4 अप्रैल: अन्तर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता एवं खनन कार्य में सहायता दिवस

प्रत्येक वर्ष 4 अप्रैल को पूरे विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता एवं खनन कार्य में सहायता दिवस’ (International Day for mine Awareness and Assistance in Mine Action- IMAD) मनाया जाता है. यह दिवस बारूदी सुरंगों (landmines) की वजह से पैदा हुए खतरे से सुरक्षा प्रदान करने, स्वास्थ्य और जीवन से सम्बंधित परेशानियों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

IMAD 2023 का विषय (थीम)

इस वर्ष यानी 2023 में इस दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘मेरा कार्य प्रतीक्षा नहीं कर सकता’ (Mine Action Cannot Wait) है.

IMAD का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘अंतरराष्ट्रीय खदान जागरूकता एवं खनन कार्य में सहायता दिवस’ को प्रत्येक वर्ष एक दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा वर्ष 2005 में की थी. इस दिवस को पहली बार 4 अप्रैल 2006 को मनाया गया था.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने अपनी हीरक जयंती मनाई

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 1 अप्रैल 2023 को अपनी हीरक जयंती मनाई. CBI की स्थापना इसी दिन 1963 में को गृह मंत्रालय के प्रस्‍ताव के जरिए की गई थी.

मुख्य बिन्दु

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में CBI के हीरक जयंती समारोहों का उद्घाटन किया था.
  • प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सीबीआई में उल्लेखनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सर्वोत्तम जांच अधिकारी के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किए.
  • प्रधानमंत्री शिलंग, पुणे और नागपुर में CBI के नव-निर्मित कार्यालय परिसरों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन भी किया. उन्होंने इस उपलक्ष्य में डाक-टिकट और स्मारक-सिक्का भी जारी किए.

2 अप्रैल: विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को इससे लड़ने तथा इसका निदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि वे समाज में अन्य लोगो की तरह पूर्ण और सार्थक जीवन जी सकें.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में 2 अप्रैल के दिन को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल 2008 को मनाया गया था. नीले रंग को ऑटिज्म का प्रतीक माना गया है.

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस का विषय (थीम) ‘कथा को बदलना: घर पर, काम पर, कला में और नीति निर्माण में योगदान’ (Transforming the narrative: Contributions at home, at work, in the arts and in policymaking) है.

ऑटिज्म (Autism): एक दृष्टि

  • ऑटिज्म एक आजीवन न्यूरोलॉजिकल विकार (disorder) है. इसके लक्षण जन्म से प्रथम तीन वर्षों में ही नज़र आने लगते. जिन बच्चों में यह रोग होता है उनका मानसिक विकास अन्य बच्चों से असामान्य होता है. यह जीवन-पर्यंत बना रहने वाला विकार है.
  • ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग स्वयं में खोया रहता है. ऑटिज्म के रोगी को मिर्गी के दौरे भी पड़ सकते हैं. यह बीमारी पूरी दुनिया में फैला हुआ है.

1 अप्रैल: भारतीय रिजर्व बैंक का स्थापना दिवस

प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का स्थापना दिवस (RBI Foundation Day) मनाया जाता है. इसकी स्थापना इसी दिन 1935 में हुई थी.

RBI की स्थापना

RBI की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी. प्रारंभ में RBI निजी स्वमित्व वाला था. 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वमित्व है. इसका केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता में स्थपित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित किया गया. भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना से पहले, केंद्रीय बैंक के सभी कार्य इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता था.

RBI के मुख्य कार्य

  • मौद्रिक नीति तैयार करना, उसका कार्यान्वयन और निगरानी करना.
  • वित्तीय प्रणाली का विनियमन और पर्यवेक्षण करना.
  • विदेशी मुद्रा का प्रबन्धन करना.
  • मुद्रा जारी करना, उसका विनिमय करना और परिचालन योग्य न रहने पर उन्हें नष्ट करना.
  • सरकार का बैंकर और बैंकों का बैंकर के रूप में काम करना.
  • साख नियन्त्रित करना.
  • मुद्रा के लेन-देन को नियंत्रित करना

केंद्रीय बोर्ड

रिजर्व बैंक का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है. भारत सरकार RBI अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड को नियुक्‍त करती है. RBI केंद्रीय बोर्ड में एक गवर्नर और अधिकतम चार उप-गवर्नर होते हैं. यह नियुक्ति चार वर्षों के लिये होती है.

मुख्य तथ्य

बाबासाहेब आंबेडकर ने RBI की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी. बाबासाहेब ने बैंक की कार्यपद्धति हिल्टन यंग कमीशन के सामने रखा था. 1926 में ये कमीशन भारत में ‘रॉयल कमीशन ऑन इंडियन करेंसी एंड फिनांस’ के नाम से आया था. तब इसके सभी सदस्यों ने बाबासाहेब द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘दी प्राब्लम ऑफ दी रुपी – इट्स ओरीजन एंड इट्स सोल्यूशन’ (रुपया की समस्या – इसके मूल और इसके समाधान) की जोरदार वकालात की थी.

पूरे भारत में रिज़र्व बैंक के कुल 29 क्षेत्रीय कार्यालय हैं जिनमें से अधिकांश राज्यों की राजधानियों में स्थित हैं. शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर हैं.

1 अप्रैल: ओडिशा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को ओडिशा दिवस (Odisha Day) मनाया जाता है. 1936 में इसी दिन ओडिशा को स्वतंत्र राज्य बनाया गया था. इस प्रकार 2023 में 87वां ओडिशा दिवस मनाया गया.

ओडिशा का गठन भाषाई आधार पर संयुक्त बंगाल प्रांत से अलग कर बनाया गया था. 1912 में बंगाल से बिहार और उड़ीसा को अलग किया गया था. 1 अप्रैल, 1936 में बिहार व उड़ीसा प्रांत का विभाजन अलग-अलग प्रांत में किया गया.

ओडिशा: एक दृष्टि

  • स्वतंत्रता के बाद ओडिशा तथा इसके आसपास की रियासतों ने भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी. 1949 में ओडिशा की सभी रियासतों का ओडिशा राज्य में सम्पूर्ण विलय हो गया था.
  • कलिंग, उत्कल और उद्र ओडिशा के प्राचीन नाम हैं. यह प्रदेश मुख्यत: भगवान जगन्नाथ की भूमि के लिए प्रसिद्ध है.
  • भारतीय राज्य ओडिशा देश के पूर्वी तट पर है. ओडिशा उत्तर में झारखण्ड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्रप्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है.
  • ओडिशा के उत्तर में छोटा नागपुर का पठार है. महानदी, ब्राह्मणी, कालिंदी और वैतरणी ओडिशा के दक्षिण में बहने वाली मुख्य नदियां हैं.

30 मार्च: को अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस (International Day of Zero Wastes) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य अधिक टिकाऊ और अपशिष्ट मुक्त दुनिया के निर्माण को बढ़ावा देना है.

मुख्य बिन्दु

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 दिसंबर, 2022 को एक प्रस्ताव पारित कर, 30 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस के रूप में नामित किया था.
  • यह प्रस्ताव तुर्की और 105 अन्य देशों द्वारा सह-प्रायोजित था और कचरे से निपटने के प्रस्तावों की एक श्रृंखला का हिस्सा है.
  • इसका उद्देश्य शून्य-अपशिष्ट पहलों को बढ़ावा देकर सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा में सभी उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करना है.

अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस 2023 की थीम

2023 में शून्य अपशिष्ट के अंतर्राष्ट्रीय दिवस की थीम “Achieving sustainable and environmentally sound practices of minimizing and managing waste” है.

30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया गया, राजस्थान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस (Rajasthan Diwas) मनाया जाता है. 1949 में इसी दिन जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर ‘वृहत्तर राजस्थान संघ’ बना था. यही राजस्थान की स्थापना का दिन माना जाता है. इस राज्य को पहले ‘राजपुताना’ कहा जाता था.

राजस्थान राज्य: एक दृष्टि

  • राजस्थान भारत का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है. राज्य का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किमी (132139 वर्ग मील) है. जनसँख्या के हिसाब से यह देश का सातवाँ सबसे बड़ा राज्य है.
  • इसके पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्व में मध्यप्रदेश, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तरप्रदेश और हरियाणा है.
  • राजस्थान की राजधानी जयपुर है. 2011 की गणना के अनुसार राजस्थान की साक्षरता दर 66.11% हैं. जबकि लिंग अनुपात 928 है.
  • विश्व की पुरातन श्रेणियों में प्रमुख अरावली श्रेणी राजस्थान की एक मात्र पर्वत श्रेणी है.
  • पूर्वी राजस्थान में दो बाघ अभयारण्य, विश्व प्रसिद्ध रणथम्भौर एवं सरिस्का हैं और भरतपुर के समीप केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान है, जो सुदूर साइबेरिया से आने वाले सारसों और बड़ी संख्या में स्थानीय प्रजाति के अनेकानेक पक्षियों के संरक्षित-आवास के रूप में विकसित किया गया है.
  • माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है. यह समुद्र तल से 1,722 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
  • विश्वविख्यात दिलवाड़ा मंदिर राजस्थान में स्थित है.
  • भारत का सबसे बड़ा मरुस्थल ‘थार मरुस्थल’ भी राजस्थान में स्थित है. इस मरुस्थल का लगभग 60% हिस्सा राजस्थान में है, परन्तु कुछ भाग हरियाणा, पंजाब, गुजरात और पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी फैला है.
  • देश की एकमात्र लवणीय नदी ‘लूनी नदी’ राजस्थान में बहती है.
  • राजस्थान में यूनेस्को के तीन विश्व धरोहर स्थल हैं – केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जंतर मंतर (जयपुर), राजस्थान के पहाड़ी किले (चित्तौड़गढ़, कुम्भलगढ़, रणथम्भोर, अम्बर, जैसलमेर).
  • राजस्थान के कुम्भलगढ़ दुर्ग की दीवार 38 किलोमीटर लम्बी है. इसे चीन की महान दीवार के बाद विश्व की दूसरी सबसे लम्बी दीवार माना जाता है.

राजस्थान के प्रतीक चिह्न

  • राज्य का पशु : ऊंट और चिंकारा
  • राज्य की पक्षी: गोडावण जिसो सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन वगैरा के नाम से जाना जाता है.
  • राज्य का फूल: रोहिड़ा
  • राज्य का वृक्ष: खेजड़ी

27 मार्च: विश्व रंगमंच दिवस

प्रत्येक वर्ष 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस (World Theatre Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन दुनियाभर में थिएटर कला के महत्व के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस दिवस के दिन जाने-माने रंगकर्मी द्वारा रंगमंच और संस्कृति विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय रंगमंच संदेश व्यक्त किया जाता है.

विश्व रंगमंच दिवस को मनाने का प्रस्ताव ‘इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट’ (International Theatre Institute) द्वारा 1961 में किया गया था. पहला विश्व रंगमंच दिवस 1962 में मनाया गया था. पहला अन्तर्राष्ट्रीय रंगमंच संदेश फ्रांस की जीन काक्टे ने दिया था, जबकि वर्ष 2002 में यह संदेश भारत के प्रसिद्ध रंगकर्मी गिरीश कर्नाड द्वारा दिया गया था.

मार्च का अंतिम शनिवार: 17वां अर्थ ऑवर मनाया गया

प्रत्येक वर्ष मार्च के अंतिम शनिवार (last Saturday of March) को ‘अर्थ ऑवर’ (Earth Hour) मनाया जाता है. इस वर्ष 25 मार्च 2023 को पूरे विश्व में अर्थ ऑवर मनाया गया था. इसका उद्देश्य ऊर्जा की बचत कर धरती को सुरक्षित रखना है.

अर्थ आवर का यह 17वां संस्करण था. इस मौके पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों के लोग 8:30 बजे से 9:30 बजे तक अपने घरों की लाइटें बंद करके ऊर्जा की बचत करते हैं.

अर्थ ऑवर 2023 का मुख्य विषय (थीम) ‘Invest in our Planet’ था.

अर्थ ऑवर क्या है?

अर्थ ऑवर लोगों के लिए जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा जमीनी स्तर का आंदोलन है. इस अवसर पर विश्व भर में लोगों को एक घंटे के लिए गैर-आवश्यक उपकरणों की बिजली बंद करने का आवाहन किया जाता है.

अर्थ ऑवर को वर्ष 2007 में वर्ल्ड वाइड फण्ड फॉर नेचर द्वारा शुरू किया गया था. अर्थ ऑवर के द्वारा पर्यावरण सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट की जाती है.

24 मार्च: विश्‍व तपेदिक दिवस, महत्वपूर्ण जानकारी





प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व तपेदिक दिवस (World Tuberculosis Day) मनाया जाता है. यह दिवस डॉक्टर रॉबर्ट कोच की स्मृति में मनाया जाता है. उन्होंने 1882 में आज ही के दिन तपेदिक (TB) का कारण बनने वाले जीवाणु की खोज की थी. विश्‍व तपेदिक दिवस के दिन TB रोग के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है.

विश्व तपेदिक दिवस 2023 का विषय (Theme)- ‘हाँ, हम TB को समाप्त कर सकते हैं!’ (Yes, We can end TB!) है.

तपेदिक (Tuberculosis): एक दृष्टि

  • तपेदिक या क्षय रोग (TB) मनुष्यों में आमतौर पर माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण होती है. एक संक्रामक बीमारी है.
  • यह आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं.
  • यह हवा के माध्यम से तब फैलता है, जब वे लोग जो सक्रिय TB संक्रमण से ग्रसित हैं, खांसी, छींक, या किसी अन्य प्रकार से हवा के माध्यम से अपना लार संचारित कर देते हैं.
  • TB का इलाज़ है, बशर्ते लोग नियमित रूप से दवा लें. इसकी रोकथाम के लिए ‘बैसिलस काल्मेट-गुएरिन’ (BCG) वैक्सीन बच्चों को दिया जाता है. भारत सरकार कि नई स्वास्थ्य नीति में 2025 तक TB उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है.

23 मार्च: शहीद दिवस, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि

प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी और 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 23 मार्च को यह दिवस भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. 1931 में इसी दिन इन्हें लाहौर जेल में फांसी दी गई थी.

भारत में 30 जनवरी को भी शहीद दिवस मनाया जाता है क्योंकि उसी दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी.

मुख्य तथ्य: एक दृष्टि

  • भगत सिंह का जन्म 1907 में हुआ था. 13 अप्रैल 1919 जलियावाला बाग में हुए भीषण नरसंहार ने भगत सिंह के अंदर चिंगारी को भड़का दिया था. लाहौर के नेशनल कॉलेज़ छोड़ भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसिएशन नाम के एक क्रांतिकारी संगठन से नाता जोड़ लिया.
  • साइमन कमीशन के विरोध करने के दौरान लाला लाजपत राय की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन साण्डर्स की हत्या की योजना बनाई गई थी.
  • हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ने इस हत्या का बदला लेने का काम भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद और जयगोपाल को दिया था.
  • भगत सिंह और राजगुरु ने 17 दिसंबर 1928 को 0.32 एमएम की सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल कॉल्ट से साण्डर्स को मारकर लालाजी की मौत का बदला लिया. यह मामला ‘लाहौर षड्यंत्र केस’ के नाम से भी जाना जाता है.

23 मार्च: विश्व मौसम विज्ञान दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को ‘विश्व मौसम विज्ञान दिवस’ (World Meteorological Day) मनाया जाता है. ‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (World Meteorological Organization) के स्थापना के उपलक्ष्य पर यह दिवस मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2023 में विश्व मौसम विज्ञान दिवस का मुख्य विषय (थीम)  ‘पीढ़ियों के लिए मौसम, जलवायु और पानी का भविष्य’ (The future of weather, climate, and water across generations) है.

‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (WMO) की स्थापना 23 मार्च 1950 को संयुक्त राष्ट्र के एक विभाग के रूप में किया गया था. इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा में स्थित है. भूविज्ञान पर आधारित इस संगठन में कई विषयों पर शोध होता है.

मौसम विज्ञान का उपयोग समय-समय पर आने वाली प्राकृतिक आपदा, वर्षा की स्थिति, चक्रवातों की संभावनाएं, मौसम की सटीक जानकारी आदि के लिए किया जाता है.