जम्मू और कश्मीर काडर के अधिकारियों का AGMUT काडर में विलय किया गया

सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFOS) अधिकारियों का AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केन्‍द्रशासित प्रदेश) काडर में विलय कर दिया है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में अधिसूचना ‘जम्मू कश्मीर पुनगर्ठन संशोधन अध्यादेश 2021’ को 7 जनवरी को मंजूरी दी. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने इस अधिसूचना को राष्ट्रपति के मंजूरी के लिए भेजा था.

इस नयी व्‍यवस्‍था से अब देश के अन्‍य राज्‍यों में नियुक्‍त इन सेवाओं के अधिकारी जम्‍मू कश्‍मीर में तैनात किए जा सकेंगे और जम्‍मू कश्‍मीर में नियुक्‍त ऐसे अधिकारियों को दूसरे राज्‍यों में भेजा जा सकेगा. इस संबंध में केंद्र सरकार के नियमों के तहत जरूरी संशोधन किए जाएंगे. जिन अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित काडर मिला हैं वह केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत ही काम करते रहेंगे.

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प्रधानमंत्री ने माल ढुलाई के विशेष गलियारे के न्‍यू मदार – न्‍यू रेवाड़ी खण्‍ड का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने पश्चिमी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) के ‘न्‍यू मदार – न्‍यू रेवाड़ी’ खण्‍ड का 7 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया. WDFC का 306 किलोमीटर लम्बा यह गलियारा लगभग 5800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इस खंड के चालू होने से हरियाणा के रेवाड़ी तथा महेन्‍द्रगढ़ और राजस्‍थान के अजमेर तथा सीकर में उद्योगों को फायदा होगा.

प्रधानमंत्री ने इससे पहले 29 दिसम्बर 2020 को पूर्वी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के ‘न्यू भाऊपुर- न्यू खुर्जा खण्‍ड का उद्घाटन किया था. EDFC का 351 किलोमीटर लम्बा यह गलियारा 5750 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.

विश्‍व की पहली 1.5 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन

प्रधानमंत्री ने न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया. यह विश्‍व की पहली 1.5 किलोमीटर लंबी डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन है.

दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तैयार करने की योजना

  • सरकार माल ढुलाई के लिए विशेष रेल-मार्ग का निर्माण कर रहा है. इसके तहत दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (गलियारे) तैयार किया जा रहा है. पूर्वी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) और पश्चिमी डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC). दोनों गलियारे का निर्माण डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) द्वारा किया जा रहा है.
  • पूर्वी डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) पंजाब के औद्योगिकल लुधियाना को पश्चिम बंगाल के दानपुनी से जोड़ रहा है. 1856 किलोमीटर के इस कॉरिडोर रूट में कोयला खाने हैं, थर्मल पावर प्‍लांट है, औद्योगिक शहर है, इनके लिए फीडर मार्ग भी बनाये जा रहे हैं. इस कॉरिडोर में 135 स्‍टेशन होंगे.
  • वहीं पश्चिमी डेडिकेटड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) महाराष्‍ट्र में जेएनटी गोव उत्‍तर प्रदेश के दादरी से जोड़ता है. लगभग 1500 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में गुजरात के मुंदरा, कांडला, पीपावा, दहेज और हजीरा के बड़े बंदरगाहों के लिए फीडर मार्ग होंगे.
  • इन दोनों फ्रेट कॉरिडोर के इर्द-गिर्द, दिल्‍ली, मुंबई इंडस्‍ट्रीयल कॉरिडोर और अमृतसर, कोलकाता इंडस्‍ट्रीयल कॉरिडोर भी विकसित किये जा रहे हैं.
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राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने ‘गौ विज्ञान’ पर राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित किये जाने की घोषणा की

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (RKA) ने ‘गौ विज्ञान’ (Cow Science) पर राष्ट्रीय परीक्षा आयोजित किये जाने की घोषणा की है. इसकी घोषणा RKA के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने 5 जनवरी को की. इस परीक्षण का उद्देश्य देशी गायों और इसके फायदे के बारे में छात्रों और आम लोगों के बीच रुचि पैदा करना है.

यह परीक्षण प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जायेगा. इस वर्ष इस परीक्षा का आयोजन 25 फरवरी को किया जाएगा. इस ऑनलाइन परीक्षा का नाम ‘गौ विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा’ होगा. इस परीक्षा में प्राथमिक, माध्यमिक और कॉलेज स्तर के छात्र और आम लोग निशुल्क हिस्सा ले सकेंगे

इस परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे और आयोग की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम के बारे में ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा. परीक्षा परिणामों की घोषणा तुरंत कर दी जाएगी और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे. साथ ही होनहार उम्मीदवारों को इनाम दिया जाएगा.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग क्या है?

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में की थी. इसका लक्ष्य गायों के संरक्षण, संवर्द्धन के लिए काम करना है. यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत आता है.

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री की भारत यात्रा रद्द, गणतंत्र दिवस 2021 समारोह में मुख्य अतिथि थे

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा को रद्द कर दिया है. वह गणतंत्र दिवस 2021 समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले थे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर भारत आने में अपनी असमर्थता व्यक्त की.

कोरोना वायरस के खतरनाक स्ट्रेन की वजह से ब्रिटेन में लॉकडाउन लगाया गया है. प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि उनके लिए ब्रिटेन में रहना महत्वपूर्ण है ताकि वह वायरस को रोकने के लिए ध्यान केंद्रित कर सकें. बातचीत में बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि वह 2021 की पहली छमाही में भारत का दौरा करने में सक्षम होने की उम्मीद करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 नवंबर को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान जॉनसन को औपचारिक रूप से आमंत्रित किया था. भारत में किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री को गणतंत्र दिवस के मौके पर लंबे समय बाद बुलाया गया था. आखिरी बार साल 1993 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉन मेजर गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बने थे.

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर 5 जनवरी को निर्णय सुनाया. जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने 2-1 के बहुमत से सरकार को इस प्रोजेक्ट के निर्माण की अनुमति दी. इस निर्णय के साथ ही नए संसद भवन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.

लुटियंस जोन में सेंट्रल विस्टा परियोजना के निर्माण को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पर्यावरण मंजूरी समेत कई मुद्दों पर सुनवाही करते हुए कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया. कोर्ट ने अपने निर्णय में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखा और निर्माण के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखने की बात कही.

जस्टिस खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के अलावा पीठ के तीसरे जज जस्टिस संजीव खन्ना ने भी परियोजना को मंजूरी पर सहमति जताई, लेकिन भूमि उपयोग में बदलाव संबंधी फैसले और परियोजना को पर्यावरण मंजूरी दिए जाने पर असहमति जताई.

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है?

केंद्र सरकार ने दिल्ली के लुटियंस जोन में सेंट्रल विस्टा के निर्माण की घोषणा सितंबर, 2019 में की थी. इस परियोजना पर 20 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन के निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी.

इस परियोजना में संसद की नई त्रिकोणीय इमारत होगी, जिसमें एक साथ 900 से 1200 सांसद बैठ सकेंगे. इसका निर्माण 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अगस्त, 2022 तक पूरा किया जाना है. इसमें केंद्रीय सचिवालय का निर्माण वर्ष 2024 तक करने की योजना है.

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भारत में COVID-19 वैक्सीन के रूप में कोविशील्ड और कोवैक्‍सीन को स्वीकृति

भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोविड के दो टीकों के आपात स्थिति में सीमित उपयोग की स्वीकृति दे दी है. CDSCO ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया के कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटैक के कोवैक्‍सीन (Covaxin), को अनुमति दी है. औषधि महानियंत्रक (DGCA) वीजी सोमानी ने इसकी घोषणा 3 जनवरी को की.

दोनों टीकों का आपात उपयोग के बारे में केन्‍द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर यह स्‍वीकृति प्रदान की गयी है. कोविशील्ड और कोवाक्सिन दोनों टीकों में से किसी एक टिके की दो खुराकें दी जाएगीं.

कोविशील्ड

कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका के साथ भारत में पुणे की प्रयोगशाला सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया में विकसित किया गया है.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया ने 23745 लोगों संबंधी सुरक्षा, रोग प्रतिरक्षा क्षमता के आकड़े प्रस्‍तुत किये और वैक्‍सीन के समग्र प्रभाव कार्य का 70.42 प्रतिशत पाई गई. इ‍सके अतिरिक्‍त संस्‍थान को देश में 1600 लोगों पर दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दी गई.

कोवैक्‍सीन

भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद और राष्‍ट्रीय विषाणु संस्‍थान पूणे के सहयोग से कोवैक्‍सीन तैयार किया है. को-वैक्‍सीन का तीसरे चरण का परीक्षण भारत में 25800 स्‍वयंसेवियों पर किया गया था. यह पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है जिसका अनुसन्धान और निर्माण भारत में किया गया है.

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया

भारत में किसी दवा और वैक्सीन के मंजूरी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा दिया जाता है. यह देश में दवा से संबंधित सभी नियामक कार्यों के लिए जिम्मेदार है. DCGI भारत में दवाओं के विनिर्माण, बिक्री, आयात और वितरण के लिए मानक स्थापित करती है.

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RBI ने देशभर में डिजिटल भुगतान सूचकांक तैयार किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देशभर में भुगतान के डिजिटलीकरण के स्तर का पता लगाने के लिए एक समग्र डिजिटल भुगतान सूचकांक (Digital Payments Index-DPI) बनाया है. इसके लिए आधार अवधि मार्च 2018 को बनाया गया है. RBI के अनुसार, मार्च 2019 और मार्च 2020 के लिए DPI क्रमश: 153.47 और 207.84 रहा. यह अच्छी वृद्धि का संकेत देता है.

RBI-DPI में पांच व्यापक मानदंड शामिल

RBI मार्च 2021 से चार महीने के अंतर के साथ RBI-DPI का प्रकाशन छमाही आधार पर अपनी वेबसाइट पर करेगा. इसका मकसद डिजिटल भुगतान के तौर-तरीकों की स्थिति का सटीक आकलन करना है. RBI ने विभिन्न समयावधि में डिजिटल भुगतान की स्थिति का आकलन करने के लिए पांच व्यापक मानदंड शामिल किये हैं. ये मानदंड हैं:

  1. भुगतान को सुगम बनाने वाले (25 फीसदी)
  2. भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा-मांग पक्ष कारक (10 फीसदी)
  3. भुगतान संबंधी बुनियादी ढांचा-आपूर्ति पक्ष कारक (15 फीसदी)
  4. भुगतान प्रदर्शन (45 फीसदी)
  5. उपभोक्ता केंद्रित (5 फीसदी)
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भारत 1 जनवरी 2021 को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का अस्‍थायी सदस्‍य बना

भारत 1 जनवरी 2021 को संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) का अस्‍थायी सदस्‍य बन गया. संयुक्‍त राष्‍ट्र के इतिहास में भारत 8वीं बार प्रतिष्ठित सुरक्षा परिषद के का अस्‍थायी सदस्‍य बना है. भारत का दो साल का कार्यकाल से 31 दिसम्बर 2022 तक होगा.

जून 2020 में हुए चुनाव में भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको, नॉर्वे और केन्या को इसका का अस्‍थायी सदस्‍य चुना गया था. 193 सदस्‍यों वाली संयुक्‍त राष्ट्र महासभा में भारत को 184 मत मिले थे. भारत, एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 2021-22 के लिए अस्‍थायी सदस्‍यता का एकमात्र उम्‍मीदवार था.

भारत अगस्त, 2021 में UNSC का अध्यक्ष पद संभालेगा. नियमों के अनुसार, हर सदस्य देश अंग्रेजी वर्णानुक्रम के अनुसार बारी-बारी से एक महीने के लिए अध्यक्षता करता है.

संयुक्त राष्ट्र संघ: एक दृष्टि

  • संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 24 अक्तूबर 1945 को विश्व के 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर हस्ताक्षर कर किया था. भारत शुरुआती दिनों से ही इसका सदस्य है.
  • संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग हैं- 1. सुरक्षा परिषद्, 2. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, 3. महासभा, 4. सचिवालय, 5. आर्थिक और सामाजिक परिषद् और 6. न्यायसिता परिषद्.
  • संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं- अरबी, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रसियन और स्पैनिश. आधिकारिक भाषाएं छह हैं, लेकिन यहां पर संचालन भाषा केवल अंग्रेजी और फ्रेंच हैं.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है. अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए इसका गठन किया गया है.
  • सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य हैं- पांच स्थाई और दस अस्‍थायी (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). चीन, फ़्रांस, रूस, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके स्थाई सदस्य हैं. दस अस्‍थायी सदस्य क्षेत्रीय आधार पर सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है.
  • सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों को वीटो पॉवर मिली हुई है, जबकि अस्थायी सदस्य के पास वीटो का अधिकार नहीं होता.

वीटो क्या है?

वीटो (veto) का शाब्दिक अर्थ है- ‘मैं अनुमति नहीं देता हूं’. मौजूदा समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका के पास वीटो पावर है. स्थायी सदस्यों के फैसले से अगर कोई भी सदस्य सहमत नहीं है तो वह वीटो पावर का इस्तेमाल करके उस फैसले को रोक सकता है.

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भारत ने हवा से गिराये जाने वाले कंटेनर सहायक-एनजी का पहला सफल परीक्षण किया

रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) ने नौसेना के साथ मिलकर हवा से गिराये जाने वाले कंटेनर सहायक-एनजी (SAHAYAK-NG) का पहला सफल परीक्षण किया है. यह परीक्षण गोवा के तट से किया गया. परीक्षण में इस कंटेनर को IL-38SD विमान से गिराया गया.

सहायक-एनजी क्या है?

सहायक-एनजी भारत का पहला स्वदेशी कंटेनर है. यह GPS से लैस है और 50 किलो भार के साथ विमान से गिराया जा सकता है. इसके माध्यम से दूर तैनात जहाजों को जरूरत के सामानों की आपूर्ति की जा सकती है. DRDO और निजी कंपनी एवांटेल की दो प्रयोगशालाओं में इसका विकास हुआ है. हवा से गिराया जाने वाला सहायक-एनजी कंटेनर सहायक MKI का एडवांस वर्जन है.

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जमीन से हवा में मार करने वाली MRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण

भारत ने 24 दिसम्बर को मध्‍यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) का सफल परीक्षण किया. यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया. इस परिक्षण के दौरान बंसी नामक एक मिसाइल को हवा में उड़ाया गया, जिस पर सटीक निशाना लगाते हुए MRSAM मिसाइल ने पल भर में ध्वस्त कर दिया। इससे पहले MRSAM मिसाइल का 17 मई 2019 को नौसेना के जहाज से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

MRSAM मिसाइल: एक दृष्टि

  • MRSAM, Medium Range Surface to Air Missile का संक्षिप्त रूप हैं.
  • इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर डिजाईन किया है. इसका निर्माण भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने किया है.
  • यह 2469.6 किमी प्रति घंटे की गति से दुश्मन पर कर हमला सकती है. यह मिसाइल 14.76 फीट लंबी और 276 किलोग्राम वजनी है.
  • यह मिसाइल 70 किमी के दायरे में आने वाली मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोनों, निगरानी विमानों को मार गिराएगी.
  • यह हवा से एकसाथ आने वाले कई दुश्मनों पर 360 डिग्री में घूमकर एकसाथ हमला कर सकती है.

इजरायल से MRSAM का समझौता

DRDO ने MRSAM मिसाइल के लिए इजरायल एयरोस्‍पेस इंडस्‍ट्रीज (IAI) के साथ 17 हजार करोड़ रुपये के करार पर दस्तखत किए हैं. इसके तहत 40 लॉन्चर्स और 200 मिसाइलें तैयार होंगी.

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ISRO ने संचार उपग्रह CMS-01 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 17 दिसम्बर को भारत के नये संचार उपग्रह CMS-01 का प्रक्षेपण किया. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्‍द्र से किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का यह अपने देश में 77वां प्रक्षेपण था.

प्रक्षेपण PSLV C-50 अन्तरिक्ष यान से

CMS-01 का प्रक्षेपण PSLV C-50 अन्तरिक्ष यान से किया गया. PSLV का ये 52वां अभियान था. इस अभियान में PSLV C-50 ने CMS-01 उपग्रह को भू-समतुल्‍य अंतरण कक्षा में प्रक्षेपित किया. यह अभियान केवल 21 मिनट में पूरा हो गया.

CMS-01 उपग्रह: एक दृष्टि

CMS-01 संचार उपग्रह (Communication Satellite) है. यह उपग्रह 2011 में प्रक्षेपित की गई GSAT-2 संचार उपग्रह का जगह लेगा. इसका उपयोगी जीवनकाल सात वर्ष का होगा. इसकी मदद से टीवी चैनलों की पिक्चर गुणवत्ता सुधरने के साथ ही आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी.

CMS-01 उपग्रह में ट्रांसपोंडर लगे हैं, जिनसे Extended-C Band का इस्‍तेमाल करते हुए सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी. इस उपग्रह के दायरे में भारत की मुख्य भूमि, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह होंगे.

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 2021 के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे. भारत के दौरे पर आए वहां के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत में इस बात की पुष्टि की.

प्रधानमंत्री जॉनसन ने गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के भारत के निमंत्रण को स्वीकर कर लिया है. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ब्रिटेन की G7 सम्मलेन में बतौर अतिथि राष्ट्र के रूप में शामिल होने का न्योता भी दिया है. भारत के साथ दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया भी G7 सम्मलेन में अतिथि सदस्य के तौर पर शामिल होंगे.

जॉनसन भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनने वाले दूसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे. उनसे पहले 1993 में जॉन मेजर को यह सम्मान दिया गया था.

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि का चयन

गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के चयन के लिए सबसे पहले विदेश मंत्रालय भारत के संबंधों के आधार पर कुछ देशों के नाम आगे करता है. फिर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भवन की मंजूरी ली जाती है. फिर चयनित नेता को न्योता दिया जाता है.

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