Tag Archive for: Important Days- January

25 जनवरी: राष्ट्रीय मतदाता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ (National Voters’ Day) के रूप में मनाया जाता है. इसे दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य लोगों को अपने मताधिकार के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना है. इस वर्ष 2020 में 10वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस है.

‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के स्थापना दिवस के दिन मनाया जाता है. भारतीय चुनाव आयोग का गठन 25 जनवरी 1950 को किया गया था. पहली बार यह दिवस 2011 में मनाया गया था.

मतदाता दिवस का विषय: राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2020 का विषय (theme) – ‘सशक्त लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता’ (Electoral Literacy for Stronger Democracy) है.

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24 जनवरी: अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ (International Day of Education) मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य शांति और विकास में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित करना है. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2020 का विषय ‘Learning for people, planet, prosperity and peace’ है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 24 जनवरी को ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ मनाने के लिए एक प्रस्ताव 3 दिसंबर 2018 को पारित किया था. 24 जनवरी 2019 को पहला अंतरराष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया था. इस प्रकार इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का दूसरा संस्करण है.

भारत में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है…»

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24 जनवरी: राष्‍ट्रीय बालिका दिवस, जागरूक बालिका सशक्‍त मध्‍यप्रदेश दिवस

प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को राष्‍ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) मनाया जाता है. य‍ह दिन केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2008 से प्रति वर्ष मनाया जाता है. राष्‍ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्‍य समाज में लोगों के बीच बेटियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और बेटियों को सामाजिक व आर्थिक विकास के नए अवसर मुहैया कराना है.

राष्‍ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अलग-अलग तरह के अभियान चलाए जाते हैं.

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत

सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के जरिए लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता है. महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या अब कम हो गए हैं.

इन अभियानों से लोगों की मानसिकता को बदलने में मदद मिली है, खासकर ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को लेकर काफी जागरुकता आई है. समाज के लोगों की मानसिकता पर इन अभियानों का काफी असर हुआ है. अब लोग लड़कियों को लड़कों के बराबर सम्मान और अधिकार दे रहे हैं.

जागरूक बालिका सशक्‍त मध्‍यप्रदेश दिवस

मध्‍य प्रदेश में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत 24 जनवरी को ‘जागरूक बालिका सशक्‍त मध्‍यप्रदेश’ के साथ राष्‍ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया. इस दिन बालिकाओं की स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की गयी.

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15 जनवरी: सेना दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस (Army Day) के रूप में मनाया जाता है. सेना दिवस को मनाने का उद्देश्य थल सेना के अदम्य साहस, उनकी वीरता, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करना है. भारतीय सेना का आदर्श वाक्य ‘service before self’ है.

यह दिवस 15 जनवरी को फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. आज ही के दिन 1949 में देश के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ एफआरआर बुशर से सैन्य कमान अपने हाथों में ली थी. इस वर्ष यानी 2020 में 72वां सेना दिवस है. करियप्पा पहले ऐसे ऑफिसर थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी.

इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडिमरल करमबीर सिंह ने राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.

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14 जनवरी: भूतपूर्व सैनिक दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को ‘भूतपूर्व सैनिक दिवस’ (Ex-servicemen’s Day) मनाया जाता है. यह दिवस भारतीय सेना के प्रथम फील्ड मार्शल एवं आर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर केएम करियप्पा की याद में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में भूतपूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान पैदा करना है.

फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 14 जनवरी 1953 को भारतीय सेना में अपनी शानदार सेवा के बाद सेवानिवृत हुए थे.

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12 जनवरी: स्वामी विवेकानंद की जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में मनाता जाता है

12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है. इस दिन को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (National Youth Day) के रुप में मनाता जाता है. स्वामी जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था.

भारत के महान आध्‍यात्मिक गुरु स्‍वामी विवेकानंद ने विश्व को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से अवगत कराया. उन्हें बचपन में परिजनों ने नरेंद्र नाम दिया था. उठो, जागो, और ध्येय की प्राप्ति तक रूको मत… स्वामी विवेकानंद का ये संदेश सदा सर्वदा देश और दुनिया के युवाओं को प्रेरित करता रहेगा. अमरीका के शिकागो की धर्म संसद में साल 1893 में स्वामी विवेकानंद के भाषण ने पूरी दुनिया के सामने भारत को एक मजबूत छवि के साथ पेश किया था.

स्वामी विवेकानंद: एक दृष्टि

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. विवेकानंद को भारत में हिन्दू धर्म के पुनर्जागरण व राष्ट्रवाद का प्रेरणा-श्रोत माना जाता है. वे प्रसिद्ध संत रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे. स्वामी विवेकानंद का निधन 4 जुलाई, 1902 को हुआ था.

स्वामी विवेकानंद ने 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में ऐतिहासिक भाषण दिया था और विश्व को हिन्दू धर्म का परिचय करवाया था.

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10 जनवरी: विश्‍व हिंदी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकरी

प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्‍व हिंदी दिवस (World Hindi Day) के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार और इसे अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है. इस मौके पर दुनियाभर में हिंदी को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

विश्व हिंदी दिवस: एक दृष्टि

  • पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था.
  • विश्‍वभर में हिन्‍दी भाषा के प्रचार के लिए 10 जनवरी, 2006 को नागपुर में पहला विश्‍व हिन्‍दी दिवस मनाया गया था.
  • हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. देश के करीब 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं.
  • अमेरिका के 45 विश्वविद्यालयों सहित पूरी दुनिया के करीब 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई जारी है.

हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने की पहल

भारत सरकार ने हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए एक पहल शुरू की है. इस पहल में संयुक्त राष्ट्र के उस नियम में बदलाव की मुहिम शुरू की गयी है जिसमें इस प्रस्ताव का अनुमोदन करने वाले देशों पर खर्च वहन करने का जिम्मा डाला गया है.

संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा के लिए नियम व शर्तें

  • संयुक्त राष्ट्र में किसी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए दो-तिहाई देशों द्वारा अनुमोदन जरूरी होता है.
  • अनुमोदन करने वाले देशों को इसके लिए होने वाले व्यय में हिस्सेदारी वहन करनी होती है. खर्च वहन करने की शर्त के कारण छोटे एवं गरीब देशों को समस्या होगी.
  • भारत पूरा खर्च वहन करने के लिए तैयार है लेकिन नियम के कारण ऐसा संभव नहीं है. इसी वजह से जर्मन एवं जापानी भाषा को भी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है.
  • भारत ने संयुक्त राष्ट्र के इस नियम को बदलवाने के लिए मुहिम शुरू कर दी है. भारत का कहना है कि अगर वह खुद पूरा खर्च वहन करने का तैयार है तो हिन्दी को नियंत्रण निकाय की आधिकारिक भाषा बनाने की इजाजत मिलनी चाहिए.
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9 जनवरी 2020: 16वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मनाया गया

प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को ‘प्रवासी भारतीय दिवस’ (Pravasi Bharatiya Divas) मनाया जाता है. यह दिन महात्‍मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से 9 जनवरी 1915 को भारत लौटने की स्‍मृति में भी मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत के विकास में विदेशों में बसे भारतीय समुदाय के योगदान का स्मरण करना है.

विदेश मंत्रालय वर्ष 2003 से हर साल इस दिन समारोहों का आयोजन करता रहा है. 9 जनवरी 2020 को 16वां प्रवासी भारतीय दिवस है.

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4 जनवरी: लुई ब्रेल दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 4 जनवरी को लुई ब्रेल दिवस (World Braille Day) मनाया जाता है. यह दिवस लुई ब्रेल के जन्मदिन पर मनाया जाता है. लुई ब्रेल का जन्म इसी दिन 1809 में फ्रांस में हुआ था. लुई ब्रेल ने नेत्रहीनों के लिये ब्रेल लिपि का निर्माण किया था. लुई ब्रेल की वजह से नेत्रहीनों को पढ़ने का मौक़ा मिला. यह दिन दृष्टिबाधित दिव्‍यांगजनों को मानवाधिकार प्रदान करने और संचार के माध्‍यम के रूप में ब्रेल लिपि के बारे में जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है.

ब्रेल लिपि: एक दृष्टि

  • ब्रेल लिपि एक तरह की लिपि है, जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है.
  • इस पद्धति का आविष्कार 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था.
  • यह 6 बिंदुओं के उपयोग से 64 अक्षर और चिह्न वाली लिपि है.
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3 जनवरी: सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

3 जनवरी को समाज सुधारिका सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले की जयंती (Savitribai Phule Jayanti) है. उनका जन्म 1831 में इसी दिन महाराष्ट्र स्थित सतारा के नायगांव में हुआ था.

सावित्रीबाई फुले: मुख्य तथ्य

  • सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए.
  • वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी.
  • सावित्रीबाई फुले को देश के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रधानाचार्या बनने और पहले किसान स्कूल की स्थापना करने का श्रेय जाता है.
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2 जनवरी 2020: गुरू गोबिन्द सिंह जी की 353वीं जयंती मनाई गयी

दसवें सिख गुरु, गुरू गोबिन्द सिंह जी की 353वीं जयंती 2 जनवरी को मनाई गयी. गुरु गोबिन्द सिंह ने अपना जीवन सत्य, न्याय और करुणा जैसे मूल्यों की रक्षा के लिये समर्पित किया. बिहार में गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मोत्सव पर मुख्य समारोह उनके जन्मस्थान पटना साहिब में तख्त हरमंदिर साहिब में आयोजित किया गया.

गुरू गोबिंद सिंह: एक दृष्टि

  • गुरु गोबिन्द सिंह का जन्म 05 जनवरी 1666 को पटना में हुआ था. उनके पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के उपरान्त 11 नवम्बर सन 1675 को वे गुरू बने.
  • सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होने खालसा पन्थ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है.
  • गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया तथा उन्हें गुरु रूप में सुशोभित किया.
  • बिचित्र नाटक को उनकी आत्मकथा माना जाता है. यही उनके जीवन के विषय में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है. दसम ग्रन्थ, गुरू गोबिन्द सिंह की कृतियों के संकलन का नाम है.
  • स्वयं इस्लाम न स्वीकारने के कारण 11 नवम्बर 1675 को औरंगजेब ने दिल्ली के चांदनी चौक में सार्वजनिक रूप से उनके पिता गुरु तेग बहादुर का सिर कटवा दिया.
  • उन्होंने “5 क” — केश, कंघा, कड़ा, किरपान तथा कच्छा की शुरुआत की थी.
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1 जनवरी: DRDO दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को अपना स्थापना दिवस (DRDO Day) मनाती है. DRDO की स्थापना 1 जनवरी, 1958 में की गई थी.

रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मात्र दस प्रयोगशालाओं के साथ संगठन की शुरुआत हुई थी. DRDO के वर्तमान अध्यक्ष डॉक्टर जी. सतीश रेड्डी हैं. DRDO देश की सुरक्षा के लिए मिसाइल, रडार, सोनार, टॉरपीडो आदि का निर्माण करती है.

रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (DRDO): एक दृष्टि

DRDO, रक्षा अनुसन्धान व विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) का संक्षिप्त रूप है. यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक संगठन है. यह सैन्य अनुसन्धान तथा विकास से सम्बंधित कार्य करता है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. DRDO का आदर्श वाक्य ‘बलस्य मूलं विज्ञानं’ है. पूरे देश में DRDO की 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है.

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