Tag Archive for: National Summit

नई दिल्‍ली में 10वां रायसीना संवाद आयोजित किया गया

  • रायसीना डायलॉग 2025 नई दिल्‍ली में 17 से 19 मार्च तक आयोजित किया गया था. इस वर्ष कार्यक्रम का विषय था ‘कालचक्र – लोग, शांति और पृथ्‍वी’.
  • यह इसका 10वां संस्‍करण था जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और भारत की यात्रा पर आए न्‍यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्‍टोफर लक्‍सन ने संयुक्त रूप से किया था. न्‍यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने उद्घाटन सत्र में मुख्‍य अतिथि के रूप में शाामिल हुए थे.
  • रायसीना डायलॉग के इस संस्करण में करीब 125 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इसमें मंत्री, सैनिक कमांडर, उद्योग जगत के प्रमुख, शिक्षाविद शामिल थे.
  • रायसीना संवाद: एक दृष्टि
  • रायसीना संवाद भौगोलिक-राजनीति और भौगोलिक अर्थशास्‍त्र पर भारत का महत्‍वपूर्ण वैश्विक सम्मेलन है. इसकी शुरूआत वर्ष 2016 में हुई थी.
  • यह सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष अत्यधिक चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
  • यह सम्मेलन संवाद के द्वारा बेहतर समन्वय स्थापित करने की भारत की पहचान को दर्शाता है.
  • भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसी के नाम पर इसे रायसीना डायलॉग के रूप में जाना जाता है.
  • इसका आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है.

काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण वाराणसी में आयोजित किया गया

  • काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) का तीसरा संस्करण 15 से 24 फ़रवरी तक उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित किया गया था. इसका आयोजन शिक्षा मंत्रालय द्वारा विभिन्न मंत्रालयों एवं उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया गया था.
  • इस प्रतिष्ठित सांस्कृतिक समारोह का उद्धाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल. मुरूगन और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने किया था.
  • यह तमिलनाडु और काशी के बीच सांस्कृतिक और बौद्धिक संबंधों को प्रोत्‍साहित करने की एक पहल है.
  • काशी तमिल संगमम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कलाकारों को साथ लाने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना था.
  • इस वर्ष के आयोजन का मुख्य विषय स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, शास्त्रीय तमिल साहित्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में ऋषि अगस्त्य के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना था.
  • ऋषि असत्य को दक्षिण भारत में तमिल भाषा के पहले व्याकरणविद के रूप में सम्मानित किया जाता है.

नई दिल्ली में सोल लीडरशिप सम्मेलन का पहला संस्करण आयोजित किया गया

  • नई दिल्ली के भारत मंडपम में 21 से 22 फरवरी तक सोल (SOUL) लीडरशिप सम्मेलन का पहला संस्करण आयोजित किया गया था.
  • सम्मेलन के पहले संस्करण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे. दाशो शेरिंग 20-22 फरवरी 2025 तक भारत की यात्रा पर हैं.
  • SOUL का पूरा नाम स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप है. यह समान विचारधारा वाले व्यक्तियों द्वारा स्थापित एक निजी तौर पर वित्त पोषित संस्थान है.
  • SOUL बोर्ड के अध्यक्ष सुधीर मेहता और उपाध्यक्ष हसमुख अधिया हैं. यह गुजरात के गांधीनगर में गिफ्ट (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेक) शहर में स्थित है.
  • SOUL सम्मेलन एक प्रमुख मंच के रूप में काम करेगा जहां राजनीति, खेल, कला और मीडिया, अध्यात्म, व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्र जैसे विविध क्षेत्रों के नेता संबंधित पहलुओं पर चर्चा करेंगे.

गृह मंत्रालय की पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक पुणे में आयोजित की गई

  • गृह मंत्रालय की पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक (27th Western Zonal Council meeting) 22 फ़रवरी को पुणे में आयोजित की गई थी। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की थी।
  • 27वीं बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक, प्रफुल्ल पटेल ने भाग लिया।
  • बैठक में सदस्य देशों और पूरे देश से संबंधित 18 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस अवसर पर बोलते हुए, अमित शाह ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पश्चिमी क्षेत्र का योगदान 25% है और यह क्षेत्र भारत के उद्योगों का घर है जहां 80 से 90% उद्योगों का संचालन होता है।

क्षेत्रीय परिषदें: एक दृष्टि

  • क्षेत्रीय परिषदें (Zonal Councils), केन्द्र एवं राज्यों के बीच आपसी मतभेदों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विचार-विमर्शों तथा परामर्शों के माध्यम से सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करती है.
  • इनकी बैठकों में संसाधनों के वितरण, करों में हिस्सेदारी, राज्यों के पारस्परिक विवादों, वामपंथी उग्रवाद, कानून और व्यवस्था पर चर्चा की जाती है.
  • वर्तमान में, भारत में छः क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी) हैं.
  • पांच क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) का गठन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अंतर्गत 1957 में हुआ था. उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन 1971 के उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम द्वारा हुआ था.
  1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख शामिल हैं.
  2. मध्य क्षेत्रीय परिषद: इसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं.
  3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: इसमें बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.
  4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन-दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली शामिल है.
  5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.
  6. उत्तर-पूर्वी परिषद: असम, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं.

अध्यक्ष और अन्य सदस्य

  • केन्द्रीय गृह मंत्री इन सभी परिषदों के अध्यक्ष होते हैं. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक वर्ष की अवधि के लिये उस क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.
  • मुख्यमंत्री और प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा यथा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किये गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य.

उद्देश्य

राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करना. तीव्र राज्य संचेतना, क्षेत्रवाद तथा विशेष प्रकार की प्रवृत्तियों के विकास को रोकना.

अगरतला में पूर्वोत्तर परिषद की 72वीं पूर्ण बैठक

पूर्वोत्तर परिषद की 72वीं पूर्ण बैठक 21 दिसम्बर को त्रिपुरा के अगरतला में आयोजित की गई थी. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की थी. बैठक में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मौजूद थे.

क्षेत्रीय परिषदें: एक दृष्टि

  • क्षेत्रीय परिषदें (Zonal Councils), केन्द्र एवं राज्यों के बीच आपसी मतभेदों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विचार-विमर्शों तथा परामर्शों के माध्यम से सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान करती है.
  • इनकी बैठकों में संसाधनों के वितरण, करों में हिस्सेदारी, राज्यों के पारस्परिक विवादों, वामपंथी उग्रवाद, कानून और व्यवस्था पर चर्चा की जाती है.
  • वर्तमान में, भारत में छः क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी) हैं.
  • पांच क्षेत्रीय परिषद (उत्तरी, मध्य, पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी) का गठन राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अंतर्गत 1957 में हुआ था. उत्तर-पूर्वी परिषद का गठन 1971 के उत्तर-पूर्वी परिषद अधिनियम द्वारा हुआ था.
  1. उत्तरी क्षेत्रीय परिषद: इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान राज्य, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख शामिल हैं.
  2. मध्य क्षेत्रीय परिषद: इसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं.
  3. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: इसमें बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं.
  4. पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र राज्य और संघ राज्य क्षेत्र दमन-दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली शामिल है.
  5. दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: इसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, राज्य और संघ राज्य क्षेत्र पुद्दुचेरी शामिल हैं.
  6. उत्तर-पूर्वी परिषद: असम, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम शामिल हैं.

अध्यक्ष और अन्य सदस्य

  • केन्द्रीय गृह मंत्री इन सभी परिषदों के अध्यक्ष होते हैं. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किये गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक वर्ष की अवधि के लिये उस क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.
  • मुख्यमंत्री और प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा यथा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किये गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य.

उद्देश्य

राष्ट्रीय एकीकरण को साकार करना. तीव्र राज्य संचेतना, क्षेत्रवाद तथा विशेष प्रकार की प्रवृत्तियों के विकास को रोकना.

दिल्ली में वैश्विक मृदा सम्मेलन आयोजित किया गया

  • दिल्ली के पूसा में 19 से 22 नवंबर तक वैश्विक मृदा सम्मेलन (Global Soil Conference) 2024 आयोजित किया गया था.
  • इसके उद्घाटन सत्र को केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया.
  • सम्मेलन का मुख्य विषय (थीम) ‘खाद्य सुरक्षा से परे मिट्टी की देखभाल: जलवायु शमन परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ’ था.
  • इंटरनेशनल यूनियन के तत्वाधान में भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी नई दिल्ली, इटली कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी ने आयोजित किया था.

गांधीनगर के महात्मा मंदिर में चौथा नवीकरणीय ऊर्जा सम्मेलन

गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 16-18 सितम्बर तक चौथा वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा सम्मेलन (4th Global Renewable Energy Investor’s Meet) आयोजित किया गया था. सम्मेलन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इसका आयोजन केन्द्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन (4th Global RE-Invest) में दुनिया भर के 140 देशों के 25 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया.
  • जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नॉर्वे भागीदार देशों के रूप में भाग लिया, जबकि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश भागीदार राज्य थे.
  • सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य 2030 तक देश में 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करना था.
  • सम्मेलन में 40 सत्र के साथ-साथ अभिनव वित्त पोषण, ग्रीन हाइड्रोजन और भविष्य के लिए ऊर्जा समाधानों जैसे विषय पर विशेष चर्चा कार्यक्रम हुए.
  • इस अवसर पर प्रदर्शनी में नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण और वितरण में भारत की प्रगति को दर्शाया गया.
  • 18 सितंबर को सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की.

हरित हाइड्रोजन पर दूसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का नई दिल्ली में आयोजन

हरित हाइड्रोजन पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (2nd International Conference on Green Hydrogen) 11-13 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • यह सम्मेलन केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा आयोजित किया गया था.
  • सम्मेलन का लक्ष्य भारत को वैश्विक हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करना था.
  • सम्मेलन में संपूर्ण हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला में प्रौद्योगिकियों में हुए हालिया प्रगति पर चर्चा की गई.
  • यह फोरम देश में हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाने के लिए आवश्यक रणनीतिक और साझेदारी पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करता है.
  • भारत यूरोपीय हाइड्रोजन सप्ताह 2024 में भाग लेगा. इसका आयोजन नवंबर 2024 में होगा. इसकी आधिकारिक घोषणा इस सम्मेलन में की गई.

हरित हाइड्रोजन और राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन: एक दृष्टि

  • हरित हाइड्रोजन (GH2) नवीकरणीय ऊर्जा का एक रूप है. हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए सबसे आम उत्पादन विधि जल इलेक्ट्रोलिसिस है, जिसमें नवीकरणीय स्रोत वाली बिजली (सूर्य, हवा, जल विद्युत आदि) का उपयोग करके ऑक्सीजन और हाइड्रोजन अणुओं को अलग किया जाता है. इस प्रक्रिया में वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं होता.
  • हरित हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन सेल के उत्पादन के लिए किया जाता है जिससे परिवहन के लिए इस्तेमाल होने वाले गाड़ियों आदि में किया जाता है. हाइड्रोजन से चलने वाली गाडियाँ जीवाश्म ईंधन (पेट्रोल, डीजल, गैस) से चलने वाले गाड़ियों की तुलना में लगभग नगण्य प्रदूषण पैदा करते हैं.
  • भारत सरकार ने देश में हरित हाइड्रोजन उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 4 जनवरी 2023 को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया है.
  • मिशन का लक्ष्य 2030 तक देश में 5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करना है.
  • मिशन की अवधि 2023-24 से 2029-2030 तक है और मिशन पर कुल परिव्यय 19,744 करोड़ रुपये है.

5वां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 मुंबई में आयोजित

5वां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (5th Global Fintech Fest) 28-30 अगस्त 2024 तक मुंबई  में आयोजित किया गया था. इसका विषय ‘वित्त के अगले दशक का ब्लूप्रिंट’ (Blueprint for the next decade of Finance.) था. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त 2024 को इस सम्मेलन को संबोधित किया.

मुख्य बिन्दु

  • ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल द्वारा किया जाता है.
  • 2021 में शुरू हुए इस फेस्टिवल का लक्ष्य खुद को वैश्विक फिनटेक इकोसिस्टम के लिए प्रमुख वैश्विक सम्मेलन के रूप में स्थापित करना, सहयोग को बढ़ावा देना और फिनटेक उद्योग के भविष्य को प्रभावित करना है.
  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की स्थापना 2008 में भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 के तहत भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणालियों के संचालन के लिए एक प्रमुख संगठन के रूप में की गई थी.
  • NPCI का स्वामित्व भारत के प्रमुख बैंकों के संघ के पास है. NPCI ने यूपीआई, रुपे कार्ड, भीम ऐप, आईएमपीएस आदि शुरू किए हैं.

राष्‍ट्रपति भवन में राज्यपालों के 52वें सम्मेलन  का आयोजन

राष्‍ट्रपति भवन में 2-3 अगस्त को राज्यपालों का 52वां सम्मेलन आयोजित किया गया था. सम्मेलन की अध्यक्षता राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु  ने की थी.

मुख्य बिन्दु

  • इस सम्मेलन में सभी राज्‍यों के राज्‍यपाल के अतिरिक्त उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड, प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सहित कई केन्‍द्रीय मंत्री ने भाग लिया.
  • सम्‍मेलन की कार्यसूची में तीन आपराधिक कानूनों का कार्यान्‍वयन, उच्‍च शिक्षा में सुधार और विश्‍वविद्यालयों की मान्यता तथा चयनित क्षेत्रों के विकास का मुद्दा शामिल था.
  • अभियानों में राज्यपालों की भूमिका और राज्य में विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सहित कईं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ.
  • राष्‍ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यों के समावेशी और निरंतर विकास पर ही देश का भविष्य निर्भर करता है और सभी राज्यों को एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्यशैली और अनुभवों से सीखकर आगे बढना चाहिए.

राज्यपालों का सम्मेलन

राज्यपालों का पहला सम्मेलन 1949 में राष्ट्रपति भवन जिसे उस समय गवर्नमेंट हाउस कहा जाता था, में आयोजित किया गया था. इसकी अध्यक्षता भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने की थी. 51वां सम्मेलन 2021 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया गया था. इसकी अध्यक्षता तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने की थी.

राज्यपाल, उप-राज्यपाल और प्रशासक

भारत में  राष्ट्रपति के पास राज्य के राज्यपालों, केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपालों और प्रशासकों को नियुक्त करने और बर्खास्त करने की शक्ति है.

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में उपराज्यपाल हैं. केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में प्रशासक हैं.

चौथा राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया गया

चौथा राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 30-31 जुलाई 2024 को भोपाल में आयोजित किया गया था. सम्मेलन का उद्घाटन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • इसका आयोजन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद-प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान (CSIR-AMPRI) भोपाल ने किया था.
  • सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शोधकर्ताओं को हिंदी में अपने काम को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना था, जिससे इस भाषा के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने में बढ़ावा मिले.
  • सम्मेलन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, आयुर्वेद, इंजीनियरिंग और विज्ञान संचार के विविध विषयों पर छह सत्र आयोजित किए गए.
  • चौथे राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन 2024 का विषय ‘अमृतकाल में राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना का उन्नयन’ था.

नई दिल्‍ली में भारत टेक्‍स 2024 का आयोजन किया गया

नई दिल्ली के भारत मंडपम में 26-29 फ़रवरी तक ‘भारत टेक्‍स (Bharat Tex) 2024’ का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

मुख्य बिन्दु

  • यह कार्यक्रम कपड़ा क्षेत्र में देश का अब तक का सबसे बड़ा वैश्विक आयोजन था जिसमें एक सौ से अधिक देशों ने हिस्सा लिया.
  • भारत टेक्‍स 2024 में विचार-विमर्श के 65 सत्र आयोजित हुए जिनमें कपड़ा क्षेत्र की विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया.
  • प्रमुख नीति निर्माता, वैश्विक मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी, वस्त्र प्रदर्शनी आयोजक और तीन हजार से अधिक खरीदारों बुनकरों, कारीगरों और कपड़ा क्षेत्र से जुड़े कामगारों के अलावा 40 हजार से अधिक व्यापारियों के भाग लिया.
  • इस आयोजन से कपड़ा क्षेत्र में भारत की क्षमता पूरे विश्व के समक्ष दर्शायी गई.