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वित्त वर्ष 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया गया

वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2022 पेश किया. इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया था.

आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22: मुख्य बिंदु

  • 2022-23 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 8 से 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हो सकती है. 2020-21 में GDP वृद्धि -7.3 प्रतिशत थी. 2021-22 में GDP वृद्धि वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो दुनिया की समस्‍त बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में सर्वाधिक है.
  • 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. 2021-22 में इस क्षेत्र के 3.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है. चालू वर्ष में, खरीफ सत्र के लिए खाद्यान्न उत्पादन करीब 150 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर आने का अनुमान है.
  • 2020-21 में औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि दर -7 प्रतिशत वृद्धि ही थी लेकिन 2021-22 में यह 11.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
  • 2020-21 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर -8.4 प्रतिशत थी जो 2021-22 में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) का कुल शुद्ध लाभ 2020-21 के पहले छह महीनों के दौरान 14,688 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 की पहली छमाही में 31,144 करोड़ रुपये हो गया है.

विमानन कम्‍पनी ‘एयर इंडिया’ को टाटा सन्‍स को आधिकारिक रूप से सौंपा गया

विमानन कम्‍पनी ‘एयर इंडिया’ को टाटा सन्‍स को आधिकारिक रूप से सौंप दिया गया. इसके साथ ही एयर इंडिया के विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो गई. एयर इंडिया का प्रबंधन और नियंत्रण अब पूरी तरह से टाटा समूह के अधीन होगा. टाटा समूह को एयर इंडिया के साथ ही उसकी दो इकाईयां एयर इंडिया एक्‍सप्रेस और एयर इंडिया SATS भी सौंप दी गई है.

एयर इंडिया का अधिग्रहण

टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस (Talace) ने एयर इंडिया, एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट और एयर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया गया है.

इससे पहले, एयर इंडिया का पूर्ण स्वामित्व सरकार के पास था. टाटा समूह ने अक्टूबर 2021 में केंद्र सरकार के साथ एक शेयर खरीद समझौता किया. टाटा संस की सहायक कंपनी टैलेस ने 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी के लिए 18,000 करोड़ रुपये की सर्वाधिक बोली लगाई थी.

इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए 5 वर्ष का रोडमैप और दृष्टिकोण दस्तावेज जारी किया गया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ICEA के साथ मिलकर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए 5 वर्ष का रोडमैप और दृष्टिकोण दस्तावेज जारी किया है. इसका शीर्षक है- ‘2026 तक तीन सौ बिलियन डॉलर का सतत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निर्यात’. यह रोडमैप दो-भाग वाले विज़न दस्तावेज़ का दूसरा भाग है. इसका पहला भाग नवंबर 2021 महीने  में जारी किया गया था.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोबाइल निर्माण में दोहरे नियमों के मुद्दे पर उद्योग जगत की आशंकाओं पर स्पष्ट किया कि दूरसंचार विभाग मोबाइल निर्माण में प्रवेश नहीं कर रहा है और मोबाइल निर्माण नियामक व्यवस्था पहले के समान रहेगी.

सरकार ने अगले 6 वर्षों में चार PLI योजनाओं – सेमीकंडक्टर और डिजाइन, स्मार्टफोन, आईटी हार्डवेयर और घटकों में लगभग 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है.

भारत विश्व में खीरा का सबसे बड़ा निर्यातक बना

भारत विश्व में खीरा का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने 223 मिलियन डॉलर के मूल्य के साथ 2,23,515 मीट्रिक टन ककड़ी और खीरे का निर्यात किया था. भारत ने पिछले वित्त वर्ष में अचार बनाने वाले खीरे के निर्यात में 20 करोड़ डॉलर का आंकड़ा पर कर लिया. खीरे के इस प्रसंस्कृत उत्पाद को वैश्विक स्तर पर गेरकिंस के रूप में जाना जाता है.

मुख्य बिंदु

  • खीरे को ककड़ी और खीरे के तहत दो श्रेणियों में निर्यात किया जाता है. इन्हें सिरका या एसिटिक एसिड के माध्यम से तैयार और संरक्षित किया जाता है.
  • खीरे की खेती, प्रोसेसिंग और निर्यात की शुरूआत भारत में 1990 के दशक में कर्नाटक में छोटे स्तर पर हुई थी. बाद में पड़ोसी राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से खीरे को प्रोसेसिंग कर निर्यात किया जाने लगा.
  • दुनिया की खीरा आवश्यकता का लगभग 15 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है.

अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली-हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण को स्‍वीकृति

मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने 6 जनवरी को अंतर-राज्‍यीय पारेषण प्रणाली-हरित ऊर्जा गलियारे (इंट्रास्‍टेट ट्रांसमिशन सिस्‍टम ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर) के दूसरे चरण (फेस-2) को स्‍वीकृति दी.

  • दूसरे चरण पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपया खर्च होगा. इसके माध्‍यम से 10750 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा. लगभग 20 गीगावॉट रेन्‍युअल उर्जा का उत्पादन किया जाएगा. दूसरे फेस में सात राज्‍य- गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, उत्‍तर प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्‍थान शामिल हैं.
  • हरित ऊर्जा गलियारा का पहला चरण तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में लागू किया जा रहा है. इसका लक्ष्य 24 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करना है. पहले चरण में 10142 करोड़ रुपये की कुल लागत थी.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि इस फैसले से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 450 गीगावॉट का लक्ष्य हासिल करने के भारत के प्रयासों को मजबूती मिलेगी. इससे ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा मिलेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2021 जारी की

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 29 दिसम्बर को वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) का 24वां अंक जारी किया. इस रिपोर्ट में वित्तीय स्थिरता के जोखिमों और वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन का मूल्यांकन किया गया है. यह मूल्यांकन वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की उप-समिति द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है.

मुख्य बिंदु

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCB) का जोखिम भारित आस्तियों की तुलना में पूंजी अनुपात (CRAR) 16.6 प्रतिशत के नए शिखर पर पहुंच गया और सितंबर 2021 में उनका प्रावधान कवरेज अनुपात (PCR) 68.1 प्रतिशत था. कॉर्पोरेट क्षेत्र मजबूत हो रहा है और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार हो रहा है.
  • क्रेडिट जोखिम के लिए समष्टि तनाव जांच यह दर्शाता है कि SCB का सकल गैर-निष्पादित आस्ति (GNPA) अनुपात, बेसलाइन परिदृश्य के तहत सितंबर 2021 में 6.9 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर 2022 तक 8.1 प्रतिशत और गंभीर तनाव परिदृश्य के तहत 9.5 प्रतिशत हो सकता है. हालांकि, SCB के पास तनाव की स्थिति में भी समग्र और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर पर्याप्त पूंजी होगी.
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के साथ-साथ सूक्ष्म वित्त खंड में भी तनाव के उभरते संकेतों से, आगे, इन पोर्टफोलियो की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता होगी.

उपभोक्‍ता संरक्षण नियम, 2021 की अधिसूचना जारी की गयी

सरकार ने उपभोक्‍ता संरक्षण नियम (Consumer Protection Rules) 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है. ये नियम देश में प्रत्‍यक्ष वि‍क्रय के माध्‍यम से खरीदी या बेची गई वस्‍तु और सेवाओं पर लागू होंगे. साथ ही, उपभोक्‍ताओं को वस्‍तु और सेवाएं देने वाली सीधी बिक्री से जुड़ी कंपनियों पर भी ये नियम लागू होंगे. ये नियम उन कंपनियों पर भी लागू होंगे जो देश में स्‍थापित नहीं है, लेकिन उपभोक्‍ताओं को वस्‍तु या सेवाएं उपलब्‍ध करा रही हैं.

इन नियमों के सरकारी गजट में प्रकाशन की तिथि से 90 दिन के अंदर प्रत्यक्ष विक्रय से जुड़ी मौजूदा कंपनियों को इनका अनुपालन करना होगा. सीधी बिक्री करने वाली कंपनियों और विक्रेताओं पर अपने उत्पादों की बहु स्तरीय बिक्री के लिये नये सदस्यों की श्रृंखला बनाने की पिरामिड योजना को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध रहेगा.

प्रत्येक प्रत्यक्ष बिक्री इकाई (direct selling entity) को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता होगी जो अधिनियम और इन नियमों के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा.

सीसीआई ने एयर इंडिया लिमिटेड के शेयरधारिता अधिग्रहण को मंजूरी दी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने टाटा समूह के एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस तथा AISATS के प्रस्तावित अधिग्रहण को 20 दिसम्बर को मंजूरी दे दी. टाटा समूह की कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड घरेलू विमानन कंपनी को एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 प्रतिशत तथा एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (AISATS) में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करना है.

CCI भारत में प्रमुख राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नियामक है. यह एक वैधानिक निकाय है, जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करता है. यह प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 को लागू करने के लिए जिम्मेदार है.

टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया का अधिग्रहण किया है

टाटा ग्रुप ने भारी कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को हाल में खरीदा था. इसके लिए टाटा ग्रुप के टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने अक्टूबर 2021 में 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया का अधिग्रहण के लिए सफल बोली लगायी थी. कंपनी इस अधिग्रहण समझौते के तहत 2,700 करोड़ रुपये नकद देगी तथा विमानन कंपनी पर 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज की जवाबदेही लेगी.

एयर इंडिया की स्थापना 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में हुई थी. बाद में सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर लिया था. सरकार पिछले कई साल से इसे बेचने की कोशिश में लगी थी. आखिरकार टाटा संस के रूप में उसे खरीदार मिल गया और एयरलाइन की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया.

भारत सरकार ने चिप बनाने के लिए 76 हजार करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड उत्पादन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को मंजूरी दी है. PLI योजना में अगले 5 से 6 वर्षों में देश में सेमीकंडक्टर निर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश का खाका तैयार किया गया है.

मुख्य बिंदु

इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देना है. इस योजना में बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल विनिर्माण, ऑटो घटक निर्माण और इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम डेवलपर्स भी शामिल हैं. इससे माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और टेस्टिंग में मदद मिलेगी और एक कंप्लीट इकोसिस्टम विकसित होगा.

डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (Design Linked Incentive – DLI) योजना के तहत, सरकार सेमीकंडक्टर, सिस्टम और आईपी कोर, इंटीग्रेटेड सर्किट (IC), सिस्टम ऑन चिप्स (SoC), चिपसेट और सेमीकंडक्टर लिंक्ड डिज़ाइन की 100 घरेलू कंपनियों को सहायता प्रदान करेगी. यह योजना पात्र व्यय के 50 प्रतिशत तक प्रोत्साहन की पेशकश करेगी.

भारत में सतत सेमीकंडक्टर विकसित करने और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदर्शित करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों को चलाने के लिए सरकार एक स्वतंत्र ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ भी स्थापित करेगी.

बैंक जमा राशि बीमा भुगतान कार्यक्रम पर एक समारोह आयोजित किया गया

बैंक जमा राशि बीमा भुगतान पर 12 दिसम्बर को नई दिल्ली में एक समारोह “जमाकर्ता प्रथम – पांच लाख रुपये तक गारंटीकृत समयबद्ध जमा बीमा भुगतान” आयोजित किया गया था. इस समारोह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्बोधित किया.

मुख्य बिंदु

  • बैंक जमा पर बीमा सुरक्षा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है. यानी कोई भी बैंक संकट में आता है तो जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक जरूर वापिस मिलेगा.
  • यह बीमा सुरक्षा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्ण स्‍वामित्‍व वाली सहायक कंपनी- ‘जमा बीमा और साख गारंटी निगम’ (डिपॉज़िट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन – DICGC) द्वारा उपलब्‍ध कराया जाता है. DICGC 15 जुलाई 1978 को अस्तित्व में आया था.
  • भारत में कार्यरत सभी वाणिज्यिक बैंकों में बचत, चालू, सावधि और आवर्ती जमा खातों में मौजूद जमा राशि बीमा के दायरे में आती है. राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में कार्यरत राज्य, केंद्रीय और प्राथमिक सहकारी बैंक भी इसके दायरे में आते हैं.
  • DICGC ने अंतरिम भुगतान का पहला भाग हाल ही में जारी किया है. यह भुगतान उन 16 शहरी सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं के दावों के आधार पर किया गया है, जिन्‍हें रिजर्व बैंक ने प्रतिबंधित कर रखा है. एक लाख से अधिक जमाकर्ताओं के दावों के आधार पर 1300 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का भुगतान उनके वैकल्पिक बैंक खातों में किया जा चुका है.

RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक, रेपो दर 4%, रिवर्स रेपो दर 3.35% पर अपरिवर्तित

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समि‍ति (MPC) की बैठक 6-8 अगस्त को मुंबई में आयोजित की गयी थी. बैठक की अध्यक्षता बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने की थी. यह चालू वित्त वर्ष (2021-22) की पांचवी द्विमासिक (दिसम्बर-जनवरी) मौद्रिक नीति (5th Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा बैठक थी.

MPC की बैठक: मुख्य बिंदु

रिजर्व बैंक ने वर्तमान में रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है. यह लगातार 9वीं बार था जब RBI ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी.

RBI ने इस वित्त वर्ष (2021-22) में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक GDP वृद्धि वृद्धि 17.2% रहने का अनुमान है.

2021-22 के दौरान सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3% अनुमानित है. 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.1% अनुमानित है.

वर्तमान दरें: एक दृष्टि

नीति रिपो दर4%
रिवर्स रेपो दर3.35%
सीमांत स्‍थायी सुविधा दर (MSF)4.25%
बैंक दर4.25%
नकद आरक्षित अनुपात (CRR)4%
वैधानिक तरलता अनुपात (SLR)18%

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI): एक दृष्टि

  • भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भारत का केन्द्रीय बैंक है. यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है.
  • RBI की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को RBI ऐक्ट 1934 के अनुसार हुई. प्रारम्भ में इसका केन्द्रीय कार्यालय कोलकाता में था जो सन 1937 में मुम्बई आ गया.
  • पहले यह एक निजी बैंक था किन्तु सन 1949 से यह भारत सरकार का उपक्रम बन गया है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है.

क्या होता है रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, सीआरआर और एसएलआर?

वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी: GDP में 8.4 फीसदी की वृद्धि

राष्‍ट्रीय सांख्‍यिकी कार्यालय (NSO) ने चालू वित्‍तवर्ष (2021-22) की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के आंकड़े 30 नवम्बर को जारी किये. इन आंकड़े के अनुसार इस तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्‍पाद (GDP) वृद्धि दर 8.4 फीसदी रही.

चालू वित्‍तवर्ष की दूसरी तिमाही: मुख्य बिंदु

  • दुनिया की प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्‍तवर्ष की दूसरी तिमाही में सबसे तेज रही.
  • NSO के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र का उत्‍पादन 5.5 प्रतिशत बढ़ा जबकि इसी अवधि में निर्माण क्षेत्र में 7.5 प्रतिशत की व‍ृद्धि हुई.
  • सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बावजूद जुलाई से सितम्‍बर की दूसरी तिमाही में घरेलू खपत में वृद्धि हुई. पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी.