हैदराबाद के पतन्‍चेरू में इकरिसेट का स्‍वर्ण जयंती मनाया जा रहा है

हैदराबाद के पतन्‍चेरू में अंतराष्‍ट्रीय अर्द्ध शुष्‍क उष्‍ण कटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्‍थान (ICRISAT) का स्‍वर्ण जयंती (50वीं वर्षगांठ) समरोह मनाया जा रहा है. इस समारोह का शुभारम्‍भ प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी को किया था. उन्‍होंने संस्‍थान की 50वीं वर्षगांठ समारोहों पर एक डाक टिकट भी जारी किया.

प्रधानमंत्री ने इस संसथान में पादप संरक्षण पर संस्‍थान के जलवायु परिवर्तन अनुसंधान केन्‍द्र और तीव्र उत्‍पादन उन्‍नति सुविधा का उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री के संबोधन के मुख्य बिंदु

  • प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने 2070 तक शून्‍य कार्बन उत्‍सर्जन का लक्ष्‍य निर्धारित किया है. ग्रो प्‍लेनेट पीपल एक ऐसा मूवमेंट है जो क्‍लाइमेंट चैलेंज से निपटने के लिए हर कम्‍युनिटी को, हर इंडिविजुअल को, क्‍लाइमेंट रिसपॉन्सिबिलिटी से जोड़ता है.
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए दोहरी कार्य-नीति पर काम किया जा रहा है. वाटर कंजर्वेशन के माध्‍यम से नदियों को जोड़कर एक बड़े क्षेत्र को सिचाई के दायरे में लाया जा रहा. सिंचित क्षेत्रों में वाटर यूज एफ‍िशि‍एंसी बढ़ाने के लिए माइक्रो‍इरिगेशन पर जोर दिया जा रहा है.
  • देश के किसानों को जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से बचाने के लिए प्राकृतिक खेती और डिजिटल खेती पर जोर दिया जा रहा है. डिजिटल खेती देश का भविष्‍य है.
  • कृषि में डिजिटल टेक्‍नोलॉजी भारत में प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं. क्रॉप ऐसेसमेंट, लेंट प्रीकॉस का डिजिटाइजेशन, ड्रोन के माध्‍यम से इनसेक्‍टीसाइट और न्‍यूक्‍टीयर की स्पिंग, जैसी अनेक सविसेज में इसका उपयोग बढ़ाया जा रहा है.
  • प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों और राज्‍यों को तिलहन विशेषकर पाम ऑयल के क्षेत्र में बढोत्‍तरी के लिए हर संभव सहायता देने का आश्‍वासन दिया. उन्‍होंने कहा कि खाद्य तेलों में आत्‍मनिर्भरता के लिए राष्‍ट्रीय मिशन की स्‍थापना भारत के नये दृष्टिकोण की सूचक है.
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