21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक, भारत-रूस ‘टू-प्‍लस-टू’ संवाद

रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने 6 दिसम्‍बर को आधिकारिक यात्रा की थी. इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक में भाग लिया था. बैठक दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजित किया गया था. बैठक में दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और रणनीतिक भागीदारी और मजबूत करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया. उनकी यात्रा के दौरान, भारत और रूस ने 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. उनमें से कुछ अर्ध-गोपनीय थे.

  • पिछली भारत-रूस शिखर बैठक सितम्‍बर 2019 में रूस में हुई थी. 2020 में कोविड महामारी के कारण बैठक नहीं हो सकी थी. नवम्बर 2019 में ब्राजिलिया में ब्रिक्‍स शिखर सम्‍मेलन के अवसर पर मुलाकात के बाद यह दोनों नेताओं की पहली बैठक थी.
  • इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते कुछ दशकों में दुनिया ने बहुत से भूराजनीतिक परिवर्तन देखे हैं, लेकिन भारत और रूस की दोस्ती जस की तस रही है. इस दौरान व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत को भरोसेमंद दोस्त करार दिया. पुतिन ने कहा कि हम भारत को एक महान ताकत, मित्र देश और भरोसेमंद साथी के तौर पर देखते हैं.
  • रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि फिलहाल दोनों देशों के बीच करीब 38 अरब डॉलर का कारोबार है. इसके अलावा हम सैन्य और तकनीक के क्षेत्र में भी बड़ी साझेदारी रखते हैं. इस मीटिंग में पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में भी भारत का साथ देने की बात कही.

भारत-रूस ‘टू-प्‍लस-टू’ संवाद, AK-203 राइफलों का निर्माण समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की मुलाकात से पहले भारत और रूस के बीच पहला ‘टू-प्‍लस-टू’ संवाद आयोजित किया गया था. इस संवाद में भारत का प्रतिनिधित्‍व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉक्‍टर एस. जयशंकर ने किया था. इसमें रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई सोइग्‍यू ने भाग लिया.

इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री से मुलाकात के दौरान 5,000 करोड़ रुपये के राइफल निर्माण परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस परियोजना के तहत रूस के सहयोग से 5 लाख से ज्यादा AK-203 राइफलों का निर्माण के अमेठी में किया जाना है. इस दौरान दोनों देशों के बीच अगले 10 साल तक के लिए रक्षा करार भी हुआ.

लेटेस्ट कर्रेंट अफेयर्स 〉