G20 देशों के संसदीय वक्ताओं का 6ठा शिखर सम्मेलन टोक्यो में आयोजित किया गया

G20 देशों के संसदीय वक्ताओं का 6ठा शिखर सम्मेलन 3 से 5 नवंबर तक जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित किया गया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया.

इस शिखर सम्मेलन में व्यापार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास से संबंधित अलग-अलग विषयों पर तीन सत्र आयोजित किया गया.

तीसरा RCEP सम्‍मेलन: भारत ने मुक्‍त व्‍यापार समझौते में शामिल न होने का फैसला लिया

तीसरा क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक भागीदारी (रिज़नल कॉम्प्रिहेन्सिव इकॉनामिक पार्टरशिप) सम्‍मेलन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 4 नवम्बर को आयोजित किया गया. प्रधानमंत्री ने इस सम्‍मेलन में हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में आसियान और व्‍यापारिक साझेदार देशों के बीच प्रस्‍तावित मुक्‍त व्‍यापार समझौते के विभिन्‍न पहलुओं पर विचार-विमर्श हुआ.

भारत ने मुक्‍त व्‍यापार समझौते में शामिल न होने का फैसला लिया

भारत ने रीजनल कॉम्प्रिहंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है. RCEP समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि RCEP के तहत कोर हितों पर कोई समझौता नहीं होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की चिंता असमान व्यापारिक घाटे को लेकर है. भारतीय बाज़ार में अवसर उपलब्ध होंगे लेकिन साथ ही ये भी सुनिश्चित होना चाहिए कि समान अवसर भारतीय व्यवसाय और उत्पादों को भी मिले जिससे भारत की स्थिति भी बराबरी की हो.

भारत का कहना है कि RCEP समझौता अपनी मूल मंशा को नहीं दर्शा रहा है और इसके नतीजे संतुलित और उचित नहीं हैं. भारत ने इस समझौते में कुछ नई मांग रखी थी. भारत का कहना था कि इस समझौते में चीन की प्रधानता नहीं होनी चाहिए, नहीं तो इससे भारत को व्यापारिक घाटा बढ़ेगा.

क्या है क्षेत्रीय व्‍यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP)?

  • RCEP, Regional Comprehensive Economic Partnership का संक्षिप्त रूप है. यह आसियान देशों और उनके व्यापार सहयोगी देशों के बीच मुक्त व्यापार वार्ता मंच है.
  • आसियान और उसके व्‍यापारिक साझेदार देशों के बीच आर्थिक संबंध को मजबूत करने के लिए नवम्‍बर 2012 में RCEP का गठन किया गया था.
  • RCEP समझौते के तहत सदस्य देशों के बीच आयात और निर्यात कर मुक्त या आंशिक कर लगाने का प्रावधान था.
  • RCEP में 10 आसियान देशों के अलावा भारत, चीन, जापान, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के शामिल होने का प्रावधान था, जिसमें से अब भारत ने इसमें से बाहर रहने का फैसला किया है.
  • भारत का मानना है कि आयात शुल्क कम करने या खत्म करने से विदेश (मुख्य तौर पर चीन) से भारी मात्रा में सामान भारत आएगा और इससे देश के घरेलू उद्योगों को काफी नुकसान होगा.
  • दुनिया के लगभग 29 प्रतिशत व्‍यापार इन देशों के बीच होता है. RCEP मुक्त व्यापार को लेकर यदि समझौता हो जाता है तो विश्‍व की 50 प्रतिशत अर्थव्‍यवस्‍था इसके दायरे में शामिल हो जाती.

शहरी क्षेत्रों में भूकम्‍प संबंधी शोध और बचाव पर SCO का संयुक्‍त अभ्‍यास

शहरी क्षेत्रों में भूकम्‍प संबंधी शोध और बचाव पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) देशों का संयुक्‍त अभ्‍यास (Shanghai Cooperation Organization Joint Exercise on Urban Earthquake) 4 से 7 नवम्बर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह ने इस संयुक्‍त अभ्‍यास का उद्घाटन किया. इस अभ्‍यास की मेजबानी राष्‍ट्रीय आपदा मोचन बल कर रहा है.

इस अभ्यास सत्र में चीन, भारत, रूस सहित सभी सदस्य देश ने भाग लिया. इसके साथ ही ब्राजील, मंगोलिया और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों को पर्यवेक्षकों के रूप में आमंत्रित किया गया था.

इसका उद्देश्‍य आपदा से निपटने की कार्रवाई संबंधी जानकारी और अनुभव तथा परस्‍पर सहयोग के लिए प्रौद्योगिकी उपयोग का अभ्‍यास करना है. इससे विभिन्‍न एजेंसियों के बीच परस्‍पर सहयोग बढ़ाने का भी अवसर मिलेगा.

19वां गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन अजरबैजान के बाकू में आयोजित किया गया

19वां गुट निरपेक्ष शिखर सम्मेलन (19th Non Aligned Movement Summit Baku, Azerbaijan) अजरबैजान के बाकू में 25-26 अक्टूबर को आयोजित किया गया. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू इस सम्मलेन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. इस वर्ष सम्मेलन का थीम ‘समकालीन विश्व की चुनौतियों के समाधान के लिए बाण्डुंग सिद्धांतों का अनुपालन’ था.

सम्मलेन में सदस्य देशों के बीच विश्व शांति, सुरक्षा, सह-अस्तित्व और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा हुई. भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दुनियाभर के देशों के सामने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रश्रय दिए जाने की निंदा की. उपराष्ट्रपति ने गुटनिरपेक्ष देशों के संगठन से अपनी प्रसंगिकता बनाए रखने के लिए बदलती वैश्विक चुनौतियों के अनुसार अपना फोकस भी बदलने की बात कही.

इससे पहले तीन दिवसीय दौरे पर अज़रबैजान गये उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सम्मेलन से पहले ईरान, नेपाल और बांग्लादेश के नेताओं से मुलाकात की. वेंकैया नायडू ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयन्ती पर डाक टिकट जारी करने के लिए अजरबैजान को धन्यवाद दिया.

गौरतलब है कि NAM में दुनिया के 120 देश शामिल हैं. पिछली बार वेनेजुएला में 2016 में ये सम्मेलन हुआ था. भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक सदस्य रहा है. गुटनिरपेक्ष आंदोलन का जन्म तब हुआ था, जब दुनिया पूरी तरह से अमेरिकी और पू्र्व सोवियत खेमे में बंटी थी.

91वीं इंटरपोल महासभा 2022 की मेजबानी भारत को मिला

भारत 91वीं इंटरपोल महासभा की 2022 में मेजबानी करेगा. यह आयोजन देश की आजादी के 75वें वर्ष के साथ होगा. इंटरपोल के महासचिव जुरगेन स्‍टोक ने यह प्रस्‍ताव नई दिल्‍ली में केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस वर्ष अगस्‍त में अपनी भारत यात्रा के दौरान दिया था.

चिली में 88वीं इंटरपोल महासभा की बैठक
भारत को मेजबानी सौंपने के प्रस्ताव पर सहमति 18 अक्टूबर को सैंटियागो, चिली में हुई 88वीं इंटरपोल महासभा की बैठक में हुई. भारत में इंटरपोल का प्रतिनिधित्व करने वाले CBI के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने इस महासभा में प्रस्ताव पेश किया था. इसके बाद इस प्रस्ताव पर मतदान हुआ था जिसमें सदस्य देशों का ‘जबरदस्त समर्थन’ मिला.

इंटरपोल: मुख्य तथ्य

  • इंटरपोल (International Criminal Police Organisation) एक अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग संगठन है, जिसमें भारत समेत 194 सदस्य देश हैं. इंटरपोल का मुख्यालय लीओन, फ्रांस में है और इसकी स्थापना अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन के तौर पर 1923 में हुई थी.
  • सबसे पुराने सदस्यों में शुमार भारत 1949 में इस संगठन में शामिल हुआ था. भारत में अब तक केवल एक बार 1997 में इंटरपोल महासभा का आयोजन किया गया था.

स्‍कंदगुप्‍त विक्रमादित्‍य पर बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय संगो‍ष्‍ठी आयोजित की गयी


बनारस हिंदू विश्‍वविद्यालय में गुप्‍त वंश के पूर्व शासक स्‍कन्‍दगुप्‍त विक्रमादित्‍य की भूमिका और प्रासंगिकता तथा देश के राजनीतिक भविष्‍य विषय पर 17-18 अक्टूबर को अन्तर्राष्ट्रीय संगो‍ष्‍ठी आयोजित की गयी. केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संगो‍ष्‍ठी का उद्घाटन किया.

संगो‍ष्‍ठी का मकसद अपने राष्ट्र नायक के बार में युवा पीढ़ी को जानकारी देना था. संगोष्‍ठी में भारत के अलाबा जापान, मंगोलिया, थाइलैंड, श्रीलंका, वियतनाम, अमेरिका और नेपाल के कई इतिहासकार, विद्वान और राजनीतिक चिंतकों ने अपने-अपने विचार रखे.

गृहमंत्री ने संबोधन में उन्होंने इतिहासकारों और विद्वानों से नई पीढ़ी को जानकारी देने के लिए भारतीय परिप्रेक्ष में इतिहास का पुनर्लेखन करने का अनुरोध किया. गृहमंत्री ने कहा कि इतिहास ने स्‍कंदगुप्‍त के साथ अन्‍याय किया और देश के इतिहास, संस्‍कृति और राजनीति में किेये गये उनके योगदान की अनदेखी की गई.

इस संगो‍ष्‍ठी का विषय था गुप्तवंशैकवीराह जिसका मतलब है गुप्त वंश का एक ही वीर स्कंदगुप्त विक्रमादित्य. हूणों के साथ प्रमुख युद्ध वाराणसी के नजदीक औंड़िहार नामक जगह पर हुआ जिसका नाम हूण हार यानी हूणों की हार से निकला. इस युद्ध का एक विजय स्तंभ भी गाजीपुर के सैदपुर इलाके में भीतरी में स्कंदगुप्त ने बनवाया जिस पर भी इस सेमिनार में चर्चा की गयी.

8वां अन्तर्राष्ट्रीय शेफ क्रांफेंस: स्वास्थ्य मंत्री ने ‘ट्रांस फैट-फ्री’ का लोगो जारी किया

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) का 8वां अन्तर्राष्ट्रीय शेफ क्रांफेंस (IFCA’s 8th International Chefs Conference 2019) 5 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित किया गया. इस क्रांफेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार स्वास्थ्य कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने ‘ट्रांस फैट-फ्री’ का लोगो जारी किया.

यह ट्रांस-फैट्स के खिलाफ आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और FSSAI के ‘ईट राइट इंडिया’ आंदोलन को गति प्रदान करेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ संबोधन में FSSAI के ईट राइट मूवमेंट का जिक्र किया था.

दूसरा भारत-सिंगापुर हैकथॉन IIT मद्रास में आयोजित किया गया

भारत-सिंगापुर हैकथॉन का दूसरा संस्करण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास में 26 से 28 सितम्बर तक आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हैकथॉन के समापन समारोह में हिस्सा लिया. प्रधानमंत्री ने IIT मद्रास के 56वें दीक्षान्‍त समारोह के अवसर पर दीक्षांत समारोह को भी संबोधित किया.

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर में नवंबर 2018 में स्मार्ट कैंपस थीम के तहत हैकेथॉन के पहले संस्करण का शुभारंभ किया था. इस वर्ष IIT मद्रास में हैकेथॉन की मेजबानी भारत ने की. ये हैकेथॉन तीन प्रमुख विषयों- अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण, बेहतर शिक्षा और किफायती तथा साफ ऊर्जा पर आयोजित किया गया.

हैकाथॉन “स्मार्ट कैम्पस” थीम पर केंद्रित रचनात्मक और अभिनव समाधान विकसित करने के लिए एक 36 घंटे की प्रतियोगिता थी. भारत और सिंगापुर के प्रत्येक विश्वविद्यालय के तीन -तीन छात्र-छात्राओं की 20 टीम ने इसमें भाग लिया.


अमरीका, जापान, भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के संगठन के विदेश मंत्रियों की न्‍यूयॉर्क में पहली बैठक

अमरीका, जापान, भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के संगठन (Quad) के विदेश मंत्रियों की 26 सितम्बर को न्‍यूयॉर्क में पहली बैठक हुई. बैठक में मुक्‍त हिंद प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा हुई.

विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्‍शु मोतेगी, अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और ऑस्‍ट्रलिया के विदेश मंत्री मैरिस पेने ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के कार्यनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.

अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि बैठक में हिंद प्रशात क्षेत्र को मुक्‍त बनाने, उत्‍तर कोरिया के परमाणु हथियार खत्‍म करने और क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई.


पहला कैरीकॉम-भारत शिखर सम्‍मेलन न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया

न्यूयॉर्क में भारत-कैरिकॉम नेताओं की पहली बैठक 25 सितम्बर को हुई. इस बैठक में 15 कैरिकॉम देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक का आयोजन भारत की पहल पर हुआ था. सेंट लूसिया के प्रधानमंत्री ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में कैरेबियाई समुदाय के नेताओं से मुलाकता की. उन्होंने कैरिकॉम देशों को अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदाओं से निपटने के लिए प्रस्तावित ढांचे में शामिल होने का न्यौता भी दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों से निपटने के लिए सहयोग को बढ़ाना था.

कैरिकॉम नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई पहलों का स्वागत किया और इन प्रयासों को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया. दोनों पक्षों के बीच सहयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान के लिए एक संयुक्त कार्यबल गठित करने का भी निर्णय लिया गया.

प्रधानमंत्री ने कैरिकॉम में सामुदायिक विकास परियोजनाओं के लिए 14 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान और सौर, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित परियोजनाओं के लिए 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण व्यवस्था की भी घोषणा की.

कैरीकॉम देश: एक दृष्टि

  • कैरीकॉम (कैरीबियन समुदाय) लगभग 1,77,000 वर्ग मील में फैले हैं और 15 देशों में इनकी जनसंख्या लगभग 1.8 करोड़ है.
  • एंटीगुआ एंड बारबुडा, बहामास, बारबडोस, बेलीज, डोमिनिक, ग्रेनाडा, गुयाना, हैती, जमैका, सैंट किट्स एंड नेविस, सैंट लूसिया, सैंट विंसेंट एंड द ग्रेनाडाइन्स, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो ने सम्मेलन में भाग लिया.
  • कैरीबियन समुदाय (कैरीकॉम) और भारत ने अपने दशकों पुराने संबंधों को दोबारा मजबूत करते हुए इसी महीने के.जे. श्रीनिवास को कैरीकॉम में अपना नया राजदूत नियुक्त किया.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा 2019: प्रशांत द्वीप PSIDS राष्‍ट्रों के नेताओं के साथ वार्ता बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 से 27 सितंबर तक अमेरिका की यात्रा पर थे. इस यात्रा के दौरान वह संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74वें अधिवेशन को संबोधित करने के साथ-साथ कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 24 सितम्बर को न्‍यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 74वें अधिवेशन से अलग प्रशांत द्वीप के विकासशील देशों (PSIDS) के नेताओं के साथ वार्ता बैठक की. बैठक में प्रधानमंत्री ने भारत और PSIDS देशों को साझा भविष्‍य के लिए मिलकर काम करने की बात कही.

श्री मोदी ने PSIDS देशों में प्रभावशाली विकास परिेयाजनाओं के लिए एक करोड़ बीस लाख अमरीकी डॉलर के अनुदान की घोषणा की. इससे इस क्षेत्र के प्रत्‍येक देश को दस लाख डॉलर मिलेंगे ताकि वह अपनी पसंद की परियोजना में निवेश कर सके. इसके अतिरिक्‍त प्रत्‍येक देश की जरुरत के लिए पन्‍द्रह करोड़ डॉलर की रियायती ऋण सुविधा की भी घोषणा की गई. जिसका लाभ PSIDS राष्‍ट्र सौर और नवकरणीय ऊर्जा तथा जलवायु परिवर्तन संबंधी परियोजनाओं में निवेश के लिए कर सकते हैं.

श्री मोदी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के दुष्‍प्रभाव से निपटने के प्रति समान रूप से प्रतिबद्ध है और वह PSIDS को इस बारे में उनके लक्ष्‍य हासिल करने में सहायता करेगा.

PSIDS क्या है?
PSIDS, Pacific Islands Developing States का संक्षिप्त रूप है. इसके अन्तर्गत प्रशांत द्वीप के 14 विकासशील देश आते हैं. ये देश हैं: फिजी, निउए, किरिबाती गणराज्य, कुक आइलैंड, मार्शल आइलैंड, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, नाउरू गणराज्य, पलाऊ गणराज्य, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड, टोंगा, तुवालु और वानुआतु.


संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन 2019 का न्यूयॉर्क में आयोजन

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन (Climate Action Summit) 23 सितम्बर को न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया. इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पेरिस समझौते का शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित करना था. सम्मेलन का उदघाटन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने किया. उन्होंने दुनिया के नेताओं से जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने और समस्या के समाधान मुहैया कराने का आह्वान किया.

सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन

अमेरिका की यात्रा पर गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया और संबोधित किया. श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के रोक-थाम को जन-आंदोलन बनाने की बात कही.

उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान की रोकथाम में भारत में किये गये उल्लेखनीय प्रयासों की चर्चा की:

  • भारत सरकार ने पंद्रह करोड़ परिवारों को स्वच्छ रसोई गैस उपलब्ध कराई है.
  • 15 अगस्त 2019 से ‘सिंगल यूज़’ प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है.
  • जल के उचित उपयोग के लिए अगले पांच वर्षों में 50 अरब डॉलर खर्च किया जायेगा.
  • गैर-परंपरागत ईंधन उत्पादन के लक्ष्य को दोगुने से अधिक बढ़ाकर वर्ष 2022 तक 450 गीगावाट तक का लक्ष्य है.
भारत और स्वीडन मिलकर, “इंडस्ट्री ट्रांजीशन ट्रैक” के “लीडरशिप ग्रुप” का गठन.

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और स्वीडन के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर, “इंडस्ट्री ट्रांजीशन ट्रैक” के “लीडरशिप ग्रुप” का गठन किया है. यह पहल सरकारों और निजी क्षेत्र को साथ लाकर इंटस्ट्री के लिए लो कार्बन Pathways बनाने में अहम भूमिका अदा करेगी.

ग्रेटा थनबर्ग चर्चा में रहीं

जलवायु परिवर्तन पर हुए सत्र को स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता सोलह वर्षीया ग्रेटा थनबर्ग ने विकसित देशों पर अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी न करने का आरोप लगाया. विश्व नेताओं को भावुकता से संबोधित करते हुए ग्रेटा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण लोग यातना झेल रहे हैं, मर रहे हैं और पूरी पारिस्थितिकीय प्रणाली ध्वस्त हो रही है.

ग्रेटा थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के समक्ष पेरिस समझौते के मुताबिक कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए विरोध प्रदर्शन किये जाने के कारण चर्चित हो गयीं थीं.

सम्मेलन के मुख्य बिंदु
  • संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में दुनिया की सबसे ज्‍यादा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित करने वाले उद्योगों को कम कार्बन उत्‍सर्जन वाली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करने के लिए एक नई पहल शुरू की गई है.
  • भारत और स्‍वीडन के साथ अर्जेन्‍टीना, फिनलैण्‍ड, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैण्‍ड, लग्‍जमबर्ग, हॉलैण्‍ड, दक्षिण कोरिया तथा ब्रिटेन और कंपनियों के एक समूह ने उद्योगों में इस तरह के बदलाव लाने के लिए एक नये नेतृत्‍व समूह की घोषणा की है.

स्वास्थ्य कवरेज पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्चस्तरीय बैठक

न्यूयॉर्क में 23 सितम्बर को स्वास्थ्य कवरेज पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गयी. बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में वित्तीय और राजनीतिक सहयोग प्राप्त करना था. इस बैठक का शीर्षक “व्यापक स्वास्थ्य कवरेजः अधिक स्वस्थ विश्व के निर्माण की दिशा में सम्मिलित प्रयास” था. इस बैठक में विभिन्न देशों, राजनीतिक और स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रमुखों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बैठक को संबोधित किया.