15 अगस्त 2022: श्री अरविंद घोष की 150वीं जयंती

15 अगस्त 2022 को श्री अरविंद घोष (श्री अरबिंदो) की 150वीं जयंती (सार्धशती) मनाई गई. उनका जन्म इसी दिन 1872 में कलकत्ता में हुआ था. महर्षि अरविंद की 150वीं जयंती का उत्सव मनाने के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था.

श्री अरविंद घोष: एक दृष्टि

  • श्री अरविंद स्वतंत्रता के अग्रदूत, क्रांतिकारी, कवि, लेखक, दार्शनिक, ऋषि, मंत्रद्रष्टा एवं महान योगी थे.
  • केवल सात वर्ष की उम्र में उन्हें इंग्लैंड पढ़ने के लिए भेजा गया. 1910 तक, वह स्वतंत्रता आंदोलन के प्रभावशाली नेताओं में से थे. बाद में, वे आध्यात्मिक सुधारक बन गए.
  • अरविंदो घोष ने ‘कर्मयोगी’ नामक अंग्रेजी साप्ताहिक का संपादन किया था. वे वंदे मातरम जैसे समाचार पत्रों के संपादक भी थे.
  • श्री अरबिंदो घोष का मृत्यु 5 दिसम्बर 1950 को पुडुचेरी में हुआ था. पुडुचेरी में, श्री अरबिंदो आश्रम की स्थापना 1926 में हुई थी.
  • श्री अरबिंदो घोष को “अलीपुर षड्यंत्र केस” में अंग्रेज सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उनको कोर्ट ने सन् 1909 में बाइज्जत बरी कर दिया था.
  • श्री अरबिंदो घोष की मुख्य कृतियाँ: एस्सेज़ ऑन गीता, द लाइफ़ डिवाइन, कलेक्टेड पोयम्स एण्ड प्लेज़, द सिंथेसिस ऑफ़ योगा, द ह्यूमन साइकिल, द आईडियल ऑफ़ ह्यूमन यूनिटी, ए लीजेंड एण्ड ए सिंबल, ऑन द वेदा, द फ़ाउन्डेशन ऑफ़ इंडियन कल्चर

14 अगस्त 2022: पहला ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाया गया

14 अगस्त 2022 को भारत में “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” मनाया गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 को 75वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी.

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाना है.

14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर उन लोगों को भारी मन से याद किया जिन्होंने हमारे तिरंगे के सम्मान और मातृभूमि के प्रति प्रेम लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.

ब्रिटिश शासन से मुक्ति के साथ ही भारत का विभाजन हुआ था और पाकिस्तान अस्तित्व में आया था. धर्म के आधार पर भारत के विभाजन के पश्चात बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएँ हुई, जिसके कारण लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा और असंख्य लोग हिंसा में मारे गये. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है.

13 अगस्त: विश्व अंगदान दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सामान्य मनुष्य को मृत्यु के बाद अंगदान करने की प्रतिज्ञा दिलाने के लिए प्रोत्साहित करना हैं. जागरूकता की कमी के कारण, लोगों के मन में अंगदान के बारे में भय और मिथक विद्यमान हैं.

अंगदान में अंगदाता के अंगों जैसे कि हृदय, लीवर (यकृत), गुर्दे, आंत, फेफड़े, और अग्न्याशय का दान उसकी मृत्यु के पश्चात ज़रूरतमंद व्यक्ति में प्रत्यारोपित करने के लिए किया जाता है.

27 नवम्बर को राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाया जाता है

27 नवम्बर को भारत में राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाया जाता है. 27 नवम्बर 2021 को राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोट्टो) ने देश में 12वां अंगदान दिवस (11th Organ Donation Day) मनाया था.

भारत सरकार ने 1994 में ‘मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम’ पारित किया था. इस अधिनियम का उद्देश्य मानव अंग व्यापार को रोकना तथा मृत्यु के बाद अंगदान को बढ़ावा देना था. 2011 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था.

श्रावणी पूर्णिमा: विश्व संस्कृत दिवस

भारत में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के दिन विश्व संस्कृत दिवस (World Sanskrit Day) के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष यानी 2022 में श्रावणी पूर्णिमा 12 अगस्त को था.

सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था. तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.

श्रावणी पूर्णिमा का दिन इसीलिए चुना गया था क्योंकि प्राचीन भारत में इसी दिन शिक्षण सत्र शुरू होता था. इसी दिन वेद पाठ का आरंभ होता था तथा इसी दिन छात्र शास्त्रों के अध्ययन का प्रारंभ किया करते थे.

12 अगस्त: अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं के मुद्दों और उनकी बातों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है.

इस वर्ष यानी 2022 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य विषय (थीम) “अंतर-पीढ़ीगत एकजुटता: सभी उम्र के लिए एक विश्व बनाना” (Intergenerational Solidarity: Creating a World for All Ages) है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1999 में यह दिवस मनाये जाने का फैसला किया था. अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार साल 2000 में किया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1985 को ‘अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष’ घोषित किया था.

12 अगस्त: विश्‍व हाथी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को विश्‍व हाथी दिवस (World Elephant Day) मनाया जाता है. इस दिवस का आयोजन हाथियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है. एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की घटती संख्‍या की ओर तत्‍काल ध्‍यान आकृष्‍ट करने के लिए यह दिवस 2012 से मनाया जा रहा है.

वर्ष 2011 में ‘एलीफैंट रिइंट्रोडक्शन फाउंडेशन’ (Elephant Reintroduction Foundation) और कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स एवं माइकल क्लार्क द्वारा विश्व हाथी दिवस की कल्पना की गई थी. पहला विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त, 2012 को मनाया गया था.

वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) के हालिया आंकड़ों के अनुसार विश्व में लगभग 4,40,000 हाथी हैं.

भारत में हाथियों का संरक्षण

एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियाँ हैं: भारतीय, सुमात्रन तथा श्रीलंकन. भारत में हाथी को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (Wildlife (Protection) Act, 1972) की अनुसूची 1 में शामिल करते हुए भारतीय वन्यजीव कानून के तहत उच्चतम संभव संरक्षण प्रदान किया गया है. सरकार ने वर्ष 2011 में भारतीय हाथी को देश का राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया था.

8 अगस्त 2022: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 80वीं वर्षगांठ

8 अगस्त 2022 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (अगस्त क्रांति दिवस) की 80वीं वर्षगांठ (80th Quit India Movement) मनाई गयी. आज से 80 साल पहले 1942 में आज ही के दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने बंबई अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ को मंजूरी दी थी, इससे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए एक बड़े आंदोलन का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन खत्म करने का बिगुल बजाया था. इसकी नींव मुंबई के गोवलिआ टैंक, यानि की अगस्त क्रांति मैदान में रखी गयी थी. क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद गांधी जी ने मुंबई में गोवालिया टैंक मैदान में अपने भाषण में ‘करो या मरो’ का आह्वान किया था.

भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा के एक दिन बाद ही महात्‍मा गांधी और अन्‍य कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के दौरान जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया जैसे दूसरे पंक्ति के नेताओं ने आंदोलन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई. भारत छोड़ो आंदोलन 1947 में भारत के एक संप्रभु राष्ट्र बनने से पहले आयोजित अंतिम प्रमुख सविनय अवज्ञा आंदोलन था.

प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को अहमदनगर किले में कैद किया गया था

भारत छोड़ो आन्‍दोलन में महाराष्‍ट्र के अहमदनगर किले की विशेष भूमिका रही है. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बारह प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को इसी किले में कैद कर रखा गया, जिनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे. यहीं पर उन्होनें अपना लोकप्रिय ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ ग्रंथ लिखा. सन 2003 में, भारतीय पुरातत्वशास्त्र सर्वेक्षण ने अहमदनगर किले को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया.

गांधीजी को आगा खान पॅलेस में रखा गया था

भारत छोड़ो आन्‍दोलन का आरम्भ मुंबई में करने के पश्चात महात्मा गांधीजी को हिरासत में लेकर पुणे के आगा खान पॅलेस में रखा गया. उनके साथ उनकी पत्नी कस्तुरबा तथा उनके नीजी सचिव महादेव देसाई भी थे. इस दौरान कस्तुरबा तथा देसाई का यहीं पर देहान्त हुआ, उनकी समाधियां आगा खान पॅलेस में स्थित है.

7 अगस्त: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य हथकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक योगदान में इसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और हथकरघा को बढ़ावा देना, बुनकरों की आय को बढ़ाना और उनके गौरव में वृद्धि करना है.

हथकरघा दिवस मनाने के लिए 7 अगस्‍त का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्‍व का होने के कारण चुना गया है. इसी दिन 1905 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल के विभाजन के विरोध में स्‍वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था. इस दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी.

भारत सरकार ने इसी की याद में हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2015 में मनाया गया था. 7 अगस्त 2022 को 8वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया.

6 अगस्त 2022: हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी की 77वीं वर्षगांठ

प्रत्येक वर्ष 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) और जापान में शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान जापान के हिरोशिमा पर इसी दिन में परमाणु बम गिराया गया था. इसे मानव इतिहास में काला दिन भी कहा जाता है. इसे दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है, ताकि दुनिया इस तबाही से कुछ सीख ले. आज जापानी शहर पर परमाणु बमबारी की 77वीं वर्षगांठ है.

हिरोशिमा दिवस: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है, जिसने मानव इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार करने वाले परमाणु बमों का इस्तेमाल किया है.
  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जपान के हिरोशिमा नामक नगर में ‘लिटिल बॉय’ नामक यूरेनियम गिराया था. यह बम उस समय का सबसे शक्तिशाली बम माना जाता था.
  • हिरोशिमा को तबाह करने के बाद अमेरिका ने 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर ‘फैट मैन’ नामक प्लूटोनियम बम गिराया.
  • हिरोशिमा नगर जापान के होन्शु द्वीप में स्थित है जबकि नागासाकी क्यूशू द्वीप में स्थित है.

1-7 अगस्त: विश्व स्तनपान सप्ताह से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week- WBW) मनाया जाता है. इसका उद्देश्य स्तनपान को प्रोत्साहन तथा समर्थन देना है. स्तनपान, बच्चे के जीवन और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण व कम लागत वाला प्रयास है.

विश्व स्तनपान सप्ताह 2021 की थीम

इस वर्ष (2022) के स्तनपान सप्ताह की थीम (मुख्य विषय)- “स्तनपान के लिए कदम बढ़ाएं: शिक्षित करें और समर्थन करें” (Step Up for Breastfeeding: Educate and Support) है.

यह दिवस UNICEF, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और उनके सहयोगी संस्थाओं द्वारा मनाया जाता है. पहला विश्व स्तनपान सप्ताह 1992 में World Alliance for Breastfeeding Action (WABA) द्वारा मनाया गया था.

बाल अधिकारों पर WHO के कन्वेंशन के अनुसार प्रत्येक नवजात शिशु को अच्छे पोषण का अधिकार है.

29 जुलाई: अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस, भारत में बाघों की स्थिति पर मुख्य तथ्य

प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) मनाया जाता है. यह दिवस बाघ और उनके प्राकृतिक परिवास के सरंक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.

2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक सम्मेलन में प्रत्येक वर्ष 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था. इस सम्मेलन में बाघों को लुप्तप्राय प्रजाति करार दिया था. उस समय 2022 तक बाघ की आबादी को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा गया था. भारत ने इस टारगेट को 2018 में ही हासिल कर लिया था. 2018 में भारत में बाघों की संख्या 2967 से ज्यादा हो चुकी थी.

World Wildlife Fund के अनुसार पिछले 150 सालों में बाघों की आबादी में लगभग 95 प्रतिशत की गिरावट आई है. मौजूदा समय में जिन गिने-चुने देशों में बाघ अभी बाकी हैं, उनमें भारत सबसे ऊपर है. इसके बाद रूस है जहां पर 433 बाघ हैं. इसके बाद का इंडोनेशिया जहां 371, मलेशिया में 250, नेपाल में 198 बाघ ही जिंदा हैं.

भारत में बाघों की स्थिति: मुख्य तथ्य

  • भारत सरकार ने देश में बाघों को विलुप्त होने से बचाने के लिए 1973 में प्रॉजेक्ट टाइगर शुरू किया था.
  • 1973-74 में देश में केवल 9 बाघ अभयारण्‍य थे और अब इनकी संख्‍या बढकर 51 हो गई है. दुनिया में बाघों की कुल संख्‍या के मामले में भारत पहले स्थान पर है.
  • पर्यवारण मंत्रालय ने 2005 में नैशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) का गठन किया था. प्रॉजेक्ट टाइगर के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी NTCA सौंपी गई थी.
  • दुनिया में बाघों की कुल संख्‍या में से करीब 70 प्रतिशत भारत में हैं. भारत में बाघों की जनसंख्या का 80 प्रतिशत रॉयल बंगाल टाइगर है.
  • बाघ, भारत और बांग्लादेश दोनों का राष्ट्रीय पशु है.

अखिल भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2018

देश में बाघों की अनुमानित संख्‍या पर अखिल भारतीय बाघ आकलन रिपोर्ट-2018 जारी की गयी थी.

  • इस रिपोर्ट के अनुसार देश में बाघों की संख्‍या 2967 है. देश में चार वर्षों में इनकी संख्‍या 741 बढी है.
  • मध्य प्रदेश में देश में बाघों की सबसे अधिक संख्या 526 है. 524 और 442 बाघों के साथ कर्नाटक और उत्तराखंड क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है.
  • उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में देश में सबसे अधिक 231 बाघ हैं, इसके बाद कर्नाटक में नागरहोल और बांदीपोरा रिजर्व में क्रमशः 127 और 126 बाघ हैं.
  • भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा की समय-सीमा से चार साल पहले ही बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है.
  • बाघों के अलावा भारत के जंगलों में 30 हजार हाथी, तीन हजार एक सींग वाले गैंडे और पांच सौ से अधिक शेर भी पाए जाते हैं.

28 जुलाई: विश्व हेपेटाइटिस दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाने का उद्देश्य हेपेटाइटिस के विषय में जागरूकता बढ़ाना है.

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2022 की थीम

इस वर्ष यानी 2022 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से विश्व हेपेटाइटिस दिवस की थीम (मुख्य विषय)- ‘हेपेटाइटिस देखभाल को अपने करीब लाना’ (Bringing hepatitis care closer to you) है.

हेपेटाइटिस: एक दृष्टि
  • हेपेटाइटिस, विषाणु (virus) के कारण फैलता है जो यकृत (लीवर) को प्रभावित करता है. हेपेटाइटिस के कारण लिवर कैंसर सहित अनेक स्वास्थ्य समस्याएं उत्‍पन्‍न हो जाती है.
  • हेपेटाइटिस A, B, C, D और E हेपेटाइटिस के प्रकार हैं. हेपेटाइटिस A और E दूषित भोजन और जल के सेवन से होता है. हेपेटाइटिस B, C और D आमतौर पर संक्रमित रक्त और शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क से होता है.
  • भारत में हैपेटाइटिस को 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

डॉ. बारुख ब्लंबरबर्ग का जन्मदिन

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की पहल पर हर वर्ष 28 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है. यह दिवस नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारुख ब्लंबरबर्ग के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जिन्होंने हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) की खोज की थी और टीका विकसित किया था.