डेली कर्रेंट अफेयर्स
ओडिशा सरकार ने ‘बंदे उत्कल जननी’ को राज्य गान का दर्जा दिया
ओडिशा सरकार ने ‘बंदे उत्कल जननी’ को राज्य गान का दर्जा दिया है. ओडिशा मंत्रिमंडल ने राज्य गान का दर्जा देने से संबंधित प्रस्ताव को 7 जून को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने बंदे उत्कल जननी को राज्य गान का दर्जा प्रदान किया.
राज्य गान का दर्जा दिए जाने के बाद यह अब सभी सरकारी कार्यक्रमों व राज्य विधानसभा में बिना वाद्य यंत्र के बजाया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही सभी सरकारी विद्यालय, कॉलेज व समारोह में इसे वाद्य यंत्रों के साथ बजाने की अनुमति है.
गाना बजने पर लोगों को इसके प्रति सम्मान भाव दिखाना आवश्यक है, हालांकि बुजुर्गों, बीमार व्यक्ति, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इसमें छूट दी गई है.
बंदे उत्कल जननी: एक दृष्टि
‘बंदे उत्कल जननी’ एक देशभक्ति कविता है, जो सन् 1912 में कांता कवि लक्ष्मीकांता महापात्र द्वारा लिखी गई है. यह एक अलग प्रांत के गठन की लड़ाई के दौरान उत्कल सम्मिलनी का शुरुआती गान रहा है. इसे राज्य गान का दर्जा प्रदान करने की यहां के लोगों की काफी लंबे समय से मांग रही है.
गैरसैंण को उत्तराखंड का ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने को राज्यपाल की मंजूरी
उत्तराखंड में चमोली जिले के गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को राज्य के ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में मंजूरी दी गयी है. यह मंजूरी राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 8 जून को दी. राज्यपाल की मंजूरी के बाद गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्च 2020 में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था.
देहरादून राज्य की अस्थायी राजधानी
उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद आज तक स्थायी राजधानी नहीं मिल सकी है. देहरादून राज्य की राजधानी है, लेकिन वह अभी भी अस्थायी राजधानी के रूप में ही है. देश के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड का गठन 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग करके किया गया था.
उत्तराखंड देश का चौथा राज्य जिसकी दो राजधानियां
अब उत्तराखंड देश का ऐसा चौथा राज्य बन गया है जिसकी दो-दो राजधानियां हैं. आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों का प्रस्ताव है तो हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में दो-दो राजधानियां हैं. जम्मू-कश्मीर में भी दो राजधानी हैं लेकिन 2019 में इसे राज्य की सूची से हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था.
उत्तराखंड हाई कोर्ट नैनीताल में
उत्तराखंड में प्रशासकीय तौर पर दो मंडल हैं, कुमाऊं और गढ़वाल. राज्य बनने के बाद गढ़वाल और राज्य की सीमा पर स्थित देहरादून को राजधानी बनाया गया तो कुमाऊं के नैनीताल में हाई कोर्ट बना रहा.
उत्तराखंड में दो राजभवन
उत्तराखंड देश के चुनिंदा राज्यों में शुमार है, जहां राज्यपाल के लिए दो राजभवन हैं- देहरादून और नैनीताल. ग्रीष्मकाल में राज्यपाल नैनीताल प्रवास पर आते हैं.
गैरसैंण: एक दृष्टि
गैरसैंण उत्तराखंड के चमोली जिले में आता है और इसे नगर पंचायत का दर्जा हासिल है. यह उत्तराखंड की पामीर के नाम से जानी जाने वाली दुधाटोली पहाड़ी पर स्थित है. इसी पहाड़ी पर रामगंगा का उद्भव हुआ है. भौगोलिक तौर पर यह इलाका उत्तराखंड के बीच में पड़ता है.
सातवीं शताब्दी में भारत यात्रा पर आए चीनी यात्री ह्वेनसांग ने इस क्षेत्र में ब्रह्मपुर नामक राज्य होने का जिक्र किया था.
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को कम किया
रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस (Moody’s) ने हाल ही में भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग (Sovereign Credit rating) को घटा दिया है. एजेंसी ने भारत की रेटिंग को Baa2 से घटा कर Baa3 कर दिया है. Baa3 सबसे निचली निवेश ग्रेड वाली रेटिंग है.
मालूम हो कि इससे पहले नवंबर 2017 में मूडीज ने 13 साल के अंतराल के बाद भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को एक पायदान बढ़ा कर Baa2 किया था.
कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था मंद पड़ी है. इससे विकसित और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में बदलाव की संभावना बढ़ गई है. भारत भी इससे अछूता नहीं है.
सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग क्या होती है?
विभिन्न देशों की उधार चुकाने की क्षमता के आधार पर सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग तय की जाती है. रेटिंग एजेंसियां इसके लिए इकॉनोमी, मार्केट और राजनीतिक जोखिम को आधार मानती हैं. एजेंसियां क्रेडिट किसी देश की रेटिंग तय करते समाया उस देश के मूलधन और ब्याज जुकाने की क्षमता पर फोकस करती हैं. यह रेटिंग यह बताती है कि एक देश भविष्य में अपनी देनदारियों को चुका सकेगा या नहीं?
सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग टॉप इन्वेस्टमेंट ग्रेड से लेकर जंक ग्रेड तक होती है. जंक ग्रेड को डिफॉल्ट श्रेणी में माना जाता है. सामान्य तौर पर इकॉनोमिक ग्रोथ, बाहरी कारण और सरकारी खजाने में ज्यादा बदलाव पर रेटिंग बदलती है.
अच्छी क्रेडिट रेटिंग का महत्व
कई देश अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए दुनियाभर के निवेशकों से कर्ज लेते हैं. यह निवेशक कर्ज देने से पहले रेटिंग पर गौर करते हैं. ज्यादा रेटिंग पर कम जोखिम माना जाता है. इससे ज्यादा रेटिंग वाले देशों को कम ब्याज दरों पर कर्ज मिल जाता है.
भारत के लिए रेटिंग का महत्व
सामान्य तौर पर भारत सरकार विदेशी बाजारों से कर्ज नहीं लेती है. इसलिए क्रेडिट रेटिंग का ज्यादा महत्व नहीं है. लेकिन कम रेटिंग के कारण स्टॉक मार्केट से विदेशी निवेशकों के बाहर जाने की संभावना बनी रहती है. इसके अलावा नए निवेश के बंद होने की आशंकी भी रहती है.
मुख्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां
Standard & Poor’s (S&P), Fitch और Moody’s Investors सॉवरेन रेटिंग तय करने वाली विश्व की मुख्य एजेंसियां हैं.
S&P और फिच रेटिंग के लिए BBB+ को मानक रखती हैं, जबकि मूडीज का मानक Baa1 है. यह सबसे ऊंची रेटिंग है जो इन्वेस्टमेंट ग्रेड को दर्शाती है.
देश-दुनिया: एक संक्षिप्त दृष्टि
सामयिक घटनाचक्र का डेलीडोज
2020-21 में मनरेगा का बजट एक लाख करोड़ रुपये
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वित्त वर्ष 2020-21 के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत पहली बार इतनी बडी राशि का प्रावधान किया गया है. मनरेगा का इस वर्ष का बजट 61 हजार करोड़ रुपया था, लेकिन कोविड के संक्रमण दो देखते हुए सरकार ने 40 हजार करोड़ रुपये का एकमुश्त आवंटन बढ़ाया है.
मध्यप्रदेश में ‘शहरी पथ व्यवसायी उत्थान योजना’ प्रारंभ
मध्यप्रदेश सरकार ने ‘शहरी पथ व्यवसायी उत्थान योजना’ प्रारंभ की है. इस योजना के तहत हितग्राही को 10 हजार रुपये का ऋण मिल सकेगा. इसके अंतर्गत ब्याज की राशि, जो लगभग 5 प्रतिशत होगी, राज्य सरकार भरेगी. इसकी गारंटी सरकार देगी.