Tag Archive for: Important Days- June

25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाएगा

भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना 12 जुलाई को जारी की थी.

25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष देश में आपातकाल लगाया था. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि यह दिवस उन घटनाओं का स्मरण कराएगा, जब भारत के संविधान को रौंदा गया था. यह दिन हर उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिसने आपातकाल की ज्‍यादतियों को सहा था.

1975 का आपातकाल: मुख्य बिन्दु

  • 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष देश में आपातकाल लगाया था जो 21 महीने तक देश में लागू रहा. 21 मार्च 1977 को इसे वापस ले लिया गया. देश में यह आपातकाल संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत लगाया था.
  • प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिपरिषद से परामर्श किये बिना तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को आपातकाल लगाने की सलाह दी.
  • आपातकाल के दौरान इंदिरा सरकार ने लोगों के सभी मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया था, विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी थी.
  • आपातकाल की घोषणा की उत्पत्ति 12 जून 1975 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले से मानी जाती है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रायबरेली लोकसभा सीट से इंदिरा गांधी के चुनाव को अमान्य घोषित का दिया था.
  • न्यायालय ने उन्हें चुनावी कदाचार का दोषी ठहराया था. उन पर अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया.
  • जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने इंदिरा सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू किया ताकि इंदिरा गांधी को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा सके.
  • जय प्रकाश नारायण ने पुलिस और सेना से सरकार के अनैतिक आदेशों की अवहेलना करने के लिए भी कहा.
  • सरकार ने इसे आंतरिक अशांति के कारण भारत की सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया और 25 जून 1975 को पूरे देश में आपातकाल लगा दिया.

संवैधानिक प्रावधान

  • भारत के राष्ट्रपति अनुच्छेद 352 (राष्ट्रीय आपातकाल), अनुच्छेद 356 (किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता) और अनुच्छेद 360 (वित्तीय आपातकाल) के तहत देश में आपातकाल लगा सकते हैं.
  • संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह (आंतरिक अशांति) के कारण पूरे देश या देश के किसी हिस्से की सुरक्षा को खतरा होने पर राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह आपातकाल लगा सकते हैं.
  • आंतरिक अशांति शब्द को बाद में 42वें संवैधानिक संशोधन 1978 द्वारा ‘सशस्त्र विद्रोह’ द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया.

30 जून: अंतर्राष्‍ट्रीय क्षुद्रग्रह (एस्‍टॉरायड) दिवस

प्रत्येक वर्ष 30 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय क्षुद्रग्रह (एस्‍टॉरायड) दिवस (International Asteroid Day) मनाया जाता है. क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले छोटे चट्टानी पिंड हैं जिन्‍हें अक्‍सर सूक्ष्‍म उपग्रह भी कहा जाता है. नासा के अनुसार इस समय लगभग 10.97 लाख ज्ञात एस्‍टॉरायड हैं.

यह दिवस 30 जून, 1908 को साइबेरिया में तुंगुस्‍का नदी के निकट क्षुद्रग्रह के अब तक के सबसे घातक घटना की वर्षगांठ पर आयोजित किया जाता है. यह मानव इतिहास में दर्ज सबसे बड़ा ज्ञात विस्फोट है. यह असर इतना व्‍यापक था कि 2150 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लगभग आठ करोड पेड नष्ट हो गए थे.

2016 में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने इसे लेकर जागरूकता लाने के लिए प्रस्‍ताव स्‍वीकार कर 30 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस घोषित किया था. पहला अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस 30 जून 2017 को मनाया गया था.

क्षुद्रग्रह (एस्टॉरायड) क्या है?

क्षुद्रग्रह ब्रह्माण्ड में विचरण कर रहे एक खगोलिय पिंड हैं. यह आकार में ग्रहो से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते हैं. वे ज्यादातर मंगल और बृहस्पति की के बीच पाए जाते हैं जिसे क्षुद्रग्रह बेल्ट कहा जाता है. एस्टॉरायड को छोटे ग्रहों के रूप में समझा जा सकता है जो सौर मंडल के जन्म के समय विकसित नहीं हो पाए.

29 जून: राष्‍ट्रीय सांख्यिकी दिवस, पीसी महालानोबिस की जंयती

प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य सामाजिक आर्थिक योजना में सांख्यिकी की भूमिका तथा देश के विकास में नीति नियमन विशेष रूप से युवा पीढ़ी में जागरुकता लाना है.

सांख्यिकी दिवस 2024 की थीम

29 जून 2024 को 18वां सांख्यिकी दिवस मनाया गया. सांख्यिकी दिवस 2024 का मुख्य विषय (थीम)- ‘निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग’ (Use of Data for Decision Making) है.

पीसी महालानोबिस की जंयती

यह दिवस प्रख्यात सांख्यिकीविद प्रोफेसर प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. उनका जन्म 29 जून 1893 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने सांख्यिकी में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. इसी को ध्यान में रखते हुए 2007 में उनकी जन्मतिथि के अवसर पर हर वर्ष 29 जून का दिन राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था.

पीसी महालानोबिस: एक दृष्टि

  • प्रशांत चंद्र महालनोबिस बंगाली साइंटिस्ट और अप्लाइड स्टैटिस्टीशन थे. उन्हें पॉप्युलेशन स्टडीज की सांख्यिकी माप ‘महालनोबिस डिस्टेंस’ (Mahalanobis distance) देने के लिए जाना जाता है.
  • वह स्वतंत्र भारत के पहले योजना आयोग (1956-61) के सदस्य भी थे. महालनोबिस ने कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना की थी. उनके इस योगदान के कारण उन्हें भारत में मॉडर्न स्टैटिस्टिक्स का जनक माना जाता है.
  • महालनोबिस को उनके द्वारा विकसित सैंपल सर्वे के लिए याद किया जाता है. इस विधि के अंतर्गत किसी बड़े जनसमूह से लिए गए नमूने सर्वेक्षण में शामिल किए जाते हैं और फिर उससे प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर विस्तृत योजनाओं को आकार दिया जाता है.
  • उन्होंने द्वितीय पंचवर्षीय योजना के लिए दो-सेक्टर इनपुट-आउटपुट मॉडल दिया, जिसे बाद में नेहरू-महालनोबिस मॉडल के रूप में जाना जाने लगा.
  • उन्हें देश के द्वितीय सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से वेल्डन मेमोरियल, फैलो ऑफ द रॉयल सोसाइटी, लंदन से सम्मानित किया जा चुका है.

27 जून: अन्तर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस

प्रत्येक वर्ष 27 जून को अन्तर्राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस (Micro, Small and Medium Sized Enterprises – MSME Day) मनाया जाता है. सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा सभी के लिए नवोन्मेषण एवं स्थायी कार्य को बढ़ावा देने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम आकार के उद्यमों बढावा देने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

MSME दिवस 2024 की थीम

इस वर्ष यानी 2024 के MSME दिवस की थीम ‘एक साथ मिलकर एक मजबूत भविष्य का निर्माण’ (Building a Stronger Future Together) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने प्रतिवर्ष 27 जून को इस दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा 2017 में थी. पहली बार MSME दिवस 27 जून 2017 को मनाया गया था. इस वर्ष यानी 2021 में छठा MSME दिवस मनाया गया.

श्रीजा अकुला WTT कंटेंडर एकल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं

हैदराबाद की श्रीजा अकुला, WTT (विश्व टेबल टेनिस) कंटेंडर एकल खिताब जीतने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं. श्रीजा अकुला ने डब्ल्यूटीटी कंटेंडर लागोस (WTT Contender Lagos) 2024 प्रतियोगिता में महिला एकल और युगल दोनों खिताब जीते.

डब्ल्यूटीटी कंटेंडर लागोस 2024: मुख्य बिन्दु

  • 80,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि वाली डब्ल्यूटीटी कंटेंडर लागोस 2024 प्रतियोगिता 19 जून से 23 जून 2024 तक नाइजीरिया के लागोस में आयोजित किया गया था.
  • भारत की नंबर एक महिला एकल टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला ने इस  प्रतियोगिता के फाइनल में चीन की यिजी डिंग को को हराकर अपना पहला डब्ल्यूटीटी कंटेंडर खिताब जीता .
  • श्रीजा अकुला ने सेमीफाइनल में साथी भारतीय सुतीर्था मुखर्जी को हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई थी.

26 जून: अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस

प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाया जाता है. मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम पर आधारित जागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य मादक पदार्थों के दुरुपयोग के साथ-साथ मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई के लिए जागरूकता बढ़ाना भी है.

थीम 2024

अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस 2024 का मुख्य विषय (थीम)- ‘लोग पहले: कलंक और भेदभाव को समाप्त करना, रोकथाम को मजबूत करना’ (People First: Ending Stigma and Discrimination, Strengthening Prevention) है.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UGNA) द्वारा 26 जून को ‘अन्तर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस’ के रूप में मनाये जाने की घोषणा 1987 में थी.

23 जून: संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस, अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस, अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस

23 जून: संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को ‘संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस’ (United Nations Public Service Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में सार्वजनिक सेवा के मूल्य और गुणों के बारे में जागरूक करना है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष ‘23 जून’ को संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा दिसंबर 2002 में की थी.

इस दिन संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार लोक सेवा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित पुरस्कार है.

भारत में सिविल सेवा दिवस प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को मनाया जाता है.


23 जून: अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को अंतर्राष्‍ट्रीय ओलिम्पिक दिवस (International Olympic Day) मनाया जाता है. यह दिवस पूरे विश्‍व में किसी भी भेद-भाव को दरकिनार करते हुए विभिन्‍न खेलों में सहभागिता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

इस वर्ष यानी 2024 में इस दिवस का थीम ‘Let’s Move and Celebrate’ था.

पेरिस में 23 जून 1894 को आयोजित आधुनिक ओलिम्पिक खेलों की शुरूआत के उपलक्ष्य में यह दिन मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति ने सभी राष्ट्रीय ओलिम्पिक समितियों (NOC) को ओलिम्पिक दिवस आयोजित करने की सिफारिश 1978 में की थी. इसका उद्देश्य ओलिम्पिक कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करना है.

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति: एक दृष्टि

अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति (IOC) की स्थापना 23 जून 1894 को पियरे डी कुबरटिन और डेमेत्रियोस विकेलस ने की थी. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉसेन में है. यह ओलिम्पिक खेलों के आयोजन के लिए एक नियामक संस्था है.


23 जून: अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 जून को अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (International Widows Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस विधवा महिलाओं की समस्याओं के प्रति समाज में जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस वर्ष का थीम ‘अदृश्य महिलाएं, अदृश्य समस्याएं’ (Invisible Women, Invisible Problems) था.

संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 23 जून को अन्तर्राष्ट्रीय विधवा दिवस घोषित किया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसकी घोषणा 2010 में की थी.

21 जून 2024: 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

21 जून 2024 को 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया गया. इस दिवस का उद्देश्य योग के लाभ के बारे में जागरूकता फैलाना है.

10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का राष्ट्रीय कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह के मुख्य अतिथि थे. इस वर्ष का विषय ‘स्वयं और समाज के लिए योग‘ था.

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास

  • 21 जून को को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस में मनाने की पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सितम्बर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी.
  • 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. पहला अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.
  • 21 जून वर्ष को सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है. इसी कारण इस दिन को योग दिवस के रूप में चुना गया.

21 जून: विश्व संगीत दिवस, विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस

विश्व संगीत दिवस

प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व संगीत दिवस (World Music Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य लोगों को संगीत के प्रति जागरूक करना है ताकि लोगों का विश्वास संगीत से न उठे.

विश्व संगीत दिवस को ‘फेटे डी ला म्यूजिक’ (Fête de la Musique) के नाम से भी जाना जाता है. इसका अर्थ म्यूजिक फेस्टिवल है.

विश्व संगीत दिवस की शुरुआत सन 1982 में फ्रांस में हुई थी जिसका श्रेय तात्कालिक सांस्कृतिक मंत्री श्री जैक लो को जाता है.


21 जून: विश्व हाइड्रोग्राफी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 21 जून को ही ‘विश्व हाइड्रोग्राफी डे’ (World Hydrography Day) मनाया जाता है. यह दिवस हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और जल के महत्व को प्रचारित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

यह दिवस एक वार्षिक उत्सव के रूप में अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (International Hydrographic Organization) द्वारा अपनाया गया था.

हाइड्रोग्राफी क्या है?
हाइड्रोग्राफी पृथ्वी पर मौजूद नदी, झील तालाब और समुद्र के जलभंडार का विवरण देता है. इसका प्रमुख उद्देश्य नेविगेशन (जहाज और नाव के संचालन) में सुबिधा के लिए डेटा उपलब्ध करना है.

20 जून: विश्‍व शरणार्थी दिवस

प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्‍व शरणार्थी दिवस (World Refugee Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शरणार्थियों के संघर्ष और योगदान को याद करना है.

विश्‍व शरणार्थी दिवस 2024 की थीम

इस वर्ष यानी 2024 में विश्‍व शरणार्थी दिवस का मुख्य विषय (थीम)- ‘एक ऐसे विश्व के लिए जहां शरणार्थियों का स्वागत किया जाता है’ (For a World Where Refugees Are Welcomed) है.

विश्‍व शरणार्थी दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रत्येक वर्ष विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा 2000 में की थी. इसे दिवस घोषित करने से पहले 20 जून को कई देशों में अफ्रीकी शरणार्थी दिवस औपचारिक रूप से मनाया गया था.

शरणार्थी (Refugee) क्या है?

शरणार्थी यानि शरण में उपस्थित असहाय, लाचार, निराश्रय तथा रक्षा चाहने वाले व्यक्ति या उनके समूह को कहते हैं. इस प्रकार वह व्यक्ति विशेष या उनका समूह जो किसी भी कारणवश अपना घरबार या देश छोड़कर अन्यत्र के शरणांगत हो जाता है, वह शरणार्थी कहलाता है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के अनुसार, विश्व में सबसे अधिक (6.6 मिलियन, 68%) शरणार्थी सीरिया से हैं. इसके बाद वेनेजुएला (3.7 मिलियन), अफगानिस्तान (2.7 मिलियन), दक्षिण सूडान (2.2 मिलियन) और म्यांमार (1.1 मिलियन) देशों से हैं.

19 जून: विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस

प्रत्येक वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell Day) मनाया जाता है. यह दिन सिकल सेल रोग, इसके उपचार के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए मनाया जाता है.

विश्व सिकल सेल दिवस 2024 का थीम (विषय)- प्रगति के माध्यम से आशा: विश्व स्तर पर सिकल सेल देखभाल को आगे बढ़ाना (Hope Through Progress: Advancing Sickle Cell Care Globally) था.

इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा वर्ष 2008 में की गई थी. पहला विश्व सिकल सेल दिवस वर्ष 2009 में मनाया गया था.

सिकल सेल रोग क्या है?

  • सिकल सेल रोग (SCD) एनीमिया (रक्ताल्पता) लाल रक्त कणिकाएं (RBC) की एक प्रमुख वंशानुगत असामान्यता है.
  • सामान्य अवस्था में RBC गोलाकार होती है और उनका जीवनकाल 120 दिन तक होता है. परन्तु सिकल सेल रोग में RBC का आकार अर्धचंद्र/हंसिया (sickle) की तरह होता है और इनका जीवनकाल मात्र 10-20 तक ही होता है.
  • ये असामान्य आकार की RBC कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाओं में फंस जाती हैं, जिससे शरीर के कई हिस्सों में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम या रुक जाता है.
  • यह RBC के जीवन काल को भी कम करता है तथा एनीमिया का कारण बनता है, जिसे सिकल सेल एनीमिया (रक्ताल्पता) के नाम से जाना जाता है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की ज़रुरत पड़ती है.

सिकल सेल उन्मूलन मिशन-2047

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2023 को मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल उन्मूलन मिशन-2047 का शुभारंभ किया गया था.

18 जून: ऑटिस्टिक प्राइड डे, ऑटिज्म से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 18 जून को ‘ऑटिस्टिक प्राइड डे’ (Autistic Pride Day) मनाया जाता है. इसका उद्देश्य यह जागरुकता लाना है कि ऑटिज्म कोई रोग नहीं बल्कि स्नायु तंत्र का विकार है जिसके कारण व्यक्ति के व्यवहार और सामाजिक संपर्क में असंतुलन आ जाता है.

ऑटिस्टिक प्राइड डे 2024 का थीम ‘मुखौटा उतारना’ (Taking the Mask Off) है.

इस दिन को एक इंद्रधनुष अनंत प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है, जो ऑटिस्टिक लोगों की अनंत संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है.

इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को ‘विश्व ऑटिज्म दिवस’ मनाया जाता है. यह संयुक्त राष्ट्र के 7 आधिकारिक स्वास्थ्य विशिष्ट दिनों में से एक है.

ऑटिज्म क्या है?

यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो बातचीत और दूसरे लोगों से व्यवहार करने की क्षमता को सीमित कर देता है. हर एक बच्चे में इसके अलग-अलग लक्षण होते हैं. कुछ बच्चे बहुत जीनियस होते हैं. कुछ को सीखने-समझने में भी परेशानी होती है. 40 प्रतिशत ऑटिस्टिक बच्चे बोल नहीं पाते. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक 160 में से एक बच्चा ऑटिस्टिक है.