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मुंबई आतंकी हमले के मास्‍टर माइंड तहव्‍वुर राणा का अमरीका से प्रत्यर्पण

  • 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को 10 अप्रैल 2025 को अमेरिका से भारत लाया गया.
  • अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी याचिका खारिज करने के बाद उसे भारत प्रत्यर्पित किया गया था.
  • पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर को भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत लाया गया है.
  • भारत पहुंचने पर उसे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गिरफ्तार कर लिया. राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में विशेष एनआईए न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया.
  • राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाउद गिलानी और नामित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहादी इस्लामी के आतंकवादियों के साथ 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है.
  • 2008 के मुंबई में आतंकवादी हमलों में छह अमरीकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे. और 238 से अधिक घायल हुए थे.
  • इन हमलों में एकमात्र जीवित पकड़े गए आतंकवादी, पाकिस्तान के अजमल कसाब को बाद में भारत की अदालतों द्वारा दोषी ठहराया गया और उसे फांसी दे दी गई थी.

अमेरिका में गिरफ्तारी और भारत प्रत्यर्पण

  • 2009 में अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफ़बीआई) ने मुंबई और डेनमार्क में हमले की साजिश रचने के आरोप में पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था.
  • बाद में डेविड कोलमैन सरकारी गवाह बन गया और उसने मुंबई आतंकी साजिश और तहव्वुर राणा की भूमिका का विस्तृत विवरण दिया.
  • 2020 में, एनआईए ने अमेरिका से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का अनुरोध किया और लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अंततः उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया.

तहव्वुर राणा कौन है?

  • 64 वर्षीय तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. वह पाकिस्तानी सेना में एक चिकित्सा अधिकारी था और बाद में कनाडा चला गया और कनाडा का नागरिक बन गया.
  • बाद में, वह अमेरिका चला गया जहाँ उसने फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज कंपनी की स्थापना की. इसी कंपनी ने डेविड कोलमैन हेडली को आतंकवादी हमलों के लिए लक्ष्य चुनने के लिए मुंबई की टोह लेने के लिए कवर प्रदान किया.
  • डेविड कोलमैन हेडली का असली नाम दाऊद सईद गिलानी है. वह तहव्‍वुर राणा का बचपन का दोस्‍त है. डेविड हेडली अभी अमेरिका की एक जेल में अपनी सजा काट रहा है.

अमरीकी ने भारत सहित कई देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की

  • अमरीकी ने भारत सहित कई देशों पर पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने की घोषणा की है. यह घोषणा अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल को की थी.
  • घोषणा के अनुसार अमेरिका भारत से आयातित वस्तुओं पर 26 प्रतिशत शुल्क लगाएगा.
  • श्री ट्रम्प ने कहा कि शुल्क पूरी तरह से पारस्परिक नहीं होंगे और अमरीका उन देशों द्वारा लगाए गए शुल्कों का लगभग आधा शुल्क वसूलेगा.
  • राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूरोपीय संघ से आयात पर 20 प्रतिशत और ब्रिटेन से 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की जो अमरीका के दो मुख्य व्यापारिक साझेदार और सहयोगी देश हैं.
  • चीन पर 34 प्रतिशत, भारत पर 26 प्रतिशत, बांग्‍लादेश पर 37 प्रतिशत, पाकिस्‍तान पर 29 प्रतिशत, श्रीलंका पर 44 प्रतिशत और इजराइल पर 17 प्रतिशत आयात शुल्‍क लगाया गया है.

क्या होता है पारस्परिक शुल्क?

जब एक देश किसी दूसरे देश से आयात होने वाले उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाता है और दूसरा देश जवाब में उसी अनुपात में या कम-ज्यादा दर पर टैरिफ लगा देता है, तो इसे पारस्परिक शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) कहा जाता है.

श्री डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमरीका के 47वें राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ली

  • श्री डोनाल्‍ड ट्रंप ने 20 जनवरी 2025 को अमरीका के राष्‍ट्रपति के रूप में शपथ ली. इस शपथ के साथ ही ट्रंप अमेरिका 47वें राष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जो बिडेन की जगह ली है.
  • शपथ ग्रहण समारोह वाशिंगटन डीसी में था जहां मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उन्हें शपथ दिलाई. श्री डोनाल्‍ड ट्रंप से पहले अमेरिका के 50वें उपराष्ट्रपति के रूप में जेडी वेंस ने शपथ ली.
  • अनेक विदेशी राजनेताओं ने इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव 2024

  • संयुक्त राज्य अमेरिका में नवंबर 2024 में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आवश्यक इलेक्टोरल वोट प्राप्त कर विजय हुए थे.
  • डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराया था. कोई भी महिला अब तक अमेरिका की राष्ट्रपति नहीं बनी है.
  • डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले 20 जनवरी 2017-19 जनवरी 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे. वह वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बिडेन से हार गए थे.
  • डोनाल्ड ट्रम्प के अलावा, ग्रोवर क्लीवलैंड एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जो राष्ट्रपति पद पर रहते हुए फिर से निर्वाचित होने में असफल रहे लेकिन उसके बाद अगला चुनाव जीते.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

  • अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है. इनका चुनाव 538 इलेक्टोरल कॉलेज वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है. जीतने वाले उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज का 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करना होता है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ दिलाया जाता है.
  • अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को अमेरिकी नागरिक होना आवश्यक है. न्यूनतम आयु 35 वर्ष है. एक व्यक्ति को दो बार, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुना जा सकता है.
  • फ्रैंकलिन रूज़वेल्ट,एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जिन्हे चार बार- 1933-1945 तक इस पद के लिए चुना गया था. 22वें संवैधानिक संशोधन 1951 ने अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल को चार-चार साल के दो कार्यकाल तक सीमित कर दिया.
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सिर्फ दो ही राजनीतिक दल हैं, रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी.
  • डेमोक्रेटिक पार्टी का चुनाव चिन्ह गधा है और इसका रंग नीला है. रिपब्लिकन पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी है और पार्टी का रंग लाल है.

अमेरिका ने बाल्ड ईगल को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने बाल्ड ईगल (Bald Eagle) को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने इससे संबंधित एक ऐतिहासिक विधेयक पर हस्ताक्षर 24 दिसम्बर को किए थे.
  • बाल्ड ईगल लगभग 250 वर्षों से अमेरिका का एक स्थायी प्रतीक रहा है, लेकिन इसे इस कानून के तहत राष्ट्रीय पक्षी के रूप में औपचारिक रूप से पहचान प्राप्त नहीं हुई थी.
  • बाल्ड ईगल संयुक्त राज्य अमेरिका की मुहर पर पहले से मौजूद है. इसका उपयोग आधिकारिक दस्तावेजों में वर्ष 1782 से किया जाता रहा है.
  • बाल्ड ईगल एक बड़ा शिकारी पक्षी है. अमेरिका में इसको शक्ति,स्वतंत्रता और देशभक्ति का प्रतीक माना जाता है.
  • आवास: बाल्ड ईगल उत्तरी अमेरिका में पाए जाते हैं और वे झीलों, नदियों और समुद्र के किनारे के क्षेत्रों में घोंसले बनाते हैं.
  • संरक्षण: 1960 के दशक में कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण बाल्ड ईगल की संख्या में काफी कमी आई थी. लेकिन संरक्षण के प्रयासों के कारण अब इनकी संख्या में वृद्धि हुई है.

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने बहुमत प्राप्त किए

संयुक्त राज्य अमेरिका हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आवश्यक इलेक्टोरल वोट प्राप्त कर विजय हुए हैं.

मुख्य बिन्दु

  • डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को हराकर चार साल का नया कार्यकाल हासिल किया. कोई भी महिला अब तक अमेरिका की राष्ट्रपति नहीं बनी है.
  • डोनाल्ड ट्रम्प के अलावा, ग्रोवर क्लीवलैंड एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जो राष्ट्रपति पद पर रहते हुए फिर से निर्वाचित होने में असफल रहे लेकिन उसके बाद अगला चुनाव जीते.
  • डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले 20 जनवरी 2017-19 जनवरी 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे. वह वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में जो बिडेन से हार गए थे.
  • डोनाल्ड ट्रम्प, 20 जनवरी 2025 को संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में जो बिडेन की जगह लेंगे.
  • रिपब्लिकन पार्टी के जेम्स डेविड वेंस अमेरिका के नए उपराष्ट्रपति होंगे.
  • रिपब्लिकन पार्टी ने इस चुनाव में संयुक्त राज्य अमरीका के संसद (कांग्रेस) के दोनों सदन- ‘सीनेट’ और ‘प्रतिनिधि सभा’ में भी बहुमत हासिल किए.

अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव 2024: एक दृष्टि

  • अमेरिका में नए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, अमेरिका के 50 राज्यों के गवर्नर और अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के नए सदस्यों का चुनाव करने के लिए 5 नवंबर 2024 को मतदान हुआ था.
  • अमेरिकी संसद को कांग्रेस कहा जाता है और यह द्विसदनीय है. इसमें 100 सदस्यीय सीनेट, उच्च सदन और 278 सदस्यीय निचला सदन-प्रतिनिधि सभा शामिल है.
  • राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस थीं. मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज़ डेमोक्रेटिक पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे.
  • रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थे और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ओहियो के सीनेटर जेम्स डेविड वेंस थे.
  • डेमोक्रेटिक पार्टी का चुनाव चिन्ह गधा है और इसका रंग नीला है. रिपब्लिकन पार्टी का चुनाव चिन्ह हाथी है और पार्टी का रंग लाल है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

  • अमेरिका के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है. इनका चुनाव 538 इलेक्टोरल कॉलेज वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है. जीतने वाले उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज का 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल करना होता है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ दिलाया जाता है.
  • अमेरिका के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार को अमेरिकी नागरिक होना आवश्यक है. न्यूनतम आयु 35 वर्ष है. एक व्यक्ति को दो बार, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुना जा सकता है.
  • फ्रैंकलिन रूज़वेल्ट,एकमात्र अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जिन्हे चार बार- 1933-1945 तक इस पद के लिए चुना गया था. 22वें संवैधानिक संशोधन 1951 ने अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल को चार-चार साल के दो कार्यकाल तक सीमित कर दिया.

पूर्व विदेश सचिव विनय कवात्रा अमेरिका में भारत के नए राजदूत नियुक्त

पूर्व विदेश सचिव विनय क्वात्रा को अमेरिका में भारतीय राजदूत नियुक्त किया गया है. विदेश मंत्रालय ने यह घोषणा 19 जुलाई 2024 को की गई थी. जनवरी में तरणजीत सिंह संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली था.

मुख्य बिन्दु

  • पूर्व भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी विनय मोहन कवात्रा भारत के 34वें विदेश सचिव थे. उनकी जगह विक्रम मिश्री को भारत का 35वां विदेश सचिव नियुक्त किया गया था.
  • राजदूत किसी देश के सर्वोच्च रैंकिंग राजनयिक होते हैं जो किसी विशेष देश या अंतर्राष्ट्रीय संगठन में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • एक राष्ट्रमंडल सदस्य देश द्वारा दूसरे राष्ट्रमंडल देश में नियुक्त सर्वोच्च रैंकिंग वाले राजनयिक को उच्चायुक्त कहा जाता है. किसी गैर राष्ट्रमंडल देश में नियुक्त सर्वोच्च रैंकिंग वाले राजनयिक को राजदूत कहा जाता है.
  • प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति राजदूत या उच्चायुक्त को नियुक्त करते हैं. जिस देश में व्यक्ति को राजदूत या उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त किया जाना है उस देश की मंजूरी भी आवश्यक होता है.

अमरीका और ब्रिटेन ने हूती आतंकी गुट के खिलाफ व्यापक हमले शुरू किए

अमरीका और ब्रिटेन ने यमन में हूती आतंकी गुट के खिलाफ व्‍यापक हमले शुरू कर दिए हैं. यह कार्रवाई लाल सागर से होकर गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों पर हूती आतंकी गुट के लगातार हमलों के बाद की गई है.

मुख्य बिन्दु

  • अमरीकी राष्‍ट्रपति जो. बाइडन ने एक वक्‍तव्‍य में हमलों की पुष्टि की है. उन्‍होंने कहा कि हमले अमरीकी रक्षा बलों ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ऑस्‍ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के सहयोग से किए हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी कहा कि आत्‍मरक्षा के लिए ये हमले जरूरी हैं.
  • अमरीका ने लाल सागर में हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए दस देशों के एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया है. इस कार्यबल का नाम ऑपरेशन प्रोस्‍पर्टी गार्जेन (Operation Prosperty Guardian) रखा गया है. इस कार्यबल में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, सिशिल्‍स, स्‍पेन और ब्रिटेन की नौसेनाएं शामिल हैं.
  • ईरान ने हूती विद्रोही समूहों का समर्थन किया है.  हूती विद्रोही समूह इस्राइल-हमास संघर्ष के विरोध में लाल सागर में व्यापारियों के जहाजों पर हमले कर रहा है.

कौन हैं हूती?

  • हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है. इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था. उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है.
  • 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक़ पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, ‘’ईश्वर महान है. अमेरिका का ख़ात्मा हो, इसराइल का ख़ात्मा हो. यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम का विजय हो.’’

अमरीका ने हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया

अमरीका ने लाल सागर में हूती धमकियों का मुकाबला करने के लिए दस देशों के एक नया बहुराष्ट्रीय कार्यवाही बल बनाया है. इस कार्यबल का नाम ऑपरेशन प्रोस्‍पर्टी गार्जेन (Operation Prosperty Guardian) रखा गया है.

मुख्य बिन्दु

  • इस कार्यबल में बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, नॉर्वे, सिशिल्‍स, स्‍पेन और ब्रिटेन की नौसेनाएं शामिल हैं. नई सुरक्षा पहल दक्षिणी लाल सागर में सुरक्षा चुनौतियों का समाधान निकालेगी.
  • अमरीका के रक्षामंत्री लॉएड ऑस्ट्रिन ने जानकारी देते हुए बताया कि हूसी ने लाल सागर में जहाजों को रोकने और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.
  • दक्षिणी लाल सागर में यमन और अदन की खाड़ी के निकट बॉब अल-मानदेब जल क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी देशों के जहाजों के आवागमन और क्षेत्रीय सुरक्षा तथा समृद्धि को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा.
  • ईरान ने हूती विद्रोही समूहों का समर्थन किया है, जो कि लगातार व्यापारियों के जहाजों पर हमले कर रहा है और उसने विभिन्न कंपनियों पर दबाव डाला था कि वे पिछले सप्ताहों में क्षेत्र में जहाजों के मार्गों को बंद करे.

कौन हैं हूती?

  • हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘ज़ैदी’ समुदाय का एक हथियारबंद समूह है. इस समुदाय ने 1990 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के कथित भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए इस समूह का गठन किया था. उनका नाम उनके अभियान के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर पड़ा है.
  • 2003 में अमेरिका के नेतृत्व में इराक़ पर हुए हमले में हूती विद्रोहियों ने नारा दिया था, ‘‘ईश्वर महान है. अमेरिका का ख़ात्मा हो, इसराइल का ख़ात्मा हो. यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम का विजय हो.’’

घटनाक्रम

  • नवंबर 2023 में हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में एक कार्गो शिप अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. उनका कहना था कि ये इसराइल का है.
  • तीन दिसंबर के बाद से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में कई सारे व्यापारिक जहाज़ों को निशाना बनाया है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी युद्धपोतों ने हवा से मार करने वाले ऐसे कई हथियारों को मार गिराया, फिर भी बहुत से जहाज़ इनकी चपेट में आ गए.
  • हूती विद्रोहियों ने 18 दिसंबर को भारत के वेरावल से सिर्फ 200 समुद्री मील दूर एक तेल टैंकर पर ड्रोन हमला किया था. लाइबेरियाई झंडे वाला यह टैंकर शिप इजरायल से संबंधित था और भारत आ रहा था.

अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन की इस्राइल यात्रा

अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन 18 अकतूबर को इस्राइल के दौरे पर थे. इससे ठीक पहले अमरीका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस्राइल और फलिस्‍तीन की यात्रा की थी.

मुख्य बिन्दु

  • राष्ट्रपति बाइडेन इस यात्रा के दौरान तेल अवीव में इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और जॉर्डन में अरब देशों के नेताओं से मिलने का कार्यक्रम था. लेकिन गाजा के अस्पताल पर हुए हमले के विरोध में जॉर्डन ने इस  मीटिंग को रद्द कर दिया.
  • लेकिन जॉर्डन की मीटिंग का कैंसिल होना दिखाता है कि मिडिल ईस्ट के नेताओं को बाइडेन पर भरोसा नहीं है.
  • अमेरिका चाहता है कि इजरायल गाजा के लिए मदद को अनुमति दे. इसके अलावा फंसे हुए अमेरिकी लोगों के लिए सुरक्षित रास्ता दे.
  • अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आतंकी संगठन हमास फलिस्‍तीन के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. श्री बाइडेन ने कहा कि हमास को पूरी तरह से खत्‍म किया जाना चाहिए.
  • 7 अक्टूबर को फलिस्‍तीन के आतंकी समूह हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था. इसमें 1300 से ज्यादा इजरायली मारे गए थे. इस घटना के बाद इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है.

अमरीका ने देश की कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर किया

अमरीका के राष्ट्रपति जो. बाइडेन ने देश की कर्ज लेने की सीमा बढ़ाने से जुड़े विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं.इससे पहले सीनेट ने कर्ज सीमा बढ़ाने से जुड़े विधेयक को इस सप्ताह मंजूरी दी थी।

मुख्य बिन्दु

  • अगर इस विधेयक पर समय रहते हस्ताक्षर नहीं किए गए होते तो अमरीका अपने ऋण का भुगतान करने में विफल रहता.
  • विधेयक पर हस्ताक्षर से राजकोषीय उत्तरदायित्व अधिनियम के माध्यम से सरकार के कर्ज लेने की सीमा पर लगी रोक हट गई है।
  • अमरीकी वित्त विभाग ने 5 जून तक कर्ज सीमा नहीं बढ़ाने की स्थिति में चेतावनी देते हुए कहा था कि अमरीकी सरकार 31 ट्रिलियन कर्ज का भुगतान करने में विफल हो सकती है.

अमरीका, भारत और UAE के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की सऊदी अरब युवराज से मुलाकात

अमरीका, भारत और संयुक्‍त अरब अमीरात के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री मोहम्‍मद बिन सलमान से 7 मई को मुलाकात की थी. इस मुलाकात में बुनियादी ढांचे पर क्षेत्रीय पहल के सम्‍बंध में चर्चा की.

  • भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, अमरीका के जैक सुलिवान और संयुक्‍त अरब अमीरात के शेख ताहनून बिन जायद अल नाह्यान ने ऑस्‍ट्रेलिया में इस महीने होने वाले क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन से पहले इस बैठक में भाग लिया.
  • अमरीका ने कहा है कि इस बैठक में नेताओं को भारत और विश्‍व से जुडे अधिक सुरक्षित और खुशहाल मध्‍य-पूर्व क्षेत्र के संबंध में अपने दृष्टिकोण साझा करने के लिए कहा गया.
  • सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बैठक में इन देशों के बीच संबंधों को इस तरीके से मजबूत करने के उपायों पर चर्चा हुई ताकि इस क्षेत्र में विकास और स्थिरता को बढावा मिले.
  • भारत के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस दौरान अमरीका के अपने समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक की और आपसी तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

अमेरिका ने स्वीडन और फिनलैंड को NATO के सदस्यता के लिए अनुमोदन किया

अमेरिका ने स्वीडन और फिनलैंड को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) मे शामिल करने के लिए अनुमोदन कर दिया है. अमरीका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने 9 अगस्त को दोनों देशों के नैटो गठबंधन में शामिल होने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.

मुख्य बिन्दु

यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई की प्रतिक्रिया में स्‍वीडन और फिनलैंड ने नैटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन किया था. जबकि, रूस इसके खिलाफ दोनों देशों को लगातार चेतावनी देता रहा है.

तुर्की ने शुरू में नैटो संगठन में इन नॉर्डिक देशों के प्रवेश का विरोध करते हुए आरोप लगाया था कि दोनों देश कुर्द अलगाववादियों को आश्रय दे रहे हैं. मैड्रिड में त्रिपक्षीय बैठक में तुर्की ने कुछ शर्तों के बाद विरोध समाप्त कर दिया था.

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) क्या है?

नाटो या NATO, North Atlantic Treaty Organization (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) का संक्षिप्त रूप है. यह 30 यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों का एक सैन्य गठबन्धन है जो रूसी आक्रमण के खिलाफ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1949 में बनाया गया था. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है. नाटो सदस्य देशों ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत बाहरी हमले की स्थिति में सदस्य देश सहयोग करते हैं.

नाटो के सदस्य देश

मूल रूप से नाटो में 12 सदस्य (फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) थे जो अब बढ़कर 30 हो गए हैं.

नाटो के अन्य सदस्य देश: ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, चेक गणराज्य, हंगरी, पोलैंड, बुल्गारिया, एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, अल्बानिया, क्रोएशिया, मोंटेनेग्रो, उत्तर मैसेडोनिया (2020 मे शामिल), स्वीडन (2022 प्रस्तावित) और फिनलैंड (2022 प्रस्तावित).