Tag Archive for: Science Awards

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2024: गोविंदराजन पद्मनाभन को पहला विज्ञान रत्न पुरस्कार

केंद्र सरकार ने 7 अगस्त को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (Rashtriya Vigyan Puraskar) 2024 की घोषणा की. वर्ष 2024 में 33 व्यक्तियों को इस राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है. विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली विभूतियों को यह पुरस्कार दिया जाता है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 23 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करेंगी.

यह पुरस्कार चार श्रेणियों में दिया जाता है: विज्ञान रत्न (अधिकतम 3), विज्ञान श्री (अधिकतम 25), विज्ञान युवा (अधिकतम 25) और विज्ञान टीम (अधिकतम 3 टीमें).

विज्ञान रत्न

पूरे जीवनकाल में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करने वाले विशिष्ट व्यक्तियों के लिए यह पुरस्कार पहली बार शुरू किया गया है. इस श्रेणी में अधिकतम तीन व्यक्तियों को पुरस्कार दिए जाएंगे.

इस बार प्रख्यात बायोकेमिस्ट गोविंदराजन पद्मनाभन को पहला विज्ञान रत्न पुरस्कार (Vigyan Ratna Puraskar) 2024 से सम्मानित किया जाएगा.

विज्ञान टीम

तीन या अधिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की उस टीम को यह सम्मान दिया जाता है, जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो. इस श्रेणी में तीन पुरस्कार दिए जाते हैं.

इस वर्ष चंद्रयान-3 के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को विज्ञान टीम 2024 सम्मान दिया जाएगा.

विज्ञान श्री

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को यह सम्मान दिया जाता है. इस श्रेणी में अधिकतम 25 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

जिन विभूतियों को विज्ञान श्री 2024 अवॉर्ड दिया जाएगा, उनके नाम हैं- खगोल भौतिकविद् अन्नपूरिणी सुब्रमण्यन, कृषि विज्ञानिक आनंदरामकृष्णन, परमाणु उर्जाविद् आवेश कुमार त्यागी, जीव वैज्ञानिक प्रोफेसर उमेश वार्ष्णेय और प्रोफेसर जयंत भालचंद्र उद्गांवकर, पृथ्वी वैज्ञानिक प्रोफेसर सईद वजीह अहमद नकवी, इंजीनियरिंग वैज्ञानिक प्रोफेसर भीम सिंह, गणित एवं कंप्यूटर वैज्ञानिक प्रोफेसर आदिमूर्ति और प्रोफेसर राहुल मुखर्जी, दवा वैज्ञानिक डॉक्टर संजय बेहारी, भौतिकविद् प्रोफेसर लक्ष्मणन मुत्थुस्वामी और प्रोफेसर नब कुमार मंडल और तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में प्रोफेसर रोहित श्रीवास्तव.

विज्ञान युवा

विज्ञान युवा शांति स्वरूप भटनागर (VY-SSB) पुरस्कार: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले युवा वैज्ञानिकों को यह सम्मान दिया जाता है. इस श्रेणी में अधिकतम 25 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

जिन युवा वैज्ञानिकों को विज्ञान युवा पुरस्कार 2024 दिया जाएगा, वे हैं- कृषि वैज्ञानिक कृष्ण मूर्ति एस एल और स्वरूप कुमार पारिदा, जीव वैज्ञानिक राधाकृष्णन महालक्ष्मी और प्रोफेसर अरविंद पेनमात्सा, रसायनविद् विवेक पोल्शेत्तिवर और विशाल राय, पृथ्वी वैज्ञानिक कॉक्सी मैथ्यू कोल, इंजीनियरिंग वैज्ञानिक अभिलाष और राधा कृष्ण गंति, पर्यावरण वैज्ञानिक पूरबी सैकिया और बप्पी पॉल, गणित और कंप्यूटर वैज्ञानिक महेश रमेश काकडे, दवा के क्षेत्र में जितेंद्र कुमार साहू और प्रज्ञ ध्रुव यादव, भौतिकविद् उर्बसी सिन्हा, अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में दिगेंद्रनाथ स्वैन और तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में प्रभु राजगोपाल.

इन्हें दिए जाते हैं पुरस्कार

राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार पुरस्कार भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, इंजीनियरिंग विज्ञान, कृषि विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियां हासिल करने वाली विभूतियों को दिए जाते हैं.

इसके लिए हर वर्ष 14 जनवरी से 28 फरवरी तक नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं. 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं.

भारतीय मूल इंजीनियर विवेक लाल को अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा लाइफ टाइम अचीवमैंट पुरस्कार

भारतीय मूल के एयरो स्‍पेस इंजीनियर विवेक लाल को अमरीकी राष्ट्रपति द्वारा लाइफ टाइम अचीवमैंट पुरस्कार सम्मानित किया गया है.

मुख्य बिन्दु

  • विवेक लाल को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हस्ताक्षरित प्रशस्ति पत्र के साथ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • डॉ लाल अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स (General Atomics) में मुख्य कार्यकारी के रूप में काम करते हैं. इस कंपनी ने गार्जियन ड्रोन जैसे अत्याधुनिक मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) विकसित किए हैं.
  • जनरल एटामिक्स का नेतृत्व करने से पहले डॉ लाल ने नासा, रेथियान, बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसे अन्य प्रमुख संगठनों में काम किया है.

प्रोफेसर नीना गुप्ता को रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया

प्रोफेसर डॉ. नीना गुप्ता को युवा गणितज्ञों को दिए जाने वाले रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. डॉ. गुप्ता कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान की एक गणितज्ञ हैं. 22 फरवरी, 2022 को उन्हें एक वर्चुअल समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया.

उन्हें संबद्ध बीजीय ज्यामिति और विनिमेयशील बीजगणित में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए साल 2021 का यह पुरस्कार दिया गया है.

रामानुजन पुरस्कार: एक दृष्टि

ICTP (इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरीटिकल फिजिक्स) व अंतरराष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) के सहयोग से भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा वित्त पोषित यह पुरस्कार विकासशील देश के एक शोधकर्ता को हर एक साल प्रदान किया जाता है.

यह पुरस्कार 45 साल से कम उम्र के युवा गणितज्ञों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने एक विकासशील देश में उत्कृष्ट शोध किया है. यह पुरस्कार श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में प्रदान किया जाता है.

प्रोफेसर नीना गुप्ता को रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया

प्रोफेसर नीना गुप्ता को विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार (Ramanujan Prize for Young Mathematicians from Developing Countries) से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार एफाइन बीजगणितीय ज्यामिति (affine algebraic geometry) और कम्यूटेटिव बीजगणित (commutative algebra) में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया है.

प्रोफेसर नीना गुप्ता कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में गणितज्ञ हैं. वह रामानुजन पुरस्कार पाने वाली तीसरी महिला हैं. इसके पूर्व उन्हें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का वर्ष 2014 युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया था.

रामानुजन पुरस्कार

विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार, ‘अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिज़िक्स’ (ICTP) द्वारा भारत सरकार के ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ (DST) तथा अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) के साथ संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है.

वर्ष 2021 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा: मुख्य विजेताओं की सूची

वर्ष 2021 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा 26 सितम्बर को की गयी थी. पुरस्कारों की घोषणा काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के 80वें स्थापना दिवस समारोह में की गयी.

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019: मुख्य विजेताओं की सूची

  • जीवविज्ञान: डॉ अमित सिंह, और डॉ अरुण कुमार शुक्ला
  • रसायन विज्ञान: डॉ कनिष्क बिस्वास और डॉ टी गोविंदराजू
  • पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर व ग्रहीय विज्ञान: डॉ बिनॉय कुमार सैकिया
  • इंजीनियरिंग विज्ञान: डॉ देबदीप मुखोपाध्याय
  • गणित: डॉ अनीश घोष और डॉ साकेत सौरभ
  • औषधि विज्ञान: डॉ. जीमन पन्नियममकल और डॉ रोहित श्रीवास्तव
  • भौतिक विज्ञान: डॉ कनक साहा

शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार: एक दृष्टि

  • शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार (Shanti Swarup Bhatnagar Prize for Science and Technology) की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् (CSIR) के संस्थापक निदेशक डॉ शांति स्वरुप भटनागर की स्मृति में की गयी थी.
  • यह पुरस्कार प्रतिवर्ष वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् (CSIR) द्वारा 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिक अथवा इंजिनियर को शोधकार्य को प्रदान दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार जीव विज्ञानं, रसायन विज्ञान, मेडिकल साइंस, भौतिक विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग, वायुमंडल, महासागर तथा ग्रहीय विज्ञान के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है.
  • इस पुरस्कार में पांच लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.

प्रोफेसर सीएनआर राव को ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान के लिए एनी अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड

भारतरत्न प्रोफेसर सीएनआर राव को अन्तर्राष्ट्रीय एनी अवार्ड (International Eni Award) 2020 से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह पुरस्कार अक्षय ऊर्जा स्रोतों और अक्षय भंडारण के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए दिया गया है. यह पुरस्कार उन्हें 14 अक्टूबर, 2021 को रोम में आयोजित एक आधिकारिक समारोह में प्रदान किया जाएगा.

प्रोफेसर राव ऊर्जा के एकमात्र स्रोत के रूप में हाइड्रोजन पर काम कर रहे हैं. हाइड्रोजन का भंडारण, हाइड्रोजन का फोटोकेमिकल और इलेक्ट्रोकेमिकल उत्पादन, हाइड्रोजन का सौर उत्पादन और गैर धातु उत्प्रेरण उनके काम के मुख्य आकर्षण हैं.

अन्तर्राष्ट्रीय एनी अवार्ड

अन्तर्राष्ट्रीय एनी अवार्ड को ‘एनर्जी फ्रंटियर अवार्ड’ से भी कहा जाता है. इसे ऊर्जा अनुसंधान के क्षेत्र में नोबेल माना जाता है. यह पुरस्कार धातु ऑक्साइड, कार्बन नैनोट्यूब, अन्य सामग्री और द्विआयामी प्रणालियों पर उनके काम के लिए प्रदान किया गया है.

युवा गणितज्ञों का रामानुजन पुरस्कार ब्राजील के कैरोलिना अरुजो को प्रदान किया गया

वर्ष 2020 का युवा गणितज्ञों का रामानुजन पुरस्कार (Ramanujan Prize for Young Mathematicians) ब्राजील के की गणितज्ञ डॉ कैरोलिना अरुजो को प्रदान किया गया.

रामानुजन पुरस्कार

रामानुजन पुरस्कार भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार ICTP (International Centre for Theoretical Physics) और अन्तर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (International Mathematical Union) के सहयोग से विकासशील देश में उत्कृष्ट शोध किसी शोधार्थी को दिया जाता है.

इस पुरस्कार की स्थापना श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में की गयी थी. रामानुजन शुद्ध गणित के एक ऐसे जीनियस थे, जो अनिवार्य रूप से स्व–शिक्षित थे और जिन्होंने एल्लिप्टिक फंक्शन्स, इन्फाईनाईट सीरीज और संख्याओं के विश्लेषणात्मक सिद्धांत के बारे में उल्लेखनीय योगदान दिया था.

डॉ कैरोलिना अरुजो

कैरोलिना ब्राजील के रियो डी जनेरियो स्थित इंस्टीट्यूट फॉर प्योर एंड एप्लाइड मैथेमेटिक्स (IMPA) की शोधकर्ता हैं. उनका कार्य क्षेत्र बायरेशनल ज्यामिति (bi-rational geometry) पर केंद्रित है. कैरोलिना यह पुरस्कार पाने वाली पहली गैर-भारतीय हैं.

वर्ष 2020 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा: मुख्य विजेताओं की सूची

वर्ष 2020 के शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कारों की घोषणा 26 सितम्बर को की गयी. पुरस्कारों की घोषणा काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के 79वें स्थापना दिवस समारोह में की गयी.

शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार 2019: मुख्य विजेताओं की सूची

जीवविज्ञान: डॉ. सुभदीप चटर्जी, और डॉ. वत्सला थिरुमलाई
रसायन विज्ञान: डॉ. ज्योतिर्मयी डैश और डॉ. सुबी जैकब जॉर्ज
पृथ्वी, वायुमंडल, महासागर व ग्रहीय विज्ञान: डॉ. अभिजीत मुखर्जी और डॉ. सुरेंदु दत्ता
इंजीनियरिंग विज्ञान: डॉ अमोल अरविंद्रो कुलकर्णी और डॉ किंशुक दासगुप्ता
गणित: डॉ. यूके आनंदवर्धन और डॉ. रजत सुभरा हाजरा
भौतिक विज्ञान: डॉ. राजेश गणपति और डॉ. सूरजजीत धरा
औषधि विज्ञान: डॉ. बुशरा अतीक और डॉ. रितेश अग्रवाल

शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार: एक दृष्टि

  • शांति स्वरुप भटनागर पुरस्कार (Shanti Swarup Bhatnagar Prize for Science and Technology) की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् (CSIR) के संस्थापक निदेशक डॉ शांति स्वरुप भटनागर की स्मृति में की गयी थी.
  • यह पुरस्कार प्रतिवर्ष वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसन्धान परिषद् (CSIR) द्वारा 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिक अथवा इंजिनियर को शोधकार्य को प्रदान दिया जाता है.
  • यह पुरस्कार जीव विज्ञानं, रसायन विज्ञान, मेडिकल साइंस, भौतिक विज्ञान, गणित, इंजीनियरिंग, वायुमंडल, महासागर तथा ग्रहीय विज्ञान के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है.
  • इस पुरस्कार में पांच लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.

इसरो प्रमुख के. सिवन को 2020 के ‘वॉन कर्मन अवॉर्ड’ से सम्मानित किया जायेगा

इसरो के प्रमुख डॉ के सिवन को 2020 के वॉन कर्मन अवॉर्ड (Von Karman Award) के लिए चुना गया है. उन्हें मार्च 2021 में पेरिस में इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

वॉन कर्मन अवॉर्ड: एक दृष्टि

  • यह पुरस्कार इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (IAA) के द्वारा प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार अकादमी का सर्वोच्च गौरव है. इसकी शुरुआत 1982 में की गयी थी.
  • इसका नामकरण थियोडोर वॉन कर्मन के नाम पर किया गया है, जो एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे और विशेष रूप से वायुगतिकी (aerodynamics) में अपनी प्रमुख प्रगति के लिए जाने जाते थे. IAA की स्थापना भी वॉन कर्मन द्वारा की गई थी. जो संगठन के पहले अध्यक्ष भी थे.
  • यह पुरस्कार राष्ट्रीयता या जेंडर की सीमा के बिना विज्ञान की किसी भी शाखा में आजीवन उपलब्धियों के लिए हर साल दिया जाता है. यह पुरस्कार अकादमी के संस्थापक और प्रथम अध्यक्ष की स्मृति को सम्मानित करता है.
  • यह पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय प्रो. उडुपी रामचंद्र राव थे. उन्हें 2005 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके बाद 2007 में इसरो वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

भारत ने दुनिया के सबसे बड़े परमाणु फ्यूजन प्रोजेक्ट के ‘क्रायोस्टेट’ का अंतिम हिस्सा पूरा किया

भारत ने दुनिया के सबसे बड़े ‘परमाणु फ्यूजन प्रोजेक्ट’ के ‘क्रायोस्टेट’ का अंतिम हिस्सा पूरा कर लिया है. ‘क्रायोस्टेट’ के इस हिस्से को देश के एक निजी क्षेत्र की कंपनी ‘एलएंडटी’ ने सूरत के हजीरा में बनाया है. इसे 30 जून को फ्रांस भेजा गया. यह प्रोजेक्ट फ्रांस के कादार्शे में डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है. यह धरती पर सूरज से ज्यादा ऊर्जा पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है.

क्रायोस्टेट क्या है?

क्रायोस्टेट स्टील का हाई वैक्यूम प्रेशर चैम्बर होता है. जब कोई रिएक्टर बेहद गर्मी पैदा करता है, तो उसे ठंडा करने के लिए एक विशाल रेफ्रिजरेटर की जरूरत होती है जिसे क्रायोस्टेट कहते हैं.

परमाणु फ्यूजन प्रोजेक्ट: मुख्य तथ्य

  • परमाणु फ्यूजन प्रोजेक्ट के तहत 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पैदा होगा. यह सूर्य की कोर से 10 गुना ज्यादा होगा.
  • क्रायाेस्टेट का कुल वजन 3850 टन है. इसका 50वां और अंतिम हिस्सा करीब 650 टन वजनी, 29.4 मीटर चाैड़ा और 29 मीटर ऊंचा है.
  • इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) की यह मैग्नेटिक फ्यूजन डिवाइस की परियोजना परमाणु विखंडन के बजाए सूरज की तरह परमाणु संलयन पर आधारित है.

भारत, अमेरिका, जापान समेत 7 देश इस संयंत्र को बनाने में शामिल

  • इस प्रोजेक्ट में भारत के अलावा यूरोपीय देश, अमेरिका, जापान, चीन, फ्रांस और रूस शामिल हैं. इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) प्रोजेक्ट के सदस्य देश हाेने के नाते भारत ने क्रायोस्टेट बनाने की जिम्मेदारी चीन से ली थी.
  • भारत ने इस क्रायोस्टेट का निचला सिलेंडर जुलाई 2019 में और मार्च 2020 में इसके ऊपरी सिलेंडर को भेजा गया था. अब इसकी ऊपरी सतह भेजी गयी है.
  • इन सभी हिस्सों को जाेड़कर चैम्बर का आकार देने के लिए भारत ने कादार्शे के पास एक वर्कशॉप भी बनाई है. इस प्राेजेक्ट में भारत का योगदान 9% है, लेकिन क्रायोस्टेट देकर देश के पास इसके बौद्धिक संपदा के अधिकार सुरक्षित रहेंगे.

भारतीय अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक रतनलाल को 2020 का विश्व खाद्य पुरस्कार दिया जायेगा

मशहूर भारतवंशी अमेरिकी मृदा विज्ञानी रतनलाल को ‘विश्व खाद्य पुरस्कार’ (World Food Prize) 2020 दिए जाने की घोषणा की गई है. उन्हें 2,50,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 1.90 करोड़ रुपये) पुरस्कार राशि के रूप में दिए जाएंगे. रतनलाल ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी (OSU) में कार्बन प्रबंधन व सिक्वेस्ट्रेशन सेंटर के संस्थापक निदेशक हैं.

रतनलाल को यह पुरस्कार मृदा विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्य के लिए दिया गया है. उन्होंने चार महाद्वीपों में अपना योगदान दिया है. उनकी तकनीकों से 50 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को लाभ हुआ. दो अरब से अधिक लोगों के लिए आहार व पोषण की व्यवस्था करने के प्रयासों में सुधार आया है.

विश्व खाद्य पुरस्कार क्या है?

विश्व खाद्य पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है. इसे कृषि के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार माना जाता है। यह पुरस्कार अमेरिकी संस्था ‘व‌र्ल्ड फूड प्राइज फाउंडेशन’ द्वारा वर्ष 1987 से दिया जा रहा है. दुनिया में भोजन की गुणवत्ता और उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार करके वाले व्यक्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

भारतीय वैज्ञानिक राजीव जोशी को ‘इन्वेंटर ऑफ ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया

भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक राजीव जोशी को प्रतिष्ठित ‘इन्वेंटर ऑफ ईयर’ (Inventor of the Year Award) पुरस्कार दिया गया है. उन्हें यह पुरस्कार इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बढ़ावा देने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्षमताओं को बेहतर बनाने में योगदान के लिए दिया गया है.

राजीव जोशी IIT मुंबई के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एमएस की डिग्री और कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से मैकेनिकल/ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की डिग्री हासिल की है. वह न्यूयॉर्क में IBM थॉमसन वाटसन शोध केंद्र में काम करते हैं.
उन्होंने वैश्विक संचार और स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित कई आविष्कार किए हैं. अमेरिका में उनके नाम 250 से अधिक पेटेंट दर्ज हैं.

इन्वेंटर ऑफ ईयर: एक दृष्टि

इन्वेंटर ऑफ ईयर पुरस्कार प्रत्येक वर्ष समाज के प्रति आविष्कारक के योगदान को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार न्यूयार्क बौद्धिक संपदा कानून संघ (New York Intellectual Property Law Association- NYIPLA) दारा प्रदान किया जाता है.