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अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ‘श्री राम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्‍ट का गठन किया गया

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने अयोध्‍या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक स्‍वायत्‍त ट्रस्‍ट के गठन का फैसला किया है. इस ट्रस्‍ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीथ क्षेत्र’ रखा गया है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस ट्रस्ट को बनाये जाने की घोषणा लोकसभा में 5 फरवरी को की.

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार इस ट्रस्‍ट को बनाने की घोषणा की है. अयोध्‍या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार उत्‍तरप्रदेश सरकार सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि देने पर सहमत हो गई है.

‘श्री राम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन करने का प्रस्‍ताव

राम मंदिर के निर्माण के लिए करीब 67 एकड़ भूमि इस ‘श्री राम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्‍ट को हस्‍तांतरित की जाएगी. ये ट्रस्‍ट भगवान श्रीराम की जन्‍मस्‍थली पर भव्‍य और दिव्‍य श्री राममंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्‍वतंत्र होगा.

इस ट्रस्‍ट में 15 ट्रस्‍टी होंगे जिनमें से एक हमेशा दलित समुदाय से होगा. ट्रस्ट के नियमों के मुताबिक, इसमें 10 स्थायी सदस्य हैं, जिन्हें वोटिंग का अधिकार होगा. बाकी के पांच सदस्यों को वोटिंग का अधिकार नहीं है.

मन्दिर संबंधी सभी फैसलों के लिए ट्रस्‍ट पूरी तरह स्‍वतंत्र होगा. ट्रस्ट में शामिल किए जाने वाले लोगों में ऐडवोकेट के पराशरण, कामेश्वर चौपाल, महंत दिनेंद्र दास और अयोध्या राज परिवार से जुड़े विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा जैसे नाम प्रमुख हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया था

लंबे समय तक चले अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया था. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करे. सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के तहत इस ट्रस्ट का गठन किया गया है.

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फसल कटाई का त्‍योहार: मकर संक्रांति पर एक दृष्टि

फसल कटाई का त्‍योहार मकर संक्रांति 15 जनवरी को देश के विभिन्‍न भागों में मनाया गया. यह पर्व ठंड की समाप्ति और जाड़े की फसलों की कटाई के बाद मनाया जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के उत्‍तरायण होने के अवसर पर मनाया जाता है. यह त्‍योहार देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में कई नामों से जाना जाता है.

मकर संक्रांति के अलग-अलग नाम

  1. तमिलनाडु — पोंगल
  2. गुजरात — उत्‍तरायण
  3. असम — भोगाली बीहू
  4. पश्चिम बंगाल — पौष संक्रांति
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पहला संस्‍कृत भारती विश्‍व सम्‍मेलन नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया

भारत की प्राचीनतम भाषा संस्‍कृत में विभिन्‍न सिद्धांतों, विचारों और अनुसंधान-निष्‍कर्षों पर चर्चा के लिए 9 से 11 नवम्बर तक संस्‍कृत भारती विश्‍व सम्‍मेलन नई दिल्‍ली में आयोजित किया गया. विश्‍वभर से हजारों प्रतिनिधि और संस्‍कृ‍त प्रेमी अपनी तरह के इस पहले विश्‍व सम्‍मेलन में भाग लिया.

उप-राष्‍ट्रपति एम० वेंकैया नायडू ने सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संस्‍कृत प्राचीन भाषा है लेकिन यह आधुनिक समय में भी प्रासंगिक और सार्थक है. उन्‍होंने कहा कि संस्‍कृत भारत को जोड़ती है और अधिकतर भारतीय भाषायें इसी से निकली हैं. प्रत्‍येक भारतीय भाषा में संस्‍कृत के शब्‍द पाए जाते हैं.

उत्‍तर प्रदेश में अयोध्‍या दीपोत्‍सव 2019 का समारोह का अयोध्या में शुभारंभ

उत्‍तर प्रदेश में अयोध्‍या दीपोत्‍सव 2019 का समारोह 26 अक्टूबर को अयोध्या में शुरू हुआ. राज्‍य सरकार ने इस बार के अयोध्‍या दीपोत्‍सव को राज्‍य उत्‍सव का दर्जा दिया है. फिजी गणराज्‍य की संसद की उपाध्‍यक्ष और सहायक मंत्री वीना कुमार भटनागर इस आयोजन की मुख्‍य अतिथि हैं.

गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स
इस अद्भुत दीपावली पर सरयू घाट पर 5 लाख 51 हजार दिए जलाए गये. गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स की टीम ने अयोध्या पर रेकॉर्ड दियों के जलाए जाने घोषणा की.

थाइलैंड के सहयोग से ‘खोन रामलीला’ के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का लखनऊ में आयोजन

उत्तर प्रदेश सरकार का संस्कृति विभाग ‘खोन रामलीला’ के लिए पहला प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है. यह थाइलैंड की विश्व प्रसिद्ध रामलीला है जिसे मुखौटे लगाकर किया जाता है. यह कार्यक्रम थाइलैंड सरकार के सहयोग से चल रहा है.

थाइलैंड सरकार के संस्कृति विभाग के अधिकारियों और रामलीला के विशेषज्ञों का एक दल 15 कलाकारों को लखनऊ में एक हफ्ते तक प्रशिक्षित करेगा. ये कलाकार दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या में अपनी प्रस्तुति देंगे.

खोन रामलीला यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल

थाईलैंड की खोन रामलीला को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया जा चुका है. खोन रामलीला में पात्र मंच पर कोई संवाद नहीं बोलते हैं और रामायण की पूरी कथा को परदे के पीछ से सुनाया जाता है. खोन रामलीला की प्रस्तुति बेहद मनमोहक होती है जिसकी वजह इसके पात्रों के खूबसूरत वस्त्र और सोने के मुखौटे होते हैं.