प्रख्यात गणितज्ञ सीएस शेषाद्रि का निधन

प्रख्यात गणितज्ञ कांजिवरम श्रीरंगचारी शेषाद्रि का 19 जुलाई को चेन्नई में निधन हो गया. वह 88 साल के थे. साल 2009 में उन्हें देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.

बीजगणितीय ज्यामिति (algebraic geometry) के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें जाना जाता है. बीजगणितीय ज्यामिति में Seshadri constant उसके नाम पर रखा गया है.

शेषाद्रि ने अपने करियर की शुरुआत टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में स्नातक छात्रों के पहले बैच के रूप में की थी. 1985 में वह चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान चले गए. 1989 में उन्हें स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स शुरू करने का मौका मिला, जो स्पिक साइंस फाउंडेशन का हिस्सा था. उन्हें 1988 में रॉयल सोसाइटी का फेलो और 2010 में अमेरिका के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस का फॉरेन एसोसिएट चुना गया था.

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जानी-मानी नृत्‍य निर्देशक सरोज खान का देहांत

सिनेमा जगत की जानी-मानी नृत्‍य निर्देशक सरोज खान का 3 जुलाई को देहांत हो गया. वे 71 वर्ष की थीं. सरोज खान ने चार दशक से अधिक समय तक दो हजार से अधिक गीतों के लिए नृत्‍य निर्देशन किया.

उनका बचपन का नाम निर्मला था. विभाजन के बाद उनके माता-पिता भारत आए उन्‍होंने तीन वर्ष की उम्र में बाल कलाकार के रूप में नजराना फिल्‍म से अपने कैरियर की शुरूआत की. बाद में 1950 के दशक में उन्‍होंने नृत्‍य निर्देशक के रूप में काम किया. उन्‍होंने फिल्‍म कोरियोग्राफर बी सोहन लाल से नृत्‍य का प्रशिक्षण लिया. बाद में वे स्‍वयं कोरियोग्राफी की ओर उन्‍मुख हुई.

सरोज खान ने 1974 में बनी गीता मेरा नाम फिल्‍म में पहली बार स्‍वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में काम किया था. 1987 में बनी मिस्‍टर इंडिया में हवा-हवाई गीत और 1986 में नगीना, 1989 में चांदनी जैसी फिल्‍मों और 1988 में माधुरी दीक्षित के साथ तेजाब फिल्‍म के सुपरहिट गीत एक-दो-तीन से उन्‍हें ख्‍याति प्राप्‍त हुई.

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फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का निधन

लोकप्रिय फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को मुंबई में अपने फ्लैट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह 34 वर्ष के थे और बीते 6 महीने से डिप्रेशन में थे. सुशांत बिहार के मूल निवासी थे उनका जन्म पटना में हुआ था.

सुशांत सिंह राजपूत ने ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बख्शी’, ‘केदारनाथ’, ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’, पीके और ‘छिछोरे’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया था. सुशांत ने छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत की थी.

उनका टीवी सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से दर्शकों के बीच काफी चर्चित था. उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2013 में फिल्म ‘काई पो चे’ से की, जिसके लिए उन्हें पदार्पण के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकन मिला था.

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मशहूर संगीत निर्देशक वाजिद ख़ान का निधन

मशहूर संगीत निर्देशक वाजिद ख़ान का 1 जून को मुंबई में निधन हो गया. वह 42 साल के थे और किडनी की समस्या से पीड़ित थे. वाजिद अपने भाई और जोड़ीदार साजिद ख़ान के साथ मिलकर साजिद-वाजिद के युगल नाम से फ़िल्मों में संगीत की रचना करते थे. साजिद-वाजिद ने कई फ़िल्मों में हिट म्यूज़िक दिया था.

वाजिद ख़ान ने साजिद के साथ 1998 की फ़िल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से बतौर म्यूज़िक कंपोज़र अपना करियर शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने कई फ़िल्में कीं.

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मशहूर गीतकार योगेश गौड़ का निधन

भारतीय फिल्म के मशहूर गीतकार योगेश गौड़ का 29 मई को निधन हो गया. लखनऊ में जन्मे गीतकार योगेश ने अपने दौर में कई बेहतरीन गीत हिंदी सिनेमा को दिए. ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली’, ‘रिमझिम गिरे सावन’, ‘कई बार यूं ही देखा है’, ‘ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा’ आदि योगेश के चुनिंदा बेहतरीन गीतों में से थे.

योगेश के सिनेमा का सफर फिल्म रॉबिन से शुरू हुआ था. इस फिल्म के लिए योगेश ने छह गीत लिखे थे. इसके बाद 1974 में फिल्म रजनीगंधा, 1976 में फिल्म छोटी सी बात, 1979 में फिल्म बातों-बातों में और मंजिल सहित कई फिल्मों को योगेश ने अपने गीतों के दम पर यादगार कर दिया. योगेश की आखिरी बड़ी रिलीज फिल्म बेवफा सनम थी.

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छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन

छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का 29 मई को निधन हो गया. वे 74 वर्षी के थे. जोगी राज्य विधानसभा, लोकसभा, राज्यसभा और केंद्रीय कैबिनेट के सदस्य रहे.

अजीत जोगी नवंबर 2000 से नवंबर 2003 तक छत्तीसगढ़ के गठन के बाद राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे. अपने अंतिम समय में जेसीसी-जे पार्टी से जुड़े थे. उन्होंने खुद ही इस पार्टी का गठन किया था. वह वर्तमान में मरवाही विधानसभा सीट से विधायक थे.

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जाने-माने फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का निधन

जाने-माने फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का 30 अप्रैल को मुंबई में निधन हो गया. वे 67 वर्ष के थे और ल्यूकेमिया (रक्त कैंसर) से पीड़ित थे.

ऋषि कपूर ने अपने पिता राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में बाल कलाकार के रूप में वे पहली बार फिल्म में अभिनय किया था. उसके बाद ‘मेरा नाम जोकर’ फिल्म के लिए बाल कलाकार के रूप में उन्होंने अपना राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता. वर्ष 1973 में फिल्म ‘बॉबी’ में उन्होने मुख्य नायक के रूप में पहली बार अभिनय किया था.

लैला मजनू, रफू चक्कर, कर्ज़, चांदनी, हीना और सागर जैसी फिल्मों में रोमांटिक नायक के रूप में उनके अभिनय को काफी सराहा गया.

वर्ष 2008 में उन्हें ‘फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2011 में ‘दो दुनी चार’ में अभिनय के लिए उन्होने ‘फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड’ दिया गया, वही वर्ष 2017 में ‘कपूर एंड संस’ में अपनी भूमिका के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता.

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जाने-माने फिल्म अभिनेता इरफ़ान खान का निधन

जाने-माने अभिनेता इरफ़ान खान का 29 अप्रैल को मुंबई में निधन हो गया. 54 वर्षीय इरफान, कैंसर से पीडि़त थे. 2018 में उनमें न्‍यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था. इरफान खान पेट की समस्या से जूझ रहे थे, उन्हें कोलोन इंफेक्शन हुआ था. इरफान को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए याद किया जाएगा.

  • इरफान ने National School of Drama से 1984 में अभिनय (एक्टिंग) की पढ़ाई की थी. उन्होंने ‘चाणक्य’, ‘भारत एक खोज’, ‘सारा जहां हमारा’, ‘बनेगी अपनी बात’, ‘चंद्रकांता’ और ‘श्रीकांत’ जैसे सीरियल में काम किया.
  • इरफ़ान खान का बॉलीवुड में सफर 1988 में मीरा नायर की फिल्‍म सलाम बॉम्‍बे से शुरू हुआ था. उन्होंने पहली बार 2005 की फिल्म ‘रोग’ में लीड रोल किया था. इसके बाद उन्‍होंने कई फिल्‍मों में काम किया, लेकिन मकबूल, लाइफ इन ए मेट्रो, पान सिंह तोमर और पीकू, हिंदी मीडियम, अंग्रेगी मीडियम जैसी फिल्‍मों से उन्‍हें खास पहचान मिली.
  • इरफ़ान खान ने स्‍लम डॉग मिलेनियर, अ माइटी हार्ट, जुरासिक वर्ल्‍ड और द अमेजिंग स्‍पाइडर मैन जैसी अनेक अन्तर्राष्ट्रीय फिल्‍मों में भी काम किया. उनकी फिल्‍म लाइफ ऑफ पाय ने बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की.
  • फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें कला और सिनेमा में दिए उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने 2011 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था.
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ब्रिटेन के मशहूर कॉमेडियन टिम ब्रुक-टेलर का निधन

ब्रिटेन के मशहूर कॉमेडियन टिम ब्रुक-टेलर का 13 अप्रैल को निधन हो गया. वे 79 वर्ष के थे. उनकी मौत कोरोना वायरस (कोविड 19) के संक्रमण से हुआ.

ब्रुक ‘गुडीज’ (The Goodies) नामक मशहूर हास्य कलाकारों की तिकड़ी का हिस्सा थे. ‘गुडीज’ में ब्रुक के अलावा ग्रीम गार्डन और बिल ऑडी भी थे. ब्रुक ने 1960 में टीवी और रेडियो पर कॉमेडी शुरू की थी. वहीं 1975 में ब्रुक के गाने ‘फंकी गिबन’ काफी लोकप्रिय था. ब्रुक टीवी शो ‘एट लास्ट द 1948 शो’ का अहम हिस्सा रहे थे.

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ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का निधन

ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का 27 मार्च को निधन हो गया. वे 104 साल की थीं. वे 140 देशों में फैले अन्तर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान का संचालन कर रही थीं.

दादी जानकी महज 21 साल की उम्र में ब्रह्माकुमारी संस्थान के संपर्क में आईं थीं. चौथी तक पढ़ी दादी जानकी ने ईश्वरीय सेवाओं के लिए पश्चिमी देशों को चुना. 1970 में पहली बार लंदन गईं और 35 वर्षों तक वहीं रहकर सौ से ज्यादा देशों में ईश्वरीय संदेश को पहुंचाया. हजारों-लाखों लोगों को जीवन जीने की कला सिखाई.

दादी जानकी ने नारी शक्ति को आगे बढ़ाते हुए 46 हजार बहनों को तैयार किया, जो लोगों में आध्यात्मिकता के जरिए ज्ञान, राजयोग और साधना से मूल्यनिष्ठता को स्थापित करने में जुटी हैं. ब्रह्माकुमारी संस्थान दुनिया की एकमात्र संस्था है जिसके सभी केंद्रों की प्रमुख महिलाएं होती हैं.

दादी जानकी स्वच्छता के संदर्भ में हमेशा से सक्रीय रही हैं. देश और विदेश में इसके लिए अभियान चलाती रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था.

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संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के पूर्व महासचिव जेवियर पेरेज़ डी क्यूएलर का निधन

संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के पूर्व महासचिव जेवियर पेरेज़ डी क्यूएलर का 4 मार्च को उनके पैतृक देश पेरू में निधन हो गया. वे 1981 से लेकर 1991 तक संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के महासचिव रहे. पेरेज़ डी क्यूएलर ईरान-इराक युद्ध और अल सल्वाडोर में चल रहे गृह-युद्ध के दौरान संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रमुख रहे थे.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में अपने दो कार्यकालों के दौरान उन्होंने लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में शांति समझौते किए. उनकी एक प्रमुख उपलब्धि आठ वर्षों के संघर्ष के बाद 1988 में ईरान और इराक के बीच युद्ध विराम के लिए बातचीत रही.

ईरान-इराक युद्ध के अलावा 1991 में अपने दूसरे कार्यकाल के अंत में डी क्यूएलर ने पश्चिमी सहारा में युद्ध की स्थिति को खत्म करने व अल सल्वाडोर, कंबोडिया व निकारागुआ में गृह-युद्ध को खत्म करने में मदद की.

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कंप्यूटर वैज्ञानिक लैरी टेस्लर का निधन; CUT, COPY, PASTE कमांड को विकसित किया था

कंप्यूटर वैज्ञानिक लैरी टेस्लर का 19 फरवरी को निधन हो गया. वह 74 वर्ष के थे. उन्होंने कंप्यूटर में CUT, COPY, PASTE सहित कई महत्वपूर्ण कमांड को विकसित किया था.

टेस्लर की CUT, COPY, PASTE कमांड की खोज ने लोगों के लिए पर्सनल कंप्यूटर को उपयोग करना आसान बना दिया. इसके अलावा उन्होंने फाइंड और रिप्लेस जैसे कई कमांड बनाए. इनसे टेक्स्ट लिखने से लेकर सॉफटवेयर डेवलप करने जैसे कई काम आसान हो गए.

लैरी टेस्लर ने कैलिफोर्निया के स्टैंफर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की थी. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने यूजर इंटरफेस डिजाइन में एक्सपर्टाइज हासिल की. इस दौरान उन्होंने यूजर के लिए कंप्यूटर को और आसान बनाना सीखा.

टेस्लर ने 1960 के दशक की शुरुआत में सिलिकॉन वैली में काम करना शुरू किया था. यह दौर था जब कंप्यूटर नया-नया सामने आया था. उन्होंने दुनिया की कई बड़ी कंपनियों के लिए काम किया जिसमें Apple, Amazon और Yahoo शामिल हैं.

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