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AIBA ने भारत को दिए ‘विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप’ की मेजबानी को रद्द कर सर्बिया को दिया

अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (AIBA) ने भारत को दिए पुरुषों की ‘विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप’ (Men’s World Boxing Championship) 2021 की मेजबानी को रद्द कर दिया है. AIBA ने 2017 में इससे संबंधित किये गये करार को 28 अप्रैल को रद्द कर अब सर्बिया को मेजबानी सौंपी है.

भारतीय मुक्केबाजी संघ (BFI) द्वारा मेजबानी की फीस नहीं देने के कारण भारत के मेजवानी के अधिकार को रद्द किया गया है. आयोजन के लिए लगभग 4 मिलियन डालर का भुगतान 2 दिसंबर 2019 तक किया जाना था. भारत को अब करार रद होने के कारण 500 डॉलर का जुर्माना देना होगा. भारत में यह टूर्नामेंट पहली बार होने वाला था. अब ये टूर्नामेंट सर्बिया में 2021 में आयोजित होगा.

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एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2019: भारत ने 5 स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते

एशियाई युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप (AIBA Youth World Boxing Championships) 2019 प्रतियोगिता मंगोलिया के उलानबातोर में 8 से 18 नवम्बर तक आयोजित किया गया. भारत ने इस चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण सहित कुल 12 पदक जीते. महिला वर्ग में नाओरि‍म चानू, विंका, सनामाचा चानू, पूनम और सुषमा ने स्वर्ण पदक जीते. पुरुष वर्ग में सेलाय साय और अंकित नरवाल ने रजत पदक हासिल किए. अरुणधति चौधरी, कोमलप्रीत कौर, जास्मिन, सतेंदर सिंह और अमन को कांस्य पदक प्राप्त हुए.

IOC ने एमसी मेरीकोम को मुक्केबाजों का प्रतिनिधित्व करने के लिए दूत समूह में शामिल किया

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने एमसी मेरीकोम को मुक्केबाजों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 10 सदस्यीय खिलाड़ी दूत समूह में शामिल किया है. मेरीकोम को तोक्यो ओलंपिक 2020 खेलों से पहले मुक्केबाजों का प्रतिनिधित्व करने के लिए 10 सदस्यीय खिलाड़ी दूत समूह में शामिल किया है. मेरीकोम इस समूह में एशियाई मुक्केबाजों का प्रतिनिधित्व करेंगी.


भारत की 36 साल की मेरीकोम हाल में विश्व चैंपियनशिप के इतिहास की सबसे सफल मुक्केबाज बनी थी जब उन्होंने रूस में इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के पिछले सत्र में कांस्य पदक के रूप में आठवां पदक जीता था. मेरीकोम 51 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कांस्य पदक जीतने के अलावा पांच बार की एशियाई चैंपियन हैं. उन्होंने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीते.

IOC ने AIBA से ओलंपिक स्पर्धा के आयोजन का अधिकार लिया

IOC ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (AIBA) से ओलंपिक स्पर्धा के आयोजन का अधिकार छीन लिया था और पूरी क्वालीफाइंग प्रक्रिया को अपने हाथ में ले लिया. IOC का कहना है कि प्रशासनिक अखंडता और वित्त प्रबंधन के मामले में AIBA सभी चीजों को सही करने में नाकाम रहा है.

खिलाड़ी दूत समूह इस प्रकार है:

IOC के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र से एक महिला और एक पुरुष दूत मुक्केबाजी समुदाय से निजी और डिजिटल रूप से जुड़ने की भूमिका निभाएंगे.

पुरुष: लुकमो लावल (अफ्रीका), जूलियो सेजार ला क्रूज (अमेरिका), जियांगयुआन असियाहु (एशिया), वासिल लामाचेनको (यूरोप), डेविड निका (ओसियाना).

महिला: खदीजा मार्दी (अफ्रीका), मिकाइला मायर (अमेरिका), एमसी मेरीकोम (एशिया), सारा ओरोमोने (यूरोप) और शेली वाट्स (ओसियाना).

15वां वुशु विश्व चैंपियनशिप 2019: प्रवीण कुमार स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष खिलाड़ी बने

15वां वुशु विश्व चैंपियनशिप (15th World Wushu Championships) 2019 चीन के शंघाई में 19 से 23 अक्टूबर तक खेला गया. इस प्रतियोगिता में भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीत कर दसवें स्थान पर रहा. चीन, ईरान और हांगकांग क्रमशः शीर्ष तीन स्थान पर रहे.

इस प्रतियोगिता में भारत के प्रवीण कुमार ने 23 अक्टूबर को 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता. प्रवीण वुशु विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष खिलाड़ी बन गए हैं. प्रवीण ने पुरुष सेंडा वर्ग में फिलीपीन्‍स के रसेल डियाज को 2-1 से हराकर यह पदक हासिल किया.

विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप: भारत ने एक रजत सहित कुल चार पदक जीते

विश्व महिला मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2019 का आयोजन 3 से 13 अक्टूबर तक रूस के उलान उदे में किया गया. इस प्रतियोगिता में भारत को एक रजत सहित कुल चार पदक प्राप्त हुए और वह पदक तालिका में 9वें स्थान पर रहा. 3 स्वर्ण सहित कुल 6 पदक लेकर रूस पहले, चीन दूसरे और तुर्की तीसरे स्थान पर रहे.

भारत के मंजु रानी ने 48 किलो वजन वर्ग के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा और उन्हें रजत पदक मिला. उन्हें रूस की एकातेरिना पाल्तसेवा ने 4-1 से हराया. 18 साल बाद यह पहला मौका था जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज ने अपने पहले विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता हो. मंजू से पहले एमसी मैरी कॉम वर्ष 2001 में अपने पहले विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी.

मंजु रानी के रजत पदक के अलावा भारत ने इस प्रतियोगिता में तीन कांस्य पदक जीते. ये कांस्य पदक एमसी मैरीकॉम, जमुना बोरो और लवलीना बोगोर्हेन ने जीता.

एमसी मैरी कॉम सबसे ज़्यादा पदक जीतने वाली खिलाड़ी बनी

भारतीय मुक्‍केबाज एमसी मैरी कॉम ने कांस्‍य पदक जीता. ये उनका 51 किलोग्राम भार वर्ग में पहला विश्‍व पदक था. मैरी कॉम, तुर्की की बुसेनाज़ चकरिगू से हार गई. इस पदक के साथ ही मेरी कॉम विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सबसे ज़्यादा आठ पदक जीतने वाली खिलाड़ी बन गईं.

मैरीकोम: एक दृष्टि
मैरीकोम ने विश्व चैंपियनशिप में 6 स्वर्ण पदक सहित कुल 8 पदक जीतने में सफलता पाई है. इसके अलावा उन्होंने 2012 में लन्दन ओलिंपिक में कांस्य पदक और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. उन्होंने 2014 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक तथा 2010 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था.

26 अप्रैल, 2016 को राष्ट्रपति ने उन्हें राज्य सभा के सदस्य के लिए मनोनीत किया था.

मुक्‍केबाजी विश्व चैम्पियनशिप 2019: अमित पंघाल ने रजत और मनीष कौशिक ने कांस्य पदक जीता

AIBA पुरुष विश्व चैम्पियनशिप (Men’s World Championships) मुक्‍केबाजी प्रतियोगिता 7 से 21 सितम्बर तक रूस के एकातेरिनबर्ग (Ekaterinburg) में आयोजित किया गया. इस चैम्पियनशिप में भारत पहली बार दो पदक जीतने में सफल हुआ है.

अमित पंघाल: इस प्रतियोगिता में भारत के मुक्केबाज अमित पंघाल ने 21 सितम्बर को 52 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया. उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव ने पंघाल को पराजित कर चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे.

मनीष कौशिक: पंघाल से पहले भारत के मनीष कौशिक ने 63 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था. सेमीफाइनल मुकाबले में मनीष को क्यूबाई बॉक्सर एंडी गोमेज क्रूज से हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.

अमित पंघाल विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष मुक्केबाज बन गए हैं. वह कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव को हराकर इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बॉक्सर बने थे.

ओलिंपिक कोटा हासिल किया
अमित पंघाल और मनीष कौशिक ने पदक जीतने के साथ है ओलिंपिक कोटा भी हासिल कर लिया है. इस चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले बॉक्सर्स ओलिंपिक कोटे के हकदार थे.

AIBA पुरुष विश्व चैम्पियनशिप: भारत का प्रदर्शन
भारत ने कभी AIBA वर्ल्ड चैंपियनशिप के एक चरण में एक से ज्यादा पदक हासिल नहीं किए थे लेकिन पंघाल और मनीष कौशिक ने इसे बदला. पंघाल के रजत पदक से पहले मनीष ने 63 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था. उनसे पहले विजेंदर सिंह (2009), विकास कृष्ण (2011), शिव थापा (2015) और गौरव बिधुड़ी (2017) ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते थे.

अमित पंघाल: एक दृष्टि
अमित ने 2017 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पहली बार भाग लेते हुए स्वर्ण पदक जीता था. इसी साल एशियाई चैम्पियनशिप में उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता. 2018 में उन्होंने कॉमनवेल्थ खेलों में रजत पदक और एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता.