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बेंगलुरू में सेमीकॉन इंडिया सम्‍मेलन का आयोजन किया गया

बेंगलुरू में 29 अप्रैल से 1 मई तक सेमीकॉन इंडिया सम्‍मेलन (Semicon India Conference) 2022 का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने किया था. सम्मेलन में उद्योग संघों, अनुसंधान संगठनों और शैक्षिक जगत से वरिष्‍ठ विशेषज्ञों ने हिस्‍सा लिया. इस सम्मेलन के दौरान, देश में सेमीकंडेक्‍टर के उत्‍पादन के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की नीति, प्रतिभा और सरकार के योगदान पर विचार-विमर्श हुआ.

सेमीकॉन इंडिया सम्‍मेलन: एक दृष्टि

  • यह सम्‍मेलन, उद्योग संघों के साथ साझेदारी में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) द्वारा आयोजित किया गया था. ISM, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन का एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग है.
  • इस सम्‍मेलन का आयोजन भारत को इलेक्‍ट्रोनिक्‍स विनिर्माण, सेमी-कंडेक्‍टर डिजाइन और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से किया गया था.
  • सम्‍मेलन को भारत के वैश्‍विक सेमीकंडेक्‍टर केन्‍द्र बनने और चिप डिजाइन तथा विनिर्माण पारिस्थितिक केन्द्र के रूप में विकसित होने की आकांक्षा के आधार के रूप में देखा जा रहा है.
  • केंद्र सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए मार्च 2022 में  सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को मंजूरी दी थी. इसके तहत कुल वित्तीय परिव्यय 76,000 करोड़ रुपये है.

एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य सत्‍कार मेला दिल्ली में आयोजित किया गया

एशिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और आतिथ्य सत्कार मेला ‘AAHAR-2022’ का आयोजन 26 से 30 अप्रैल तक नई दिल्ली के प्रगति मैदान में किया गया था. यह इस मेले का 36वां संस्करण था.

इस मेले का आयोजन कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) और भारत व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के सहयोग से आयोजित किया गया था. इस मेले में 80 से अधिक निर्यातकों ने हिस्सा लिया था.

देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ-साथ लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे हिमालयी राज्यों के निर्यातकों के लिए APEDA द्वारा समर्पित स्टॉल बनाए गए थे.

7वां रायसीना डायलॉग 2022 दिल्ली में आयोजित किया गया

7वें रायसीना डायलॉग का आयोजन 25 से 27 अप्रैल तक दिल्ली में किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस डायलॉग का शुभारंभ किया था. यह इस प्रतिष्‍ठित संवाद का 7वां संस्‍करण था. भारत की यात्रा पर आयीं यूरोपीय संघ की अध्‍यक्ष वर्सुला फॉन डे लायन इस संवाद में मुख्‍य अतिथि थीं.

इस संवाद में विभिन्‍न देशों के पूर्व प्रधानमंत्री और अन्‍य गण्‍यमान्‍य व्‍यक्ति ने हिस्‍सा लिया. इस वर्ष संवाद का थीम- ‘धरती: भावावेश, अधैर्य और संकट’ था.

इस आयोजन में लोकतंत्र से लेकर प्रौद्योगिकी और वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य से लेकर हिंद प्रशांत क्षेत्र तक छह प्रमुख सम-सामयिक विषयों पर विचार-विमर्श हुआ.

रायसीना डायलॉग: एक दृष्टि

  • रायसीना डायलॉग बहुपक्षीय विचार मंच है जो विश्‍व के समक्ष सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण मुद्दों पर चिंतन करता है. यह भू-राजनीति तथा भू-अर्थशास्त्र पर आधारित भारत का प्रमुख सम्मेलन है जिसकी शुरूआत वर्ष 2016 में हुई थी.
  • प्रत्येक वर्ष नीति, मीडिया और सिविल सोसायटी से जुड़े वैश्विक नेता अंतरराष्ट्रीय नीतिगत मामलों के बारे में सहयोग पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में इकट्ठा होते हैं.
  • इस सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय के सहयोग के ऑब्जर्वर रिसर्ज फाउंडेशन द्वारा किया जाता है.

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का 5वां संस्करण दिल्ली में आयोजित किया गया

बहुप्रतीक्षि‍त वार्षिक कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का 5वां संस्करण 1 अप्रैल को नई दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों, अध्‍यापकों और अभि‍भावकों के साथ बातचीत की.

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम: एक दृष्टि

  • परीक्षा पे चर्चा आपसी बातचीत का कार्यक्रम है जिसमें देश और विदेश के विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक प्रधानमंत्री से परीक्षा के तनाव से उबरने और जीवन को उत्‍सव के रूप में मनाने के संबंध में बातचीत करते हैं.
  • इस कार्यक्रम के लिए कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों का चयन ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्‍यम से किया जाता है. इस कार्यक्रम के लिए 15 लाख से अधिक विद्यार्थि‍यों, अध्‍यापकों और अभिभावकों का पंजीकरण हुआ था.

प्रधानमंत्री ने मतुआ धर्म महामेला को संबोधित किया

अखिल भारतीय मतुआ महासंघ ने 29 मार्च से 5 अप्रैल तक मतुआ धर्म महामेला आयोजित किया है. इसका आयोजन श्री श्रीहरिचंद ठाकुर की 211वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल के श्रीधाम ठाकुरनगर, ठाकुरबाड़ी में किया गया है. प्रधानमंत्री ने 29 मार्च को वीडियो कॉफ्रेंस के माध्‍यम से इस महामेला को संबोधित किया.

श्री श्रीहरिचंद ठाकुर: एक दृष्टि

श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी ने स्वतंत्रता से पहले अविभाजित बंगाल में प्रताडित, दलित और वंचित लोगों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया था. उन्होंने 1860 में बांग्लादेश में ओरकंडी से सामाजिक और धार्मिक आंदोलन शुरू किया था. आंदोलन के बाद मतुआ धर्म की स्‍थापना हुई थी.

भारतीय चीनी और इथेनॉल सम्मेलन  मुंबई में आयोजित किया गया

मुंबई में 19 मार्च को ‘भारतीय चीनी और इथेनॉल सम्मेलन’ (Sugar & Ethanol India Conference- SEIC) 2022 आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन का आयोजन चीनी मंडी, समाचार और सूचना पोर्टल द्वारा चीनी और सहयोगी उद्योगों के लिए किया गया था. इसमें उद्योग से जुड़े घरेलू और वैश्विक अग्रणी विशेषज्ञ देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी के व्यापार में मुख्य चुनौतियों और जोखिम से निपटने संबंधी कार्यनीतियों पर चर्चा की गयी. इसके अतिरिक्त भारत में अधिक नवोन्मेषी सतत चीनी और इथेनॉल क्षेत्र बनाने पर भी बातचीत हुई.

मुख्य बिंदु

  • केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सम्मेलन को संबोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने इथेनॉल, मिथेनॉल, जैव-डीजल, इलेक्ट्रिक, हरित हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बताते हुए कहा कि भारत को ऊर्जा आयातक की बजाय ऊर्जा निर्यातक बनाये जाने पर जोर दिया.
  • श्री गडकरी ने कहा कि किसानों को गरीबी से निकालने के लिए अन्नदाता के बजाय ऊर्जादाता बनाना चाहिए. श्री गडकरी ने कहा कि ऊर्जा और विद्युत क्षेत्र की दिशा में कृषि का विविधिकरण समय की आवश्यकता है.
  • उन्होंने कहा कि सरकार विमानन क्षेत्र में इथेनॉल का इस्तेमाल करने पर गंभीरता से विचार कर रही है. श्री ग़डकरी ने कहा कि इस समय गन्ने का उत्पादन बढ़ा है लेकिन यह स्थिति आने वाले वर्षों में नहीं रहेगी. इसलिए चीनी को इथेनॉल में बदलने का काम तेज गति से किया जाना चाहिए.
  • उन्होंने इथोनॉल निर्माणकर्ता से पैट्रोल के विकल्प के रूप में अपने एरिया में इथोनॉल के पम्‍प खोले जाने का अनुरोध किया. इसके कारण पॉल्‍यूशन, हमारा इम्‍पोर्ट भी कम होगा, और गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा.

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की 25वी बैठक

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की 25वी बैठक 22 फरवरी को मुम्बई में आयोजित की गयी थी. इस बैठक की अध्‍यक्षता वित्तमत्री निर्मला सीतारामन ने की थी. बैठक में FSDC के विभिन्न अधिदेशों और वैश्विक और घरेलू स्‍तर पर बदलते घटनाक्रम से उपजी वित्तीय चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया.

परिषद में इस बात पर जोर दिया गया किया कि सरकार और सभी नियामकों को वित्तीय स्थितियों और महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों के कामकाज पर निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है. परिषद ने विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ एक समावेशी आर्थिक विकास के लिए आवश्यक उपायों पर भी चर्चा की.

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (FSDC)

सरकार ने वित्तीय बाजार नियामकों के सहयोग से FSDC की स्थापना की थी. यह संस्था, अर्थव्यवस्था के मैक्रो-विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण, विशेष रूप से बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज की निगरानी करती है, और वित्तीय क्षेत्र के अंतर-नियामक समन्वय और विकास के मुद्दों को हल करती है. यह वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित है.

बीटिंग द रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन

29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat)  के साथ गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन हो गया. इस खास मौके पर तीनों सेनाएं विशेष धुनें बजाकर राष्ट्रपति से अपनी बैरकों में वापस जाने के की अनुमति मांगती हैं. पारंपरिक धुनों के साथ मार्चपास्ट करती सेनाएं गणतंत्र दिवस समारोह के समापन की घोषणा भी करती हैं.

सैनिक मार्च करते हुए वापस जाते समय, लोकप्रिय धुन, सारे जहाँ से अच्छा बजाते हैं. शाम 6 बजे बिगुलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं. राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता है तथा राष्ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता है.

बीटिंग द रीट्रीट परंपरा

बीटिंग द रीट्रीट एक परंपरा है. युद्धकाल में संध्या हो जाने पर बिगुल बजने के बाद सेनाएं अपने-अपने शिविरों में वापस चली जाती थीं. बीटिंग द रीट्रीट इसी परंपरा का हिस्सा है. भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग द रीट्रीट कार्यक्रम के बाद होता है.

फार्मास्युटिकल क्षेत्र का पहला वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

फार्मास्युटिकल क्षेत्र का पहला वैश्विक नवाचार शिखर सम्मेलन 18-19 नवम्बर को आयोजित किया गया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया था. इस सम्मेलन में 12 सत्र हुए जिसमें देश-विदेश के 40 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया.

सम्मेलन के मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर जोर दिया है, जो भारत को दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में अग्रणी बना सके.
  • उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मास्‍युटिकल उद्योग देश के आर्थिक विकास का एक प्रमुख घटक है. भारतीय स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में वर्ष 2014 के बाद से 12 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है.
  • उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा अर्जित वैश्विक विश्वास की वजह से अब भारत को ‘दुनिया की फार्मेसी’ कहा जाने लगा है.

प्रधानमंत्री ने सिडनी संवाद को सम्‍बोधित किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन से पहले सिडनी संवाद (Sydney Dialogue) को सम्‍बोधित किया था. अपने संबोधन में उन्होंने सभी लोकतांत्रिक देशों का आह्वान किया कि वे क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे पर संगठित रूप से कार्य करें. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इसका संचालन गलत हाथों में न जाये अन्यथा युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो सकता है.

उन्‍होंने भारत में हो रहे पांच महत्‍वपूर्ण बदलावों को रेखांकित किया. ये बदलाव हैं:

  1. भारत में विश्व के सबसे विस्तृत सार्वजनिक सूचना प्रौदयोगिकी ढांचे का विकास
  2. शासन तथा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए डिजिटल टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल
  3. स्‍टार्टअप के लिए तेजी से विकसित होता अनुकूल तंत्र
  4. उद्योग और सेवा क्षेत्रों का बडे पैमाने पर डिजिटल रूपांतरण और
  5. टेलीकॉम टेक्‍नोलॉजी में स्‍वेदेशी क्षमता के विकास के लिए निवेश

भारतीय सैन्‍य प्रमुखों का आठवां सम्‍मेलन

भारतीय सैन्य प्रमुखों का आठवां सम्मेलन 16-18 सितम्बर नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. सम्‍मेलन में भारतीय सेना के तीव्र रूपांतरण, आत्‍मनिर्भर और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के जरिये सेना की आत्‍मनिर्भरता और आधुनिक युद्ध लडने के लिए भारतीय सैनिकों के कौशल जैसे मुद्दों पर विचार किया गया.

इस सम्मेलन में भारतीय सेना के वर्तमान और सेवानिवृत्‍त अध्‍यक्ष हिस्‍सा लेते हैं. इस सम्‍मेलन की खास बात यह है कि इसमें नेपाल सेना के पूर्व अध्‍यक्ष भी हिस्‍सा लेते है, जो भारतीय सेना के ऑनरेरी चीफ रहे हैं. यह सम्‍मेलन एक ऐसा मंच है जहां भारतीय सेना के पूर्ववर्ती और वर्तमान अधिकारी विचारों का आदान-प्रदान करते हैं.

टॉयकैथॉन-2021 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन

टॉयकैथॉन-2021 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से 22 से 24 जून तक किया गया था. इसका उद्देश्‍य अभिनव खिलौनों और खेलों के लिए विभिन्न स्रोतों से नए विचार और सुझाव आमंत्रित करना था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को इसके प्रतिभागियों के साथ बातचीत की थी. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि परम्परा और प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भर भारत की ताकत हैं. उन्होंने कहा कि खिलौने और गेम्‍स, परम्परा तथा प्रौद्योगिकी को एक साथ जोड़ते हैं. उन्होंने खिलौना और खेल उद्योग को ‘टॉयकोनॉमी’ की संज्ञा दी.

इस साल 5 जनवरी को शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सूक्षम, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय, डीपीआईआईटी, वस्त्र मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा एआईसीटीई द्वारा टॉयकैथॉन 2021 की शुरूआत संयुक्त रूप से की थी.

इस दौरान, देश भर से लगभग 1.2 लाख प्रतिभागियों ने टॉयकैथॉन 2021 के लिए 1700 से अधिक विचार प्रस्तुत किए हैं. इनमें 15 67 विचारों को टॉयकैथॉन ग्रैंड फिनाले के लिए चुना गया है.

क्या है टॉयकैथॉन?

टॉयकैथॉन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है, ताकि खिलौना बाजार के व्यापक हिस्से पर भारत अग्रणी हो सके.

देश के खिलौना बाजार का आकार 1 अरब डॉलर से ज्‍यादा है, जिसमें से 80 प्रतिशत खिलौने आयात किए जाते हैं. टॉयकैथॉन सरकार की और से घरेलू खिलौना उद्योग और स्थानीय निर्माताओं के लिए एक सिस्‍टम बनाने का प्रयास है, जो इस्‍तेमाल नहीं हो पाए संसाधनों का दोहन कर घरेलू उद्योग को बढ़ावा दे सके.

केवडिया में संयुक्त कमांडर सम्मेलन आयोजित किया गया

गुजरात में केवडिया के स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी परिसर में 4 से 6 मार्च तक संयुक्त कमांडर सम्मेलन (Combined Commander’s Conference) आयोजित किया गया था. इस वार्षिक आयोजन में तीन सेनाओं की संयुक्‍त कमान रणनीति, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों पर विशेष रूप से चर्चा की गयी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्‍मेलन के समापन सत्र की अध्‍यक्षता की. सम्‍मेलन के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, थलसेना के कमांडरों और रक्षा मंत्रालय के सचिव स्‍तर के अधिकारियों ने हिस्‍सा लिया था. पहली बार इसमें जवानों के साथ-साथ जूनियर कमीशंड ऑफीसर भी शामिल हुए.

कमांडरों का यह संयुक्‍त सम्‍मेलन सैन्‍य अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श का एक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम है जिसे तीन वर्ष बाद आयोजित किया गया था.

इस साल के सम्‍मेलन की कार्यसूची में कई नए विषय शामिल किये गये और इसे बहुस्‍तरीय, विचार-विमर्श आधारित, अनौपचारिक तथा तीस जवानों और जूनियर कमीशंड अधिकारियों को शामिल कर ज्ञानवर्धक बनाया गया.