मंत्रिमंडल ने ‘चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020’ को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जनवरी को ‘चिकित्सा गर्भपात संशोधन विधेयक 2020’ को मंजूरी दी. इसके अंतर्गत गर्भपात अधिनियम-1971 में संशोधन की व्यवस्था की गई है. विधेयक में गर्भपात कराने की अधिकतम अवधि 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है. यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा.
विधेयक में गर्भावस्था के 20 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए एक चिकित्सक की राय और 20 से 24 सप्ताह तक गर्भपात कराने के लिए दो चिकित्सकों की राय लेना अनिवार्य करने का प्रस्ताव है. दो चिकित्सकों में से एक सरकारी चिकित्सक होना जरूरी है.