17 अप्रैल: विश्व हीमोफिलिया दिवस, जानिए क्या है हीमोफिलिया

प्रत्येक वर्ष 17 अप्रैल को ‘विश्व हीमोफिलिया दिवस’ (World Hemophilia Day) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हीमोफिलिया और रक्तस्राव विकारों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है. हीमोफिलिया के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 1989 से विश्व हीमोफीलिया दिवस मनाने की शुरुआत की गई थी.

इस वर्ष (2024 में) विश्व हीमोफिलिया दिवस का विषय (थीम) ‘सभी के लिए समान पहुंच: सभी रक्तस्राव विकारों को पहचानना’ (Equitable access for all: recognizing all bleeding disorders) है.

फ्रैंक शनाबेल का जन्म दिन

यह दिवस फ्रैंक शनाबेल (Frank Schnabel) के जन्म दिन पर मनाया जाता है. फ्रैंक की 1987 में संक्रमित खून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी. फ्रैंक शनाबेल ने 1963 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हेमोफीलिया (WFH) की स्थापना की थी. WFH एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो इस रोग से ग्रस्त मरीजों का जीवन बेहतर बनाने की दिशा में काम करता है.

क्या है हीमोफिलिया?

हीमोफीलिया को ‘ब्रिटिश रॉयल डिजीज’ के नाम से भी जाना जाता है. यह एक आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें खून का थक्का (clot) बनने की प्रक्रिया बाधित होती है. इसमें क्रोमोजोम की कार्य प्रणाली बिगड़ने से रक्तस्राव बहुत तेज होता है. अधिकतर यह बीमारी पुरुषों में पाई जाती है.

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