गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्ब मनाया गया

21 अप्रैल को गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्ब मनाया गया था. इस अवसर पर 20-21 अप्रैल को दिल्ली के लालकिला परिसर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

400वें प्रकाश पर्ब पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने एक स्‍मारक सिक्‍का और डाक टिकट जारी किया और लालकिला से राष्‍ट्र को संबोधित किया. इस कार्यक्रम का आयोजन आजादी का अमृत महोत्‍सव के अंतर्गत संस्‍कृति मंत्रालय, दिल्‍ली सिक्‍ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से किया गया था.

गुरु तेग बहादुर जी: एक दृष्टि

  • गुरु तेग बहादुर जी सिक्खों के 9वें गुरु थे. सिखों के 8वें गुरु हरिकृष्ण राय जी की अकाल मृत्यु के बाद गुरु तेगबहादुर जी को गुरु बनाया गया था.
  • गुरु तेग बहादुर जी ने देश के अधिकांश भागों में गुरु नानक देवजी की शिक्षाओं का प्रचार किया था. गुरु तेग बहादुर जी ने 111 शबद और 15 रागों की रचना की थी और उनकी शिक्षाओं और रचनाओं को गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है.
  • गुरु तेग बहादुर ने मुगल शासक औरंगज़ेब के शासन के दौरान गैर-मुस्लिमों के जबरन धर्मांतरण का विरोध किया था. 1675 में इस्लाम कबूल नहीं करने पर मुगल शासक औरंगज़ेब के आदेश से गुरु तेग बहादुर जी को यातनाएं देने के बाद उनका सिर कलम कर दिया गया था.
  • औरंगज़ेब ने दिल्ली के चांदनी चौक पर गुरु साहिब के शीश को काटने का हुक्म दिया था और गुरु साहिब ने हंसते-हंसते अपना शीश कटाकर बलिदान दे दिया. इसलिए गुरु तेगबहादुरजी की याद में उनके शहीदी स्थल पर एक गुरुद्वारा स‍ाहिब बना है, जिसका नाम गुरुद्वारा शीशगंज साहिब है.
  • गुरुतेग बहादुर की पुण्‍यतिथि 24 नवम्‍बर को प्रति वर्ष शहीदी दिवस (Guru Tegh Bahadur Martyrdom Day) के रूप में मनायी जाती है.
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