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वित्तीय क्षेत्र में AI के नैतिक इस्तेमाल के लिए आठ-सदस्यीय समिति का गठन

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्तीय क्षेत्र में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के जिम्मेदार एवं नैतिक इस्तेमाल के लिए आठ-सदस्यीय समिति का गठन किया है.
  • इस समिति के अध्यक्ष IIT मुंबई में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य हैं.
  • यह समिति वैश्विक और घरेलू स्तर पर वित्तीय सेवाओं में AI की स्वीकार्यता के वर्तमान स्तर का आकलन करेगी.
  • यह बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC), वित्तीय-प्रौद्योगिकी फर्मों के लिए AI से जुड़े जोखिमों के मूल्यांकन, निपटान, निगरानी ढांचे एवं अनुपालन बिंदुओं की सिफारिश करेगी.

AI (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस): एक दृष्टि

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, कंप्यूटर विज्ञान की एक ऐसी तकनीक है जिसमें मशीनें मानव जैसी तर्कशक्ति और स्वायत्त निर्णय लेने की क्षमता हासिल करती हैं.

बैंकों की वित्तीय स्थिति पर भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट

  • भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत के बैंकों की वित्तीय स्थिति पर 26 दिसम्बर को एक रिपोर्ट जारी की थी.
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत के बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और यह बैंकों के ऋण और जमा में लगातार वृद्धि से भी उजागर होती है.
  • रिजर्व बैंक के अनुसार बैंकों की पूंजी स्थिति संतोषजनक है. भारत के बैंकों का लाभ लगातार छठे वर्ष 2023-24 में भी बढ़ा है.
  • बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) घटकर 13 वर्ष के निचले स्तर 2.7 प्रतिशत पर आ गईं हैं.
  • बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ. बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) का अनुपात मार्च 2024 के अंत में 13 वर्षों में सबसे कम 2.7 प्रतिशत और सितंबर 2024 के अंत में 2.5 प्रतिशत पर आ गया.

संजय मल्होत्रा ने RBI के 26वें गवर्नर के रूप में पदभार ग्रहण किया

  • संजय मल्होत्रा को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) का 26वाँ गवर्नर नियुक्त किया गया है. उन्होंने 11 दिसंबर 2024 को पदभार ग्रहण किया.
  • उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली है. वह राजस्थान कैडर के 1990 बैच के एक प्रमुख भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं.
  • आरबीआई गवर्नर नियुक्त होने से पहले संजय मल्होत्रा वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) के रूप में कार्यरत रहे.
  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने संजय मल्होत्रा को गवर्नर के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी थी. उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी

रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2.11 लाख करोड़ रुपये हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है. रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 22 मई को मुंबई में हुई 608वीं बैठक में इसे मंजूरी दी गई. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आकस्मिक जोखिम बफर को 6.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया.

मुख्य बिन्दु

  • आकस्मिक बफर जोखिम से तात्पर्य उस धनराशि से है जो आरबीआई को अपनी वर्तमान देनदारियों (जैसे दिन-प्रतिदिन की लागत, कर्मचारी वेतन, आदि) को पूरा करने और मौद्रिक और विदेशी मुद्रा कार्यों जैसे अपने वैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए बनाए रखना होता है.
  • आरबीआई ने भारत सरकार के परामर्श से 2018 में आरबीआई के आर्थिक पूंजी ढांचे की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया. समिति की अध्यक्षता बिमल जालान ने की.
  • आरबीआई ने 26 अगस्त 2019 को जालान समिति की सिफारिश को अपनाया था.
  • बिमल जालान समिति ने सिफारिश की थी कि आरबीआई को एक आकस्मिक बफर जोखिम बनाए रखना होगा जो उसके बैलेंस शीट का 6.5 प्रतिशत से 5.5 प्रतिशत होगा.
  • समिति ने आकस्मिक बफर जोखिम बनाने के बाद बाकी अधिशेष केंद्र सरकार को लाभांश को रूप में हस्तांतरित कर देने की सिफारिश की थी.
  • कोरोना महामारी के कारण, आरबीआई ने 2018-19 से 2021-22 तक अपनी बैलेंस शीट का 5.5 प्रतिशत का आकस्मिक बफर जोखिम बनाए रखा.
  • मजबूत आर्थिक विकास के कारण, आकस्मिक बफर जोखिम को 2022-23 में 6 प्रतिशत और 2023-24 में 6.5 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था.

भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपये के नोट वापस लेने का निर्णय लिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो हजार रुपये के नोट वापस लेने का निर्णय लिया है. हालांकि दो हजार रुपये के नोट वैध मुद्रा के रूप में बने रहेंगे.

मुख्य बिन्दु

  • RBI ने कहा कि क्लीन नोट नीति के अनुसरण में उसने दो हजार रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को प्रचलन से वापस लेने का निर्णय लिया है.
  • परिचालन सुविधा सुनिश्चित करने और बैंक शाखाओं को नियमित गतिविधियों में व्यवधान से बचने के लिए दो हजार रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदला जा सकता है.
  • RBI ने कहा कि इस प्रक्रिया को नियत समय में समाप्त करने के लिए और लोगों को पर्याप्त समय देने के लिए सभी बैंकों में दो हजार रुपये के नोट जमा करने या बदलने की सुविधा 30 सितम्बर 2023 तक उपलब्ध रहेगी.

RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा: नया रेपो दर 5.9%, रिवर्स रेपो दर 3.35%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 28-30 सितम्बर को मुंबई में हुई थी. बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी.

RBI ने इस समीक्षा में रेपो दर में 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 5.90 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है. RBI मई 2022 से अब तक रेपो रेट में 190 बेसिस प्‍वाइंट (1.90 फीसदी) की बढ़ोतरी कर चुका है.

शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की GDP वृद्धि आज भी सबसे बेहतर है. वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि दर 6.3% रह सकती है.

रेपो दर में परिवर्तन का प्रभाव

रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को कर्ज (लोन) देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट के कम या अधिक होने का प्रभाव कर्ज पर पड़ता है. रेपो दर में वृद्धि से बैंकों को RBI से अधिक व्याज पर कर्ज मिलता है. यानी RBI के इस कदम से कर्ज महंगा होगा.

RBI बढ़ते मुद्रास्फीति (महंगाई दर) पर नियंत्रण के लिए नीतिगत रेपो दर में वृद्धि करता है, जबकि बाजार में मांग को बढाने के लिए रेपो दर में कमी करता है.

रेपो दर में वृद्धि से लोग अपने बचत को खर्च करने के बजाय बैंक में जमा करने को प्रोत्साहित होते हैं, जिससे  मांग घटेगी और महंगाई कम होगी.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर5.90%
रिवर्स रेपो दर3.35%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर (MSF)6.15%
बैंक दर6.15%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)4.5%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)18%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?

भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये में व्यापारिक भुगतान की प्रणाली शुरू की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रुपये में व्यापारिक भुगतान की प्रणाली शुरू की है. RBI ने यह अतिरिक्त व्यवस्था भारतीय मुद्रा (INR) में निर्यात और आयात के चालान, भुगतान तथा अदायगी के लिए की है.

मुख्य बिन्दु

  • इस प्रणाली के तहत सभी प्रकार के निर्यात और आयात के भुगतान को रुपये में वर्गीकृत कर चालान तैयार किया जा सकता है.
  • इस पहल का उद्देश्य भारत से निर्यात पर जोर देने के साथ ही वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना और भारतीय मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि में सहयोग करना है.
  • हालांकि, रुपये में भुगतान करने के लिए अधिकृत डीलर बैंकों को RBI के विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्वानुमति आवश्यक होगा.

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाकर 4.40% किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत रेपो दर में 40 आधार अंक यानी 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. यह निर्णय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति ने लिया. इस बढ़ोतरी के बाद रेपो दर 4.4 प्रतिशत हो गई है. यह वृद्धि तत्‍काल प्रभाव से लागू हो गयी है.

मुख्य बिंदु

  • RBI ने चार साल के बाद रेपो दर में बढ़ोतरी की है. इससे पहले पिछली बार रेपो रेट में मई 2020 में कटौती की गई थी और तब से लगातार इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था.
  • RBI ने इसके अलावा कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 50 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी की गई है, जो कि ब्याज दरों पर और दबाव बनाएगा.
  • रेपो रेट वह रेट होता है जिसपर केन्द्रीय बैंक (RBI) अन्य वाणिज्यिक बैकों को कर्ज देता है. इसी आधार पर वाणिज्यिक बैंक अपने ग्राहकों को कर्ज देता है.
  • रेपो रेट कम होने का मतलब होता है कि ग्राहकों को कम दाम पर लोन मिलेगा और रेपो रेट बढ़ने का मतलब है कि अब लोन महंगा हो जाएगा.
  • यह फैसला देश में बढती मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए लिया गया है. बीते कुछ माह के आंकड़ों पर गौर करें तो यह एक बहुत बड़ी चुनौती है, जो 6% के ऊपरी स्तर पर बनी हुई है.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4.4%
रिवर्स रेपो दर3.75%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर (MSF)4.65%
बैंक दर4.65%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)18%

नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए RBI  ने रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब की शुरुआत की

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) की स्थापना की है. इसका उद्घाटन RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 25 मार्च को बंगलूरू में किया था.

मुख्य बिंदु

  • इसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 100 करोड़ रुपए का प्रारंभिक पूंजी योगदान के साथ एक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है. यह RBI की पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक कंपनी है.
  • RBIH की स्थापना देश में नवाचारों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए की गई है. यह हब देश के वित्तीय नवाचार क्षेत्र में स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र, BFSI क्षेत्र, अकादमिक और नियामकों जैसे हितधारकों के बीच सामंजस्य लाने की भी तलाश करेगा.
  • इस हब के लिए एक स्वतंत्र बोर्ड का गठन किया गया है. एस गोपालकृष्णन को इस हब का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बोर्ड में शिक्षाविदों के साथ-साथ उद्योग जगत को भी शामिल किया गया है.
  • यह हब विभिन्न स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करेगा. यह विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों की पहचान करने और उन्हें हल करने के लिए सरकारी विभागों, मंत्रालयों के साथ सहयोग करेगा.

रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना और रिजर्व बैंक-एकीकृत लोकपाल योजना का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 नवम्बर को ‘रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना’ (RBI Retail Direct Scheme) और ‘रिजर्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना’ (Reserve Bank – Integrated Ombudsman Scheme) का शुभारंभ किया था. इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे.

क्या है खुदरा प्रत्यक्ष योजना

  • भारतीय रिजर्व बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना का उद्देश्य सरकारी प्रतिभूति बाजार में खुदरा निवेशकों की पहुंच बढ़ाना है. इसके तहत आम आदमी भी आसानी से सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) की खरीदारी कर सकेंगे.
  • इस योजना के तहत निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के हवाले से ऑनलाइन सरकारी प्रतिभूति खाते नि:शुल्क खोल सकते हैं. इस योजना की शुरुआत के साथ भारत कुछ चुनिंदा देशों में आ गया है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध है.

क्या है एकीकृत लोकपाल योजना

  • एकीकृत लोकपाल योजना का उद्देश्य शिकायतों को दूर करने वाली प्रणाली में और सुधार लाना है ताकि संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक नियम बना सके.
  • इस योजना की केंद्रीय विषयवस्तु ‘एक राष्ट्र-एक लोकपाल’ की अवधारणा पर आधारित है. इसके तहत एक पोर्टल, एक ई-मेल और एक पता होगा, जहां ग्राहक अपनी शिकायतें दायर कर सकते हैं, दस्तावेज जमा कर सकते हैं, अपनी शिकायतों-दस्तावेजों की स्थिति जान सकते हैं.
  • ऐसी शिकायतें जो लोकपाल योजना के तहत नहीं आती हैं, उनकी सुनवाई उपभोक्ता शिक्षा एवं संरक्षण प्रकोष्ठ (CEPC) द्वारा की जाएगी. ये प्रकोष्ठ रिजर्व बैंक के 30 क्षेत्रीय कार्यालयों में स्थित हैं.

उपभोक्ता शिकायत निपटान के लिए RBI के कदम

RBI ने हाल के समय में उपभोक्ता शिकायत निपटान प्रणाली को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके तहत 2019 में केंद्रीय बैंक ने शिकायत प्रबंधन प्रणाली (CMS) की शुरुआत की थी. रिजर्व बैंक की वैकल्पिक शिकायत समाधान व्यवस्था में फिलहाल तीन लोकपाल योजनाएं – बैंकिंग लोकपाल योजना (1995 में शुरू), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना (2018) और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (2019) शामिल हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में वित्‍तीय समावेश के आंकलन के लिए FI इंडैक्‍स की शुरूआत की

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश में वित्‍तीय समावेश के आंकलन के लिए एक सम्‍पूर्ण वित्‍तीय समावेश सूचकांक (Financial Inclusion Index – FI Index) की शुरूआत की है. RBI ने एक वक्‍तव्‍य में कहा कि FI इंडैक्‍स हर वर्ष जुलाई में प्रकाशित किया जाएगा.

मार्च 2021 को समाप्‍त अवधि के लिए वार्षिक FI इंडैक्‍स 53.9 दर्ज हुआ है. मार्च 2017 को समाप्‍त अवधि के लिए ये आंकड़ा 43.4 था.

FI-इंडैक्‍स: एक दृष्टि

  • FI-इंडैक्‍स की परिकल्‍पना एक बहुपक्षीय सूचकांक के रूप में की गई है जिसमें सरकार और विभिन्‍न क्षेत्रीय नियामकों के साथ मिलकर बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक तथा बीमा क्षेत्र से जुड़े ब्‍यौरे को शामिल किया जाएगा.
  • इस सूचकांक में वित्‍तीय समावेश के पहलुओं पर जानकारी को 0 से लेकर 100 तक एक एकाकी मापदण्‍ड के माध्‍यम से दर्शाया जाएगा, जहां 0 की रीडिंग सम्‍पूर्ण वित्‍तीय बहिष्‍करण के लिए होगी और 100 की रीडिंग सम्‍पूर्ण वित्‍तीय समावेश के लिए होगी.
  • FI-इंडैक्‍स के तीन प्रमुख पहलु हैं. 35 प्रतिशत महत्‍व वित्‍तीय सेवाओं तक पहुंच को दिया गया है. सेवाओं के उपयोग को 45 प्रतिशत महत्‍व दिया है और गुणवत्‍ता को 20 प्रतिशत. इन तीन प्रमुख पहलुओं को कुल 97 विभिन्‍न सूचकों के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा.
  • ये सूचकांक वित्‍तीय सेवाओं तक पहुंच की सरलता, सेवाओं की उपलब्‍धता और उपयोग तथा सेवाओं की गुणवत्‍ता पर भी आधारित होगा.
  • गुणवत्‍ता का पैमाना इस सूचकांक का एक विशिष्‍ट पहलु है जिसमें वित्‍तीय साक्षरता, उपभोक्‍ता सुरक्षा और सेवाओं में असमानताओं और कमियों के आधार पर वित्‍तीय समावेश की गुणवत्‍ता को दर्शाया जाएगा.
  • ये सूचकांक बिना किसी आधार वर्ष के गठित किया गया है और वित्‍तीय समावेश की ओर कई वर्षों से सभी पक्षधरों द्वारा किए गए संयुक्‍त प्रयासों को दर्शाता है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. RBI ने इस बैंक को सभी कामकाज बंद करने के निर्देश दिये हैं. सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से भी बैंक बंद कराने और बैंक के लिए ऋणशोधक नियुक्त करने का आग्रह किया गया है. इस बैंक का लाइसेंस अपर्याप्त पूंजी और आय की संभावना न होने के कारण रद्द किया गया है.

बैंक के बंद होने पर हर जमाकर्ता को पांच लाख रुपए तक की सीमा के साथ जमा बीमा दावा हासिल करने का अधिकार होगा. 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा और साख गारंटी निगम से अपनी पूरी जमा राशि मिल जाएगी.