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12 अगस्त: विश्‍व हाथी दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को विश्‍व हाथी दिवस (World Elephant Day) मनाया जाता है. इस दिवस का आयोजन हाथियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है.

एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की घटती संख्‍या की ओर तत्‍काल ध्‍यान आकृष्‍ट करने के लिए यह दिवस 2012 से मनाया जा रहा है. वर्ष 2011 में ‘एलीफैंट रिइंट्रोडक्शन फाउंडेशन’ (Elephant Reintroduction Foundation) और कनाडाई फिल्म निर्माता पेट्रीसिया सिम्स एवं माइकल क्लार्क द्वारा विश्व हाथी दिवस की कल्पना की गई थी.

भारत में हाथियों का संरक्षण

एशियाई हाथी की तीन उप-प्रजातियाँ हैं: भारतीय, सुमात्रन तथा श्रीलंकन. भारत में हाथी को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (Wildlife (Protection) Act, 1972) की अनुसूची 1 में शामिल करते हुए भारतीय वन्यजीव कानून के तहत उच्चतम संभव संरक्षण प्रदान किया गया है. सरकार ने वर्ष 2011 में भारतीय हाथी को देश का राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया था.

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10 अगस्त: विश्‍व जैव ईंधन दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 10 अगस्‍त को ‘विश्‍व जैव ईंधन दिवस’ (World Biofuel Day) मनाया जाता है. इसका उद्देश्‍य पांरपरिक जीवाश्‍म ईंधनों के विकल्‍प के रूप में गैर-जीवाश्‍म ईंधनों के महत्‍व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. जैव ईंधनों के विभिन्‍न फायदों में आयात निर्भरता में कमी, स्‍वच्‍छ पर्यावरण, किसानों को अतिरिक्‍त आमदनी और रोजगार सृजन शामिल हैं.

2020 में विश्‍व जैव ईंधन दिवस की थीम

भारत में इस वर्ष यानि 2020 में विश्‍व जैव ईंधन दिवस की थीम (मुख्य विषय) ‘Biofuels Towards Atmanirbhar Bharat’ है.

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8 अगस्त 2020: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 78वीं वर्षगांठ

8 अगस्त 2020 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (अगस्त क्रांति दिवस) की 78वीं वर्षगांठ मनाई गयी. आज से 78 साल पहले 1942 में आज ही के दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने बंबई अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव’ को मंजूरी दी थी, इससे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए एक बड़े आंदोलन का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन खत्म करने का बिगुल बजाया था. इसकी नींव मुंबई के गोवलिआ टैंक, यानि की अगस्त क्रांति मैदान में रखी गयी थी. क्रिप्स मिशन की असफलता के बाद गांधी जी ने मुंबई में गोवालिया टैंक मैदान में अपने भाषण में ‘करो या मरो’ का आह्वान किया था.

भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा के एक दिन बाद ही महात्‍मा गांधी और अन्‍य कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था. बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के दौरान जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया जैसे दूसरे पंक्ति के नेताओं ने आंदोलन में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई.

प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को अहमदनगर किले में कैद किया गया था

भारत छोड़ो आन्‍दोलन में महाराष्‍ट्र के अहमदनगर किले की विशेष भूमिका रही है. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान बारह प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं को इसी किले में कैद कर रखा गया, जिनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू भी शामिल थे. यहीं पर उन्होनें अपना लोकप्रिय ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ ग्रंथ लिखा. सन 2003 में, भारतीय पुरातत्वशास्त्र सर्वेक्षण ने अहमदनगर किले को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया.

गांधीजी को आगा खान पॅलेस में रखा गया था

भारत छोड़ो आन्‍दोलन का आरम्भ मुंबई में करने के पश्चात महात्मा गांधीजी को हिरासत में लेकर पुणे के आगा खान पॅलेस में रखा गया. उनके साथ उनकी पत्नी कस्तुरबा तथा उनके नीजी सचिव महादेव देसाई भी थे. इस दौरान कस्तुरबा तथा देसाई का यहीं पर देहान्त हुआ, उनकी समाधियां आगा खान पॅलेस में स्थित है.

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7 अगस्त: राष्ट्रीय हथकरघा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य हथकरघा उद्योग के महत्व एवं आमतौर पर देश के सामाजिक आर्थिक योगदान में इसके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना और हथकरघा को बढ़ावा देना, बुनकरों की आय को बढ़ाना और उनके गौरव में वृद्धि करना है.

हथकरघा दिवस मनाने के लिए 7 अगस्‍त का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्‍व का होने के कारण चुना गया है. इसी दिन 1905 में स्‍वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था. इसी दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी.

भारत सरकार ने इसी की याद में हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया था. पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2015 में मनाया गया था. 7 अगस्त 2020 को 6ठा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया.

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6 अगस्त: हिरोशिमा दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी

प्रत्येक वर्ष 6 अगस्त को हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) और जापान में शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है. जापान के हिरोशिमा पर इसी दिन में परमाणु बम गिराया गया था. इसे मानव इतिहास में काला दिन भी कहा जाता है. इसे दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है, ताकि दुनिया इस तबाही से कुछ सीख ले.

हिरोशिमा दिवस: मुख्य तथ्यों पर एक दृष्टि

  • अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है, जिसने मानव इतिहास में सबसे बड़ा नरसंहार करने वाले परमाणु बमों का इस्तेमाल किया है.
  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने 6 अगस्त 1945 को जपान के हिरोशिमा नामक नगर में ‘लिटिल बॉय’ नामक यूरेनियम गिराया था. यह बम उस समय का सबसे शक्तिशाली बम माना जाता था.
  • हिरोशिमा को तबाह करने के बाद अमेरिका ने 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर ‘फैट मैन’ नामक प्लूटोनियम बम गिराया.
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