2 अक्टूबर 2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती थी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई नेताओं ने नई दिल्ली में राजघाट स्थित बापू की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस दिन राजधाट में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. महात्मा गांधी सर्वधर्म समभाव के पक्षधर थे.
प्रधानमंत्री ने 150वीं गांधी जयंती पर राष्ट्र को खुले में शौच से मुक्त घोषत किया
प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर को 150वीं गांधी जयंती पर राष्ट्र को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषत किया. अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे (रिवर फ्रंट) पर आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ पर बीस हज़ार से अधिक ग्राम पंचायतों की मौजूदगी में यह घोषणा की.
2014 में पहली बार सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस को लालक़िले की प्राचीर से स्वच्छ भारत अभियान शुरू करने की घोषणा की थी. उसी समय प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ किया था कि 2 अक्टूबर 2019, यानि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को देश को खुले में शौच से मुक्त कर दिया जाएगा. तब से शौचालय बनाने की रफ़्तार में तेज़ी आ गई थी.
2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए खतरा बताते हुए वर्ष 2022 तक इससे मुक्त होने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो जल-जीवन मिशन शुरू किया है, उससे भी महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी. सरकार ने जल-जीवन मिशन पर साढ़ें तीन लाख करोड रुपये खर्च करने का फैसला लिया है.
अष्टकोणीय डाक टिकट और 150 का सिक्का जारी
प्रधानमंत्री ने गांधी की 150वीं जयंती पर साबरमती नदी के किनारे आयोजित ‘स्वच्छ भारत दिवस’ पर उन्होंने स्मारक डाक टिकटों का भी विमोचन किया गया. पहली बार अष्टकोणीय डाक टिकटों को जारी किया. इनमें महात्मा गांधी के जीवन और आंदोलनों का चित्रण किया गया है. उन्होंने इस मौके पर स्मारक सिक्का भी जारी किया. 150 रुपये का यह स्मारक सिक्का 40 ग्राम चांदी से तैयार किया गया है.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-10-02 23:48:442019-10-03 16:22:552 अक्टूबर 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गयी
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में पर मनाया जाता है. यह दिवस देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अबसर पर मनाया जाता है. शिक्षक दिवस मानाने की शुरुआत 1962 से हुई थी.
शिक्षकों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया
शिक्षक दिवस के मौके पर देश में हर साल शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित करने की परंपरा है. इस मौके पर नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 46 शिक्षकों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया. प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा मुहैया कराने वाले स्कूल के इन शिक्षकों को पुरस्कार स्वरूप एक रजत पदक, एक प्रमाण पत्र और पचास हजार रुपये प्रदान किया जाता है.
ये पुरस्कार उन श्रेष्ठ शिक्षकों को दिये गये हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता से न केवल स्कूली शिक्षा के स्तर में सुधार किये, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी बेहतर बनाया.
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन: एक दृष्टि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर, 1888 को हुआ था. वे 1952-1962 के बीच देश के पहले उप-राष्ट्रपति और 1962-1967 के बीच वे देश के दूसरे राष्ट्रपति रहे. 1954 में डॉ. राधाकृष्णन, सी राजगोपालाचारी तथा सीवी रमण देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ पाने वाले प्रथम व्यक्ति थे. उन्हें ब्रिटिश रॉयल आर्डर ऑफ़ मेरिट से 1963 में सम्मानित किया गया था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-09-05 23:57:292019-09-07 15:26:315 सितंबर: शिक्षक दिवस, शिक्षकों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया
प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन सुप्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन (Birth Anniversary of Major Dhyan Chand) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था.
राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन देश के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. इन सम्मान में राजीव गांधी खेल रत्न, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कारों के अलावा तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार आदि शामिल हैं.
मेजर ध्यानचंद: एक दृष्टि
मेजर ध्यानचंद ने भारत को ओलंपिक में 3 स्वर्ण पदक दिलवाए थे. भारत ने 1932 में 37 मैच में 338 गोल किए, जिसमें 133 गोल ध्यानचंद ने किए थे.
दूसरे विश्व युद्ध से पहले ध्यानचंद ने 1928 (एम्सटर्डम), 1932 (लॉस एंजिल्स) और 1936 (बर्लिन) में लगातार तीन ओलंपिक में भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाए.
1956 में ध्यानचंद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
देशव्यापी फिट इंडिया अभियान की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर देशव्यापी फिट इंडिया अभियान (Fit India Movement) की शुरूआत की. इसका उद्देश्य लोगों को शारीरिक व्यायाम और खेल को अपने जीवन की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में शामिल करने के लिये प्रेरित करना है.
उन्होंने कहा कि फिट इंडिया अभियान लोगों को इन बदलावों के लिए प्रेरित करेगा. प्रधानमंत्री ने लोगों से इस अभियान से जुड़ने को कहा.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-08-29 23:48:302019-08-30 11:48:4129 अगस्त: राष्ट्रीय खेल दिवस (मेजर ध्यानचंद का जन्म-दिन)
प्रत्येक वर्ष 26 अगस्त को मदर टेरेसा की जयंती (Mother Teresa Birth Anniversary) मनाई जाती है. इस वर्ष यानी 2019 में उनकी 109वीं जयंती मनाई गयी. मदर टेरेसा का जन्म स्कॉपये नाम के शहर, जो अब मकदूनिया की राजधानी है, में 26 अगस्त, 1910 को हुआ. उनके माता-पिता अल्बानिया मूल के थे.
मदर टेरेसा: महत्वपूर्ण तथ्यों पर एक दृष्टि
मदर टेरेसा का असल नाम ऐग्निस गोंक्शा बॉहक्शियो था.
1929 में वह कोलकाता आ गईं और यहाँ के सेंट मैरी हाई स्कूल में इतिहास और भूगोल विषय पढ़ाने लगीं.
मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने 1951 में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी.
इन्होंने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की. गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की इन्होंने मदद की.
5 सितंबर, 1997 को कोलकाता में मदर टेरेसा का हार्ट अटैक से निधन हो गया.
मदर टेरेसा को 1962 में पद्म श्री से नवाजा गया.
1979 में उन्हें शांति का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया.
उन्हें 1980 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया.
4 सितंबर 2016 को वेटिकन सिटी में आयोजित एक समारोह के दौरान रोमन कैथोलिक चर्च के पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी गयी.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-08-26 18:31:262019-08-29 18:31:4326 अगस्त 2019: मदर टेरेसा की 109वीं जयंती: महत्वपूर्ण तथ्यों पर एक दृष्टि
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई की एक सौवीं जयन्ती 12 अगस्त 2019 को मनाई गयी. डॉ साराभाई ने देशभर में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सहित बड़ी संख्या में संस्थानों की स्थापना की.
विक्रम साराभाई: एक परिचय
अहमदाबाद में 12 अगस्त 1919 को जन्में विक्रम साराभाई का भारत के अंतरिक्ष विकास कार्यक्रम के विकास में अतुलनीय योगदान है.
नवंबर 1947 में उन्होंने अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory- PRL) की स्थापना की थी.
इन्होंने वर्ष 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (Indian National Committee for Space Research) की स्थापना की, जिसे बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नाम दिया गया.
विक्रम साराभाई को 1962 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला. उन्हें 1966 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया था.
ISRO द्वारा भेजा गया चंद्रमा के लिए दूसरे मिशन, चंद्रयान-2 के लैंडर का नाम डॉ विक्रम साराभाई नाम पर ‘विक्रम’ रखा गया है. वर्ष 1973 में चंद्रमा पर एक गड्ढे का नाम उनके नाम पर रखा गया था.
डॉ. विक्रम साराभाई का निधन 30 दिसम्बर, 1971 को केरल के तिरुवनंतपुरम में हुआ था.
https://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.png00Team EduDosehttps://www.edudose.com/wp-content/uploads/2014/05/Logo.pngTeam EduDose2019-08-12 23:40:002019-09-03 13:54:11भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक विक्रम साराभाई की एक सौवीं जयन्ती मनाई गयी