना दिवस है. इस अवसर पर थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडिमरल करमबीर सिंह ने राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.
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फसल कटाई का त्‍योहार: मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम

फसल कटाई का त्‍योहार मकर संक्रांति 14 जनवरी को देश के विभिन्‍न भागों में मनाया जाता है. यह पर्व ठंड की समाप्ति और जाड़े की फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के उत्‍तरायण होने के अवसर पर मनाया जाता है. यह त्‍योहार देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है.

मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम

  1. तमिलनाडु — पोंगल
  2. गुजरात — उत्‍तरायण
  3. असम — भोगाली बीहू
  4. पश्चिम बंगाल — पौष संक्रांति
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14 जनवरी: भूतपूर्व सैनिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को ‘भूतपूर्व सैनिक दिवस’ (Ex-servicemen’s Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में भूतपूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान पैदा करना है.

देश के पहले सेना प्रमुख फील्‍ड मार्शल एवं आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर केएम करियप्‍पा की उल्‍लेखनीय सेवाओं के स्‍मरण में यह दिवस मनाया जाता है. वे इसी दिन 1953 में भारतीय सेना में अपनी शानदार सेवा के बाद सेवानिवृत हुए थे.

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12 जनवरी 2023: स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस

12 जनवरी 2023 को भारत के महान आध्‍यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद की 160वीं जयंती थी. इस दिन को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (National Youth Day) के रुप में मनाता जाता है. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसम्बर, 1999 में की गयी थी.

स्‍वामी विवेकानंद ने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से अवगत कराया था. उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत… स्वामी विवेकानंद का ये संदेश सदा सर्वदा देश और दुनिया के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा.

स्वामी विवेकानंद: एक दृष्टि

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. विवेकानंद को भारत में हिन्दू धर्म के पुनर्जागरण व राष्ट्रवाद का प्रेरणा-श्रोत माना जाता है. वे प्रसिद्ध संत रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था.

स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था और विश्व को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया था.

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9 जनवरी: प्रवासी भारतीय दिवस, 17वें प्रवासी दिवस सम्मेलन का इंदौर में आयोजन

9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मान देना है.

प्रवासी भारतीय दिवस: एक दृष्टि

  • प्रवासी भारतीय दिवस को मनाने के लिए 9 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया था क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटै थे.
  • वर्ष 2003 से 2015 तक यह दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता था, इसके बाद प्रत्‍येक दो वर्ष में एक बार मनाया जाने लगा.
  • यह सम्मेलन प्रवासी भारतीयों के मुद्दों और चिंताओं पर चर्चा करने और उन व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है.

17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का इंदौर में आयोजन

17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8-10 जनवरी तक इंदौर में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का विषय था ‘प्रवासी-भारतीय अमृतकाल में भारत के विश्वसनीय भागीदार’. इस सम्मेलन में 70 देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने हिस्सा लिया था. यह सम्मेलन चार साल के अंतराल के बाद पहली बार वास्तविक रूप में आयोजित किया गया.

17वां प्रवासी भारतीय दिवस 2023: मुख्य बिन्दु

  • सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 9 जनवरी को किया था जबकि समापन सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया.
  • राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किया. यह पुरस्कार, विदेश में भारत के बारे में बेहतर समन्वय बनाने, भारत की उपलब्धियों का समर्थन करने और भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए काम करने वाले प्रवासी भारतीय और उनके द्वारा संचालित संस्थानों को दिये जाते हैं.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान “आजादी का अमृत महोत्सव – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान” विषय पर केन्द्रित पहली डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया था.
  • उद्घाटन समारोह में गयाना के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद इरफान अली मुख्‍य अतिथि और सुरीनाम के राष्‍ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष अतिथि थे.
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी से वार्ता की. दोनों नेताओं ने हाइड्रोकार्बन, रक्षा, समुद्री सुरक्षा, डिजिटल पहल और आईसीटी तथा क्षमता निर्माण सहित द्विपक्षीय हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर चर्चा की.
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