भारतीय संविधान के 105वें संशोधन अधिनियम को मंजूरी दी गयी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 105वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2021 को अपनी स्वीकृति दे दी. यह अधिनियम सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान उल्लिखित करने के लिए राज्य सरकारों की शक्ति को बहाल करता है. कानून और न्याय मंत्रालय ने इस आशय की अधिसूचना जारी की थी.

भारतीय संविधान का 105वां संशोधन

संसद के दोनों सदनों ने अगस्त 2021 के मानसून सत्र में इससे संबंधित 127वें संविधान संशोधन विधेयक 2021 को सर्वसम्मति से पारित किया था. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इस विधेयक ने भारतीय संविधान के 105वें संशोधन अधिनियम का रूप लिया है.

इस अधिनियम राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को अन्य पिछड़े वर्गों की सूची स्वयं बनाने का अधिकार बहाल करने का प्रावधान है. यह विधेयक अनुच्छेद 342A के खंड 1 और 2 में संशोधन करेगा.

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