Tag Archive for: Important Days- November

26 नवम्बर: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस, वर्गीज कुरियन का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को भारत में ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ (National Milk Day) मनाया जाता है. यह दिवस ‘श्वेत क्रांति’ के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन के अबसर पर मनाया जाता है. 26 नवंबर 2024 को डॉ. वर्गीज़ कुरियन की 103वीं जयंती मनाई गई.

किसी व्यक्ति के जीवन में दूध के महत्व को बताने के उद्देश्य यह दिवस मनाया जाता है. पहली बार यह दिवस इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) द्वारा 26 नवंबर, 2014 को मनाया गया था.

इसके साथ-साथ प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्‍व दुग्ध दिवस (World Milk Day) भी मनाया जाता है.

डॉ वर्गीस कुरियन: एक दृष्टि

  • डॉ वर्गीस कुरियन को ‘मिल्कमैन ऑफ़ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने भारत में डेरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय योगदान दिया था. कुरियन ने अमूल ब्रांड की स्थापना एवं सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
  • कुरियन ने ‘ऑपरेशन फ्लड’ में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऑपरेशन फ्लड को 1970 में शुरू किया गया था, यह विश्व का सबसे बड़ा डेरी विकास कार्यक्रम था. इस ऑपरेशन के चलते भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन सका.
  • वर्गीस कुरियन को वर्ष 1963 में रमन मैगसेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने 1999 में देश के दुसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ प्रदान किया था.

26 नवम्बर 2024: संविधान दिवस, भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ

प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है. संविधान सभा द्वारा 1949 में इसी दिन भारतीय संविधान को मंजूरी दी गयी और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था. इस वर्ष यानी 2024 में हमारे संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ है.

संविधान दिवस को संविधान निर्माता डॉं. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है. डॉं. अंबेडकर संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे.

भारत सरकार ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा 19 नवंबर 2015 को की थी. प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुंबई में बीआर अम्बेडकर की ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी मेमोरियल’ की आधारशिला रखने के दौरान इसकी घोषणा की थी. उनकी 125वीं जयंती वर्ष के रूप में 26 नवम्बर 2015 को पहली बार संविधान दिवस मनाया गया था.

भारतीय संविधान: एक दृष्टि

  • संविधान निर्माण के लिए 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करनेवाली समिति की स्थापना की गई थी और इसके अध्यक्ष के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई थी.
  • संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. दो दिन बाद इसे लागू किया गया था.
  • भारतीय संविधान को विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां शामिल हैं.
    यह हस्तलिखित संविधान है. इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था.

25 नवंबर: अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

प्रत्येक वर्ष 25 नवम्बर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for the Elimination of Violence Against Women) मनाया जाता है. यह दिवस महिलाओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2024 में अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘हर 10 मिनट में एक महिला की हत्या होती है. #NoExcuse. महिलाओं के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिए एकजुट हों’ (Every 10 Minutes, a woman is killed. #NoExcuse. UNiTE to End Violence against Women) है.

घरेलू हिंसा, के साथ-साथ महिलाओं को बाहर भी कई बार शारीरिक और मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. इसी भेदभाव को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 17 नवंबर 1999 को 25 नवंबर का दिन अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में घोषित किया था. वर्ष 2000 से हर साल 25 नवंबर को अन्तर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया जाने लगा.

नवंबर का तीसरा गुरुवार: विश्व फिलॉस्पी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष नवंबर के तीसरे गुरुवार को विश्व फिलॉस्पी दिवस (World Philosophy Day) के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2024 में यह 21 नवम्बर को यह दिवस मनाया गया. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दर्शन के मूल्य को सामने लाना और मानव विचारों का विकास करना है.

विश्व फिलॉस्पी दिवस 2024 ‘फिलॉस्पी: सामाजिक अंतर को पाटना’ (Philosophy: bridging social gaps) थीम पर मनाया गया.

यूनेस्को ने इस दिवस को मनाने की घोषणा 2001 में की थी. पहला विश्व फिलॉस्पी दिवस साल 2002 में मनाया गया था. यूनस्कों की तरफ से कहा गया है कि इस दिन का मकसद लोगों को उनके विचार प्रकट करने के लिए प्रोत्साहित करना है. ताकी सभी संस्कृति के लोग एक दूसरे के विचारों की इज्जत करें और उस पर विश्वास करें.

21 नवम्बर को विश्व टेलीविजन दिवस मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 21 नवम्बर को ‘विश्व टेलीविजन दिवस’ (World Television Day) मनाया जाता है. यह दिवस अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विविधता के स्तंभ का जश्न मनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

संयुक्त राष्ट्र ने विश्व टेलीविजन दिवस मनाये जाने की शुरुआत 1996 में की थी. पहला विश्व टेलीविजन दिवस 21 नवंबर 1997 को मनाया गया था.

टेलीविजन के आविष्कारक जॉन लोगी बेयर्ड थे. बेयर्ड ने वर्ष 1924 में बक्से, बिस्किट के टिन, सिलाई की सुई, कार्ड और बिजली के पंखे से मोटर का इस्तेमाल कर पहला टेलीविजन बनाया था. टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार 1950 में यूजीन पोली ने किया था. मार्च 1954 में वेस्टिंगहाउस ने पहला कलर टीवी सेट बनाया.

विश्व टेलीविजन दिवस 2024 की थीम

संयुक्त राष्ट्र ने इस बार के विश्व टेलीविजन दिवस का थीम ‘गुणवत्तापूर्ण प्रोग्रामिंग के पक्षधर’ (Advocate for Quality Programming) घोषित किया गया है,जो टेलीविजन की उपलब्धता को हर व्यक्ति के लिए सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर जोर देता है.

भारत में टेलीविजन: मुख्य तथ्य

  1. भारत में पहला प्रसारण दिल्ली में 15 सितंबर 1959 में प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था. शुरू में इसका नाम ‘टेलिविजन इंडिया’ था, 1975 में इसका नाम बदलकर दूरदर्शन रखा गया. शुरू में इसे सिर्फ 7 शहरों में दिखाया जाता था.
  2. टीवी पर पहली बार कृषि दर्शन कार्यक्रम की शुरुआत 1966 में की गई. यह टीवी पर सबसे लंबे समय तक चलने वाला कार्यक्रम था.
  3. 1980 के दशक में इसका प्रसारण देश के सभी शहरों में किया जाने लगा. 15 अगस्त 1982 को पहली बार इसका रंगीन प्रसारण शुरू किया गया.
  4. 16 दिसबंर 2004 को डायरेक्ट टू होम (DTH) सर्विस शुरू हुई, इसने छोटे परदे की दुनिया में क्रांतिकारी बदला लाया.
  5. पहला प्राइवेट चैनल 2 अक्टूबर 1992 को जी टीवी आया था. जी टीवी नए कार्यक्रमों के साथ दर्शकों के सामने आया.

20 नवंबर: विश्व बाल दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में बच्चों के बीच जागरूकता और बच्चों के कल्याण के लिए काम करना है.

इस वर्ष यानी विश्व बाल दिवस 2024 की थीम: ‘भविष्य की बात सुनो’ (Listen to the Future) है.

पहला विश्व बाल दिवस 20 नवंबर 1954 को मनाया गया था. इस दिन बाल अधिकारों को अपनाया गया था. बाल अधिकारों को चार अलग-अलग भांगों में बांटा गया है- जीवन जीने का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, सहभागिता का अधिकार और विकास का अधिकार.

भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है

भारत में बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन यानी 14 नवंबर को मनाया जाता है. पंडित नेहरू बच्चों को बेहद प्यार करते थे और यही कारण है कि बाल दिवस उनकी जयंती के मौके पर मनाया जाता है.

19 नवंबर: विश्‍व शौचालय दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश्‍व शौचालय दिवस (World Toilet Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मानाने का उद्देश्य शौचालय को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना और स्‍वच्‍छता को वैश्विक विकास की प्राथमिकता बनाना है.
  • इस वर्ष यानी 2024 में विश्‍व शौचालय दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘शौचालय – शांति का स्थान’ (Toilets – A Place for Peace) है.
  • विश्‍व शौचालय दिवस की स्‍थापना सिंगापुर के जैक सिम द्वारा 19 नवंबर 2001 में की गई थी. जैक से 2001 में वर्ल्‍ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन की स्‍थापना की थी. हालांकि, 2013 में संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन द्वारा ऑ‍फिशियल तौर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व शौचालय दिवस की घोषणा की गई.
  • मानव मल से जानलेवा बीमारियां फैलती हैं और इसके लिए शौचालय का प्रयोग जरूरी है. WHO की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में लगभग 360 करोड़ लोग टॉयलेट से वंचित हैं. इसे देखते हुए समावेशी विकास के लक्ष्‍यों के तहत वर्ष 2030 तक हर घर में शौचालय का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है.
  • भारत में विश्व शौचालय दिवस देश की खुले में शौच मुक्त (ODF) स्थिति को बनाए रखने की दिशा में प्रयासों को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर के तौर पर मनाया जाता है.

16 नंवबर: राष्ट्रीय प्रेस दिवस

प्रत्येक वर्ष 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस (National Press Day) मनाया जाता है. राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में आम लोगों को प्रेस के बारे में जागरूक करना और उनको प्रेस के नजदीक लाना है.

पत्रकारिता के ऊंचे आदर्श स्थापित करने व प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने के उद्देश्य से 4 जुलाई 1966 को भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना की गई थी. लेकिन इस परिषद ने 16 दिसंबर 1966 से विधिवत तरीके से काम करना शुरू किया था.

तभी से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को भारत में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की मौजूदगी के प्रतीक के तौर पर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है.

प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभों कहा जाता है. अन्य तीन स्तंभ कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका हैं जहां कुछ चुनिंदा लोगों का समूह होता है.

14 नवंबर: विश्व मधुमेह दिवस, सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन

प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है. दुनियाभर में तेजी से बढ़ती मधुमेह से जूझने और जागरुकता फैलाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन

यह दिवस सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन पर मनाया जाता है. बैंटिंग ने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ इंसुलिन की खोज की थी.

विश्व मधुमेह दिवस 2024 की थीम

वर्ष 2024 से 2026 तक के विश्व मधुमेह दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘मधुमेह और स्वास्थ्य’ (Diabetes and well-being) है.

विश्व मधुमेह दिवस मनाने का इतिहास

विश्व मधुमेह दिवस को अंतरराष्‍ट्रीय मधुमेह संघ (IDF) और विश्‍व स्वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने 1991 में शुरू किया गया था. यह दिन पहली बार 1991 में मनाया गया था. इस दिवस को 2006 में संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक दिवस घोषित किया गया.

क्या है मधुमेह?

मधुमेह मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें खून में ग्लूकोज या ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन हार्मोन ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें.

मधुमेह के लक्षण: जिन मरीजों का ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार-बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं. उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है.

मधुमेह पर नियन्त्रण: उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियन्त्रण बनाए रखकर मधुमेह को नियन्त्रित रखा जा सकता है.

मधुमेह के दुष्प्रभाव: अगर मधुमेह पर ठीक से नियन्त्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है.

15 नवम्बर: झारखंड स्‍थापना दिवस, बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस

15 नवम्बर को झारखंड स्‍थापना दिवस (Jharkhand Foundation Day) के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन सन् 2000 में बिहार के विभाजन से झारखंड को पृथक राज्‍य का दर्जा दिया गया था.

बिरसा मुंडा जयंती पर पृथक राज्‍य का दर्जा

झारखंड को पृथक राज्‍य का दर्जा बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर मिला था. अंग्रेजों की गोलियों के सामने तीर-कमान से लड़ने वाले बिरसा मुंडा का जन्‍म 15 नवंबर 1875 को हुआ था. उनके जन्‍मदिन को देश भर में बिरसा मुंडा जयंती (Birsa Munda Jayanti) के रूप में मनाया जाता है.

उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी जमीन और जंगलों पर कब्जा करने के लिए ‘उलगुलान’ (Great Tumult) नामक आंदोलन का नेतृत्व किया था. बिरसा मुंडा को 3 मार्च 1900 को ब्रिटिश सेना ने गिरफ्तार कर लिया था. 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्‍यमयी मौत हो गई. झारखंड के लोग बिरसा मुंडा को भगवान का अवतार मानते हैं.

जनजातीय गौरव दिवस

केन्‍द्र सरकार ने देश के इतिहास और संस्कृति में जनजातीय समुदाय के योगदान को देखते हुए 15 नवम्बर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया है.

बिरसा मुंडा: एक दृष्टि

बिरसा मुंडा का जन्म भी 15 नवंबर 1875 को झारखंड के खूंटी जिले के उलीहातू गांव में हुआ था. वह मुंडा जनजाति से संबंधित थे. मुंडा जनजाति ज्यादातर छोटा नागपुर के पाठारों में निवास करती है.

  • बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों और जमींदारों के खिलाफ एक सशक्त आदिवासी आंदोलन चलाया और अपने समाज में मौजूद कुछ कुरीतियों को भी हटाने का काम किया.
  • उन्होंने आदिवासियों के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण अंधविश्वास और अशिक्षा को माना. इसलिए बिरसा ने मुंडाओं के बीच फैली झाड़-फूंक आदि को बेकार बताना शुरू किया.
  • उन्होंने सफाई से रहने पर जोर दिया. यह भी बताया कि सफाई न रखने पर क्या नुकसान होता है. उन्होंने शिक्षा के महत्व को भी समझाया. उन्होंने अपने समाज के लोगों में राजनीतिक चेतना जगाने का काम भी किया.
  • बिरसा मुंडा ने लोगों को एकत्रित किया और 1 अक्टूबर 1894 को विद्रोह कर दिया. इन्होंने लगान माफी के लिए भी आंदोलन किया. लोगों ने बेगार करना बंद कर दिया. इससे उस इलाके का काम पूरी तरह ठप हो गया. अगले ही साल इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 2 साल की सजा हुई.
  • बिरसा के शिष्यों ने अकाल के वक्त भी लोगों की भरपूर सहायता की. इस काम ने उन्हें जीते ही महापुरुष का दर्जा दे दिया. उस दौर में लोग उन्हें ‘धरती बाबा’ कहकर पुकारने लगे.
  • बिरसा ने एक नए धर्म का सृजन किया जिसे ‘बिरसाइत धर्म’ कहा जाता है. झारखंड और बिहार में लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं.
  • बिरसा मुंडा को बड़ा खतरा मानते हुए अंग्रेजों ने उन्हें जेल में डाल दिया और स्लो पॉइजन दिया. इस वजह से वह 9 जून 1900 को 25 साल से भी कम उम्र में शहीद हो गए.
  • झारखंड में बिरसा न सिर्फ सामाजिक व राजनीतिक चेतना के प्रतीक हैं बल्कि वह धार्मिक चेतना के भी अग्रणी माने जाते हैं. बिरसा ने एक नए धर्म का सृजन किया जिसे ‘बिरसाइत धर्म’ कहा जाता है. झारखंड और बिहार में लोग उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं.

14 नवम्बर: बाल दिवस, पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती

प्रत्येक वर्ष 14 नवम्बर को बाल दिवस (Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है. भारत में बच्चों की शिक्षा, देखभाल और अधिकारों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

बाल दिवस देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. यह नेहरू के जन्मदिन पर बच्चों के प्रति उनके स्नेह के रूप में मनाया जाता है. जवाहर लाल नेहरु को वर्ष 1955 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था.

1964 से पहले भारत में प्रत्येक वर्ष 20 नवम्बर को बाल दिवस मनाया जाता था. यह बाल दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा निश्चित किया गया था. वर्ष 1964 में जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के बाद भारत में 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाने पर सहमति बनी.

9 नवंबर: राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाना है.

मुख्य बिंदु

  • राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (NLSD) की शुरुआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिये की गई थी.
  • कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority-NALSA) का गठन किया गया है. भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है.
  • संविधान के अनुच्छेद 39 A अवसर की समानता के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने के लिये समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने का प्रावधान करता है. अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 22 (1), विधि के समक्ष समानता सुनिश्चित करने के लिये राज्य को बाध्य करता है.
  • NALSA महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, अनुसूचित जनजातियों (ST), बच्चों, अनुसूचित जातियों (SC), मानव तस्करी पीड़ितों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करता है.

निःशुल्क विधिक सेवाएँ प्रदान करने वाले विधिक सेवा संस्थान

राष्ट्रीय स्तर पर: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण
राज्य स्तर पर: राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण. इसकी अध्यक्षता राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है जो इसका मुख्या संरक्षक भी होता है.
जिला स्तर पर: राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण. जिला न्यायाधीश इसका कार्यकारी अध्यक्ष होता है.
तालुका स्तर पर: तालुक विधिक सेवा प्राधिकरण. इसकी नेतृत्व वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश करता है.
उच्च न्यायालय: उच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण.
सर्वोच्च न्यायालय: सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण.