भारतीय नौसेना ने भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ अपना पहला स्वदेश-निर्मित नेवल एंटी-ड्रोन सिस्टम (NADS) बनाने का समझौता किया है. यह समझौता 31 अगस्त को नौसेना और अनुसन्धान और विकास संगठन (DRDO) के अधिकारियों की उपस्थिति में हुआ. इस एंटी-ड्रोन सिस्टम को रक्षा DRDO ने विकसित किया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है.
एंटी-ड्रोन सिस्टम क्या है?
एंटी-ड्रोन सिस्टम काउंटर अनमैन्ड एयरक्राफ्ट प्रणाली पर काम करते हैं. ये सिस्टम दुश्मन ड्रोन्स और मानव-रहित हवाई उपक्रम या किसी भी प्रणाली का पता लगाते हैं और उन्हें रोक सकते हैं. यह देश के सशस्त्र बलों में शामिल होने वाला पहला स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-ड्रोन सिस्टम होगा.
एंटी ड्रोन सिस्टम का निर्माण इस तरह की तकनीक से बनाया गया है कि वह इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल, इंफ्रारेड सेंसर, रडार और रेडियो फ्रीक्वेंसी की मदद से ड्रोन को डिटेक्ट कर उसे पूरी तरह से जाम कर दे.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-09-02 13:28:552021-09-03 14:03:32भारतीय नौसेना के लिए स्वदेश-निर्मित नेवल एंटी-ड्रोन सिस्टम बनाने का समझौता
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 28 अगस्त को इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) का जहाज ‘विग्रह’ राष्ट्र को समर्पित किया. चेन्नई में कमीशन किया गया यह जहाज विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में तैनात होगा. पूर्वी समुद्र तट पर संचालित इस जहाज पर तटरक्षक क्षेत्र (पूर्व) के कमांडर का प्रशासनिक नियंत्रण होगा. यह अपतटीय गश्ती जहाजों (OPV) की श्रृंखला का सातवां जहाज है.
98 मीटर लम्बे इस अपतटीय गश्ती जहाज को लार्सन एंड टुब्रो शिप बिल्डिंग लिमिटेड ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है. जहाज में उन्नत प्रौद्योगिकी रडार, नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी लगाई गई है, जो उष्णकटिबंधीय समुद्री परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है.
पोत 40/60 बोफोर्स तोप से भी लैस है और अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ दो 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन से सुसज्जित है. जहाज पर एकीकृत पुल प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, स्वचालित बिजली प्रबंधन प्रणाली और उच्च शक्ति बाहरी अग्निशमन प्रणाली भी लगाई गई है.
जहाज को बोर्डिंग ऑपरेशन, खोज और बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त के लिए एक जुड़वां इंजन वाले हेलीकॉप्टर और चार उच्च गति वाली नौकाओं को ले जाने के लिए भी डिजाइन किया गया है.
जहाज लगभग 2,200 टन वजन के साथ दो 9100 किलोवाट डीजल इंजनों से संचालित किया जाता है, जिससे 26 समुद्री मील प्रति घंटे की अधिकतम गति से 5000 नॉटिकल माइल तक दूरी तय कर सकता है.
महासागर और समुद्र के कानून पर 2008 की रिपोर्ट में, तत्कालीन संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने समुद्री सुरक्षा के लिए 7 खतरों को रेखांकित किया: समुद्री डकैती, आतंकवाद, हथियारों और नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी, मानव तस्करी, अवैध मछली पकड़ने और पर्यावरण को नुकसान. यह जहाज इन खतरों से रक्षा करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-29 23:57:162021-08-31 07:24:12इंडियन कोस्ट गार्ड का जहाज ‘विग्रह’ राष्ट्र को समर्पित
केंद्र सरकार ने वाहनों के पंजीकरण के लिए ‘BH’ नामक एक नया वाहन पंजीकरण चिह्न (व्हीकल रजिस्ट्रेशन मार्क) जारी किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 27 अगस्त को भारत सीरीज के वाहनों की अधिसूचना जारी की थी.
BH वाहन सीरीज: मुख्य बिंदु
नई BH सीरीज (BH-series) पूरे देश में मान्य होगा. इस सीरीज के वाहनों को पंजीकरण को ट्रांसफर करने की भी जरूरत नहीं होगी. यह सुविधा रक्षा कर्मियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक आधार पर उपलब्ध होगी. चार या अधिक राज्यों में कार्यालय रखने वाली निजी कंपनियों के कर्मचारी भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
इसका सबसे बड़ा फायदा ट्रांसफरेबल जॉब वाले लोगों को होगा, जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते रहते हैं. यह लोगों को हर बार नए राज्य में जाने पर अपने वाहनों के पंजीकरण प्रमाण-पत्र को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया से बचाएगा और अपने स्थान को बदलने में काफी मददगार साबित होगा.
BH रजिस्ट्रेशन का फॉर्मेट ‘YY BH 4144 XX YY’ रखा गया है. जिसमें BH से पहले पंजीकरण के वर्ष को दर्शाता है, फिर भारत सीरीज कोड है.
BH सीरीज के तहत दो साल या 4, 6, 8 साल के लिए मोटर व्हीकल टैक्स लगेगा. यह योजना निजी वाहनों की मुफ्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी जब उन्हें नए राज्य में स्थानांतरित किया जाएगा.
वर्तमान नियम
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 47 के तहत, एक वाहन मालिक को अपने वाहन को उस राज्य के अलावा जहां वाहन पंजीकृत है, किसी अन्य राज्य में एक वर्ष से ज्यादा रखने की अनुमति नहीं है. मालिक को निर्धारित समय सीमा के भीतर नए राज्य प्राधिकरण के साथ एक नया पंजीकरण लेने की आवश्यकता होती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-29 23:19:002021-08-31 07:19:20केंद्र सरकार ने ‘BH’ नामक एक नया वाहन पंजीकरण चिह्न जारी किया
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 105वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी. यह अधिनियम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान उल्लिखित करने के लिए राज्य सरकारों की शक्ति को बहाल करता है. कानून और न्याय मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की थी.
भारतीय संविधान का 105वां संशोधन
संसद के दोनों सदनों ने अगस्त 2021 के मानसून सत्र में इससे संबंधित 127वें संविधान संशोधन विधेयक 2021 को सर्वसम्मति से पारित किया था. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस विधेयक ने भारतीय संविधान के 105वें संशोधन अधिनियम का रूप लिया है.
इस अधिनियम राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य पिछड़े वर्गों की सूची स्वयं बनाने का अधिकार बहाल करने का प्रावधान है. यह विधेयक अनुच्छेद 342A के खंड 1 और 2 में संशोधन करेगा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-23 18:25:582021-08-23 18:25:58भारतीय संविधान के 105वें संशोधन अधिनियम को मंजूरी दी गयी
Covid-19 रोधी स्वदेश विकसित वैक्सीन ‘जायकोव-डी’ (ZyCoV-D) के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी गयी. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसकी अनुमति 22 अगस्त को दी. इस वैक्सीन को 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को लगाया जा सकेगा.
‘जायकोव-डी’: मुख्य बिंदु
‘जायकोव-डी’, कोवैक्सीन (covaxin) के बाद देश में दूसरी स्वदेश विकसित वैक्सीन है जिसके आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. इसका विकास भारतीय कंपनी ‘जायडस कैडिला’ (Zydus Cadila) ने किया है. ‘जायकोव-डी’ दुनिया की पहली DNA आधारित कोरोना रोधी वैक्सीन है जिसका विकास भारत के वैज्ञानिकों ने किया है.
‘जायकोव-डी’ शरीर में SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करता है और एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है. इस प्रकार, यह रोग और वायरल निकासी से सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
पहले और दूसरे ट्रायल के आधार पर जायकोव-डी 66 प्रतिशत तक असरदार है. यह डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी 66 प्रतिशत तक प्रभावी है. इस वैक्सीन को 25 डिग्री सेल्सियस पर तीन महीने के लिए रखा जा सकता है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-23 18:24:582021-08-23 18:24:58Covid-19 रोधी स्वदेश विकसित वैक्सीन ‘जायकोव-डी’ के इस्तेमाल की अनुमति
देशभर में 15 अगस्त 2021 को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर से लगातार 8वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया.
राष्ट्र को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने अगले 25 वर्षों के लिए भारत की परिकल्पना प्रस्तुत की और कई योजनाओं की घोषणा की.
प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन की पीड़ा कभी भुलाई नहीं जा सकती और सरकार ने 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” घोषित किया है.
भारत प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान शुरू करने जा रहा है. समग्र ढांचागत विकास की एक सौ लाख करोड़ रुपये की गतिशक्ति पहल से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं जाएंगे.
आजादी का अमृत महोत्सव 75 सप्ताह तक मनाया जाएगा. देश के हर कोने को जोड़ने के लिए उन्होंने 75 वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की घोषणा की.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव कराया जायेगा.
भारत 7 साल पहले 8 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल फोन आयात करता था, लेकिन अब देश 3 अरब डॉलर मूल्य के इन्हीं उपकरणों का निर्यात कर रहा है.
देश में उदारीकरण नीतियों को आगे बढ़ाने का परिणाम है कि आज रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आ रहा है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-16 22:01:012021-08-16 22:01:0115 अगस्त 2021: देशभर में 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 12 अगस्त को भू-पर्यवेक्षी उपग्रह GISAT-1 (EOS-03) का प्रक्षेपण किया था, लक्ष्य के अनुरूप संपन्न नहीं हो सका. यह प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से GSLV-F10 रॉकेट के माध्यम से किया गया था. यह GSLV की 14वीं उड़ान थी.
यह मिशन लक्ष्य के अनुरूप संपन्न नहीं हुआ. इस प्रक्षेपण का पहला और दूसरा चरण सामान्य रहा था. लेकिन क्रायोजनिक चरण का प्रक्षेपण तकनीकी व्यवधान के कारण नहीं हो सका.
GISAT-1 एक अत्याधुनिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (Earth Observation Satellite) है. इसे GSLV-F10 रॉकेट द्वारा जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा जाना था.
GSLV का पूर्ण रूप Geosynchronous Satellite Launch Vehicle है. इसमें ठोस रॉकेट बूस्टर और तरल-ईंधन वाले इंजन का उपयोग किया गया है. उपग्रह को इंजेक्ट करने के लिए आवश्यक थ्रस्ट के लिए तीसरा चरण एक क्रायोजेनिक इंजन द्वारा संचालित की जाती है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-13 23:19:462021-08-14 07:20:00ISRO का भू-पर्यवेक्षी उपग्रह GISAT-1 का प्रक्षेपण लक्ष्य के अनुरूप संपन्न नहीं हुआ
भारत में सबसे स्वक्ष शहर का दर्जा हासिल करने के बाद मध्य प्रदेश का शहर इंदौर अब देश का पहला वाटर प्लस सिटी बन गया है. केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय ने 11 अगस्त को इंदौर को भारत का पहला ‘वाटर प्लस’ शहर घोषित किया. अपने प्रशासन के तहत नदियों और नालों में स्वच्छता बनाए रखने वाले शहर को वाटर प्लस सिटी सर्टिफिकेट (Water Plus city certificate) प्रदान किया जाता है.
इंदौर को लगातार चार बार देश में सबसे अधिक स्वक्ष शहर होने का दर्जा प्राप्त है. वाटर प्लस सिटी के मुकाबले में इंदौर के साथ गुजरात के दो शहर सूरत और अहमदाबाद और महाराष्ट्र से नवी मुंबई को भी शामिल किया गया था.
‘वाटर प्लस’ प्रमाणन प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
गंदा पानी किसी नदी या नाले में नहीं जाना चाहिए.
इसके अलावा, शहर के 30% सीवर पानी को पुनर्चक्रित (recycle) और पुन: उपयोग (reuse) करने की आवश्यकता है.
सार्वजनिक शौचालयों को सीवर लाइन से जोड़ा जाना चाहिए और इसे साफ किया जाना चाहिए.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-13 23:19:102021-08-14 07:21:30इंदौर को भारत का पहला ‘वाटर प्लस’ शहर घोषित किया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 अगस्त को डिजिटल माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में समुद्री सुरक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में खुली चर्चा की अध्यक्षता करने वाले वह पहला भारतीय प्रधानमंत्री हैं.
भारत एक जनवरी 2021 से दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य चुना गया है. सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में भारत का यह सातवां कार्यकाल है. गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के लिए यह पहला अध्यक्षपद है.
भारत, अगस्त 2021 महीने के लिए UNSC का अध्यक्ष बना है. अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत तीन प्रमुख क्षेत्रों – समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद विरोधी में उच्च स्तरीय हस्ताक्षर कार्यक्रम आयोजित करेगा.
प्रधानमंत्री ने इस खुली चर्चा के दौरान पांच सिद्धांतों को रेखांकित किया, जिनका समुद्री व्यापार और सुरक्षा के संदर्भ में पालन करने की आवश्यकता है, जिसमें शामिल हैं: मुक्त समुद्री व्यापार बाधाओं के बिना, समुद्री विवादों का शांतिपूर्ण समाधान, समुद्री खतरों का मुकाबला करना, जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहित करना और समुद्री पर्यावरण और संसाधनों का संरक्षण.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-11 17:55:582021-08-11 17:55:58प्रधानमंत्री नरेंद्र UNSC में समुद्री सुरक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता की
संसद ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक संसद में पारित कर दिया है. इसके तहत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद केन्द्र ने नया विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की थी.
सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
इसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए उच्च शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों को सुगम बनाना और बढ़ावा देना है. इस विधेयक के द्वारा लद्दाख में “सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय” की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन किया गया है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लद्दाख में 750 करोड़ रुपये की लागत से एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय किया था. चार वर्षों के प्रथम चरण में व्यय लगभग 400 करोड़ रुपये होगा और शेष तीन वर्षों के दूसरे चरण में व्यय लगभग 350 करोड़ रुपये होगा. यह व्यय शिक्षा मंत्रालय के बजटीय उपबंधों के माध्यम से भारत की संचित निधि से पूरा किया जाएगा.
राज्यसभा ने 4 अगस्त को भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक (Airports Economic Regulatory Authority of India Amendment Bill), 2021 पारित कर दिया. इससे पहले 29 जुलाई को लोकसभा में यह बिल पास हुआ था. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह अधिनियम का रूप लेगा.
विधेयक के मुख्य बिंदु
यह विधेयक केंद्र सरकार के परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम (asset monetisation programme) के तहत छोटे हवाई अड्डों के निजीकरण की सरकार की योजना का समर्थन करता है.
यह छोटे हवाई अड्डों के विकास में उत्प्रेरक साबित होगा और दूर-दराज के इलाको में हवाई संपर्क को बढ़ाने में मदद करेगा.
विधेयक ‘प्रमुख हवाईअड्डे’ की परिभाषा में संशोधन करके ‘हवाई अड्डों के समूह’ के शुल्क निर्धारण की अनुमति देता है.
यह विधेयक सिंगल एयरपोर्ट के लिए टैरिफ के संबंध में कानून के प्रावधानों में संशोधन करता है. इस विधेयक का उद्देश्य न केवल हवाई यात्रियों की संख्या को तेजी से बढ़ाने का है बल्कि मुनाफा कमाने वाले हवाई अड्डों को विकसित करना है.
इन हवाई अड्डों से AAI द्वारा अर्जित राजस्व का उपयोग टियर-II और टियर-III शहरों में हवाई अड्डों के विकास के लिए किया जाएगा.
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने स्कूली शिक्षा के लिए ‘समग्र शिक्षा योजना’ (Samagra Shiksha Scheme) को अगले पांच वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है. इसे ‘समग्र शिक्षा योजना 2.0’ से जाना जायेगा. ‘समग्र शिक्षा योजना 1.0’ को वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था. इसे शिक्षा हेतु सतत् विकास लक्ष्य और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ संरेखित करने के लिये विस्तारित किया गया है.
इसे केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जा रहा है. इसमें केंद्र और अधिकांश राज्यों के बीच वित्तपोषण में 60:40 का विभाजन शामिल है. इस योजना को लागू करने के लिए 2.94 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है, जिसमें से केंद्रीय हिस्सा 1.85 लाख करोड़ रुपये है.
इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य भारत के संविधान के अनुच्छेद 21A के अनुसार बच्चों के नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 को लागू करने में राज्यों की सहायता करना है.
समग्र शिक्षा योजना: एक दृष्टि
समग्र शिक्षा योजना, ‘सर्व शिक्षा अभियान’ (SSA), ‘राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान’ (RMSA) और ‘शिक्षक शिक्षा’ (TE) की तीन योजनाओं को समाहित कर 2018 में शुरू किया गया था.
इस योजना में प्री-स्कूल से लेकर बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा संबंधी सभी पहलुओं को शामिल किया गया है.
इस योजना में 1.16 मिलियन स्कूल, 156 मिलियन से अधिक छात्र और सरकारी तथा सहायता प्राप्त स्कूलों के 5.7 मिलियन शिक्षक शामिल हैं.
योजना में निपुण भारत पहल पहल के तहत शिक्षण सामग्री के लिये प्रति छात्र 500 रुपए, मैनुअल और संसाधनों के लिये प्रति शिक्षक 150 रुपए और आधारभूत साक्षरता तथा अंकगणित के आकलन के लिये प्रति ज़िले 10-20 लाख रुपये का वार्षिक प्रावधान है.
डिजिटल बोर्ड, वर्चुअल क्लासरूम और डीटीएच चैनलों के लिये समर्थन सहित आईसीटी लैब तथा स्मार्ट क्लासरूम का प्रावधान है, जो कोविड -19 महामारी के मद्देनजर अधिक महत्त्वपूर्ण हो गये हैं.
इसमें 16 से 19 वर्ष की आयु के स्कूली बच्चों को ओपन स्कूलिंग के माध्यम से अपनी शिक्षा पूरी करने के लिये 2000 प्रति ग्रेड के वित्तपोषण का समर्थन देने का प्रावधान शामिल है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2021-08-07 16:32:152021-08-07 16:32:15वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिये स्कूली शिक्षा कार्यक्रम ‘समग्र शिक्षा योजना 2.0’ को मंज़ूरी दी गयी